11-11-2019, 06:09 PM
काजल मे इतनी भी हिम्मत नही हुई की वो उसे ऐसा करने से मना कर दे...उसके कमरे में वो राणा अपनी बेशर्मी दिखा रहा था, वो चाहती तो उसे ऐसा करने से मना कर सकती थी..खेल को छोड़ सकती थी...अपने भाई को आवाज़ देकर उपर बुला सकती थी और उसे बता सकती थी की देखो, तुम्हारा दोस्त कैसी गंदी हरकत कर रहा है...पर ये सब तो तब होता ना जब वो ऐसा करना चाहती....वो तो ऐसा सीन देखकर खुद ही उत्तेजना के शिखर पर पहुँच चुकी थी...उसकी नंगी चूत में से पानी निकल कर उसके पायजामे में गीला धब्बा बना चुका था...उसके कड़क निप्पल टी शर्ट में ड्रिल करके छेद बनाने की कोशिश कर रहे थे..और ये सब उसे इतना रोमांचित कर रहा था की वो बस यही चाह रही थी की ये सब ऐसे ही चलता रहे...कोई उन्हे डिस्टर्ब ना करे...आज बात बढ़ती है तो बड़ जाए...वो भी देखना चाहती थी की ये खेल कहाँ तक चलता है..
काजल ने अपनी ब्लाइंड चली...पर सिर्फ़ अपने मुम्मों के उपर से ही रगड़कर ...राणा की तरह अंदर डालकर नही.
राणा ने 2 ब्लाइंड ऐसे ही चल दी...काजल ने सोचा की अब फिर से चांस नही लेना चाहिए...तो उसने अपने पत्ते उठा लिए...और इस बार उसके चेहरे पर खुशी आ ही गयी...क्योंकि उसके पास कलर आया था...लाल पान का कलर..3,5,9 नंबर..
उसने 2 हज़ार उठाए..उन्हे अपने मुम्मों पर बुरी तरह से रगड़ा और नीचे फेंक दिए..
राणा समझ गया की उसके पास ढंग के पत्ते आ चुके हैं...अब वो मन ही मन उपर वाले से दुआ माँग रहा था की वो ये बाजी जीत जाए...क्योंकि ये आख़िरी प्रयास था काजल को बोतल मे उतारने का..अपनी झूटी बात का उसपर प्रभाव डालने का..
और इस बार उसने बेशर्मी का एक और परदा गिराते हुए जब अपने लंड पर नोट रगड़ा तो अपने अंडरवीयर को थोड़ा नीचे खिसका दिया...और ऐसा करते ही उसका भूरे रंग का लंड काजल की आँखो के सामने प्रकट हो गया...आधे से ज़्यादा उसने लंड को नंगा करके काजल के सामने परोस दिया..और बड़े ही आराम से उसपर नोट को रगड़कर वो ये दिखाने की कोशिश कर रहा था की वो कोई मंत्र पड़ रहा है...और फिर उसने एक और ब्लाइंड चल दी..
काजल की बारी थी..पर वो तो एकटक उसके लंड को घूरने में लगी थी.
राणा समझ गया की चिड़िया ने दाना चुग लिया है..वो बोला : "चल काजल ...अपनी चाल चल...इसे देखने के लिए तो पूरी रात पड़ी है...''
काजल झेंप गयी..उसने फिर से 2 हज़ार की चाल चल दी...वैसे ही..अपने मुम्मों से नोटों को रगड़कर..
अब राणा ने अपने पत्ते उठा लिए....और उसे ऐसा लगा की उपर वाले ने उसकी फरियाद सुन ली है..क्योंकि उसके पास एक बार फिर से सीक़वेंस आया था...7,8,9 नंबर.
काजल ने अपनी ब्लाइंड चली...पर सिर्फ़ अपने मुम्मों के उपर से ही रगड़कर ...राणा की तरह अंदर डालकर नही.
राणा ने 2 ब्लाइंड ऐसे ही चल दी...काजल ने सोचा की अब फिर से चांस नही लेना चाहिए...तो उसने अपने पत्ते उठा लिए...और इस बार उसके चेहरे पर खुशी आ ही गयी...क्योंकि उसके पास कलर आया था...लाल पान का कलर..3,5,9 नंबर..
उसने 2 हज़ार उठाए..उन्हे अपने मुम्मों पर बुरी तरह से रगड़ा और नीचे फेंक दिए..
राणा समझ गया की उसके पास ढंग के पत्ते आ चुके हैं...अब वो मन ही मन उपर वाले से दुआ माँग रहा था की वो ये बाजी जीत जाए...क्योंकि ये आख़िरी प्रयास था काजल को बोतल मे उतारने का..अपनी झूटी बात का उसपर प्रभाव डालने का..
और इस बार उसने बेशर्मी का एक और परदा गिराते हुए जब अपने लंड पर नोट रगड़ा तो अपने अंडरवीयर को थोड़ा नीचे खिसका दिया...और ऐसा करते ही उसका भूरे रंग का लंड काजल की आँखो के सामने प्रकट हो गया...आधे से ज़्यादा उसने लंड को नंगा करके काजल के सामने परोस दिया..और बड़े ही आराम से उसपर नोट को रगड़कर वो ये दिखाने की कोशिश कर रहा था की वो कोई मंत्र पड़ रहा है...और फिर उसने एक और ब्लाइंड चल दी..
काजल की बारी थी..पर वो तो एकटक उसके लंड को घूरने में लगी थी.
राणा समझ गया की चिड़िया ने दाना चुग लिया है..वो बोला : "चल काजल ...अपनी चाल चल...इसे देखने के लिए तो पूरी रात पड़ी है...''
काजल झेंप गयी..उसने फिर से 2 हज़ार की चाल चल दी...वैसे ही..अपने मुम्मों से नोटों को रगड़कर..
अब राणा ने अपने पत्ते उठा लिए....और उसे ऐसा लगा की उपर वाले ने उसकी फरियाद सुन ली है..क्योंकि उसके पास एक बार फिर से सीक़वेंस आया था...7,8,9 नंबर.