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Adultery रीमा की दबी वासना
उसके बाद दोनों उसी बिस्तर पर लुढ़क गए  | रीमा का चेहरा बुरी तरह से बिगड़ गया था | उसकी आखो का काजल गालो पर से बहकर नीचे गले तक चला गया था, उसकी आंखे भी लाल थी और उसके मुहँ से लेकर सुदल्ट स्तनों तक लार से पूरा इलाका भीगा हुआ था | उसने चहरे की पर गिरी रोहित के सफ़ेद लंड रस को चाट डाला थ अलेकिन उसके स्तनों और गर्दनो पर भी कुछ छींटे पड़े थे  रीमा ने करवट  करके शीशे में खुद को देखा और डर गयी | ये मै हूँ, नहीं इतनी गन्दी और उलझी हुई | छी छी छी ...........मुझे ही खुद जो देखकर बुरा लग रहा है तो रोहित क्या सोचेगा | 
 

वो तुरंत ही झट से बेड से उठी और बाथरूम में घुस गयी | बाथरूम के अन्दर जाकर रीमा ने खुद को अच्छे तरह से साफ़ किया | सबसे पहले उसने अपने मुहँ को फ्रेश किया, गालो में हो रहर हलके दर्द को सहलाया, उसके बाद  खुद को अच्छी तरह धोने लगी | पहले चेहरे को अच्छे से धोया , फिर उभरे हुए सीने को, फिर पेट को | उसके बाद अपनी चूत का हालचाल लेने लगी |  बालो में कंघी की | चुदाई से सूज गयी चूत फिर से अपने वापस पुराने रूप में आ गयी थी उसकी गुलाबी रंगत दमकने लगी थी | उसने अच्छे से ठन्डे पानी से अपनी गुलाबी चूत को  उंगली डाल डाल धोया  |  

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अपनी गोरी जांघो और मांसल चुताड़ो को भी रगड़ रगड़ कर धोया |  उसके दुधिया गुलाबी स्तन भी बिलकुल पहले जैसे हो गए थे | उसकी गुलाबी चूत की रौनक पहले से भी ज्यादा बढ़ गयी | बाथरूम की दुधिया रौशनी में  रीमा का सेक्सी बदन फिर से गुलाबी संगमरमर की तरह दमकने लगा था |


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शावर से निकल कर रीमा ने खुद को तौलिये से अच्छे पोंछा और फिर शीशे की सामने पीठ करके हल्का सा आगे की तरफ झुककर अपने गोरे नरम मांसल उठे हुए चुताड़ो और जांघो को पीछे गर्दन घुमाकर देखने लगी | उसके बाद उसने हल्का सा मेकअप किया | बाल को अच्छे से कंघी किया | पुरे शरीर पर एक स्किन क्रीम लगायी और चूत त्रिकोण घाटी पर हाथ थपथपाते हुए शीशे में खुद के नंगे जिस्म को निहारने लगी | हाय क्या ये वही रीमा हूँ, क्या ये रीमा का वही जिस्म है | उसे खुद का शरीर ही बहुत खूबसूरत लग रहा था और उसी की सुन्दरता पर आत्ममुग्ध होकर अपने आप ही में मुस्कुरा रही थी | 

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 15 मिनट बाद वो वहां से निकली और अब बिलकुल पहले जैसी रीमा लग रही थी | बिलकुल नंगी लेकिन उतनी ही खूबसूरत , कही दाग धब्बो का नामोनिशान नहीं | मुहँ चोदने से लाल हो गया चेहरा और आंखे भी ठीक हो गयी थी | रोहित भी उठकर बाथरूम गया और खुद को साफ किया और वापस आ बिस्तर में घुस गया |
रीमा बेडरूम में शीशे के सामने अभी भी अपने चेहरे को ठीक कर रही थी | पीछे से रोहित आकर उसके कमर के नीचे झुककर उसकी गुलाबी चूत देखने लगा | कसम से क्या चूत थी, गुलाबी चूत के ओंठ से ओठं सटे, बालो का कही कोई नामोनिशान नहीं | उभरे हुए गुलाबी गोरे चुतड, गोरी चिकनी पुष्ट मांसल जांघे, क्या लाजवाब बनावट है  रोहित तो रीमा की चूत और चुतड देखते ही मदहोश होने लगा |



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रोहित को नीचे झुके हुए देख - वहां क्या देख रहे हो | 
रोहित - स्वर्ग के दर्शन | 
रीमा  अपनी पलके सुधारने लगी और फिर रोहित को देखकर बोली – हैप्पी नाउ |
रोहित – तुम हैप्पी नाउ ?
रीमा – मैंने सवाल पुछा है, पहले तुम जवाब दो |
रोहित – दिल की बात कंहू, सच में तुमसे भी किसी का क्या मन भर सकता है, तुम्हे नहीं पता तुम क्या चीज हो, जानेमन, एक ही ख्वाइश रह गयी है अब बस यू ही दिनरात तुमारे नंगे बदन को निहारता रहूँ  |
रीमा – ऊफोफोफोफ़ अभी भी कुछ कसार बाकि रह गयी  है क्या ?
रोहित – ये तो तुम बतावो न, कुछ बाकि रह गयी हो फिर से इसको तैयार करू (अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए ) |
रीमा – धत्त बेशर्म, खुद तो पुरे के पुरे बेशर्म हो ही, अब मुझे भी बनाने पर तुले हो | उसे अब आराम करने दो, दो बार में उसकी जान निकल गयी होगी अब न उठने वाला वो आज रात भर , अब उसके बस का नहीं है कुछ | बेहतर है उसे आराम करने दो और तुम भी जाकर आराम करो |
रोहित - मै यहाँ भी तो आराम कर सकता हूँ |
रीमा - मुझे पता है यहाँ कितना आराम करोगे, न खुद सोवोगे, न मुझे सोने दोगे | जब से आये हो नंगे ही टहला रहे हो पुरे घर में |
रोहित - इतनी खूबसूरत जिस्म की मलिका अपना हुस्न छिपाकर रहे कितने अफ़सोस की बात है | 
रीमा - बस बस बहुत हो गयी तारीफे, आज का कोटा पूरा हो गया अब इससे ज्यादा हजम नहीं होग, चलो हटो मुझे कपडे पहनने दो, तुम भी जाकर आराम करो |
रोहित अपने मुरझाये लंड को अपने हाथों में ही थम के बेड पर बैठा था |
रीमा - ऊओफो रोहित, अब तो छोड़ दो उस बेचारे को, उसे भी आराम की जरुरत होती है, कितना भी उस अत्याचार करो अब, वो अब कल सुबह ही जागेगा |
रोहित – रीमा मेरी जानेमन, जरा सुस्ता लेने दो, बस अभी अभी तो निपटा है, कुछ वक्त दो देखो कैसे सलामी ठोकेगा |
रीमा – अब क्या बाकि रह गया है अब क्या करोगे |
रोहित – अभी तक किया ही क्या है, चूत और गले के छेदों को साफ़ किया है , पहले से इस्तेमाल कर रही होती तो इसे इतनी तकलीफ क्यों उठानी पड़ती |
रीमा - ओफोफोफोफ़ तुम्हे बस चूत लंड ही आता है क्या ???? तुम मर्दों का चोदने से कभी पेट नहीं भरता | एक बार बस चूत मिल जाये बस फिर कुछ याद नहीं रहता | ११ बज गए है प्रियम को कल मोर्निंग में कौन तैयार करेगा कॉलेज के लिए |
रोहित – छोड़ो न सुबह की सुबह देखि जाएगी | सच कहू दिल से, पहली बार में चूत मारना मेरे लिए भी इतना आसान नहीं रहा, बहुत जोर लगाना पड़ा, तुमारी चूत का छेद नरम करने के लिए | चोदने का मजा तभी है जब लंड बिलकुल वैसे ही रपटता हुआ चूत में जाये जैसे गरम तवे पर मक्खन | मतलब लंड रखो चूत में और चूत काहे स्वागत है आइये और फिसलता हुआ अन्दर तक अपने आप लेकर जाये | चूत की नरम नरम रसीली  गरम दीवारों के बीचे जब सरपट लंड फिसलता है उसमे जो मजा है रीमा, वो शब्दों में नहीं लिखा जा सकता |
रीमा – ओफ्फ्फ्फ़ बस करो बस, तुमारी तारक अभी भी नहीं मिटी है, जरा संभल कर, कही जनाब अभी सीधे हो जायेगे फिर ठंडा तो उन्हें मुझे ही करना पड़ेगा न | इतना कहकर वो अपनी पैंटी पहनने लगी | रोहित ने लपक कर उसका हाथ थम लिया  - अरे ये क्या कर रही हो |
रीमा – क्या कर रही हूँ ? पैंटी पहन रही हूँ , तीन घंटे से नंगी हूँ, अभी भी न कुछ पहनू |
रोहित – अरे तो अभी क्या पहनने की जरुरत है, अभी तो सोने जा रही हो, सोते समय कौन कपडे पहनता है | मै तो नहीं पहनता |
रीमा – मै भी नहीं पहनती हूँ लेकिन अगर पैंटी भी न पहनू तो बुरे सपने आते है |
रोहित – कैसे बुरे सपने ?
रीमा – वो मै बता नहीं सकती |
रोहित – चुदाई वाले बुरे सपने, बड़े बड़े लंडो से चुदाई वाले सपने | या फिर नंगे होकर अनजान जगह भटकने के |
रीमा चौक गयी, उसे इनकार करना था उसके मुहँ से निकला  – तुम्हे कैसे पता ?
रोहित – क्योंकि तुम्हे चुदाई की जरुरत थी और वही तुमारे दिलो दिमाग पर हावी थी इसीलिए तुम्हे वैसे ही बुरे सपने दिखाती |
रीमा रोहित को घूरने लगी – मुझे तुमारे इरादे नेक नहीं लग रहे, तुम घूम फिरकर उसी बात पर क्यों आ जाते हो | अब तो बहुत कुछ हो गया है हमारे बीच, आज के लिए इतना बहुत है |
रोहित बात बदलता हुआ – अच्छा वो सब छोड़ो, अपनी चूत दिखावो कुछ सुजन कम हुई | इतना कहकर उसने रीमा की अपनी तरफ खीच कर गिरा लिया और उसकी जांघे फैलाकर उसकी गुलाबी चूत की सुजन देखने लगा |
रीमा – हाय हाय तुम्हे कोई शर्म हया है की नहीं, जब देखो बस उसी के बारे में बात करते रहते हो | जब से आये हो न खुद कपडे पहने है न मुझे पहनने दे रहे हो | 

रोहित ने रीमा को अनसुना करते हुए उसकी गुलाबी चिकनी चूत को देखने लगा | उसके पतले ओठो को खोलकर चूत के छेद का जायजा लेने लगा |  रीमा की चूत बिलकुल पहले की तरह परफेक्ट हो गयी थी | रोहित का मन अभी भी नहीं भरा था और वो रीमा को एक बार चोदना चाहता था | उसे पूरा भरोसा था रीमा उसे मना नहीं करेगी, भले ही मुहँ से हाँ न काहे लेकिन अगर उसने पहल की तो उसका विरोध नहीं करेगी | उसने रीमा की जांघो के बने  क्रॉस को हटा दिया और रीमा की जांघे फैला दी | रीमा की चूत के गुलाबी चिकने चिपके हुए ओठ खुलने लगे और रीमा की गुलाबी रस भरी नरम चूत खुलकर सामने आ गयी, उसकी चूत का गुलाबी छेद बाहर से दिखने लगा  |

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उसने रीमा की जांघो बीच में गुलाबी चूत के रसभरे ओठो पर अपने ओंठ रह दिए | रीमा चौक गयी उसे ये उम्मीद तो बिलकुल नहीं थी | उसके मुहँ से विरोध का स्वर निकलने की बजाय मादक सिसकारी निकली – आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, क्या कर रहे हो रोहित |
वो दुविधा में पड़ गयी, तो क्या मेरा शरीर अभी वासना का प्यासा है | क्या मेरी वासना की प्यास अभी भी नहीं बुझी | रोहित क्या सोचेगा मेरे बारे में, हाय मै कितनी बड़ी चुद्दक्कड़ हूँ | जब देखो तब चुदने के लिए तैयार रहती हूँ, कितनी गलत इमेज बन जाएगी मेरे बारे, कितना गलत विचार बना लेगा हमेशा के लिए मेरे बारे | आग लगे मेरे इस बदन को मुझे कही का नहीं छोड़ेगा | समाज में किसी को मुहँ दिखाने लायक नहीं रह जाउंगी | नहीं नहीं मुझे रोहित को रोकना होगा |


रीमा - रोहित क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे | 
रोहित – क्यों क्या हुआ ?
रीमा – तुम क्या कर रहे हो,इतनी देर से खेल रहे हो मेरे जिस्म से,  पेट नहीं भरा अब तक  |
रोहित – ये सब करने से पेट खाली होता है भरता कहाँ है |
रीमा – मै मजाक नहीं कर रही हूँ छोड़ो मुझे, बंद करो मेरी उसको चुसना | 
रोहित ने रीमा के चूत दाने को चाटना शुरू कर दिया |
रोहित – ठीक है जैस तुम कहो अब सिर्फ चाटूंगा | इतना कहकर उसके लाल चूत दाने को अपनी लार से सरोबार कर दिया
रीमा – रोहित क्या कर रहे हो प्लीज मान जावो, बहुत हो गया है आज के लिए  |
रोहित – क्यों भाग रही अपने आप से, जितना अपने आप से भागोगी , डरोगी उतना ही परेशान रहोगी |
रीमा – मतलब क्या है तुमारा ?
रोहित – ये भागना नहीं तो और क्या है, तुमारी आह मैंने सुनी है, तुमारा शरीर अभी भी चुदना चाहता है उसको चुदाई चाहिए | फिर तुम क्यों भाग रही हो | तुमारा जिस्म चुदाई मांग रहा है और नौजवान मर्द तुमारे सामने नंगा तुम्हे चोदने के लिए तैयार है और तुम मैदान छोड़कर कर भागना चाहती हो | जिस्म अभी भी वासना से भरा पड़ा है तुमारी चूत को चुदाई चाहिए, तुम्हे चुदाई चाहिए, तुमारा शरीर सिर्फ चुदना चाहता है |
रीमा झुन्झुलाकर – मेरा जिस्म कुछ नहीं मांग रहा है, मुझे चुदाई नहीं चाहिए, मै कामपिपासिनी नहीं हूँ मै चुदाई की भूखी औरत नहीं हूँ मुझे छोड़ो |
रोहित – ड्रामा मत करो मुझे सब पता है, सेक्स मांगने से कोई औरत नीच या बुरी नहीं हो जाती, कम से कम  मै ऐसा नहीं मानता, और अब मै तुम्हे अच्छी तरह समझ गया हूँ, जो हमारे बीच है वो हमारे बीच ही रहेगा | मै ये सब बाते डींगे मारकर किसी और को नहीं बताने वाला हूँ | ये सिर्फ तुमारे और मेरे बीच है, तुम मुझसे  अगर कुछ छिपाना चाहोगी तो नहीं छिपा पावोगी, मुझसे ये सब क्यों छिपाना चाहती हो | तुम बुरी नहीं हो और न ही आगे चलकर मै तुमारी इज्जत करना कम कर दूगां | चुदाई अपनी जगह रहेगी बाकि जैसे मै पहले था तुमारे लिए वैसा ही रहेगा और मै भी वैसा ही बर्ताव करूगां | सब कुछ वैस ही है और वैसा ही रहेगा, अगर कुछ बदला है तो चारदीवारी के अन्दर एक बंद  कमरे में हम दोनों का नंगे होकर चुदाई करना | और ये  पुराना नहीं है ये तो नया है, इसलिए ये नयी चीज बस हम दोनों के बीच है, बाकि तो सब वैसे ही रहेगा | अपने आप को सजा मत दो, तुम बहुत खूबसूरत हो और तुमारी सेक्सुअल डिजायर दूसरी औरतो से ज्यादा है ये दोनों बाते मान लो और उसका लुफ्त उठावो |

इतना कहकर रोहित ने रीमा की गुलाबी चूत में अपनी गीली जीभ घुसाने की कोशिश करें लगा और रीमा के मुहँ से एक और सिसकारी छुट गयी | रोहित रीमा की चूत जोर जोर से चाटने लगा, वो जल्दी से जल्दी रीमा को उत्तेजित करना चाहता था | 

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जीतनी जल्दी रीमा उत्तेजित होकर चुदने के लिए तैयार हो जाएगी उत्तनी ही रोहित को आगे कम मेहनत करनी पड़ेगी | रोहित रीमा के  चूत दाने को उंगलियों से रगड़ने लगा, रीमा के कुल्हो में हरकत होने लगी, रीमा की सांसे तेज होने लगी उसकी कमर अपने आप झटके खाने लगी, उसकी आंखे कामुक वासना से बंद होने लगी | उसके मुहँ से कामुम सिसकारियां और आहे निकालनी शुरू हो गयी | 

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रोहित ने रीमा के चूत दाने को रगड़ना जारी रखा | उसने चूत दाने को जोर से रगड़ दिया और रीमा के शरीर में एक एक कंपकंपी उसके चुताड़ो से उठकर ऊपर रीढ़ की हड्डी से होती हुई ऊपर की तरफ चली गयी | उसने चूत उंगलियाँ रखी और उसे कसकर मसल दिया | रीमा के मुहँ से मादक कराह निकल गयी, उसका ये हाल तब था जब वो कुछ देर पहले ही बुरी तरह चुद चुकी थी, एक मोटा मुसल लंड अपनी चूत में ले चुकी थी | उसकी चूत गीली होने लगी | रोहित ने गीली गरम चूत में दो उंगलियाँ घुसा दी और चोदने लगा | बीच बीच में उसके स्चुत दाने को अपनी गीली से चाटने लगता और फिर से उंगली रीमा की चूत में अन्दर बाहर करने लगता | रीमा की गीली गरम गुलाबी चूत सचमुच में बहुत गीली थी उसकी दीवारे भी नरम थी इसलिए गरम चूत में उंगलियाँ घुसाने में रोहित को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई | 
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चूत रस से उंगलिया भीग गयी और चूत की गीली रपटीली दीवारों पर आराम से फिसलने लगी,  रीमा की उत्तेजना बढती जा रही थी, उसके शरीर में एक मरोड़ सी उठने लगी, उसका शरीर पसीने से सरोबार था,  उसकी चूत की दीवारों को रगडती उंगलियों के स्पंदन से उसकी आहे और तेज हो गयी, वो तेज आवाज में सिकरियां भरने लगी,  रोहित जैसे जैसे रीमा की चूत को उंगलियों से चोदने की गति बढाता गया वैसे वैसे रीमा का बदन अकड़ने लगा, उसका ओर्गास्म निकट, उसका शरीर अकड़ गया,  कमर चुतड जांघे सब कांपने लगे, उसने बेड पर कसकर अपने हाथ जमा दिए, उसका शरीर कांपने लगा और उसके चूत से चूत रस निकर उसकी जांघो पर बहने लगा, धीरे धीरे उसका शरीर ने कांपना बंद कर दिया, उसके हाथो की पकड़ ढीली हो गयी और उसने शरीर को ढीला छोड़ दिया |
रोहित कुछ देर तक थमा रहा फिर उसने रीमा की जांघो के बीच हरकत शुरू कर दी, स्त्री को सबसे तेज उत्तेजित करने का तरीका है चूत का दाना | रोहित फिर से बेदर्दी से रीमा का चूत दाना रगड़ने लगा, रीमा फिर से गरम होने | इसी बीच रीमा ने पलती खाई और बेड के सिरहाने का सहारा लेकर अपने घुटने पर आ गयी | रोहित एक हाथ से उसके चूत दाने को रगड़ने लगा, उसकी चूत के गुलाबी पतले ओंठो पर अपनी उंगलियाँ फिराने लगा  | 

 


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रोहित के सामने रीमा का संगमरमरी जिस्म नुमाया था |  उसकी खूबसूरत सुडौल मांसल उठे हुए चुतड और चिकनी मखमली गुलाबी चूत कमरे की रौशनी में चमकने लगे | रोहित  रीमा के दमकते गुलाबी संगमरमर जैसे जिस्म को देखकर मदहोश था | रीमा की सफ़ेद चिकनी पीठ उसके नरम लेकिन ठोस मांसल भरे हुए चुतड, उसकी गांड का छेद और फूल बनने को तैयार कली की तरह खुली गुलाबी गीली चूत के पतले नाजुक ओंठ  | रोहित रीमा के हुस्न में ही खोकर रह गया था,  रीमा ने हल्की मुस्कराहट के साथ सेक्सी अंदाज में रोहित को देखा, ये आमंत्रण था उसकी चूत चूसने का |


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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 25-01-2019, 10:32 PM



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