11-11-2019, 08:40 PM
ऐसे मौके का फायदा उठाकर वो खेल-2 में सबका मनोरंजन भी कर रही थी और अपने -2 जिस्म की नुमाइश भी...
काजल ने हील वाले सेंडिल पहने हुए थे और उपर से उसकी सेक्सी टांगे नंगी थी...और उसने सारिका को एक सफेद शर्ट पहनाई हुई थी...जिसमें उसके लटक रहे मुम्मों पर चिपके निप्पल काफ़ी ख़तरनाक लग रहे थे..
काजल अपनी स्लेव को लेकर सोफे तक आई
काजल : "दोस्तों....ये है मेरी स्लेव....सारिका ....''
सारिका की शर्ट के 2 बटन खुले होने की वजह से उसके गोरे-2 बूब्स सभी को साफ़ नज़र आ रहे थे...राणा, बिल्लू और गणेश तो पागल से हो चुके थे...
और उससे भी बड़ी और मज़े की बात ये थी की सारिका को भी उन सबमे बड़ा मज़ा आ रहा था..
जब उपर जाकर काजल ने सारिका को बताया की वो क्या करना चाहती है तो सारिका को विश्वास ही नही हुआ की उसकी भोली सी दिखने वाली सहेली इतनी ख़तरनाक सोच रखती है...वो नीचे बैठे ठरकियों को पूरी तरह से तडपा-तड़पाकर मजे लेना चाहती थी...और साथ ही उनके पैसे भी...जिसका प्लान काजल ने उसे समझा दिया..
वैसे भी ऐसा रोल प्ले करके उन दोनो को अंदर से काफ़ी मज़ा आ रहा था...वो जब पक्की सहेलियाँ थी तो ऐसे ही रोल प्ले करके वो बंद कमरे में काफ़ी मज़े लेती थी...कभी वो टीचर स्टूडेंट बन जाती थी और कभी इंस्पेक्टर मुजरिम...और आज उसी रोल प्ले वाली गेम को सबके सामने पेश करके वो खुद तो मज़े ले ही रही थी उनकी हालत भी खराब कर रहीं थी..
क्योंकि जो चाल काजल के दिमाग़ में थी, उसके हिसाब से अगली गेम अगर उसके हिसाब से चली तो सबके लंड के साथ-2 वो उनके पैसे भी अंदर ले लेगी..
काजल ने सारिका से कहा : "चलो, जाकर सभी को विश करो...''
काजल किसी मालकिन की तरह उस स्लेव बनी सारिका पर अपना हुक्म चला रही थी..
सारिका अपने हाथों और पैरों पर चलती हुई राणा की तरफ बढ़ने लगी...उसकी शर्ट से झाँक रहे मुम्मे देखकर पहले से ही राणा की हालत खराब थी, उसे ऐसे अपनी तरफ आता देखकर वो तो सुध बुध खोकर उसकी गहरी आँखो में देखता रह गया.
काजल ने हील वाले सेंडिल पहने हुए थे और उपर से उसकी सेक्सी टांगे नंगी थी...और उसने सारिका को एक सफेद शर्ट पहनाई हुई थी...जिसमें उसके लटक रहे मुम्मों पर चिपके निप्पल काफ़ी ख़तरनाक लग रहे थे..
काजल अपनी स्लेव को लेकर सोफे तक आई
काजल : "दोस्तों....ये है मेरी स्लेव....सारिका ....''
सारिका की शर्ट के 2 बटन खुले होने की वजह से उसके गोरे-2 बूब्स सभी को साफ़ नज़र आ रहे थे...राणा, बिल्लू और गणेश तो पागल से हो चुके थे...
और उससे भी बड़ी और मज़े की बात ये थी की सारिका को भी उन सबमे बड़ा मज़ा आ रहा था..
जब उपर जाकर काजल ने सारिका को बताया की वो क्या करना चाहती है तो सारिका को विश्वास ही नही हुआ की उसकी भोली सी दिखने वाली सहेली इतनी ख़तरनाक सोच रखती है...वो नीचे बैठे ठरकियों को पूरी तरह से तडपा-तड़पाकर मजे लेना चाहती थी...और साथ ही उनके पैसे भी...जिसका प्लान काजल ने उसे समझा दिया..
वैसे भी ऐसा रोल प्ले करके उन दोनो को अंदर से काफ़ी मज़ा आ रहा था...वो जब पक्की सहेलियाँ थी तो ऐसे ही रोल प्ले करके वो बंद कमरे में काफ़ी मज़े लेती थी...कभी वो टीचर स्टूडेंट बन जाती थी और कभी इंस्पेक्टर मुजरिम...और आज उसी रोल प्ले वाली गेम को सबके सामने पेश करके वो खुद तो मज़े ले ही रही थी उनकी हालत भी खराब कर रहीं थी..
क्योंकि जो चाल काजल के दिमाग़ में थी, उसके हिसाब से अगली गेम अगर उसके हिसाब से चली तो सबके लंड के साथ-2 वो उनके पैसे भी अंदर ले लेगी..
काजल ने सारिका से कहा : "चलो, जाकर सभी को विश करो...''
काजल किसी मालकिन की तरह उस स्लेव बनी सारिका पर अपना हुक्म चला रही थी..
सारिका अपने हाथों और पैरों पर चलती हुई राणा की तरफ बढ़ने लगी...उसकी शर्ट से झाँक रहे मुम्मे देखकर पहले से ही राणा की हालत खराब थी, उसे ऐसे अपनी तरफ आता देखकर वो तो सुध बुध खोकर उसकी गहरी आँखो में देखता रह गया.