11-11-2019, 11:30 AM
राणा की नज़रें गेम से ज़्यादा काजल का शरीर नापने मे लगी थी...वो उसके हर अंग को अपनी आँखों से चोद रहा था...अपने होंठों पर जीभ फिराता हुआ राणा भूखी नज़रों से काजल को घूरे जा रहा था..वो सोचने लगा की काश इस वक़्त काजल बिना कपड़ों के उसके सामने बैठी होती , वो तो अपनी सारी दौलत लुटा देता उसके उपर..
वैसे भी बिना ब्रा के वो लगभग नंगी हालत मे ही थी...क्योंकि काफ़ी गोर से देखने पर उसके उभारों के उपर हल्के-2 भूरे रंग के निप्पल सॉफ दिखाई दे रहे थे...पर शायद इस बात का काजल और केशव को एहसास नही था, क्योंकि पास से देखने मे कुछ नही दिख रहा था, दूर बैठे राणा को वो साफ़ दिख रहा था, शायद कपड़े के रंग की वजह से ऐसा था. वैसे एक बात और भी है, ऐसे ठरकी लोगों को अंदर तक का सामान दिख ही जाता है, लड़कियां कितना भी छुपाना चाहे, ठरकी लड़के उनके कपड़े भेदकर सब पता लगा लेते हैं, और यहाँ तो काजल खुल्लम खुला सब दिखती हुई सी बैठी थी , वो भला कैसे बच पाती रना की चुदासी भरी नजरों से
और इधर केशव और काजल भी अपनी खुशी कंट्रोल नही कर पा रहे थे...उनके पास पत्ते आए ही ऐसे थे..केशव तो पुराना खिलाड़ी था, इसलिए उसने खुशी के भाव चेहरे पर नही आने दिए, पर काजल के चेहरे की चमक बता रही थी की इस बार भी उसका जलवा चलने वाला है..
केशव ने भी 4000 की चाल चल दी..
अब राणा को भी पत्ते उठाने ही पड़े, क्योंकि जिसके लिए वो पैसे लूटा रहा था वो तो खुद ही चाल चल बैठी थी.
उसने अपने पत्ते देखे...और जीवन को भी दिखाए...भले ही उसने पहले उसकी हेल्प लेने से मना कर दिया था, पर २-२ चाल आने के बाद उसने जीवन की सलाह लेनी ही उचित समझी , पत्ते तो उनके पास अच्छे ही आए थे...कुछ देर सोचने के बाद जीवन ने उसे चाल चलने के लिए कहा...शायद ये सोचकर की काजल के पास कुछ खास नही होगा..और ना ही बिल्लू के पास...
यहाँ राणा एक बार फिर से काजल को इंप्रेस करने के चक्कर मे चाल को डबल करते हुए 8000 पर ले गया, अब बारी फिर से बिल्लू की थी...उसके पास पत्ते तो काफ़ी जबरदस्त थे, पर एक प्राब्लम भी थी...वो आज के लिए सिर्फ़ 30 हज़ार रुपय ही लाया था घर से...अगर ऐसी 2-3 चाले और चलनी पड़ी तो वो आगे खेल ही नही पाएगा..पर फिर भी एक चाल और चलनी तो बनती ही थी...ये सोचकर की शायद सामने से कोई पीछे हट जाए और वो दूसरे से शो माँग ले, ऐसे मे जितने भी आ जाएँ, वही बहुत है.
पर हर जुवारी यहीं ग़लती कर देता है और हारता चला जाता है.
वैसे भी बिना ब्रा के वो लगभग नंगी हालत मे ही थी...क्योंकि काफ़ी गोर से देखने पर उसके उभारों के उपर हल्के-2 भूरे रंग के निप्पल सॉफ दिखाई दे रहे थे...पर शायद इस बात का काजल और केशव को एहसास नही था, क्योंकि पास से देखने मे कुछ नही दिख रहा था, दूर बैठे राणा को वो साफ़ दिख रहा था, शायद कपड़े के रंग की वजह से ऐसा था. वैसे एक बात और भी है, ऐसे ठरकी लोगों को अंदर तक का सामान दिख ही जाता है, लड़कियां कितना भी छुपाना चाहे, ठरकी लड़के उनके कपड़े भेदकर सब पता लगा लेते हैं, और यहाँ तो काजल खुल्लम खुला सब दिखती हुई सी बैठी थी , वो भला कैसे बच पाती रना की चुदासी भरी नजरों से
और इधर केशव और काजल भी अपनी खुशी कंट्रोल नही कर पा रहे थे...उनके पास पत्ते आए ही ऐसे थे..केशव तो पुराना खिलाड़ी था, इसलिए उसने खुशी के भाव चेहरे पर नही आने दिए, पर काजल के चेहरे की चमक बता रही थी की इस बार भी उसका जलवा चलने वाला है..
केशव ने भी 4000 की चाल चल दी..
अब राणा को भी पत्ते उठाने ही पड़े, क्योंकि जिसके लिए वो पैसे लूटा रहा था वो तो खुद ही चाल चल बैठी थी.
उसने अपने पत्ते देखे...और जीवन को भी दिखाए...भले ही उसने पहले उसकी हेल्प लेने से मना कर दिया था, पर २-२ चाल आने के बाद उसने जीवन की सलाह लेनी ही उचित समझी , पत्ते तो उनके पास अच्छे ही आए थे...कुछ देर सोचने के बाद जीवन ने उसे चाल चलने के लिए कहा...शायद ये सोचकर की काजल के पास कुछ खास नही होगा..और ना ही बिल्लू के पास...
यहाँ राणा एक बार फिर से काजल को इंप्रेस करने के चक्कर मे चाल को डबल करते हुए 8000 पर ले गया, अब बारी फिर से बिल्लू की थी...उसके पास पत्ते तो काफ़ी जबरदस्त थे, पर एक प्राब्लम भी थी...वो आज के लिए सिर्फ़ 30 हज़ार रुपय ही लाया था घर से...अगर ऐसी 2-3 चाले और चलनी पड़ी तो वो आगे खेल ही नही पाएगा..पर फिर भी एक चाल और चलनी तो बनती ही थी...ये सोचकर की शायद सामने से कोई पीछे हट जाए और वो दूसरे से शो माँग ले, ऐसे मे जितने भी आ जाएँ, वही बहुत है.
पर हर जुवारी यहीं ग़लती कर देता है और हारता चला जाता है.