Thread Rating:
  • 8 Vote(s) - 2.63 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (completed)
#66
अपने कमरे मे जाते ही केशव ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके..और अगल-बगल डियो लगा लिया...और फिर सिर्फ़ एक निक्कर और टी शर्ट पहन कर अपने बेड पर लेट गया..वो और उसका लंड बड़ी ही बेसब्री से काजल का इंतजार करने लगे...रात के 12 बजने वाले थे...उसकी आँखो मे नींद भरी हुई थी..पर वो सोना नही चाहता था...बस अपनी आँखो को बंद करके वो काजल के आने के बाद क्या-2 करेगा यही सोचने लगा...और ये सोचते -2 कब उसकी आँख लग गयी, उसे भी पता नही चला.

''
केशव.....केशव....सो गये क्या....''

दूर से आती आवाज़ सुनकर केशव की नींद खुल गयी....वो तो सपनों की दुनिया मे था...ठंडी बर्फ मे...पूरा नंगा...और काजल के पीछे भाग रहा था...उसके बचे खुचे कपड़े उतारने के लिए...और वो भागे जा रही थी...भागे जा रही थी...

''
केशव....उठो.....मैं गयी...''

काजल की आवाज़ सुनते ही वो एकदम से अपने सपने की दुनिया से बाहर निकला...वो उसकी बगल मे ही बैठी थी...और उसका हाथ केशव के माथे पर आए पसीने को पोंछ रहा था.

काजल : "क्या हुआ....कोई सपना देख रहे थे क्या......बोलो ...''

केशव ने हाँ में सिर हिलाया.

काजल : "बताओ....क्या देख रहे थे...''

वो शायद जानती थी की वो उसके बारे मे ही सोच रहा था सपने मे...पर फिर भी उसके मुँह से सुनना चाहती थी.

केशव : "वो मैने बता दिया तो आप शरमा जाएँगी...बहुत कुछ हो रहा था सपने में तो...''

और केशव की ये बात सुनकर वो सच मे शरमा गयी..

केशव की नज़रें उसके चेरहरे से होती हुई नीचे तक आई....उसकी क्लिवेज उफन कर बाहर रही थी...इतना गहरा गला तो उसने आज तक नही देखा था अपनी बहन का...ऐसा लग रहा था जैसे उसने जान बूझकर अपने मुम्मे बाहर की तरफ निकाले हैं, ताकि केशव उन्हे देख सके.
[Image: alissaboobswht.gif]
काजल ने उसकी नज़रों का पीछा किया और बोली : "एक नंबर के बदमाश हो तुम....मैने तो पहले सोचा भी नही था की तुम ऐसे होगे...पर पिछले 2-3 दिनों से जो भी तुम्हारे बारे मे पता चल रहा है,उसके हिसाब से तो तुम बड़ी पहुँची हुई चीज़ हो...''

केशव ने अपना हाथ आगे करते हुए काजल की कमर को लपेटा और उसे अपनी तरफ करते हुए खींच लिया...

[Image: AshamedGenuineAmbushbug-small.gif]
वो आगे की तरफ होती हुई उसकी छाती पर गिर गयी...और अब काजल का चेहरा सिर्फ़ 2-3 इंच की दूरी पर ही था...दोनों की साँसे टकरा रही थी आपस मे..काजल के दोनो मुम्मे उसके उपर गिरकर पिचक चुके थे...और काजल की पीठ पीछे केशव का लंड अपना पूरा रूप ले चुका था.

केशव के हाथ धीरे-2 काजल की टी शर्ट के अंदर घुसने लगे..उसकी कमर के कटाव से होकर जैसे ही केशव का हाथ अंदर दाखिल हुआ...काजल एकदम से बोली : "ये....क्या कर रहे हो केशव....मुझे शर्म रही है...''

उसकी आँखो मे गुलाबी लकीरें उतर आई...हल्का पानी भी आने लगा...

केशव : "दीदी...आपने ही तो कहा था की मूंगफलियां खिलाएँगी...अब हमने इतनी गेम्स जीती हैं...उनके बदले सिर्फ़ यही एक चीज़ तो माँग रहा हू...''

काजल ने सिसक कर उसकी आँखों मे देखा...जैसे कहना चाहती हो की 'यही से तो शुरुवात होगी बाकी के खेल की...इसके बाद तो रुक नही पाऊँगी ..'


पर वो कुछ बोल ना सकी...

और केशव के हाथ धीरे-2 सरकते हुए अंदर जाने लगे...और जैसे ही उसकी बीच वाली उंगली ने काजल के स्तन का निचला भाग छुआ, दोनो के शरीर सिहर उठे...काजल ने अपने होंठ अपने दांतो तले दबा लिए..

[Image: giphy.gif]
ताकि उसकी सिसकी ना निकल जाए...और केशव के मुँह से जो साँसे निकल रही थी उससे काजल के बाल पीछे की तरफ उड़ते चले जा रहे थे..

केशव ने अपनी उंगलियों को काजल के पर्वतों के उपर चढ़ाना शुरू कर दिया...टी शर्ट काफ़ी ढीली थी..इसलिए उसके हाथ आराम से उसके मुममे की चिकनी दीवारों से होते हुए मैन पॉइंट तक पहुँच गये...और केशव ने धड़कते दिल से अपने अंगूठे और बीच वाली उंगली के बीच उसकी मूँगफली को लेकर ज़ोर से दबा दिया..

''
अहह ....... केशव ................... धीरेएsssssssssssssssssss ...............''

उसके बाद तो केशव से सब्र ही नही हुआ...उसने काजल के मुम्मे को अपनी पूरी हथेली मे भरा और ज़ोर-2 से दबाने लगा...ऐसा नर्म एहसास तो उसने आज तक नही लिया था...और उसके निप्पल्स यानी मूँगफलियाँ तो सच मे बड़ी ही करारी थी...उन्हे वो जितना ज़ोर से दबाता वो और भी ज़्यादा उभरकर बाहर निकल आती...और निप्पल के चारों तरफ के घेरे मे छोटे-2 दाने जो थे..उन्हे भी केशव अपनी उंगलियों से रगड़ रहा था..
[Image: 19601280.gif]
केशव ने काजल को पीछे की तरफ करते हुए फिर से सीधा बिठा दिया...और अब उसकी निकली हुई छातियों को वो टी शर्ट के उपर से ही दबाने लगा...

दोनो हाथों से दोनो बॉल्स को मसल रहा था वो...काजल तो पागल सी हुई जा रही थी...किसी मर्द का पहला स्पर्श जो था उसके जिस्म पर इस तरह से...उसने जो भी आज तक सोचा हुआ था, वो सब महसूस कर रही थी अपने शरीर पर...

केशव ने अपनी उंगलियाँ सीधा लेजाकर उसके निप्पल्स पर रख दी...
Like Reply


Messages In This Thread
RE: काजल, दीवाली और जुए का खेल - by Jyoti Singh - 21-01-2019, 05:02 PM



Users browsing this thread: 7 Guest(s)