11-11-2019, 06:05 PM
राणा ने उसके पत्ते देखे..और फिर अपने पत्ते उठा लिए..और उन्हे फिर से एक बार अपने खड़े हुए लंड पर रगड़ा और खुद बिना देखे उन्हे नीचे फेंक दिया..
उसके पास 1,2,3 की सीक़वेंस आई थी...राणा को तो खुद ही विश्वास नही हुआ की उसके पास इतने बढ़िया पत्ते आए हैं...और वो भी उस वक़्त जब उसने लंड पर रगड़ने वाले टोटके का तुक्का मारा था...आज से पहले उसने ऐसा कुछ भी नही किया था...वो तो बस काजल को उकसाने के लिए और उसे अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए उसने बोल दिया था..पर वो नही जानता था की असल में वो जीत जाएगा..पर जो भी था, वो अंदर से काफ़ी खुश हो रहा था..क्योंकि अब काजल को उसकी बात पर विश्वास हो जाएगा..और वो खुलकर वो सब कर सकेगा जो उसने पहले से सोच लिया था..
काजल भी पहली बार हारकर थोड़ा मायूस थी...जब से उसने तीन पत्ती खेलना शुरू किया था, वो हारी ही नही थी..शायद ओवर कॉन्फिडेंट हो चुकी थी वो...वो सोचने लग गयी की ऐसा क्यो हुआ, क्या राणा ने जो टोटका अपनाया उसकी वजह से...वो सही भी था शायद..क्योंकि अभी तक वो खुद भी तो बिना अंडरगारमेंट्स के खेल रही थी..वो भी तो एक टोटका ही था, क्योंकि पहले जब वो केशव के साथ अंदर के कपड़े पहन कर खेली थी तो वो हारती जा रही थी..केशव ने ही उसे ये सलाह दी थी..और जब से उसने अपनी ब्रा और पेंटी उतार कर खेलना शुरू किया वो हारी ही नही..पर अब हार गयी...और वो शायद इसलिए की शायद उसका टोटका ज़्यादा भारी पड़ गया उसके उपर..
अब वो बेचारी उन बातों में इतनी अंदर तक घुस गयी थी की ये भी नही समझ पा रही थी की ये मात्र इत्तेफ़ाक़ था...ऐसे पत्तों पर किसी का भी ज़ोर नही चलता..और अभी तक सिर्फ़ और सिर्फ़ उसकी किस्मत ही उसका साथ दे रही थी..केशव ने भी सिर्फ मजे लेने के लिए उसके अंडरगारमेंट्स निकलवाए थे, और वो उसके मजे भी ले चूका था, पर बेचारी काजल समझ कर बैठी थी
राणा ने पैसे समेट लिए और गोर से उसके चेहरे को देखते हुए ये जानने की कोशिश करने लगा की काजल के दिमाग़ में चल क्या रहा है..
खेर, जब अगली गेम शुरू हुई तो राणा ने फिर से वही हरकत करनी शुरू कर दी...और इस बार तो वो और भी ज़्यादा बेशर्मी पर उतर आया..ये जानते हुए भी की काजल घूर-2 कर वहीं देख रही है, वो अपने खड़े लंड पर लाल नोटों को ज़ोर-2 से रगड़कर नीचे फेंकने लगा..
इस बार काजल ने चांस नही लिया..वो देखना चाहती थी की क्या इस बार भी राणा का टोटका काम करेगा..उसने अपने पत्ते उठा लिए..उसके पास 3 का पेयर आया था..पत्ते एक बार फिर से चाल चलने लायक थे..इसलिए उसने 2000 की चाल चल दी..पर राणा ने बिना पत्ते देखे, एक बार फिर 1000 का नोट अपने खड़े लंड पर मसल कर नीचे फेंक दिया..अब काजल फिर से घबराने लगी, क्योंकि राणा एक दम कॉन्फिडेंट होकर वो ब्लाइंड चल रहा था..जैसे वो जानता हो की उसके पास बड़िया पत्ते ही आएँगे..
अब केशव भी उसके साथ नही था, जिससे पूछ कर वो कोई डिसीसन ले सकती...उसने अपने दिल की बात मानते हुए शो माँग लिया.
उसके पास 1,2,3 की सीक़वेंस आई थी...राणा को तो खुद ही विश्वास नही हुआ की उसके पास इतने बढ़िया पत्ते आए हैं...और वो भी उस वक़्त जब उसने लंड पर रगड़ने वाले टोटके का तुक्का मारा था...आज से पहले उसने ऐसा कुछ भी नही किया था...वो तो बस काजल को उकसाने के लिए और उसे अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए उसने बोल दिया था..पर वो नही जानता था की असल में वो जीत जाएगा..पर जो भी था, वो अंदर से काफ़ी खुश हो रहा था..क्योंकि अब काजल को उसकी बात पर विश्वास हो जाएगा..और वो खुलकर वो सब कर सकेगा जो उसने पहले से सोच लिया था..
काजल भी पहली बार हारकर थोड़ा मायूस थी...जब से उसने तीन पत्ती खेलना शुरू किया था, वो हारी ही नही थी..शायद ओवर कॉन्फिडेंट हो चुकी थी वो...वो सोचने लग गयी की ऐसा क्यो हुआ, क्या राणा ने जो टोटका अपनाया उसकी वजह से...वो सही भी था शायद..क्योंकि अभी तक वो खुद भी तो बिना अंडरगारमेंट्स के खेल रही थी..वो भी तो एक टोटका ही था, क्योंकि पहले जब वो केशव के साथ अंदर के कपड़े पहन कर खेली थी तो वो हारती जा रही थी..केशव ने ही उसे ये सलाह दी थी..और जब से उसने अपनी ब्रा और पेंटी उतार कर खेलना शुरू किया वो हारी ही नही..पर अब हार गयी...और वो शायद इसलिए की शायद उसका टोटका ज़्यादा भारी पड़ गया उसके उपर..
अब वो बेचारी उन बातों में इतनी अंदर तक घुस गयी थी की ये भी नही समझ पा रही थी की ये मात्र इत्तेफ़ाक़ था...ऐसे पत्तों पर किसी का भी ज़ोर नही चलता..और अभी तक सिर्फ़ और सिर्फ़ उसकी किस्मत ही उसका साथ दे रही थी..केशव ने भी सिर्फ मजे लेने के लिए उसके अंडरगारमेंट्स निकलवाए थे, और वो उसके मजे भी ले चूका था, पर बेचारी काजल समझ कर बैठी थी
राणा ने पैसे समेट लिए और गोर से उसके चेहरे को देखते हुए ये जानने की कोशिश करने लगा की काजल के दिमाग़ में चल क्या रहा है..
खेर, जब अगली गेम शुरू हुई तो राणा ने फिर से वही हरकत करनी शुरू कर दी...और इस बार तो वो और भी ज़्यादा बेशर्मी पर उतर आया..ये जानते हुए भी की काजल घूर-2 कर वहीं देख रही है, वो अपने खड़े लंड पर लाल नोटों को ज़ोर-2 से रगड़कर नीचे फेंकने लगा..
इस बार काजल ने चांस नही लिया..वो देखना चाहती थी की क्या इस बार भी राणा का टोटका काम करेगा..उसने अपने पत्ते उठा लिए..उसके पास 3 का पेयर आया था..पत्ते एक बार फिर से चाल चलने लायक थे..इसलिए उसने 2000 की चाल चल दी..पर राणा ने बिना पत्ते देखे, एक बार फिर 1000 का नोट अपने खड़े लंड पर मसल कर नीचे फेंक दिया..अब काजल फिर से घबराने लगी, क्योंकि राणा एक दम कॉन्फिडेंट होकर वो ब्लाइंड चल रहा था..जैसे वो जानता हो की उसके पास बड़िया पत्ते ही आएँगे..
अब केशव भी उसके साथ नही था, जिससे पूछ कर वो कोई डिसीसन ले सकती...उसने अपने दिल की बात मानते हुए शो माँग लिया.