12-11-2019, 03:23 PM
और नम्रता के तो उपर से ही निकल गयी वो सारी बातें..
इसलिए बिना कुछ बोले वो चुपचाप बैठी रही..
संजना : “अरुण, सॉफ-2 कहो, क्या करना होगा गेम जीतने वाले के लिए ”
उसकी लड़खड़ाती आवाज़ बता रही थी की उसे चढ़ चुकी है..
अरुण : ” देखो भाई, निमेश और मैं ये गेम खेलेंगे तीन पत्ती का.. और पैसो के बदले हम कुछ सर्वीसेज़ रखेंगे जैसे अभी तुम नम्रता से बॉडी मसाज करवाने जा रही थी, वो गेम में रखेंगे.. गेम में अगर निमेश जीत गया तो नम्रता जीती हुई मानी जाएगी, और मैं जीता तो तुम जितोगी, और जो हारेगा, वो दूसरे की मसाज करेगा ”
संजना को पूरा विश्वास हो गया की आज अरुण का दिमाग़ खराब हो गया है एक नौकरानी की मालिश वो क्यो करेगी पर अरुण के सामने कुछ बोलने का मतलब था उससे डांट खाना, इसलिए वो चुप रही..
अरुण : “और इस तरह से हम हर गेम से पहले कुछ डिसाईड कर लिया करेंगे की हारने वाली टीम क्या करेगी ओके ..”
इतना कहकर उसने पत्ते बाँट दिए
अब ब्लाइंड या चाल चलने वाली गेम तो थी नही ये, इसलिए दोनो ने अपने-2 पत्ते उठा लिए..
अरुण के पास 6 का पैयर आया था
उसने मुस्कुराते हुए पत्ते नीचे फेंक दिए
जवाब में निमेश भी मुस्कुराया और उसने 6 के पेयर पर अपना 8 का पेयर खींच कर दे मारा
यानी पहली बाजी निमेश जीत गया
और परिणाम स्वरूप संजना को अब नम्रता की मसाज करनी थी..
पर अब सवाल ये था की कैसे.. और कहाँ
इसका भी जवाब अरुण ने ही दिया
वो बोला : “और जो भी होगा, यहीं ड्रॉयिंग रूम में, किसी भी चीज़ के लिए कोई अंदर या बाहर नही जाएगा ”
अरुण की बात सुनकर संजना के साथ-2 नम्रता भी शर्मा कर रह गयी
यानी नम्रता को अपने पति और मालिक के सामने ही अपनी मालकिन से मसाज करवानी पड़ेगी..
पर कोई कुछ बोल ही नही पाया
मंत्री जी के सामने किसी और के बोलने की हिम्मत ही नही थी
निमेश भी इस गेम से होने वाले फायदे और नुकसान का हिसाब लगाने लगा, और जल्द ही उसे भी पता चल गया की इस गेम में भले ही पैसे नही मिलेंगे पर मज़ा बहुत मिलने वाला था
संजना ने अपना पेग एक ही बार मे खाली कर दिया, और नम्रता को पकड़कर लंबे सोफे पर ले आई और उसे लेटने को कहा
नम्रता बेचारी डरते-2 सोफे पर लेट गयी
उसने निमेश की तरफ देखा तो उसने निश्चिन्त होकर वैसा ही करने का इशारा किया
अपने पति की स्वीकृति मिलने के बाद उसमे थोड़ी हिम्मत आई और वो लेट गयी..
संजना ने एक बॉडी लोशन निकाला और नम्रता की साड़ी खोलकर उसने निकाल दी
और नीचे झुककर वो नम्रता के नंगे पेट, बाजू और गले की मालिश करने लगी
दोनो मर्द एक दूसरे की बिबीयों को घूर-2 कर देख रहे थे
निमेश तो झुकी हुई संजना की बाहर निकली हुई गांड को देखकर सिसकारियाँ भरने लगा..
और अरुण सोफे पर लेटी नम्रता के उतार चढ़ाव देखकर उत्तेजित हो रहा था..
संजना अपनी लाइफ में पहली बार शायद ऐसा काम कर रही थी, आज तक वो खुद मसाज करवाती आई थी पर आज उसे जब वो करनी पड़ रही थी तो वो थोड़ा सकुचा रही थी.
अरुण समझ गया की संजना ऐसे ही करती रही तो खेल का मज़ा किरकिरा हो जाएगा..
इसलिए वो थोड़ी कड़क आवाज़ में संजना से बोला : “संजना बैबी, थोड़ा मन से करो इसे खेल की तरह लो, ज़्यादा सोचो मत ”
संजना मंत्री जी की सख़्त आवाज़ का मतलब समझ गयी, इसलिए वो अपने को भूलकर नम्रता की मसाज करने लगी..
अचानक संजना के हाथ सरककर नम्रता के पेटीकोट में घुस गये और वो उसकी टाँगों और जांघों को मसलने लगी
वो हाथ धीरे-2 उसकी चूत की तरफ जा रहे थे, और संजना के हाथों के अंदरूनी एहसास को महसूस करके नम्रता की टांगे काँप रही थी..
पर ऐसे सबके सामने वो कुछ शो नही करना चाहती थी, इसलिए उसने कस के आँखे बंद कर ली
अब जो भी होगा देखा जाएगा
संजना पर भी अब मस्ती सवार हो चुकी थी, उसने जान बूझकर अपने हाथ की उंगलियाँ उसकी चूत से टच करवा दी, हालाँकि वो टचिंग पेटीकोट के अंदर हुई थी, पर उसका एहसास सभी ने महसूस किया
और नम्रता के लाख कोशिशों के बाद भी, उसके मुँह से चीख निकलने से ना रुक सकी..
इसलिए बिना कुछ बोले वो चुपचाप बैठी रही..
संजना : “अरुण, सॉफ-2 कहो, क्या करना होगा गेम जीतने वाले के लिए ”
उसकी लड़खड़ाती आवाज़ बता रही थी की उसे चढ़ चुकी है..
अरुण : ” देखो भाई, निमेश और मैं ये गेम खेलेंगे तीन पत्ती का.. और पैसो के बदले हम कुछ सर्वीसेज़ रखेंगे जैसे अभी तुम नम्रता से बॉडी मसाज करवाने जा रही थी, वो गेम में रखेंगे.. गेम में अगर निमेश जीत गया तो नम्रता जीती हुई मानी जाएगी, और मैं जीता तो तुम जितोगी, और जो हारेगा, वो दूसरे की मसाज करेगा ”
संजना को पूरा विश्वास हो गया की आज अरुण का दिमाग़ खराब हो गया है एक नौकरानी की मालिश वो क्यो करेगी पर अरुण के सामने कुछ बोलने का मतलब था उससे डांट खाना, इसलिए वो चुप रही..
अरुण : “और इस तरह से हम हर गेम से पहले कुछ डिसाईड कर लिया करेंगे की हारने वाली टीम क्या करेगी ओके ..”
इतना कहकर उसने पत्ते बाँट दिए
अब ब्लाइंड या चाल चलने वाली गेम तो थी नही ये, इसलिए दोनो ने अपने-2 पत्ते उठा लिए..
अरुण के पास 6 का पैयर आया था
उसने मुस्कुराते हुए पत्ते नीचे फेंक दिए
जवाब में निमेश भी मुस्कुराया और उसने 6 के पेयर पर अपना 8 का पेयर खींच कर दे मारा
यानी पहली बाजी निमेश जीत गया
और परिणाम स्वरूप संजना को अब नम्रता की मसाज करनी थी..
पर अब सवाल ये था की कैसे.. और कहाँ
इसका भी जवाब अरुण ने ही दिया
वो बोला : “और जो भी होगा, यहीं ड्रॉयिंग रूम में, किसी भी चीज़ के लिए कोई अंदर या बाहर नही जाएगा ”
अरुण की बात सुनकर संजना के साथ-2 नम्रता भी शर्मा कर रह गयी
यानी नम्रता को अपने पति और मालिक के सामने ही अपनी मालकिन से मसाज करवानी पड़ेगी..
पर कोई कुछ बोल ही नही पाया
मंत्री जी के सामने किसी और के बोलने की हिम्मत ही नही थी
निमेश भी इस गेम से होने वाले फायदे और नुकसान का हिसाब लगाने लगा, और जल्द ही उसे भी पता चल गया की इस गेम में भले ही पैसे नही मिलेंगे पर मज़ा बहुत मिलने वाला था
संजना ने अपना पेग एक ही बार मे खाली कर दिया, और नम्रता को पकड़कर लंबे सोफे पर ले आई और उसे लेटने को कहा
नम्रता बेचारी डरते-2 सोफे पर लेट गयी
उसने निमेश की तरफ देखा तो उसने निश्चिन्त होकर वैसा ही करने का इशारा किया
अपने पति की स्वीकृति मिलने के बाद उसमे थोड़ी हिम्मत आई और वो लेट गयी..
संजना ने एक बॉडी लोशन निकाला और नम्रता की साड़ी खोलकर उसने निकाल दी
और नीचे झुककर वो नम्रता के नंगे पेट, बाजू और गले की मालिश करने लगी
दोनो मर्द एक दूसरे की बिबीयों को घूर-2 कर देख रहे थे
निमेश तो झुकी हुई संजना की बाहर निकली हुई गांड को देखकर सिसकारियाँ भरने लगा..
और अरुण सोफे पर लेटी नम्रता के उतार चढ़ाव देखकर उत्तेजित हो रहा था..
संजना अपनी लाइफ में पहली बार शायद ऐसा काम कर रही थी, आज तक वो खुद मसाज करवाती आई थी पर आज उसे जब वो करनी पड़ रही थी तो वो थोड़ा सकुचा रही थी.
अरुण समझ गया की संजना ऐसे ही करती रही तो खेल का मज़ा किरकिरा हो जाएगा..
इसलिए वो थोड़ी कड़क आवाज़ में संजना से बोला : “संजना बैबी, थोड़ा मन से करो इसे खेल की तरह लो, ज़्यादा सोचो मत ”
संजना मंत्री जी की सख़्त आवाज़ का मतलब समझ गयी, इसलिए वो अपने को भूलकर नम्रता की मसाज करने लगी..
अचानक संजना के हाथ सरककर नम्रता के पेटीकोट में घुस गये और वो उसकी टाँगों और जांघों को मसलने लगी
वो हाथ धीरे-2 उसकी चूत की तरफ जा रहे थे, और संजना के हाथों के अंदरूनी एहसास को महसूस करके नम्रता की टांगे काँप रही थी..
पर ऐसे सबके सामने वो कुछ शो नही करना चाहती थी, इसलिए उसने कस के आँखे बंद कर ली
अब जो भी होगा देखा जाएगा
संजना पर भी अब मस्ती सवार हो चुकी थी, उसने जान बूझकर अपने हाथ की उंगलियाँ उसकी चूत से टच करवा दी, हालाँकि वो टचिंग पेटीकोट के अंदर हुई थी, पर उसका एहसास सभी ने महसूस किया
और नम्रता के लाख कोशिशों के बाद भी, उसके मुँह से चीख निकलने से ना रुक सकी..