11-11-2019, 09:40 PM
''आआआआआआआअहह ओह ...मैं तो गया .................... उम्म्म्मममममममम''
सारिका भी उसके गर्म पानी को महसूस करते हुए ढेर हो गयी..
गणेश भी उठकर जल्दी से उसके आगे आया और सारिका के संभलने से पहले ही अपने लंड को उसकी गीली सुरंग मे डाल कर धक्के मारने लगा...
एक बार फिर से वो मालगाड़ी की तरह हिचकोले खाने लगी..और उसका माल यानी बड़े-2 मुम्मे उपर नीचे हिचकोले खाने लगे..
''ऊऊऊऊऊऊऊहह ......मार डालोगे तुम दोनो मुझे तो .................उम्म्म्मममममम ....अहह ...... ''
पर उसकी शिकायत का कोई असर नही हुआ गणेश पर और उसने धक्के चालू रखे और जल्द ही वो भी हांफता हुआ उसकी चूत में अपने रस का योगदान देते हुए उसके रुई जैसे मुम्मों पर लुडक गया...
उधर राणा की ट्रेन तो पूरी गति से भागी जा रही थी..
और काजल भी हारने का नाम नही ले रही थी..
उसके हर झटके मे इतना ज़ोर था की हर बार ऐसा लगता की पहली बार लंड अंदर गया है उसके.
सारिका खिसक कर उसी सोफे पर आ गयी, जिसपर काजल की चुदाई चल रही थी...
शायद ये सोचकर की शायद दो लड़कियों को देखकर राणा जल्दी झड़ जाए और अगले राउंड की तैयारी हो..
काजल ने अपनी बगल मे लेटी हुई सारिका के मुम्मे चूसना शुरू कर दिया..और सारिका अपनी चूत मे इकट्ठे हुए माल को रगड़ती हुई फिर से सिसकने लगी..
राणा अब पूरी तेज़ी से काजल की चूत में अपना लंड पंप कर रहा था...बगल मे लेटी हुई सारिका को देखते हुए..
और जल्द ही उसने भी हार मान ली...
एक जोरदार झटके से उसके लंड की पिचकारियाँ भी काजल के अंदर जाने लगी
और वो बुरी तरह से झड़ता हुआ उसके नंगे बदन से लिपट गया..
''अहह ..... ओह कााआआआजल .............. उम्म्म्मममममममममम ... मैं तो गया................ ....''
और फिर वो भी अपने सुस्ता रहे दोस्तों के पास जाकर सिगरेट के सुट्टे मारने लगा..
और दोनो सहेलियाँ एक दूसरे की गुल्लक मे हाथ डालकर ये जाने की कोशिश करने लगी की किसमे कितना माल इकट्ठा हुआ है..
सारिका भी उसके गर्म पानी को महसूस करते हुए ढेर हो गयी..
गणेश भी उठकर जल्दी से उसके आगे आया और सारिका के संभलने से पहले ही अपने लंड को उसकी गीली सुरंग मे डाल कर धक्के मारने लगा...
एक बार फिर से वो मालगाड़ी की तरह हिचकोले खाने लगी..और उसका माल यानी बड़े-2 मुम्मे उपर नीचे हिचकोले खाने लगे..
''ऊऊऊऊऊऊऊहह ......मार डालोगे तुम दोनो मुझे तो .................उम्म्म्मममममम ....अहह ...... ''
पर उसकी शिकायत का कोई असर नही हुआ गणेश पर और उसने धक्के चालू रखे और जल्द ही वो भी हांफता हुआ उसकी चूत में अपने रस का योगदान देते हुए उसके रुई जैसे मुम्मों पर लुडक गया...
उधर राणा की ट्रेन तो पूरी गति से भागी जा रही थी..
और काजल भी हारने का नाम नही ले रही थी..
उसके हर झटके मे इतना ज़ोर था की हर बार ऐसा लगता की पहली बार लंड अंदर गया है उसके.
सारिका खिसक कर उसी सोफे पर आ गयी, जिसपर काजल की चुदाई चल रही थी...
शायद ये सोचकर की शायद दो लड़कियों को देखकर राणा जल्दी झड़ जाए और अगले राउंड की तैयारी हो..
काजल ने अपनी बगल मे लेटी हुई सारिका के मुम्मे चूसना शुरू कर दिया..और सारिका अपनी चूत मे इकट्ठे हुए माल को रगड़ती हुई फिर से सिसकने लगी..
राणा अब पूरी तेज़ी से काजल की चूत में अपना लंड पंप कर रहा था...बगल मे लेटी हुई सारिका को देखते हुए..
और जल्द ही उसने भी हार मान ली...
एक जोरदार झटके से उसके लंड की पिचकारियाँ भी काजल के अंदर जाने लगी
और वो बुरी तरह से झड़ता हुआ उसके नंगे बदन से लिपट गया..
''अहह ..... ओह कााआआआजल .............. उम्म्म्मममममममममम ... मैं तो गया................ ....''
और फिर वो भी अपने सुस्ता रहे दोस्तों के पास जाकर सिगरेट के सुट्टे मारने लगा..
और दोनो सहेलियाँ एक दूसरे की गुल्लक मे हाथ डालकर ये जाने की कोशिश करने लगी की किसमे कितना माल इकट्ठा हुआ है..