12-11-2019, 03:28 PM
”आआआआआआआआआआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स म्*म्म्मममममममममम”
वो तो अपनी ही दुनिया में दोबारा खो सी गयी
इस बात को भूलकर की उस कमरे में और भी लोग बैठे है, उसने संजना के हाथ को पकड़कर अपनी चूत पर ज़ोर से दबा दिया
और संजना की नुकीली उंगली को अपनी चूत के अंदर लेकर जोरदार आवाज़ में बड़बड़ाने लगी..
”आआआआआआआअहह बीवीजी यही करो अंदर से करो .”
नम्रता का पति भी अपनी पत्नी के इस अवतार को देखकर हैरान था, हालाँकि उसे कोई प्राब्लम नही थी
वहीं दूसरी तरफ अरुण के मुँह से लार टपक कर ज़मीन पर जा गिरी
अब वो सोच ही ऐसे रहा था की नम्रता की रसीली चूत को वो चाट रहा है इसलिए लार निकलनी स्वाभाविक ही थी..
संजना भी मस्ती में आ चुकी थी उसके हाथ तेज़ी से चलने लगे और जल्द ही नम्रता का पूरा शरीर नागिन की तरह हिचकोले खाते हुए झड़ने लगा
”आआआआआआआआआहह उम्म्म्मममममममम बीबिजीीइईईईईईईईईईईईई”
और जब वो शांत हुई तो कमरे में सभी के चेहरों पर शैतानी मुस्कान देखकर बेचारी शरमा कर रह गयी
पहली ही गेम में माहौल खुल सा चुका था आने वाली गेम्स कितनी ख़तरनाक होने वाली थी, इसी का अंदाज़ा लगाने में सभी के दिमाग़ लगे थे.
अरुण और निमेश के तो कानों और आँखो में से धुँआ निकल गया ऐसा सीन देखकर.. जहाँ दोनो की बीबियाँ, मालकिन-नौकरानी के बीच का भेदभाव भूलकर, एक दूसरे को मज़ा दे गयी थी |
पर सबसे ज़्यादा मज़ा तो उन्हे मिला था
हालाँकि वो सिर्फ़ देख ही पाए थे
पर उन्हे ऐसे खुल्ले आम करते देखना भी करने से कम नही था
और उन्हे अच्छी तरह से पता था की आने वाली गेम्स में ये रहे-सहे पर्दे भी गिर जाएँगे..
अब अगली गेम की बारी थी
और उससे पहले उन्हे ये भी डिसाईड करना था की उसमें हार-जीत होने पर क्या होगा..
अरुण ने पत्ते बाँटे , सभी की नज़रें और कान अरुण की तरफ ही थे
अरुण : “अब अगली गेम के लिए थोड़ा चेंज करना होगा यानी, जो मसाज तुम दोनो ने एक दूसरे को दी है, वही अब एक दूसरे के हसबैंड्स को देनी होगी ”
यानी, अरुण हारा तो उसकी बीवी संजना, निमेश को मसाज देगी
और
निमेश हारा तो नम्रता को अरुण के पास एक बार फिर से मसाज देने आना होगा.. | अरुण के हरामी दिमाग़ में हर तरह के ख़याल और संभावनाए आ रही थी, जिन्हे वो इस जुए के खेल के मध्यम से साकार करना चाहता था.
और वो ये भी जानता था की उसकी कही बात को ना मानने की किसी में भी हिम्मत नही है |
एक तरह से देखा जाए तो वो अपनी दबी हुई कुंठस्त भावनाओ को इस खेल के माध्यम से बाहर निकाल रहा था.
पर वो ये नही जानता था की उसके अलावा उसकी बीवी और निमेश के बीच भी कुछ ख़ास चल रहा है, शायद इसलिए वो उसकी किसी भी बात का विरोध नही कर रहे थे
नम्रता तो उसके लंड का स्वाद चख ही चुकी थी.
पत्ते तो ऑलरेडी बंट ही चुके थे, इसलिए उसने उपर वाले का नाम अरुण ने अपने पत्ते उठा लिए
इस गेम में वो जीतना चाहता था ताकि निमेश की बीवी उसकी मसाज कर सके..
और हुआ भी ऐसा ही..
वो तो अपनी ही दुनिया में दोबारा खो सी गयी
इस बात को भूलकर की उस कमरे में और भी लोग बैठे है, उसने संजना के हाथ को पकड़कर अपनी चूत पर ज़ोर से दबा दिया
और संजना की नुकीली उंगली को अपनी चूत के अंदर लेकर जोरदार आवाज़ में बड़बड़ाने लगी..
”आआआआआआआअहह बीवीजी यही करो अंदर से करो .”
नम्रता का पति भी अपनी पत्नी के इस अवतार को देखकर हैरान था, हालाँकि उसे कोई प्राब्लम नही थी
वहीं दूसरी तरफ अरुण के मुँह से लार टपक कर ज़मीन पर जा गिरी
अब वो सोच ही ऐसे रहा था की नम्रता की रसीली चूत को वो चाट रहा है इसलिए लार निकलनी स्वाभाविक ही थी..
संजना भी मस्ती में आ चुकी थी उसके हाथ तेज़ी से चलने लगे और जल्द ही नम्रता का पूरा शरीर नागिन की तरह हिचकोले खाते हुए झड़ने लगा
”आआआआआआआआआहह उम्म्म्मममममममम बीबिजीीइईईईईईईईईईईईई”
और जब वो शांत हुई तो कमरे में सभी के चेहरों पर शैतानी मुस्कान देखकर बेचारी शरमा कर रह गयी
पहली ही गेम में माहौल खुल सा चुका था आने वाली गेम्स कितनी ख़तरनाक होने वाली थी, इसी का अंदाज़ा लगाने में सभी के दिमाग़ लगे थे.
अरुण और निमेश के तो कानों और आँखो में से धुँआ निकल गया ऐसा सीन देखकर.. जहाँ दोनो की बीबियाँ, मालकिन-नौकरानी के बीच का भेदभाव भूलकर, एक दूसरे को मज़ा दे गयी थी |
पर सबसे ज़्यादा मज़ा तो उन्हे मिला था
हालाँकि वो सिर्फ़ देख ही पाए थे
पर उन्हे ऐसे खुल्ले आम करते देखना भी करने से कम नही था
और उन्हे अच्छी तरह से पता था की आने वाली गेम्स में ये रहे-सहे पर्दे भी गिर जाएँगे..
अब अगली गेम की बारी थी
और उससे पहले उन्हे ये भी डिसाईड करना था की उसमें हार-जीत होने पर क्या होगा..
अरुण ने पत्ते बाँटे , सभी की नज़रें और कान अरुण की तरफ ही थे
अरुण : “अब अगली गेम के लिए थोड़ा चेंज करना होगा यानी, जो मसाज तुम दोनो ने एक दूसरे को दी है, वही अब एक दूसरे के हसबैंड्स को देनी होगी ”
यानी, अरुण हारा तो उसकी बीवी संजना, निमेश को मसाज देगी
और
निमेश हारा तो नम्रता को अरुण के पास एक बार फिर से मसाज देने आना होगा.. | अरुण के हरामी दिमाग़ में हर तरह के ख़याल और संभावनाए आ रही थी, जिन्हे वो इस जुए के खेल के मध्यम से साकार करना चाहता था.
और वो ये भी जानता था की उसकी कही बात को ना मानने की किसी में भी हिम्मत नही है |
एक तरह से देखा जाए तो वो अपनी दबी हुई कुंठस्त भावनाओ को इस खेल के माध्यम से बाहर निकाल रहा था.
पर वो ये नही जानता था की उसके अलावा उसकी बीवी और निमेश के बीच भी कुछ ख़ास चल रहा है, शायद इसलिए वो उसकी किसी भी बात का विरोध नही कर रहे थे
नम्रता तो उसके लंड का स्वाद चख ही चुकी थी.
पत्ते तो ऑलरेडी बंट ही चुके थे, इसलिए उसने उपर वाले का नाम अरुण ने अपने पत्ते उठा लिए
इस गेम में वो जीतना चाहता था ताकि निमेश की बीवी उसकी मसाज कर सके..
और हुआ भी ऐसा ही..