14-11-2019, 08:18 PM
अपनी गोलियाँ चुसवाने में अंकल को असीम आनन्द आ रहा था | थोड़ी देर अंकल ने कहा- बेटी मेरी दोनों गोलियों को लेकर अपने मुँह में लेकर जल्दी से चूसो क्योंकि अब मेरा जल्द ही फॉल होने ही वाला है | ऐसा सुनकर भाभी दोनों गोलियों को अपने मुंह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगी, इसके थोड़ी देर के बाद मेरे गर्भाशय पर गर्म-गर्म वीर्य की बौछार होने लगी | अंकल का फॉल होते देख भाभी अंकल के कमरे से तुरंत निकल कर मेरे कमरे में आ गई |
इतने तगड़े लंड से जबरदस्त चुदाई के बाद मैं एकदम थक गई थी और अपने बिस्तर पर निढाल पड़ी थी | भाभी भी सामने कुर्सी पर चुपचाप बैठी थी | इतने में मेरे कमरे में रवि अंकल आकर निशा भाभी के पैर पकड़ लिए और गिड़गिड़ाते हुए माफ़ी माँगने लगे तो भाभी ने कहा- ठीक है अंकलजी, इस बार मैं आपको माफ़ कर देती हूँ पर आप आगे से ऐसा गलत काम सीमा के साथ नहीं करेंगे |
रवि - थैंक यू बेटी निशा, अब मैं आगे से ऐसा कोई गलत काम नहीं करूँगा |
फिर निशा भाभी ने अंकलजी से कहा- अंकलजी, मैं तो आपका इतना बड़ा लंड देख के एकदम से डर गई थी, अभी तक मैं डर से सहमी हुई हूँ, मेरे पति से आपका लंड दुगना लम्बा और काफी मोटा है |
रवि - बेटी, मेरे लंड में बीमारी होने के कारण यह 10 इंच लम्बा और अत्यधिक मोटा हो गया है | पहले तो यह केवल 7 इंच लम्बा था |
रवि ने महसूस किया कि निशा उनके लंड की बातों में दिलचस्पी ले रही है | फिर रवि अंकल ने कहा- बेटी निशा, मेरा लंड कोई साँप थोड़े न है जिसे देख कर तुम डर गई, लो अभी मैं तुम्हें अपना लंड दिखा कर तुम्हारा डर समाप्त कर देता हूँ |
यह बात सुनकर भाभी शर्म से लाल हो गई और बोली- नहीं अंकलजी, उस समय तो मैंने मजबूरी में आपका लंड देख लिया था पर अभी देखने में शर्म आएगी | अंकल ने निशा को फुसलाते हुए कहा- डरो नहीं बेटी, एक बार देख लो, अगर तुम्हें देखने में अच्छा नहीं लगेगा तो मैं तुरंत बंद कर लूँगा | निशा भाभी ने शरमाते हुए, सकुचाते हुए बोला- ठीक है अंकलजी, दिखाईये |
निशा भाभी की भैया के साथ शादी अभी दो महीने पहले ही हुई है | भाभी एकदम गोरी और अत्यधिक सुन्दर है, भाभी की जिस्म तो एकदम छरहरा है पर उनके मुम्मे और नितम्ब शरीर के अनुपात में अत्यंत बड़े हैं | कोई भी उनकी ओर देख के तुरंत आकर्षित हो जाता है | भाभी की हाँ सुनते ही रवि अंकल का लंड उनके लुंगी के अन्दर खड़ा हो गया था | अंकल ने ज्योंही अपनी लुंगी खोली तो उनके 10 इंच लम्बा लपलपाते हुए लंड को भाभी हक्की बक्की हो कर के विस्फरित नज़रों से देखने लगी | भाभी अंकलजी का फनफनाया हुआ गधे जैसा लंड देख के एकदम सिहर उठी |
वो बहुत गौर से अंकल का लपलपाता हुआ लंड देखने लगी | अंकल भाभी को गर्म होते देख कर भाभी से कहा- डरो नहीं बहू, लंड को पकड़ कर देखो, इससे तुम्हारा डर ख़त्म हो जायेगा | भाभी ने सकुचाते हुए अपने कोमल, नाजुक हाथ से अंकल का गधा जैसा मोटा लंड पकड़ लिया | भाभी का हाथ अंकल के लंड पर पड़ते ही उसका आकार और भी बड़ा हो गया. फ़िर भाभी ने कहा- अंकलजी, यह तो बहुत ही मोटा है | मेरे पति का लंड तो इसके तुलना में बहुत पतला है |
रवि - बेटी, तुम्हे अब डर नहीं ना लग रहा है?
भाभी- नहीं अंकलजी, अब डर नहीं लग रहा है |
रवि - बेटी, अभी तुम्हें मेरा लंड पकड़ने में कैसा लग रहा है?
भाभी ने उत्सुकतावश अंकल से पूछा- अंकलजी, जरा अपने लंड की टोपी खोल के दिखाओ तो, मुझे खोलने में शर्म लग रही है |
रवि - शर्माओ मत बेटी, तुम खुद इसे खोल के देख लो | फिर भाभी ने अंकल के लंड की टोपी खोला तो उनके अंडे जितने बड़े सुपारे को देख कर अचंभित होकर बोला- ओ, माई गॉड! यह तो किसी भी लड़की की योनि को एकदम से फाड़ देगा, पता नहीं सीमा ने इसे कैसे बर्दाश्त कर लिया?अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा- ऐसी बात नहीं है बेटी, क्या सीमा की चूत फटी? मोटे लंड से सम्भोग करवाने से किसी भी स्त्री को अत्यधिक आनन्द आता है |
भाभी- ना बाबा ना, इतने मोटे लंड से तो मैं सम्भोग करवाने के बारे में सोच भी नहीं सकती हूँ | अंकल- अरे बाबा, मैं तुम्हें मुझसे कोई सम्भोग करवाने को थोड़े न बोल रहा हूँ, मैं तो केवल तुम्हारा डर ख़त्म करना चाहता हूँ | तभी भाभी ने देखा कि अंकल के लंड के छिद्र से कुछ चिकना सा निकल रहा है तो अंकल से पूछा- अंकलजी, ये आपके लंड के छिद्र से ये चिकना सा क्या निकल रहा है? अंकल- बेटी, इस चिकनाई के कारण योनि में लंड सुगमता से प्रवेश कर जाता है, कसी हुई भी योनि में जरा भी दर्द नहीं होता है | बेटी इस चिकनाई को चाट कर देखो यह तुम्हें अत्यंत ही स्वादिष्ट लगेगा |
भाभी- अंकलजी, चाटने से कोई बीमारी नहीं न हो जाएगी?
र वि - नहीं बेटी बिल्कुल नहीं कुछ होगा, ये चिकनाई तो प्रोटीन से भरी एक अत्यंत ही स्वास्थवर्धक चीज़ है |
ऐसा सुनकर भाभी अंकल के सुपारे पर लगी चिकनाई को अपने जीभ से चाटने लगी | भाभी के सुपारे चाटने से अंकल का सुपारी और भी बड़ा हो गया था |
रवि - बेटी, सुपारा को चाटने के बजाय उसे अपनी मुँह में लेकर चूसो तो चिकनाई तुम्हारे मुँह में अच्छे से जायेगी |
भाभी- पर अंकल, आपका सुपारा तो अत्यंत ही बड़ा है, ये मेरे मुँह में नहीं जा पायेगा |
रवि - सीमा , इसे अपने मुँह में लेकर चूस चुकी है, यह अन्दर चला जायेगा बेटी | ऐसा सुनकर भाभी अंकल का मोटा सुपारा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी |
रवि - बहु, सुपारी चूसने में कैसा लग रहा है? भाभी ने अपने मुँह से सुपारी निकाल कर बोला- अंकलजी, बहुत अच्छा लग रहा है! अंकल ने कहा- बेटी, मेरे पूरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसो तो तुम्हें और भी अच्छा लगेगा | ऐसा सुनकर भाभी अंकल का 10 इंच लम्बा लंड अपने पूरे मुँह में लेकर चूसने लगी, और इधर अंकल ने धीरे से भाभी के बड़ी-बड़ी, कसी हुई बड़ी बड़ी मस्त चूचियों को अपने दोनों हाथों से दबाना शुरू कर दिया | भाभी भी पूरी मस्ती में आ गई थी इसलिए उसने कुछ नहीं बोला |
फिर अंकल ने भाभी की भरी भरी चूचियाँ दबाना छोड़ कर भाभी की बालों को पीछे से पकड़ कर उसके मुँह में अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगे, वो भाभी की मुँह को चूत की भांति चोद रहे थे | ऐसा करने से भाभी को थोड़ा दर्द होने लगा तो भाभी ने अपना मुँह लंड से बाहर निकाल लिया | थोड़ी देर सुस्ताने के बाद अंकल ने कहा- बेटी, तुम्हारी योनि कसी हुई है या खुली हुई है?
भाभी- मुझे इस बारे में कोई आईडिया नहीं है अंकलजी | अंकल- ठीक है बेटी, अभी अपनी योनि को मुझे दिखाओ तो मैं तुम्हें बताता हूँ कि तुम्हारी योनि कसी हुई है या खुली हुई है | भाभी- मुझे अपने कपड़े खोलने में शर्म आ रही है अंकलजी, आप खुद ही मेरे कपड़े खोल के मेरी योनि को देख लीजिये | फिर क्या था, अंधे को जैसे दो आँखें मिल गई हो, अंकल ने पहले भाभी की साड़ी को खोला फिर पेटीकोट को खोल दिया, फिर ब्लाउज को खोल दिया |
अब भाभी केवल ब्रा और पैंटी में थी | अंकल भाभी के ब्रा और पैंटी में उनके गदराये हुए गोरे-गोरे जिस्म, बड़े बड़े मुम्मे और चौड़ी मस्त गांड को देख करके एकदम सन्न रह गये, और अपने लंड को आगे-पीछे हिलाने लगे |
भाभी- अंकलजी, मुझे ब्रा और पैंटी में देख कर आप अपने लंड को क्यों हिला रहे हैं?
रवि - बेटी, तुम्हारे इतने सुन्दर जिस्म को देख के मैं अपने आपको नियंत्रित नहीं कर पा रहा हूँ.
भाभी- अंकलजी, मुझे आपके इरादे नेक नहीं लग रहे हैं, कहीं आप मेरे साथ चुदाई करने को तो सोच नहीं रहे हैं |
रवि - नहीं बेटी, मुझे गलत मत समझो, मैं तो केवल तुम्हारी योनि का निरीक्षण करना चाहता हूँ |
भाभी- ठीक है अंकलजी, कीजिये | फिर अंकल ज्यों ही भाभी का पैंटी खोलने लगे तो भाभी ने शर्म से अपनी हाथों से अपने चेहरे को छिपा लिया | पैंटी उतारने के बाद रवि भाभी की गोरी-गोरी, बिना बालों की एकदम चिकनी और एकदम पाव की तरह फूली हुई मस्तानी चूत को देख कर उनकी आँखें एकदम फटी की फटी रह गई |
रवि ने भाभी के कोमल योनि को सहलाते हुए बोला- बेटी, तुम्हारी योनि तो अत्यंत ही सुन्दर है, तुम्हारा पति तो अत्यंत ही भाग्यशाली व्यक्ति है | रवि के योनि सहलाने से भाभी के जिस्म में एकदम करंट सा दौड़ गया | फिर भाभी ने कहा- अंकलजी, अब आप मेरी योनि को देख के बताईये कि यह कसी हुई है या खुली हुई है?
रवि - बेटी, ऐसे देखने से पता नहीं चलेगा, तुम्हे बिस्तर पर लेटा कर तुम्हारी योनि को चीर के देखना पड़ेगा | ऐसा कह कर रवि अंकल ने भाभी को अपने दोनों हाथों से उठा के बिस्तर पर लेटा दिया और फिर भाभी की दोनों टांगों को एकदम से फैला दिया | फिर अंकल ने भाभी के योनि के दोनों फांकों के चीर के देखा, बीच का भाग एकदम गुलाबी था फिर रवि अंकल ने भाभी की चूत को सूँघ करके उसकी मादक खुशबू को लिया फिर उसे चूम लिया |
इतने तगड़े लंड से जबरदस्त चुदाई के बाद मैं एकदम थक गई थी और अपने बिस्तर पर निढाल पड़ी थी | भाभी भी सामने कुर्सी पर चुपचाप बैठी थी | इतने में मेरे कमरे में रवि अंकल आकर निशा भाभी के पैर पकड़ लिए और गिड़गिड़ाते हुए माफ़ी माँगने लगे तो भाभी ने कहा- ठीक है अंकलजी, इस बार मैं आपको माफ़ कर देती हूँ पर आप आगे से ऐसा गलत काम सीमा के साथ नहीं करेंगे |
रवि - थैंक यू बेटी निशा, अब मैं आगे से ऐसा कोई गलत काम नहीं करूँगा |
फिर निशा भाभी ने अंकलजी से कहा- अंकलजी, मैं तो आपका इतना बड़ा लंड देख के एकदम से डर गई थी, अभी तक मैं डर से सहमी हुई हूँ, मेरे पति से आपका लंड दुगना लम्बा और काफी मोटा है |
रवि - बेटी, मेरे लंड में बीमारी होने के कारण यह 10 इंच लम्बा और अत्यधिक मोटा हो गया है | पहले तो यह केवल 7 इंच लम्बा था |
रवि ने महसूस किया कि निशा उनके लंड की बातों में दिलचस्पी ले रही है | फिर रवि अंकल ने कहा- बेटी निशा, मेरा लंड कोई साँप थोड़े न है जिसे देख कर तुम डर गई, लो अभी मैं तुम्हें अपना लंड दिखा कर तुम्हारा डर समाप्त कर देता हूँ |
यह बात सुनकर भाभी शर्म से लाल हो गई और बोली- नहीं अंकलजी, उस समय तो मैंने मजबूरी में आपका लंड देख लिया था पर अभी देखने में शर्म आएगी | अंकल ने निशा को फुसलाते हुए कहा- डरो नहीं बेटी, एक बार देख लो, अगर तुम्हें देखने में अच्छा नहीं लगेगा तो मैं तुरंत बंद कर लूँगा | निशा भाभी ने शरमाते हुए, सकुचाते हुए बोला- ठीक है अंकलजी, दिखाईये |
निशा भाभी की भैया के साथ शादी अभी दो महीने पहले ही हुई है | भाभी एकदम गोरी और अत्यधिक सुन्दर है, भाभी की जिस्म तो एकदम छरहरा है पर उनके मुम्मे और नितम्ब शरीर के अनुपात में अत्यंत बड़े हैं | कोई भी उनकी ओर देख के तुरंत आकर्षित हो जाता है | भाभी की हाँ सुनते ही रवि अंकल का लंड उनके लुंगी के अन्दर खड़ा हो गया था | अंकल ने ज्योंही अपनी लुंगी खोली तो उनके 10 इंच लम्बा लपलपाते हुए लंड को भाभी हक्की बक्की हो कर के विस्फरित नज़रों से देखने लगी | भाभी अंकलजी का फनफनाया हुआ गधे जैसा लंड देख के एकदम सिहर उठी |
वो बहुत गौर से अंकल का लपलपाता हुआ लंड देखने लगी | अंकल भाभी को गर्म होते देख कर भाभी से कहा- डरो नहीं बहू, लंड को पकड़ कर देखो, इससे तुम्हारा डर ख़त्म हो जायेगा | भाभी ने सकुचाते हुए अपने कोमल, नाजुक हाथ से अंकल का गधा जैसा मोटा लंड पकड़ लिया | भाभी का हाथ अंकल के लंड पर पड़ते ही उसका आकार और भी बड़ा हो गया. फ़िर भाभी ने कहा- अंकलजी, यह तो बहुत ही मोटा है | मेरे पति का लंड तो इसके तुलना में बहुत पतला है |
रवि - बेटी, तुम्हे अब डर नहीं ना लग रहा है?
भाभी- नहीं अंकलजी, अब डर नहीं लग रहा है |
रवि - बेटी, अभी तुम्हें मेरा लंड पकड़ने में कैसा लग रहा है?
भाभी ने उत्सुकतावश अंकल से पूछा- अंकलजी, जरा अपने लंड की टोपी खोल के दिखाओ तो, मुझे खोलने में शर्म लग रही है |
रवि - शर्माओ मत बेटी, तुम खुद इसे खोल के देख लो | फिर भाभी ने अंकल के लंड की टोपी खोला तो उनके अंडे जितने बड़े सुपारे को देख कर अचंभित होकर बोला- ओ, माई गॉड! यह तो किसी भी लड़की की योनि को एकदम से फाड़ देगा, पता नहीं सीमा ने इसे कैसे बर्दाश्त कर लिया?अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा- ऐसी बात नहीं है बेटी, क्या सीमा की चूत फटी? मोटे लंड से सम्भोग करवाने से किसी भी स्त्री को अत्यधिक आनन्द आता है |
भाभी- ना बाबा ना, इतने मोटे लंड से तो मैं सम्भोग करवाने के बारे में सोच भी नहीं सकती हूँ | अंकल- अरे बाबा, मैं तुम्हें मुझसे कोई सम्भोग करवाने को थोड़े न बोल रहा हूँ, मैं तो केवल तुम्हारा डर ख़त्म करना चाहता हूँ | तभी भाभी ने देखा कि अंकल के लंड के छिद्र से कुछ चिकना सा निकल रहा है तो अंकल से पूछा- अंकलजी, ये आपके लंड के छिद्र से ये चिकना सा क्या निकल रहा है? अंकल- बेटी, इस चिकनाई के कारण योनि में लंड सुगमता से प्रवेश कर जाता है, कसी हुई भी योनि में जरा भी दर्द नहीं होता है | बेटी इस चिकनाई को चाट कर देखो यह तुम्हें अत्यंत ही स्वादिष्ट लगेगा |
भाभी- अंकलजी, चाटने से कोई बीमारी नहीं न हो जाएगी?
र वि - नहीं बेटी बिल्कुल नहीं कुछ होगा, ये चिकनाई तो प्रोटीन से भरी एक अत्यंत ही स्वास्थवर्धक चीज़ है |
ऐसा सुनकर भाभी अंकल के सुपारे पर लगी चिकनाई को अपने जीभ से चाटने लगी | भाभी के सुपारे चाटने से अंकल का सुपारी और भी बड़ा हो गया था |
रवि - बेटी, सुपारा को चाटने के बजाय उसे अपनी मुँह में लेकर चूसो तो चिकनाई तुम्हारे मुँह में अच्छे से जायेगी |
भाभी- पर अंकल, आपका सुपारा तो अत्यंत ही बड़ा है, ये मेरे मुँह में नहीं जा पायेगा |
रवि - सीमा , इसे अपने मुँह में लेकर चूस चुकी है, यह अन्दर चला जायेगा बेटी | ऐसा सुनकर भाभी अंकल का मोटा सुपारा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी |
रवि - बहु, सुपारी चूसने में कैसा लग रहा है? भाभी ने अपने मुँह से सुपारी निकाल कर बोला- अंकलजी, बहुत अच्छा लग रहा है! अंकल ने कहा- बेटी, मेरे पूरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसो तो तुम्हें और भी अच्छा लगेगा | ऐसा सुनकर भाभी अंकल का 10 इंच लम्बा लंड अपने पूरे मुँह में लेकर चूसने लगी, और इधर अंकल ने धीरे से भाभी के बड़ी-बड़ी, कसी हुई बड़ी बड़ी मस्त चूचियों को अपने दोनों हाथों से दबाना शुरू कर दिया | भाभी भी पूरी मस्ती में आ गई थी इसलिए उसने कुछ नहीं बोला |
फिर अंकल ने भाभी की भरी भरी चूचियाँ दबाना छोड़ कर भाभी की बालों को पीछे से पकड़ कर उसके मुँह में अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगे, वो भाभी की मुँह को चूत की भांति चोद रहे थे | ऐसा करने से भाभी को थोड़ा दर्द होने लगा तो भाभी ने अपना मुँह लंड से बाहर निकाल लिया | थोड़ी देर सुस्ताने के बाद अंकल ने कहा- बेटी, तुम्हारी योनि कसी हुई है या खुली हुई है?
भाभी- मुझे इस बारे में कोई आईडिया नहीं है अंकलजी | अंकल- ठीक है बेटी, अभी अपनी योनि को मुझे दिखाओ तो मैं तुम्हें बताता हूँ कि तुम्हारी योनि कसी हुई है या खुली हुई है | भाभी- मुझे अपने कपड़े खोलने में शर्म आ रही है अंकलजी, आप खुद ही मेरे कपड़े खोल के मेरी योनि को देख लीजिये | फिर क्या था, अंधे को जैसे दो आँखें मिल गई हो, अंकल ने पहले भाभी की साड़ी को खोला फिर पेटीकोट को खोल दिया, फिर ब्लाउज को खोल दिया |
अब भाभी केवल ब्रा और पैंटी में थी | अंकल भाभी के ब्रा और पैंटी में उनके गदराये हुए गोरे-गोरे जिस्म, बड़े बड़े मुम्मे और चौड़ी मस्त गांड को देख करके एकदम सन्न रह गये, और अपने लंड को आगे-पीछे हिलाने लगे |
भाभी- अंकलजी, मुझे ब्रा और पैंटी में देख कर आप अपने लंड को क्यों हिला रहे हैं?
रवि - बेटी, तुम्हारे इतने सुन्दर जिस्म को देख के मैं अपने आपको नियंत्रित नहीं कर पा रहा हूँ.
भाभी- अंकलजी, मुझे आपके इरादे नेक नहीं लग रहे हैं, कहीं आप मेरे साथ चुदाई करने को तो सोच नहीं रहे हैं |
रवि - नहीं बेटी, मुझे गलत मत समझो, मैं तो केवल तुम्हारी योनि का निरीक्षण करना चाहता हूँ |
भाभी- ठीक है अंकलजी, कीजिये | फिर अंकल ज्यों ही भाभी का पैंटी खोलने लगे तो भाभी ने शर्म से अपनी हाथों से अपने चेहरे को छिपा लिया | पैंटी उतारने के बाद रवि भाभी की गोरी-गोरी, बिना बालों की एकदम चिकनी और एकदम पाव की तरह फूली हुई मस्तानी चूत को देख कर उनकी आँखें एकदम फटी की फटी रह गई |
रवि ने भाभी के कोमल योनि को सहलाते हुए बोला- बेटी, तुम्हारी योनि तो अत्यंत ही सुन्दर है, तुम्हारा पति तो अत्यंत ही भाग्यशाली व्यक्ति है | रवि के योनि सहलाने से भाभी के जिस्म में एकदम करंट सा दौड़ गया | फिर भाभी ने कहा- अंकलजी, अब आप मेरी योनि को देख के बताईये कि यह कसी हुई है या खुली हुई है?
रवि - बेटी, ऐसे देखने से पता नहीं चलेगा, तुम्हे बिस्तर पर लेटा कर तुम्हारी योनि को चीर के देखना पड़ेगा | ऐसा कह कर रवि अंकल ने भाभी को अपने दोनों हाथों से उठा के बिस्तर पर लेटा दिया और फिर भाभी की दोनों टांगों को एकदम से फैला दिया | फिर अंकल ने भाभी के योनि के दोनों फांकों के चीर के देखा, बीच का भाग एकदम गुलाबी था फिर रवि अंकल ने भाभी की चूत को सूँघ करके उसकी मादक खुशबू को लिया फिर उसे चूम लिया |
Don't get addicted :D
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