11-11-2019, 10:24 AM
काजल भी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा उठी...वैसे भी गणेश उसको शुरू से ही आकर्षक लगता था...उसकी डील डोल सबसे अलग थी...और शायद ये सोचकर की उसका लंड भी ऐसा होगा...वो अंदर से सिहर उठी.
जाते-2 बिल्लू एकदम से पलटा और बोला : "केशव...अगर तू कहे तो कल हम राणा को भी लेते आए....उसका फोन आया था आज सुबह और बोल रहा था खेलने के लिए...मैने तो बोल दिया की आजकल हम केशव के घर बैठते है...पर वो अगर कहेगा तभी आने के लिए कहूँगा ..''
केशव कुछ देर के लिए सोच मे पड़ गया..
राणा उनका पुराना साथी था...और एक नंबर का हरामी भी...लड़कियों को चोदने और उनके बारे मे बात करना, बस यही काम था उसका...एक-दो बार केशव ने उसके मुँह से काजल के बारे में सुन लिया था, कहासुनी भी हुई थी दोनों में, तबसे वो उसके साथ दूरी बनाकर रखता था...और ये बात सभी को मालूम थी..
पर जुआ खेलने मे वो एक नंबर का अनाड़ी था..चाल कब और कैसे चलनी है, इसका उसे अंदाज़ा नही था...उसे बस उपर के खेल की जानकारी थी..जैसी जानकारी काजल को थी..ठीक वैसी ही...
पर वो खुलकर पैसे लगाता था अपनी हर गेम में ...और आज जिस तरह से केशव के हाथ जुआ जीतने का मंत्र हाथ लगा था, उसके बाद तो ऐसे ही जुआरियों के साथ जुआ खेलने का मज़ा आता है
उसने हां दी...
उनके जाने के बाद काजल ने पूछा : "ये राणा कौन है...?''
केशव : "वो कल ही देख लेना...इनकी तरह ही एक दोस्त है वो भी...पर ज़्यादा खेलना नही आता उसको..''
काजल : "पर आज मज़ा बहुत आया केशव...इतने पैसे जीत गये हम....ये देखो...''
उसने अपनी गांड के नीचे से नोटो की गड्डी निकाल कर दिखाई...जो अच्छी तरह से दबने के बाद सीधे हो चुके थे..केशव भी उन नोटो की गर्मी से ये अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहा था की ये असल मे कौनसी गर्मी है...उसकी बहन की गांड की या हरे-2 नोटों की..
जाते-2 बिल्लू एकदम से पलटा और बोला : "केशव...अगर तू कहे तो कल हम राणा को भी लेते आए....उसका फोन आया था आज सुबह और बोल रहा था खेलने के लिए...मैने तो बोल दिया की आजकल हम केशव के घर बैठते है...पर वो अगर कहेगा तभी आने के लिए कहूँगा ..''
केशव कुछ देर के लिए सोच मे पड़ गया..
राणा उनका पुराना साथी था...और एक नंबर का हरामी भी...लड़कियों को चोदने और उनके बारे मे बात करना, बस यही काम था उसका...एक-दो बार केशव ने उसके मुँह से काजल के बारे में सुन लिया था, कहासुनी भी हुई थी दोनों में, तबसे वो उसके साथ दूरी बनाकर रखता था...और ये बात सभी को मालूम थी..
पर जुआ खेलने मे वो एक नंबर का अनाड़ी था..चाल कब और कैसे चलनी है, इसका उसे अंदाज़ा नही था...उसे बस उपर के खेल की जानकारी थी..जैसी जानकारी काजल को थी..ठीक वैसी ही...
पर वो खुलकर पैसे लगाता था अपनी हर गेम में ...और आज जिस तरह से केशव के हाथ जुआ जीतने का मंत्र हाथ लगा था, उसके बाद तो ऐसे ही जुआरियों के साथ जुआ खेलने का मज़ा आता है
उसने हां दी...
उनके जाने के बाद काजल ने पूछा : "ये राणा कौन है...?''
केशव : "वो कल ही देख लेना...इनकी तरह ही एक दोस्त है वो भी...पर ज़्यादा खेलना नही आता उसको..''
काजल : "पर आज मज़ा बहुत आया केशव...इतने पैसे जीत गये हम....ये देखो...''
उसने अपनी गांड के नीचे से नोटो की गड्डी निकाल कर दिखाई...जो अच्छी तरह से दबने के बाद सीधे हो चुके थे..केशव भी उन नोटो की गर्मी से ये अंदाज़ा लगाने की कोशिश कर रहा था की ये असल मे कौनसी गर्मी है...उसकी बहन की गांड की या हरे-2 नोटों की..