11-11-2019, 11:23 AM
केशव ने सोचा, ये साला मेरे साथ पार्टनरशिप की बातें कर रहा है..ये इतना भी नही जानता की उसके साथ काजल है, और उसकी किस्मत में तो हारना लिखा भी नही है..
पर अच्छी से अच्छी किस्मत भी साथ नही देती अगर जीवन हाथ की सफाई दिखाकर जुआ खेलने पर आ गया..ऐसे मे पार्टनरशिप करके कम से कम नुकसान झेलना पड़ेगा..
काफ़ी देर तक सोचने के बाद केशव बोला : "मुझे लगता है तू सही कह रहा है...हमे भी पार्टनरशिप कर लेनी चाहिए...''
इतना कहकर उसने बिल्लू से हाथ मिलाया और कुछ और बाते करके बिल्लू चला गया..
और जब बिल्लू बाहर जा रहा था तो उपर से सारिका और काजल नीचे उतर रही थी...उन दोनो को एक साथ देखकर उसके लंड में खुजली सी होने लगी..वो वहीं रुक गया और उपर से नीचे आ रही काजल और सारिका के उछलते हुए मुम्मे देखकर ठंडी आहें भरने लगा.
बिल्लू : "अरे वाह काजल ...लगता है पुरानी सहेलियो में फिर से दोस्ती हो गयी है...अच्छी जोड़ी लग रही है तुम दोनो की...''
उसकी ठरकी नज़रों को सारिका अच्छी तरह से पहचानती थी..क्योंकि वो बात तो काजल से कर रहा था पर उसकी नज़रें उसकी छातियों पर थी...और उसके उभरे हुए निप्पल्स देख कर वो उत्तेजित हो रहा था...शायद काजल जल्दबाज़ी मे बिना ब्रा के नीचे आ गयी थी..
अब सारिका को क्या पता था की बिना ब्रा के तो वो पिछले 2 दीनो से घूम रही है बिल्लू और गणेश के सामने..
काजल : "अब नज़र मत लगाओ हमारी दोस्ती को तुम....''
और इतना कहती हुई वो उसकी बगल से निकल कर अंदर की तरफ चल दी.
और जब सारिका बिल्लू के पास से निकलने लगी तो बिल्लू फुसफुसाकर बोला : "भर गयी हो पहले से ज़्यादा...''
ऐसी फब्तियाँ तो वो कई बार कस चुका था उसके उपर, जब भी वो गली से निकलती थी...पर वो तब भी उसको कुछ नही बोल पाती थी और ना ही अब बोल पाई..
इसका ये मतलब नही था की वो डरती थी..बल्कि अंदर ही अंदर उसको ये सब अच्छा लगता था..अब हर लड़की तो खुलकर नही बोल पाती ना की उसे भी ये छेड़छाड़ पसंद है...बस मुँह फिरा कर आगे निकल जाती...और अपने पीछे घूमने वाले छिछोरे लड़को में एक और नाम शामिल कर लेती..
बिल्लू के जाने के कुछ देर बाद सारिका भी चली गयी...वैसे भी उसको काफ़ी देर हो चुकी थी.
पर अच्छी से अच्छी किस्मत भी साथ नही देती अगर जीवन हाथ की सफाई दिखाकर जुआ खेलने पर आ गया..ऐसे मे पार्टनरशिप करके कम से कम नुकसान झेलना पड़ेगा..
काफ़ी देर तक सोचने के बाद केशव बोला : "मुझे लगता है तू सही कह रहा है...हमे भी पार्टनरशिप कर लेनी चाहिए...''
इतना कहकर उसने बिल्लू से हाथ मिलाया और कुछ और बाते करके बिल्लू चला गया..
और जब बिल्लू बाहर जा रहा था तो उपर से सारिका और काजल नीचे उतर रही थी...उन दोनो को एक साथ देखकर उसके लंड में खुजली सी होने लगी..वो वहीं रुक गया और उपर से नीचे आ रही काजल और सारिका के उछलते हुए मुम्मे देखकर ठंडी आहें भरने लगा.
बिल्लू : "अरे वाह काजल ...लगता है पुरानी सहेलियो में फिर से दोस्ती हो गयी है...अच्छी जोड़ी लग रही है तुम दोनो की...''
उसकी ठरकी नज़रों को सारिका अच्छी तरह से पहचानती थी..क्योंकि वो बात तो काजल से कर रहा था पर उसकी नज़रें उसकी छातियों पर थी...और उसके उभरे हुए निप्पल्स देख कर वो उत्तेजित हो रहा था...शायद काजल जल्दबाज़ी मे बिना ब्रा के नीचे आ गयी थी..
अब सारिका को क्या पता था की बिना ब्रा के तो वो पिछले 2 दीनो से घूम रही है बिल्लू और गणेश के सामने..
काजल : "अब नज़र मत लगाओ हमारी दोस्ती को तुम....''
और इतना कहती हुई वो उसकी बगल से निकल कर अंदर की तरफ चल दी.
और जब सारिका बिल्लू के पास से निकलने लगी तो बिल्लू फुसफुसाकर बोला : "भर गयी हो पहले से ज़्यादा...''
ऐसी फब्तियाँ तो वो कई बार कस चुका था उसके उपर, जब भी वो गली से निकलती थी...पर वो तब भी उसको कुछ नही बोल पाती थी और ना ही अब बोल पाई..
इसका ये मतलब नही था की वो डरती थी..बल्कि अंदर ही अंदर उसको ये सब अच्छा लगता था..अब हर लड़की तो खुलकर नही बोल पाती ना की उसे भी ये छेड़छाड़ पसंद है...बस मुँह फिरा कर आगे निकल जाती...और अपने पीछे घूमने वाले छिछोरे लड़को में एक और नाम शामिल कर लेती..
बिल्लू के जाने के कुछ देर बाद सारिका भी चली गयी...वैसे भी उसको काफ़ी देर हो चुकी थी.