11-11-2019, 09:50 AM
और ये सब सोचते-2 उसने अचानक से ही दरवाजे को एक ही झटके मे खोल दिया..
और दरवाजा खुलने की आवाज़ से केशव ने अपनी आँखे एकदम से खोली और काजल को सामने खड़ा पाकर एकदम से उसने पास ही पड़ा तकिया उठाकर अपने लंड के ऊपर लगा लिया..
केशव : "दी ...दीदी ...आप .....ये दरवाजा ......शिट .....मैं समझा मैने बंद कर दिया .....''
वो नज़रें भी नही मिला पा रहा था काजल से..पर काजल तो जैसे सोच ही चुकी थी की अब ये बेकार की ड्रामेबाजी को बीच मे से निकाल देना चाहिए.
वो आगे आई और सीधा आकर केशव के साथ ही पलंग पर एक टाँग रखकर बैठ गयी..
काजल : "अरे कोई बात नही...ये तो सब करते हैं...मैं भी करती हू अपने कमरे मे...जब माँ सो जाती है...वो तो अभी जाग रही थी..इसलिए मैने सोचा कुछ देर इंतजार कर लेती हू...और फिर तुम्हारा दरवाजा खुला हुआ देखा तो यहाँ चली आई...पर तुम तो यहाँ पहले से ही... ही ही ही ..''
और वो शरारत भरी हँसी हँसने लगी..
और दरवाजा खुलने की आवाज़ से केशव ने अपनी आँखे एकदम से खोली और काजल को सामने खड़ा पाकर एकदम से उसने पास ही पड़ा तकिया उठाकर अपने लंड के ऊपर लगा लिया..
केशव : "दी ...दीदी ...आप .....ये दरवाजा ......शिट .....मैं समझा मैने बंद कर दिया .....''
वो नज़रें भी नही मिला पा रहा था काजल से..पर काजल तो जैसे सोच ही चुकी थी की अब ये बेकार की ड्रामेबाजी को बीच मे से निकाल देना चाहिए.
वो आगे आई और सीधा आकर केशव के साथ ही पलंग पर एक टाँग रखकर बैठ गयी..
काजल : "अरे कोई बात नही...ये तो सब करते हैं...मैं भी करती हू अपने कमरे मे...जब माँ सो जाती है...वो तो अभी जाग रही थी..इसलिए मैने सोचा कुछ देर इंतजार कर लेती हू...और फिर तुम्हारा दरवाजा खुला हुआ देखा तो यहाँ चली आई...पर तुम तो यहाँ पहले से ही... ही ही ही ..''
और वो शरारत भरी हँसी हँसने लगी..