12-11-2019, 05:35 PM
कितने दिन हो गए थे इसे मुंह में लिए ,पूरे दो दिन।
मेरे मुंह का असर , वो फूल के ख़ुशी से कुप्पा होने लगा।
क्यूं ना हो, तलवार को अपनी असली म्यान की गन्ध जो आ गई। शायद.......
मेरे मुंह का असर , वो फूल के ख़ुशी से कुप्पा होने लगा।
क्यूं ना हो, तलवार को अपनी असली म्यान की गन्ध जो आ गई। शायद.......
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं