11-11-2019, 08:34 PM
और उन्ही ख़यालों मे डूब कर वो कॉलेज जाती, और शायद तभी से इन ठरकियों की नज़र उसपर थी, क्योंकि कॉलेज या कहीं भी जाते हुए उसके निप्पल्स हमेशा खड़े ही रहते थे..
और फिर उन नींबुओं को दबा-दबाकर उसने मौसम्मी बना दिया...और रसीला भी...और आज भी उसकी वो आदत बरकरार है, सोते हुए और नहाते हुए वो आज भी उन्हे दबाना और मसलना नही भूलती..
पर अब उसकी इस परेशानी से उसे छुटकारा मिल चुका था...पहले तो केशव के द्वारा और अब शायद इनके हाथों का कमाल चलने वाला था उसके बूब्स पर...क्योंकि जिस तरह का खेल चल रहा था , उसके हिसाब से तो जल्द ही उन सबके हाथ रेंगने वाले थे उसपर..
खैर, अगली गेम शुरू हुई और पत्ते बाँटे गये...
राणा की बारी थी पहले, उसके पास इक्का ही आया था बस, उसने फ़ौरन पेक कर दिया..और साथ ही अपनी पेंट भी उतार दी, जुर्माने के तौर पर..
अब वो सिर्फ़ टी शर्ट और अंडरवीयर में बैठा था...और अंडरवीयर में उसका खड़ा हुआ लंड दूर से ही चमक रहा था, जिसे देखकर सारिका और काजल के मुँह में पानी आ गया..
अगली बारी बिल्लू की थी...और लगातार दूसरी बार भी उसके पास बेकार पत्ते ही आए...उसने तो सोचा था की शायद इस बार अच्छे पत्ते आ जाए और जीत जाए ताकि हारने वाली काजल या सारिका से अपनी मर्ज़ी का कोई भी कपड़ा उतरवा सके या कुछ और करवा सके..
उसने पत्ते फेंक दिए और अपनी पेंट उतार दी..अब वो जोक्की और बनियान में ही था बस..
सारिका ने पत्ते देखे, उसके पास 2 का पेयर था...अब इतना तो वो समझ ही चुकी थी की एक जैसे दो पत्ते आने पर वो चाल चलने लायक होते हैं, इसलिए उसने फ़ौरन हज़ार का नोट लिया और चाल चल दी..अपनी ब्रा से ढके मुम्मों से रगड़कर ..
गणेश ने पत्ते देखे, उसके पास भी कुछ खास नही था..सिर्फ़ इक्का , बादशाह और 7 नंबर थे...खेलने को वो इनपर भी खेल सकता था, पर जल्दी नंगा होकर शायद वो अपने लंड को उन सुंदरियों के सामने रखना चाहता था, इसलिए उसने भी पेक कर दिया और नीचे से पेंट उतार दी...बनियान तो उसने पहनी नही थी, इसलिए वो अब टॉपलेस होकर सिर्फ़ अपने अंडरवीयर में था..उसके कसरती जिस्म को देखकर काजल और सारिका के जिस्म से गर्मी निकल रही थी...शायद ये सोचकर की उसके मसल्स को वो अपने नाज़ुक हाथों से रगडेंगी..
और फिर उन नींबुओं को दबा-दबाकर उसने मौसम्मी बना दिया...और रसीला भी...और आज भी उसकी वो आदत बरकरार है, सोते हुए और नहाते हुए वो आज भी उन्हे दबाना और मसलना नही भूलती..
पर अब उसकी इस परेशानी से उसे छुटकारा मिल चुका था...पहले तो केशव के द्वारा और अब शायद इनके हाथों का कमाल चलने वाला था उसके बूब्स पर...क्योंकि जिस तरह का खेल चल रहा था , उसके हिसाब से तो जल्द ही उन सबके हाथ रेंगने वाले थे उसपर..
खैर, अगली गेम शुरू हुई और पत्ते बाँटे गये...
राणा की बारी थी पहले, उसके पास इक्का ही आया था बस, उसने फ़ौरन पेक कर दिया..और साथ ही अपनी पेंट भी उतार दी, जुर्माने के तौर पर..
अब वो सिर्फ़ टी शर्ट और अंडरवीयर में बैठा था...और अंडरवीयर में उसका खड़ा हुआ लंड दूर से ही चमक रहा था, जिसे देखकर सारिका और काजल के मुँह में पानी आ गया..
अगली बारी बिल्लू की थी...और लगातार दूसरी बार भी उसके पास बेकार पत्ते ही आए...उसने तो सोचा था की शायद इस बार अच्छे पत्ते आ जाए और जीत जाए ताकि हारने वाली काजल या सारिका से अपनी मर्ज़ी का कोई भी कपड़ा उतरवा सके या कुछ और करवा सके..
उसने पत्ते फेंक दिए और अपनी पेंट उतार दी..अब वो जोक्की और बनियान में ही था बस..
सारिका ने पत्ते देखे, उसके पास 2 का पेयर था...अब इतना तो वो समझ ही चुकी थी की एक जैसे दो पत्ते आने पर वो चाल चलने लायक होते हैं, इसलिए उसने फ़ौरन हज़ार का नोट लिया और चाल चल दी..अपनी ब्रा से ढके मुम्मों से रगड़कर ..
गणेश ने पत्ते देखे, उसके पास भी कुछ खास नही था..सिर्फ़ इक्का , बादशाह और 7 नंबर थे...खेलने को वो इनपर भी खेल सकता था, पर जल्दी नंगा होकर शायद वो अपने लंड को उन सुंदरियों के सामने रखना चाहता था, इसलिए उसने भी पेक कर दिया और नीचे से पेंट उतार दी...बनियान तो उसने पहनी नही थी, इसलिए वो अब टॉपलेस होकर सिर्फ़ अपने अंडरवीयर में था..उसके कसरती जिस्म को देखकर काजल और सारिका के जिस्म से गर्मी निकल रही थी...शायद ये सोचकर की उसके मसल्स को वो अपने नाज़ुक हाथों से रगडेंगी..