11-11-2019, 08:09 PM
उसके पास भी कलर आया था...और वो भी पान का...पर जाहिर सी बात थी , दोनो के नंबर्स अलग थे...और ये बात तो तब साबित होती जब दोनो का शो होता..
गणेश ने पत्ते उठाए और देखते ही पेक कर दिया..बिल्लू का भी यही हाल था...उसके पास भी सिर्फ़ इक्का आया था और दो छोटे पत्ते...सामने से दो चाल आ चुकी थी, इसलिए उसने भी पेक कर दिया..
अब बचे थे सिर्फ़ राणा और काजल...
राणा सोचने लगा की काश कल की ही तरह वो लोग आज भी अकेले में होते तो इतने नाटक ना करने पड़ रहे होते अभी तक..सीधा अपने वाले खेल में आ चुके होते दोनो..जिसमे जीतने के बाद काजल खुश होकर खुद ही अपने कपड़े उतार कर उसके साथ मज़े ले रही थी..
मज़े लेने के मूड में तो वो आज भी थी..और वो तो हमेशा से ही तैयार रहता था..पर बिल्लू और गणेश के सामने वो कैसे करे, यही पंगा था..और उपर से सारिका भी साथ मे थी ...ऐसे मे आज की रात कुछ भी कल जैसा होना मुश्किल सा लग रहा था उसे..
पर वो नही जानता था की काजल के दिमाग़ में क्या चल रहा है..पैसे जीतना आज काजल की मंशा नही थी..आज की रात तो वो कल की रात से भी ज़्यादा मज़े लेना चाहती थी..और वो भी सब के साथ..क्योंकि कल की ताज़ा चुदी चूत में एक बार फिर से खुजली होनी शुरू हो चुकी थी...और वो ये सोच रही थी की जब केशव के अकेले लंड ने उसे इतने मज़े दिए हैं तो इन तीनो के लंड मिलकर उसे कितना मज़ा देंगे..
इसलिए उसने अपनी योजना को अंजाम तक ले जाने के लिए अपने जलवे बिखेरने शुरू कर दिए..
और उसने हज़ार के 2 नोट लेकर एक बार फिर से अपनी टॉप के अंदर डाला और अच्छी तरह से घुमा कर उन्हे नीचे फेंक दिया..
गणेश ने पत्ते उठाए और देखते ही पेक कर दिया..बिल्लू का भी यही हाल था...उसके पास भी सिर्फ़ इक्का आया था और दो छोटे पत्ते...सामने से दो चाल आ चुकी थी, इसलिए उसने भी पेक कर दिया..
अब बचे थे सिर्फ़ राणा और काजल...
राणा सोचने लगा की काश कल की ही तरह वो लोग आज भी अकेले में होते तो इतने नाटक ना करने पड़ रहे होते अभी तक..सीधा अपने वाले खेल में आ चुके होते दोनो..जिसमे जीतने के बाद काजल खुश होकर खुद ही अपने कपड़े उतार कर उसके साथ मज़े ले रही थी..
मज़े लेने के मूड में तो वो आज भी थी..और वो तो हमेशा से ही तैयार रहता था..पर बिल्लू और गणेश के सामने वो कैसे करे, यही पंगा था..और उपर से सारिका भी साथ मे थी ...ऐसे मे आज की रात कुछ भी कल जैसा होना मुश्किल सा लग रहा था उसे..
पर वो नही जानता था की काजल के दिमाग़ में क्या चल रहा है..पैसे जीतना आज काजल की मंशा नही थी..आज की रात तो वो कल की रात से भी ज़्यादा मज़े लेना चाहती थी..और वो भी सब के साथ..क्योंकि कल की ताज़ा चुदी चूत में एक बार फिर से खुजली होनी शुरू हो चुकी थी...और वो ये सोच रही थी की जब केशव के अकेले लंड ने उसे इतने मज़े दिए हैं तो इन तीनो के लंड मिलकर उसे कितना मज़ा देंगे..
इसलिए उसने अपनी योजना को अंजाम तक ले जाने के लिए अपने जलवे बिखेरने शुरू कर दिए..
और उसने हज़ार के 2 नोट लेकर एक बार फिर से अपनी टॉप के अंदर डाला और अच्छी तरह से घुमा कर उन्हे नीचे फेंक दिया..