11-11-2019, 12:48 AM
जितेश से भी अब काबू नहीं हो रहा था जैसे ही जितेश ने रीमा के मुंह से लंड निकाला रीमा एक लंबी सांस खींची और उसके बाद जितेश ने रीमा के मुंह में लंड पेल दिया था | इसके बाद में जितेश धीरे-धीरे लेकिन लंबे-लंबे स्ट्रोक रीमा के मुंह में लगातार लगाता रहा | रीमा के मुहँ में रितेश अपना पूरा लंड गले तक उतार रहा था धीरे-धीरे उसने अपने झटके लगाने की स्पीड बढ़ा दी | अब वो एक बार में 10 से 15 झटके लगाता था और फिर लंड को रीमा के मुंह से बाहर निकाल लेता था इसके बाद में रीमा लंबी सांस लेती थी और जितेश फिर से रीमा के मुंह में लंड पेल देता था | रोहित जितेश बस आहें भर रहा था और हाफ रहा था और उसके मुंह से बस कामुक कराहे निकल रही थी | एक रीमा के मुंह से चप चप चक गों गों सप सप की आवाजें आ रही थी | जितेश धीरे-धीरे करके रीमा के मुंह में लंड पेलने की स्पीड बढ़ाता जा रहा था और रीमा भी अपने होठों को पूरी तरह से फैलाए हुए रितेश को लंड को पूरी पूरी तरह अपने मुंह में घोट रही थी | दोनों ही अब बुरी तरह से हांफने लगे थे | रीमा का सीना तेज सांसो के कारन तेजी से हांफ रहा था और जितेश भी उसी तरह से हांफ था | रीमा की जोरदार मुहँ चुदाई चल रही थी ऐसी चुदाई जो हमेशा से रीमा चाहती थी लेकिन उसे सोचने से और ख्वाहिश में लाने से डरती थी | वो जितेश का पूरा लंड घोंट चुकी थी हालांकि यह बहुत ही तकलीफ था | फिर भी उसने अपने दिल की ख्फिवाइस पूरी की | जितेश का पूरा का पूरा लंड रीमा के मुंह में जा रहा था और वह जिस स्पीड से रीमा के मुंह में पूरा का पूरा लंड पेल रहा था वह कल्पना से परे था यही तो चाहती थी यही तो उसका सपना था यही तो उसकी वासना की मानसिक तृप्ति थी अब इससे ज्यादा और रीमा को क्या चाहिए था |
जितेश को अपने शरीर में तनाव महसूस होने लगा था उसने रीमा के सर को कसकर जकड लिया ताकि वो हिलने न पाए और बेतहाशा उसके मुहँ में लंड पेलकर उसके मुहँ को चोदने लगा | रीम अभी समझ गयी जितेश झड़ने वाला है उसने भी होंठ फैला दिया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लंड उसके मुहँ में जा सके | अब सिर्फ मुहँ चुदाई हो रही थी वो भी अपनी फुल स्पीड में | जितेश अपने चरम पर पंहुच पता नहीं क्या क्या बडबडा रहा है – आह रीमा मै झड़ने वाला हूँ, मेरा सफ़ेद रस बस निकलने वाला ही है | तुम पियोगी ना मेरा गरम लंड रस |
रीमा भी उसी वासना की आग में तपती हुई – हाँ उड़ेल दो सारा मेरे मुहँ, भर दो मेरा मुहँ लंड रस से | बुझा दो मेरे ओठो की प्यास , तर कर दो मेरा गला अपनी पिचकारियो से |
जितेश– हाँ बस पिचकारी निकने वाली ही है तुमारी सारी प्यास आज मै बुझा दूगां, युमारी बरसो की प्यास मै आज मिटा दूगां | भर दूगां तुमारा पूरा मुहँ अपनी पिचकारी से |
रीमा – भर दो न मेरा मुहँ अपने गरम लावे से | बहुत प्यासी हो इस प्यासी की सारी प्यास बुझा दो | पिला दो न सफ़ेद गरम लंड रस, सीच दो आज बरसो से पड़ी सुखी जमीन को |
दोनों ही अपनी उत्तेजना में न जाने क्या क्या बडबडा रहे थे |
जितेश ने झड़ने से पहला आखिर झाका दिया | जितेश ने पूरी ताकत लगाकर अपने लंड को रीमा के गले तक ठेल दिया | उसकी जांघे कपने लगी, शरीर अकड़ गया, उसके चुतड अपने आप ही सिकुड़ने फैलने लगे | उसकी गोलियों से तेज बहाव लंड की तरफ आता महसूस हुआ |
जितेश – रीम्म्म्मम्म्मा मेरी पिचकारी छुटने वाली है आआआआआ आआआआआआआआआआ| जितेश के लंड से पिचकारियाँ छुटने लगी |
जितेश के हाहाकारी भारी भरकम मोटे मुसल लंड के आक्रमण से जलते गले में एक गरम पिचकारी लगी, और सीधे गले में उतर गयी | जितेश का सफ़ेद गरम लंड रस बह निकला |
जलते गले में गीले गरम पिचकारी लगने से रीमा के शरीर में एक झुनझुनी सी दौड़ गयी | गरम सफ़ेद लंड रस के स्पर्श से ही उसे हल्का सा ओर्गास्म हो गया | फिर लंड ने पिचकारी की झड़ी लगा दी, जितेश ने थोड़ा लंड बाहर खीचा और मुहँ में झाड़ने लगा ताकि रीमा उसका सफ़ेद गाढ़ा लंड रस का स्वाद ले सके |
काफी देर तक जितेश की कमर हिलती रही, रीमा के मुहँ में वो झड़ता रहे, रीमा उनके लंड रस की एक एक बूंद गटकती चली गयी | जितेश की गोलिया खाली हो गयी, आखिरी बची कुछ बुँदे उसके लाल फूले सुपाडे पर आकर अटक गयी जिन्हें रीमा के अपनी जीभ से चाट लिया | उसके बात रीमा जितेश के लंड को चाटती रही और तब तक चाटती रही जब तक उसमे से एक भी बूंद की गुंजाईश बनी रही |
जितेश को अपने शरीर में तनाव महसूस होने लगा था उसने रीमा के सर को कसकर जकड लिया ताकि वो हिलने न पाए और बेतहाशा उसके मुहँ में लंड पेलकर उसके मुहँ को चोदने लगा | रीम अभी समझ गयी जितेश झड़ने वाला है उसने भी होंठ फैला दिया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लंड उसके मुहँ में जा सके | अब सिर्फ मुहँ चुदाई हो रही थी वो भी अपनी फुल स्पीड में | जितेश अपने चरम पर पंहुच पता नहीं क्या क्या बडबडा रहा है – आह रीमा मै झड़ने वाला हूँ, मेरा सफ़ेद रस बस निकलने वाला ही है | तुम पियोगी ना मेरा गरम लंड रस |
रीमा भी उसी वासना की आग में तपती हुई – हाँ उड़ेल दो सारा मेरे मुहँ, भर दो मेरा मुहँ लंड रस से | बुझा दो मेरे ओठो की प्यास , तर कर दो मेरा गला अपनी पिचकारियो से |
जितेश– हाँ बस पिचकारी निकने वाली ही है तुमारी सारी प्यास आज मै बुझा दूगां, युमारी बरसो की प्यास मै आज मिटा दूगां | भर दूगां तुमारा पूरा मुहँ अपनी पिचकारी से |
रीमा – भर दो न मेरा मुहँ अपने गरम लावे से | बहुत प्यासी हो इस प्यासी की सारी प्यास बुझा दो | पिला दो न सफ़ेद गरम लंड रस, सीच दो आज बरसो से पड़ी सुखी जमीन को |
दोनों ही अपनी उत्तेजना में न जाने क्या क्या बडबडा रहे थे |
जितेश ने झड़ने से पहला आखिर झाका दिया | जितेश ने पूरी ताकत लगाकर अपने लंड को रीमा के गले तक ठेल दिया | उसकी जांघे कपने लगी, शरीर अकड़ गया, उसके चुतड अपने आप ही सिकुड़ने फैलने लगे | उसकी गोलियों से तेज बहाव लंड की तरफ आता महसूस हुआ |
जितेश – रीम्म्म्मम्म्मा मेरी पिचकारी छुटने वाली है आआआआआ आआआआआआआआआआ| जितेश के लंड से पिचकारियाँ छुटने लगी |
जितेश के हाहाकारी भारी भरकम मोटे मुसल लंड के आक्रमण से जलते गले में एक गरम पिचकारी लगी, और सीधे गले में उतर गयी | जितेश का सफ़ेद गरम लंड रस बह निकला |
जलते गले में गीले गरम पिचकारी लगने से रीमा के शरीर में एक झुनझुनी सी दौड़ गयी | गरम सफ़ेद लंड रस के स्पर्श से ही उसे हल्का सा ओर्गास्म हो गया | फिर लंड ने पिचकारी की झड़ी लगा दी, जितेश ने थोड़ा लंड बाहर खीचा और मुहँ में झाड़ने लगा ताकि रीमा उसका सफ़ेद गाढ़ा लंड रस का स्वाद ले सके |
काफी देर तक जितेश की कमर हिलती रही, रीमा के मुहँ में वो झड़ता रहे, रीमा उनके लंड रस की एक एक बूंद गटकती चली गयी | जितेश की गोलिया खाली हो गयी, आखिरी बची कुछ बुँदे उसके लाल फूले सुपाडे पर आकर अटक गयी जिन्हें रीमा के अपनी जीभ से चाट लिया | उसके बात रीमा जितेश के लंड को चाटती रही और तब तक चाटती रही जब तक उसमे से एक भी बूंद की गुंजाईश बनी रही |