11-11-2019, 11:22 AM
बिल्लू : "भाई, मैने भी यही बोला था राणा को, की अगर आना है तो अकेले आना, किसी को साथ मे लेकर जुआ खेलने का कोई रूल नही है अपनी गेंग मे..पर भाई, काजल और आप भी तो ऐसे हो, इसलिए मैंने ज्यादा जोर नहीं दिया ''
केशव : "फिर, क्या बोला वो हरामी...''
बिल्लू : "बोलना क्या था भाई...सॉफ माना कर दिया...बोला, मेरे को चूतिया बना कर आजतक जीतने लोगो ने मेरा पैसा जीतना था वो जीत लिया...अब मेरे साथ खेलना है तो जीवन मेरे साथ रहेगा...जमता है तो बोलो...वरना रहने दो..''
केशव : "वो साला इतना अकलमंद लगता तो नही है....इसमे ज़रूर जीवन का कुछ किया धरा होगा...वरना उसे क्या पड़ी थी की अपने साथ जीवन को लेकर घूमता...''
बिल्लू : "भाई, आप समझे नही...राणा ने जीवन के साथ 50-50 की पार्टनरशिप कर रखी है...जो भी जीत का माल होगा, उसमे से दोनो मिलकर शेयर करेंगे...अब जीवन को जितना भी मिल रहा है, उसके लिए बहुत है...वैसे भी उसके साथ कोई जुआ नही खेलता..और दूसरी तरफ राणा के लिए भी फायदे का सौदा है...सुना है जब से उसने जीवन को साथ मे लिया है, वो हारा नही है अब तक...हमेशा जीतकर ही निकला है...अब पैसे जाने से अच्छा तो आने लगे है उसके पास...उसे भी ये पार्टनरशिप सही लग रही है...''
केशव गहरी सोच मे डूब गया..
केशव : "तो तू क्या चाहता है अब...''
बिल्लू (धीरे से) : "देखो भाई....मै यहाँ सिर्फ़ एक बात बोलने आया हू...अगर आप कहो तो राणा को हाँ बोल दू ..अगर ऐसा हो जाता है तो वो जीवन के साथ आएगा और वो दोनो मिलकर बैठेंगे..ऐसे मे अगर हम दोनो भी मिलकर खेले...मतलब दूसरो के लिए हम अलग ही होंगे...पर आपस मे हमारी भी पार्टनरशिप होगी...तो हम दोनो मिलकर उसे और गणेश को भी आसानी से हरा सकते हैं...''
केशव : "फिर, क्या बोला वो हरामी...''
बिल्लू : "बोलना क्या था भाई...सॉफ माना कर दिया...बोला, मेरे को चूतिया बना कर आजतक जीतने लोगो ने मेरा पैसा जीतना था वो जीत लिया...अब मेरे साथ खेलना है तो जीवन मेरे साथ रहेगा...जमता है तो बोलो...वरना रहने दो..''
केशव : "वो साला इतना अकलमंद लगता तो नही है....इसमे ज़रूर जीवन का कुछ किया धरा होगा...वरना उसे क्या पड़ी थी की अपने साथ जीवन को लेकर घूमता...''
बिल्लू : "भाई, आप समझे नही...राणा ने जीवन के साथ 50-50 की पार्टनरशिप कर रखी है...जो भी जीत का माल होगा, उसमे से दोनो मिलकर शेयर करेंगे...अब जीवन को जितना भी मिल रहा है, उसके लिए बहुत है...वैसे भी उसके साथ कोई जुआ नही खेलता..और दूसरी तरफ राणा के लिए भी फायदे का सौदा है...सुना है जब से उसने जीवन को साथ मे लिया है, वो हारा नही है अब तक...हमेशा जीतकर ही निकला है...अब पैसे जाने से अच्छा तो आने लगे है उसके पास...उसे भी ये पार्टनरशिप सही लग रही है...''
केशव गहरी सोच मे डूब गया..
केशव : "तो तू क्या चाहता है अब...''
बिल्लू (धीरे से) : "देखो भाई....मै यहाँ सिर्फ़ एक बात बोलने आया हू...अगर आप कहो तो राणा को हाँ बोल दू ..अगर ऐसा हो जाता है तो वो जीवन के साथ आएगा और वो दोनो मिलकर बैठेंगे..ऐसे मे अगर हम दोनो भी मिलकर खेले...मतलब दूसरो के लिए हम अलग ही होंगे...पर आपस मे हमारी भी पार्टनरशिप होगी...तो हम दोनो मिलकर उसे और गणेश को भी आसानी से हरा सकते हैं...''