11-11-2019, 08:59 PM
![[Image: 8.jpg]](https://s9v7j7a4.ssl.hwcdn.net/galleries/new_big/90/30/20/9030208950a8b392e0a1c044353709cb/8.jpg)
![[Image: 10.jpg]](https://s9v7j7a4.ssl.hwcdn.net/galleries/new_big/65/72/f0/6572f073146db8a3b09fb26a7ef79b1c/10.jpg)
हल्की डोरियाँ लगी थी हंटर के आगे...जो एक रेशमी सा एहसास छोड़ रही थी सारिका की मखमली गांड पर...और वो हर प्रहार से कराह उठती...दर्द से नही, मज़े से...क्योंकि उसे उसमें काफ़ी मज़ा मिल रहा था..
और धीरे-2 उसकी गोरी गांड लाल सुर्ख हो गयी...जिसे चूमकर काजल ने उसकी गर्मी को शांत किया..
और इस तरहा से उसका ये मास्टर-स्लेव वाला खेल वहीं ख़त्म हुआ..
सभी को काफ़ी मज़ा आया था..