11-11-2019, 07:55 PM
''आआआआआआआआआआआआआआअहह ................ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ......... आआआआआआआआअहह ..... ओह केशव ................... म्*म्म्ममममममममममममममममममममम ''
हल्का दर्द भी हुआ काजल को...आख़िर उसकी सील जो टूटी थी अंदर से...और खून की दो बूँद भी टपक गयी बाहर...जो सीधा जाकर गिरी जीते हुए हज़ार के नोट पर...
थोड़ी देर तक ऐसे ही खड़ा रहा केशव...और फिर उसने झुक कर काजल की पीठ को चूम लिया...और फिर धीरे से अपने लंड को बाहर खींचा...और फिर वैसे ही धीरे-2 वापिस अंदर डाल दिया...
ये घिसाई का एहसास काजल को अंदर तक हिला गया....ऐसा सेंसेशन तो उसने आज से पहले कभी महसूस नही किया था....ऐसा लग रहा था की उसके अंदर रेशम से बनी कोई चीज़ फिसल रही है...उसकी गुदगुदाहट को महसूस करके वो अपना वो थोड़ा बहुत दर्द भी भूल गयी...और फिर से अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी...
''उम्म्म्ममममममममममम येस्स्स्स ............ ओह केशव ...... बहुत अक्चा लग रहा है ............ अहहsssssssssssssssssssssss ...क्या फीलिंग है .......... आई एम लविंग इट ................ उम्म्म्मममममममम .....करते रहो .... ऐसे ही ....''
पहली बार में ही जैसे काजल को चस्का लग गया चुदाई का...उसका मन कर रहा था की वो जिंदगी भर ऐसे ही लेटी रहे और केशव पीछे से उसकी चूत मारता रहे...
पर ऐसा हो सकता तो दुनिया के सारे लड़के-लड़कियाँ इसी काम मे लगे रहते...उपर वाले ने आख़िर झड़ने का भी रूल बनाया है...अगर सेक्स करने के बाद कोई झड़े नही तो कितने भी घंटे या दिनों तक लगे रहते ये कोई नही जानता...
और इस समय अपने लंड पर झड़ने का दबाव केशव महसूस कर रहा था...क्योंकि काजल की करारी चूत थी ही इतनी कसी हुई की वो उसके लंड को निचोड़ सा रही थी...
इसलिए वो हर एंगल से मज़े लेना चाहता था....उसने काजल की चूत से लंड बाहर खींच लिया...काजल को तो लगा जैसे किसी ने उसकी जान ही निकाल ली है...वो उसको वापिस अंदर लेने के लिए तड़प सी उठी...
केशव ने उसको पीठ के बल लिटा दिया और उसकी दोनो टांगे खोल दी...और अपने लंड को बीच मे रखकर उसके उपर झुक गया...केशव का लंड एक बार फिर से सरसराता हुआ उसके अंदर प्रवेश कर गया...और आनंद मे भरकर काजल की आँखे अपने आप बंद हो गयी...उसने अपनी दोनो टांगे फेला दी..और अपने हाथ भी दोनो दिशा मे फेला कर अपने आप को केशव के सामने पूरा खोल कर रख दिया..
केशव भी उसके सेक्स से भरे चेहरे को देखता हुआ, उसे चूमता हुआ, ज़ोर-2 से झटके मारने लगा...
हल्का दर्द भी हुआ काजल को...आख़िर उसकी सील जो टूटी थी अंदर से...और खून की दो बूँद भी टपक गयी बाहर...जो सीधा जाकर गिरी जीते हुए हज़ार के नोट पर...
थोड़ी देर तक ऐसे ही खड़ा रहा केशव...और फिर उसने झुक कर काजल की पीठ को चूम लिया...और फिर धीरे से अपने लंड को बाहर खींचा...और फिर वैसे ही धीरे-2 वापिस अंदर डाल दिया...
ये घिसाई का एहसास काजल को अंदर तक हिला गया....ऐसा सेंसेशन तो उसने आज से पहले कभी महसूस नही किया था....ऐसा लग रहा था की उसके अंदर रेशम से बनी कोई चीज़ फिसल रही है...उसकी गुदगुदाहट को महसूस करके वो अपना वो थोड़ा बहुत दर्द भी भूल गयी...और फिर से अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी...
''उम्म्म्ममममममममममम येस्स्स्स ............ ओह केशव ...... बहुत अक्चा लग रहा है ............ अहहsssssssssssssssssssssss ...क्या फीलिंग है .......... आई एम लविंग इट ................ उम्म्म्मममममममम .....करते रहो .... ऐसे ही ....''
पहली बार में ही जैसे काजल को चस्का लग गया चुदाई का...उसका मन कर रहा था की वो जिंदगी भर ऐसे ही लेटी रहे और केशव पीछे से उसकी चूत मारता रहे...
पर ऐसा हो सकता तो दुनिया के सारे लड़के-लड़कियाँ इसी काम मे लगे रहते...उपर वाले ने आख़िर झड़ने का भी रूल बनाया है...अगर सेक्स करने के बाद कोई झड़े नही तो कितने भी घंटे या दिनों तक लगे रहते ये कोई नही जानता...
और इस समय अपने लंड पर झड़ने का दबाव केशव महसूस कर रहा था...क्योंकि काजल की करारी चूत थी ही इतनी कसी हुई की वो उसके लंड को निचोड़ सा रही थी...
इसलिए वो हर एंगल से मज़े लेना चाहता था....उसने काजल की चूत से लंड बाहर खींच लिया...काजल को तो लगा जैसे किसी ने उसकी जान ही निकाल ली है...वो उसको वापिस अंदर लेने के लिए तड़प सी उठी...
केशव ने उसको पीठ के बल लिटा दिया और उसकी दोनो टांगे खोल दी...और अपने लंड को बीच मे रखकर उसके उपर झुक गया...केशव का लंड एक बार फिर से सरसराता हुआ उसके अंदर प्रवेश कर गया...और आनंद मे भरकर काजल की आँखे अपने आप बंद हो गयी...उसने अपनी दोनो टांगे फेला दी..और अपने हाथ भी दोनो दिशा मे फेला कर अपने आप को केशव के सामने पूरा खोल कर रख दिया..
केशव भी उसके सेक्स से भरे चेहरे को देखता हुआ, उसे चूमता हुआ, ज़ोर-2 से झटके मारने लगा...