11-11-2019, 10:18 AM
काजल एक दम से चिहुंक उठी...ये उसके भाई का सीधा और प्रहार था उसके स्तनों पर...जिसे महसूस करके उसका बदन भी ऐंठने लगा..
काजल फुसफुसाई : "छोड़ो केशव....वो बाहर ही बैठे हैं...कोई अंदर ना आ जाए ...छोड़ो ना...ये कर क्या रहे हो तुम....''
केशव ने भी शरारत भरी मुस्कान से कहा : "मूँगफली ढूँढ रहा हू ...''
और इतना कहते-2 उसने काजल के दोनो निप्पल पकड़ कर ज़ोर से भींच दिए..
और बोला : "मिल गयी मूँगफलियाँ....''
काजल कसमसाकर बोली : "कमीने हो तुम एक नंबर के....जाओ अभी बाहर...ये मूँगफलियाँ रात को मिलेंगी...''
केशव बेचारा बेमन से बाहर निकल आया..पर ये सांत्वना भी थी की आज रात को ज़रूर कुछ ख़ास होकर रहेगा..
केशव के आने के एक मिनट के अंदर ही काजल भी आ गयी...और आदत के अनुसार बिल्लू और गणेश की नज़रें फिर से एक बार उसके निप्पल्स पर चली गयी...और इस बार उन्हे ये देखकर और भी आश्चर्य हुआ की वो तो पहले से भी बड़े दिख रहे थे...ऐसा क्या हो गया काजल को एकदम से...ऐसा तो तब होता है जब लड़की पूरी तरह से उत्तेजित होती है...
तो क्या काजल उन्हे देखकर ही उत्तेजित हो रही है...
क्योंकि मूँगफली की प्लेट नीचे रखते हुए वो जिस तरीके से उन्हे देख रही थी...सॉफ पता चल रहा था की वो भी उनमे इंटरस्ट ले रही है...
उन दोनो के लंड तो खड़े होकर बग़ावत करने लगे...
खेल की माँ की चूत ...उन्हे तो बस काजल मिल जाए इस वक़्त, वो अपने सारे पैसे ऐसे ही उसे देने के लिए तैयार थे...
पर काजल तो अलग ही दुनिया में थी...उनके मन मे क्या चल रहा है इस बात से भी अंजान..
और इस बार काजल ने पत्ते बाँटने शुरू किए...और वो बेचारे बेमन से अगली गेम खेलने लगे..
काजल फुसफुसाई : "छोड़ो केशव....वो बाहर ही बैठे हैं...कोई अंदर ना आ जाए ...छोड़ो ना...ये कर क्या रहे हो तुम....''
केशव ने भी शरारत भरी मुस्कान से कहा : "मूँगफली ढूँढ रहा हू ...''
और इतना कहते-2 उसने काजल के दोनो निप्पल पकड़ कर ज़ोर से भींच दिए..
और बोला : "मिल गयी मूँगफलियाँ....''
काजल कसमसाकर बोली : "कमीने हो तुम एक नंबर के....जाओ अभी बाहर...ये मूँगफलियाँ रात को मिलेंगी...''
केशव बेचारा बेमन से बाहर निकल आया..पर ये सांत्वना भी थी की आज रात को ज़रूर कुछ ख़ास होकर रहेगा..
केशव के आने के एक मिनट के अंदर ही काजल भी आ गयी...और आदत के अनुसार बिल्लू और गणेश की नज़रें फिर से एक बार उसके निप्पल्स पर चली गयी...और इस बार उन्हे ये देखकर और भी आश्चर्य हुआ की वो तो पहले से भी बड़े दिख रहे थे...ऐसा क्या हो गया काजल को एकदम से...ऐसा तो तब होता है जब लड़की पूरी तरह से उत्तेजित होती है...
तो क्या काजल उन्हे देखकर ही उत्तेजित हो रही है...
क्योंकि मूँगफली की प्लेट नीचे रखते हुए वो जिस तरीके से उन्हे देख रही थी...सॉफ पता चल रहा था की वो भी उनमे इंटरस्ट ले रही है...
उन दोनो के लंड तो खड़े होकर बग़ावत करने लगे...
खेल की माँ की चूत ...उन्हे तो बस काजल मिल जाए इस वक़्त, वो अपने सारे पैसे ऐसे ही उसे देने के लिए तैयार थे...
पर काजल तो अलग ही दुनिया में थी...उनके मन मे क्या चल रहा है इस बात से भी अंजान..
और इस बार काजल ने पत्ते बाँटने शुरू किए...और वो बेचारे बेमन से अगली गेम खेलने लगे..