11-11-2019, 11:26 AM
अब सिर्फ़ राणा और केशव बचे थे बीच में .
केशव भी जानता था की ब्लाइंड खेलकर जीवन शायद उनको डराना चाहता है...पर अभी के लिए वो कोई और रिस्क नही लेना चाहता था..क्योंकि उसका लक यानी काजल जो नही थी उसके साथ..
उसने अपने पत्ते उठा लिए..
उसके पास सबसे बड़ा पत्ता बेगम थी.
वो काफ़ी देर तक सोचता रहा और फिर उसने 4000 बीच मे फेंककर शो माँग लिया..
राणा ने जीवन की तरफ देखा..और उसे पत्ते उठाने के लिए कहा..
जब वो पत्ते उठा रहा था तो केशव और बिल्ली बड़े गोर से उसे देख रहे थे, की कहीं वो बीच मे अपनी हाथ की सफाई दिखा कर पत्ते ना बदल डाले..पर ऐसा कुछ हुआ नही..क्योंकि पत्तो को अपने सामने खिसकाने के बाद जीवन ने एक-2 करते हुए अपने पत्ते सामने फेंकने शुरू कर दिए.
पहला पत्ता था 10 नंबर..
दूसरा था 3 नंबर..
ये दोनो पत्ते देखकर तो केशव को यकीन सा होने लगा की आज वो बिना काजल के भी जीत सकता है...क्योंकि बीच मे लगभग 10 हज़ार रुपय थे..
पर जैसे ही जीवन ने आख़िरी पत्ता फेंका, केशव का चेहरा उतार गया.
वो बादशाह था.
केशव ने भी बुरा सा मुँह बनाते हुए अपने पत्ते ज़ोर से पटक दिए..सिर्फ़ एक पत्ते से हारा था वो..गुस्सा आना तो लाजमी
और केशव से ज़्यादा गुस्सा तो गणेश को आ रहा था अपने उपर...क्योंकि उसके पास पेयर था और उसके बावजूद उसने पैक कर दिया था. अगर उसने पैक नहीं किया होता तो वो ये बाजी जीत चुका होता
पर अब कुछ नही हो सकता था..
अगली गेम की तैयारी होने लगी...
गणेश पत्तों को ज़ोर-2 से पीटने लगा , शायद अपना गुस्सा उनपर उतार रहा था वो.
और जैसे ही वो पत्ते बाँटने लगा, पीछे से काजल की सुरीली आवाज़ आई
''आज मेरे बिना ही खेल शुरू कर दिया आप लोगो ने..
केशव भी जानता था की ब्लाइंड खेलकर जीवन शायद उनको डराना चाहता है...पर अभी के लिए वो कोई और रिस्क नही लेना चाहता था..क्योंकि उसका लक यानी काजल जो नही थी उसके साथ..
उसने अपने पत्ते उठा लिए..
उसके पास सबसे बड़ा पत्ता बेगम थी.
वो काफ़ी देर तक सोचता रहा और फिर उसने 4000 बीच मे फेंककर शो माँग लिया..
राणा ने जीवन की तरफ देखा..और उसे पत्ते उठाने के लिए कहा..
जब वो पत्ते उठा रहा था तो केशव और बिल्ली बड़े गोर से उसे देख रहे थे, की कहीं वो बीच मे अपनी हाथ की सफाई दिखा कर पत्ते ना बदल डाले..पर ऐसा कुछ हुआ नही..क्योंकि पत्तो को अपने सामने खिसकाने के बाद जीवन ने एक-2 करते हुए अपने पत्ते सामने फेंकने शुरू कर दिए.
पहला पत्ता था 10 नंबर..
दूसरा था 3 नंबर..
ये दोनो पत्ते देखकर तो केशव को यकीन सा होने लगा की आज वो बिना काजल के भी जीत सकता है...क्योंकि बीच मे लगभग 10 हज़ार रुपय थे..
पर जैसे ही जीवन ने आख़िरी पत्ता फेंका, केशव का चेहरा उतार गया.
वो बादशाह था.
केशव ने भी बुरा सा मुँह बनाते हुए अपने पत्ते ज़ोर से पटक दिए..सिर्फ़ एक पत्ते से हारा था वो..गुस्सा आना तो लाजमी
और केशव से ज़्यादा गुस्सा तो गणेश को आ रहा था अपने उपर...क्योंकि उसके पास पेयर था और उसके बावजूद उसने पैक कर दिया था. अगर उसने पैक नहीं किया होता तो वो ये बाजी जीत चुका होता
पर अब कुछ नही हो सकता था..
अगली गेम की तैयारी होने लगी...
गणेश पत्तों को ज़ोर-2 से पीटने लगा , शायद अपना गुस्सा उनपर उतार रहा था वो.
और जैसे ही वो पत्ते बाँटने लगा, पीछे से काजल की सुरीली आवाज़ आई
''आज मेरे बिना ही खेल शुरू कर दिया आप लोगो ने..