11-11-2019, 12:44 AM
जितेश भी रीमा के इस अदाकारी पर फिदा हो गया था उसने आंखें बंद करके पूरी तरह से इस इस मोमेंट को अपने अपने दिलो-दिमाग में सजा लेना चाहा था वह बस इस चीज को इंजॉय करना चाह रहा था उसने सब कुछ रीमा पर छोड़ दिया था | रीमा ने पूरा का पूरा सुपड़ा मुंह में ले रखा था और खास करके अब वह लंड के निचले हिस्से को निगलने की तरफ बढ़ने लगी थी |
रीमा जितेश के लंड के सुपाडे पर जीभ फिराते हुए उसको मुहँ में घोटने लगी थी | बार बार लंड उसके मुहँ में आता जाता | लंड को अन्दर तक ले जाती बाहर लाती सुपाडे को जीभ से चाटती, चूसती जैसे कोई लोलीपोप चूसता है |उसके बाद रीमा ने उसके सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लेती | लंड को मुहँ में लेकर ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है , और फिर धीरे धीरे अपना सर हिलाने लगती | रीमा की अदाए और हरकते और लंड पर फिसलते उसके हाथ और ओंठ सब कुछ सोचकर देखकर जितेश पागल हुआ जा रहा था | जितेश कामुक लम्बी कराहे भर रहा था | कुछ देर बाद अचानक जितेश का हाथ रीमा के सर तक पंहुच गया, उसने रीमा के काले बालो को मजबूती से पकड़ लिया और उसके सर को नीचे की तरफ ठेलने लगा | रीमा को पता था लंड चूसते चूसते एक समय आता है जब मर्द अपने खड़े लंड को पूरी तरह से औरत के जिस्म के अन्दर सामने के लिए व्याकुल हो जाता है | उसे फर्क नहीं पड़ता कौन सा छेद है कौन सी जगह है | रीमा इस तरह से अभी लंड गटकने के लिए तैयार नहीं थी | रीमा ने जितेश का प्रतिरोध किया, लेकिन जितेश की ताकत और मजबूती के आगे उसे जितेश का पूरा लंड गटकना पड़ा | जितेश का का लंड उसके रसीले ओठो को फैलाता हुआ, गीली जीभ पर से फिसलता हुआ रीमा के गले में जाकर अटक गया | जितेश ने नीचे से कमर का झटका मारा और रीमा का सर ऊपर उठाया फिर नीचे को दबा दिया | लंड उसके गले में फंस गया | रीमा को लगा किसी ने उसका गला घोट दिया, अन्दर की साँस अन्दर रह गयी बाहर की बाहर, उसका दम घुटते घुटते बचा था | उसको तेज खांसी सी आ गयी और मुहँ में पूरा लंड होने की वजह से घुट कर रह गयी | रीमा ने पूरी ताकत लगाकर खुद के सर को पीछे ठेला और लंड के बाहर निकलते ही लम्बी साँस लेकर खासने लगी | उसके मुहँ से लार की नदियाँ बह निकली | उसकी आँखों से पानी बहने लगा | यही तो रीमा चाहती थी | सामन्य से कुछ हटकर कुछ अलग सा, जो उसके अन्दर की वासनाओं को तृप्ति पंहुचाये भले ही उसके जिस्म को कितनी तकलीफ हो | अभी रीमा को खासी आ गयी, आखो के लालिमा बढ़ने लगी, वो अपनी सांसे काबू कर रही थी लेकिन उसकी चाहत थी जितेश एक बार वैसे ही फिर से उसके मुहँ में लंड ठेले |
उसके अपने ओंठ चौड़े किये और उसके लंड को निगलती चली गयी | फिर तेजी से उसके लंड पर अपना सर हिलाने लगी | उसके ओंठ लंड के चारो ओर सरसराने लगे | वो तेजी से लंड को अन्दर बाहर करने लगी | उसके खासने के डर से इस बार जितेश ने उसे हाथ नहीं लगाया लेकिन कुछ देर बाद उसने खुद ही जितेश का हाथ अपने सर पर ले जाकर रख दिया | जितेश ने नीचे से कमर हिलानी शुरू करी और ऊपर से उसका मुहँ स्थिर कर दिया | रीमा के मुहँ की गीली सुरंग में जितेश का लंड सरपट फिसलने लगा | रीमा के मुहँ से बाद गों गों गों गों गों गों गों की आवाजे ही आ रही थी | उसके मुहँ का रस तेजी से बाहर की तरफ बह रहा था और उसकी आंखे लाल होती जा रही थी | जितेश कुछ देर बाद कमर हिलाने के बाद रुक गया |
रीमा के बदन की बढ़ती हुई गर्मी और तेज सांसें भी साफ साफ नजर आ रही थी | इधर जितेश भी पूरी तरह से पस्त हो गया था | इस तरह से लंड को चूसना तो छोड़ो , इधर कई सालों से तो वह बस कभी कभार ही किसी औरत के छूने को पाता था | रंडियों को चोदना अलग बात होती है लेकिन एक औरत जब दिलो जान से किसी को मर्द के साथ में लंड चुस्ती है तो कुछ बात ही अलग होती है |
रीमा के साथ यही मामला था जितेश और रीमा जो है एक दूसरे को सुख देने के लिए एक दूसरे की तरफ आकर्षित हुए थे | अब जितेश का लंड रीमा के मुंह के आखिरी छोर तक पहुंच गया था और अब उसके गले में उसका सुपारा अटकने लगा था रीमा समझ गई थी अगर उसे जितेश का पूरा लंड निकलना है तो उसे इसे गले के नीचे उतारना होगा | रीमा कसकर जितेश के लंड को अपनी गुलाबी होठों की सख्कत कसावट से चूस रही थी ऐसा लग रहा था जैसे जितेश वर्ग में पहुंच गया हो | रीमा के मुहँ की गरम गुनगुनी गुलाबी खुरधुरी जीभ का उसके गरम मीनार की तरह तपते लंड पर अहसास, रीमा की गीली लार के चिकनाहट के साथ उसके लंड पर फिसलते रसीले गुलाबी ओंठ यह ऐसा एहसास था जो शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता था बस महसूस किया जा सकता था | रीमा उस एहसास को जितेश को महसूस करा रही थी |
रीमा ने थोड़ा सा और जोर लगाया और जितेश के लंड को पूरा निगलने के लिए अन्दर तक घोंट लिया | जितेश का लंड रीमा के गले तक चला गया, उसके बाद उसके गले में उतरने लगा | क्योंकि जितेश का लंड बहुत बड़ा था इसलिए बिना गले के नीचे रीमा के मुहँ में समाने वाला नहीं था | रीमा भी कहाँ हार मानने वाली थी रीमा ने पूरा का पूरा मुहँ खोल दिया और जितेश के लंड को अन्दर तक निगलने लगी | उसके मुंह के लार से जितेश की गोलियों और जांघे गीली होने लगी थी | उसकी आंखों पूरी तरह लाल हो गयी थी लेकिन वो रीमा ही क्या जो हार मान जाए | लंड चूसना उसका सबसे फेवरेट था और वह फटाफट किसी भी अनजान आदमी का लंड भी चूस सकती थी | उसे पता था एक बार यह पूरा का पूरा लंड उसके मुंह में घुस गया तो समझ लो उसकी वासना का एक पड़ाव उसने पार कर लिया जितेश को जो चरम सुख मिलेगा वो अलग | हालाँकि जितेश इस बात को लेकर निश्चित नहीं था की रीमा उसका पूरा का पूरा लंड मुहँ में ले पाएगी और इसीलिए बार-बार आंखें खोल कर देखता था |
रीमा की आंखों से पानी बह रहा था उसकी आंखें लाल हो गई थी लेकिन उसे इसकी परवाह नहीं थी | जितेश समझ गया था रीमा वासना में पूरी तरह डूब चुकी है उसे अपने मुहँ और गले में होने वाली तकलीफ का अहसास तक नहीं है | उसने रीमा के सर पर हाथ रखा और उसके मुंह को नीचे हिला हिला के चोदने लगा था और नीचे से भी कमर के थोड़े थोड़े झटके देने लगा था हालांकि बहुत हल्के हलके झटके मार रहा था और इसी के साथ में वह रीमा के मुंह को चोदने लगा था ताकि कुछ देर के लिए रीमा का थोड़ी सी राहत मिल जाए | कुछ देर तकजितेश ने कमर हिलाई उसके बाद रीमा ने फिर से कमान अपने हाथ में ले ली और अब वह जितेश के लंड को अपने गले के नीचे उतार कर घोटने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई थी | उसने जितेश के लंड पर ढेर सारी लार लगायी और उसे चिकना बनाया और अपना मुंह खोला उसके लंड को निकलती चली गई और उसके बाद में उसने खुद को पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया और उसके लंड को अपने गले के नीचे उतारने लगी हालांकि यह संभव नहीं था | फिर भी उसने खुद के सर का सारा बोझ उस तने लंड पर डाल दिया | जितेश का लंड उसके गले को धीरे धीरे चीरते हुए उसके गले में धंस गया | रीमा ने धीरे-धीरे जितेश के लंड को जड़ तक निगल लिया | जब जितेश देखा तो रीमा तो उसकी जड़ तक उसका लंड मुहँ में घोंट के बैठी है तो हैरान रह गया | रीमा ने तेज से सर को पीछे खीचा और लम्बी साँस ली |
रीमा फिर अपनी उखड़ी सांसे काबू करते हुए बोली - इसे मेरे गले के नीचे उतार दो |
जितेश - रीमा अपने आप को क्यों तकलीफ देना चाहती हो, इस आग को बुझाने के और भी तरीके है |
रीमा - इसी तकलीफ में तो मजा है , तुम मुझे चुदाई पर मत पेलो बस मुहँ में लंड पेलो |
जितेश - लेकिन ये इतना बड़ा .........................|
जितेश की बात पूरी भी नहीं हुई - लंड मेरे मुहँ में जायेगा फट तुमारी क्यों रही है | चुपचाप पेलाई करो जैसे कह रही हूँ |
रीमा आराम से बेड पर सीधे लेट गयी और सर नीचे की तरफ लटका दिया | जितेश उसके सर की तरफ पीछे से आया |
उसने रीमा के खुले मुहँ में लंड घुसेड़ दिया और उसके बाद में ठेलता ही चला गया था | उसका दो तिहाई हिस्सा के मुंह में घुस गया था | उसने लंड को पीछे खीचा, रीमा ने लम्बी साँस ली और उसका लंड फिर से रीमा के मुहँ से सरकने लगा | उसने जोर लगाया और लंड रीमा के गले के नीचे उतरने लगा था जैसे जैसे जितेश का लंड रीमा के गले के नीचे उतर रहा था उसका उभार उसे साफ दिख रहा था रीमा गले में जलन होने लगी थी क्योंकि इतना मोटा लंबा लंड उसके गले में सिर्फ एक बार गया था | इससे पहले उसने बस रोहित का ही लिया था | जितेश धीरे-धीरे समझ गया था रीमा क्या चाहती हो और वह पूरी तरह से रीमा के मुंह में अपने लंड को घुसाने लगा था जितेश लंड को पूरी तरह से रीमा के मुंह में उतारने लगा था उसके गले में जो जलन हो रही थी धीरे-धीरे वह जलन लंड के रगड़ने से और बढ़ रही थी लेकिन रीमा को वासना की गर्मी में उसका एहसास शायद ही हो रहा हो | धीरे-धीरे जितेश का लंड रीमा की गर्दन के नीचे उतारने लगा था और एक बार पूरा जोर लगाकर रीमा ने लंबी सांस ली और जितेश के लंड को धक्का मारा और उसका लंड रीमा की जीभ से फिसलता हुआ उसके गले के नीचे तक उतार गया | जितेश के लंड की जड़ को रीमा के ओंठ छु रहे थे | रितेश का लंड पूरी तरह से भी रीमा के मुंह को चीरता हुआ उसके गले में नीचे तक फंसा हुआ था | कुछ देर तक रीमाँ जितेश के लंड को जड़ तक घोंटे रही | उसके बाद उसने फिर से पीछे की तरफ खींचते हुए जितेश के लंड को बाहर की तरफ निकाला और फिर से यही चीज दोहराई और फिर लंबी सांस ली | अब हट झटके के साथ उसके लंड को पूरी तरह से चूसने लगी थी कुछ देर बाद ही रीमा ने जितेश के लंड को ओंठो से जकड़ लिया और जितेश को चोदने के लिए कहा है | जितेश समझ गया उसने पीछे से कमर को हिलाना शुरू कर दिया था जिससे जितेश का लंड रीमा के मुंह में आसानी से आने जाने लगा था | जितेश ने रीमां के सर को पकड़कर के स्थिर किया और कसकर करके रीमा के मुहँ को चोदने लगा था यही तो रीमा चाहती थी | इसी तरह से पूरी तरह से टूट के वासना में डूब जाना ही तो उसकी दिली तम्मना थी | उसे अपनी वासना की उन ख्वाहिश के एहसास तक चुदना था जब तक उसका बदन जवाब ना दे जाए और यह तभी हो सकता था जब उसे एक तगड़ा लंड चोदने के लिए मिले | जितेश के रूप में उसे उसका मन पसंद का लंड मिल गया था | वह अपने सारे अरमान आज पूरे कर देना चाहती थी | उसने रात की शुरुआत मुहँ से करी थी लेकिन कल की सुबह कहाँ पर खतम करेगी इसका उसे भी अंदाजा नहीं था | जितेश भी हैरान था लेकिन खुश था उसे पता था कि रीमा दूसरी औरतों से थोड़ा अलग है इसीलिए उसे यह भी पता था कि रीमा के साथ उसका एक्सपीरियंस की दूसरी औरतों से कुछ ज्यादा ही अलग होगा | ये उसे बस अभी कुछ ही पलों में नजर आ गया था | रीमा पूरी तरह से जितेश का लंड अपने मुंह में ले रही थी और जितेश लम्बे लेकिन बेहद धीमे झटके लगा रहा था |
रीमा के मुहँ में चुदने की आवाजे ही आ रही थी - ख्ख्ख्खक्क्क्कक्क्क ख्ख्ख्खाक्काक्काक आआआआह्ह्ह्ह ऊऊऊह्ह्ह्ह, ह्ह्ह्हक्क्क्कक |
अब किसी तरह के एक्सपेरिमेंट का वक्त नहीं था रीमा भी चाहती थी कि अब जितेश कसकर उसके मुंह में लंड को पेल दे |
रीमा - अब बिना मेरी परवाह किये पेल दो मेरे मुहँ में लंड | मिटा लो अपनी हसरत और बुझा दो इस हवस की ख्हवाइश को हमेशा के लिए |
रीमा जितेश के लंड के सुपाडे पर जीभ फिराते हुए उसको मुहँ में घोटने लगी थी | बार बार लंड उसके मुहँ में आता जाता | लंड को अन्दर तक ले जाती बाहर लाती सुपाडे को जीभ से चाटती, चूसती जैसे कोई लोलीपोप चूसता है |उसके बाद रीमा ने उसके सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लेती | लंड को मुहँ में लेकर ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है , और फिर धीरे धीरे अपना सर हिलाने लगती | रीमा की अदाए और हरकते और लंड पर फिसलते उसके हाथ और ओंठ सब कुछ सोचकर देखकर जितेश पागल हुआ जा रहा था | जितेश कामुक लम्बी कराहे भर रहा था | कुछ देर बाद अचानक जितेश का हाथ रीमा के सर तक पंहुच गया, उसने रीमा के काले बालो को मजबूती से पकड़ लिया और उसके सर को नीचे की तरफ ठेलने लगा | रीमा को पता था लंड चूसते चूसते एक समय आता है जब मर्द अपने खड़े लंड को पूरी तरह से औरत के जिस्म के अन्दर सामने के लिए व्याकुल हो जाता है | उसे फर्क नहीं पड़ता कौन सा छेद है कौन सी जगह है | रीमा इस तरह से अभी लंड गटकने के लिए तैयार नहीं थी | रीमा ने जितेश का प्रतिरोध किया, लेकिन जितेश की ताकत और मजबूती के आगे उसे जितेश का पूरा लंड गटकना पड़ा | जितेश का का लंड उसके रसीले ओठो को फैलाता हुआ, गीली जीभ पर से फिसलता हुआ रीमा के गले में जाकर अटक गया | जितेश ने नीचे से कमर का झटका मारा और रीमा का सर ऊपर उठाया फिर नीचे को दबा दिया | लंड उसके गले में फंस गया | रीमा को लगा किसी ने उसका गला घोट दिया, अन्दर की साँस अन्दर रह गयी बाहर की बाहर, उसका दम घुटते घुटते बचा था | उसको तेज खांसी सी आ गयी और मुहँ में पूरा लंड होने की वजह से घुट कर रह गयी | रीमा ने पूरी ताकत लगाकर खुद के सर को पीछे ठेला और लंड के बाहर निकलते ही लम्बी साँस लेकर खासने लगी | उसके मुहँ से लार की नदियाँ बह निकली | उसकी आँखों से पानी बहने लगा | यही तो रीमा चाहती थी | सामन्य से कुछ हटकर कुछ अलग सा, जो उसके अन्दर की वासनाओं को तृप्ति पंहुचाये भले ही उसके जिस्म को कितनी तकलीफ हो | अभी रीमा को खासी आ गयी, आखो के लालिमा बढ़ने लगी, वो अपनी सांसे काबू कर रही थी लेकिन उसकी चाहत थी जितेश एक बार वैसे ही फिर से उसके मुहँ में लंड ठेले |
उसके अपने ओंठ चौड़े किये और उसके लंड को निगलती चली गयी | फिर तेजी से उसके लंड पर अपना सर हिलाने लगी | उसके ओंठ लंड के चारो ओर सरसराने लगे | वो तेजी से लंड को अन्दर बाहर करने लगी | उसके खासने के डर से इस बार जितेश ने उसे हाथ नहीं लगाया लेकिन कुछ देर बाद उसने खुद ही जितेश का हाथ अपने सर पर ले जाकर रख दिया | जितेश ने नीचे से कमर हिलानी शुरू करी और ऊपर से उसका मुहँ स्थिर कर दिया | रीमा के मुहँ की गीली सुरंग में जितेश का लंड सरपट फिसलने लगा | रीमा के मुहँ से बाद गों गों गों गों गों गों गों की आवाजे ही आ रही थी | उसके मुहँ का रस तेजी से बाहर की तरफ बह रहा था और उसकी आंखे लाल होती जा रही थी | जितेश कुछ देर बाद कमर हिलाने के बाद रुक गया |
रीमा के बदन की बढ़ती हुई गर्मी और तेज सांसें भी साफ साफ नजर आ रही थी | इधर जितेश भी पूरी तरह से पस्त हो गया था | इस तरह से लंड को चूसना तो छोड़ो , इधर कई सालों से तो वह बस कभी कभार ही किसी औरत के छूने को पाता था | रंडियों को चोदना अलग बात होती है लेकिन एक औरत जब दिलो जान से किसी को मर्द के साथ में लंड चुस्ती है तो कुछ बात ही अलग होती है |
रीमा के साथ यही मामला था जितेश और रीमा जो है एक दूसरे को सुख देने के लिए एक दूसरे की तरफ आकर्षित हुए थे | अब जितेश का लंड रीमा के मुंह के आखिरी छोर तक पहुंच गया था और अब उसके गले में उसका सुपारा अटकने लगा था रीमा समझ गई थी अगर उसे जितेश का पूरा लंड निकलना है तो उसे इसे गले के नीचे उतारना होगा | रीमा कसकर जितेश के लंड को अपनी गुलाबी होठों की सख्कत कसावट से चूस रही थी ऐसा लग रहा था जैसे जितेश वर्ग में पहुंच गया हो | रीमा के मुहँ की गरम गुनगुनी गुलाबी खुरधुरी जीभ का उसके गरम मीनार की तरह तपते लंड पर अहसास, रीमा की गीली लार के चिकनाहट के साथ उसके लंड पर फिसलते रसीले गुलाबी ओंठ यह ऐसा एहसास था जो शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता था बस महसूस किया जा सकता था | रीमा उस एहसास को जितेश को महसूस करा रही थी |
रीमा ने थोड़ा सा और जोर लगाया और जितेश के लंड को पूरा निगलने के लिए अन्दर तक घोंट लिया | जितेश का लंड रीमा के गले तक चला गया, उसके बाद उसके गले में उतरने लगा | क्योंकि जितेश का लंड बहुत बड़ा था इसलिए बिना गले के नीचे रीमा के मुहँ में समाने वाला नहीं था | रीमा भी कहाँ हार मानने वाली थी रीमा ने पूरा का पूरा मुहँ खोल दिया और जितेश के लंड को अन्दर तक निगलने लगी | उसके मुंह के लार से जितेश की गोलियों और जांघे गीली होने लगी थी | उसकी आंखों पूरी तरह लाल हो गयी थी लेकिन वो रीमा ही क्या जो हार मान जाए | लंड चूसना उसका सबसे फेवरेट था और वह फटाफट किसी भी अनजान आदमी का लंड भी चूस सकती थी | उसे पता था एक बार यह पूरा का पूरा लंड उसके मुंह में घुस गया तो समझ लो उसकी वासना का एक पड़ाव उसने पार कर लिया जितेश को जो चरम सुख मिलेगा वो अलग | हालाँकि जितेश इस बात को लेकर निश्चित नहीं था की रीमा उसका पूरा का पूरा लंड मुहँ में ले पाएगी और इसीलिए बार-बार आंखें खोल कर देखता था |
रीमा की आंखों से पानी बह रहा था उसकी आंखें लाल हो गई थी लेकिन उसे इसकी परवाह नहीं थी | जितेश समझ गया था रीमा वासना में पूरी तरह डूब चुकी है उसे अपने मुहँ और गले में होने वाली तकलीफ का अहसास तक नहीं है | उसने रीमा के सर पर हाथ रखा और उसके मुंह को नीचे हिला हिला के चोदने लगा था और नीचे से भी कमर के थोड़े थोड़े झटके देने लगा था हालांकि बहुत हल्के हलके झटके मार रहा था और इसी के साथ में वह रीमा के मुंह को चोदने लगा था ताकि कुछ देर के लिए रीमा का थोड़ी सी राहत मिल जाए | कुछ देर तकजितेश ने कमर हिलाई उसके बाद रीमा ने फिर से कमान अपने हाथ में ले ली और अब वह जितेश के लंड को अपने गले के नीचे उतार कर घोटने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई थी | उसने जितेश के लंड पर ढेर सारी लार लगायी और उसे चिकना बनाया और अपना मुंह खोला उसके लंड को निकलती चली गई और उसके बाद में उसने खुद को पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया और उसके लंड को अपने गले के नीचे उतारने लगी हालांकि यह संभव नहीं था | फिर भी उसने खुद के सर का सारा बोझ उस तने लंड पर डाल दिया | जितेश का लंड उसके गले को धीरे धीरे चीरते हुए उसके गले में धंस गया | रीमा ने धीरे-धीरे जितेश के लंड को जड़ तक निगल लिया | जब जितेश देखा तो रीमा तो उसकी जड़ तक उसका लंड मुहँ में घोंट के बैठी है तो हैरान रह गया | रीमा ने तेज से सर को पीछे खीचा और लम्बी साँस ली |
रीमा फिर अपनी उखड़ी सांसे काबू करते हुए बोली - इसे मेरे गले के नीचे उतार दो |
जितेश - रीमा अपने आप को क्यों तकलीफ देना चाहती हो, इस आग को बुझाने के और भी तरीके है |
रीमा - इसी तकलीफ में तो मजा है , तुम मुझे चुदाई पर मत पेलो बस मुहँ में लंड पेलो |
जितेश - लेकिन ये इतना बड़ा .........................|
जितेश की बात पूरी भी नहीं हुई - लंड मेरे मुहँ में जायेगा फट तुमारी क्यों रही है | चुपचाप पेलाई करो जैसे कह रही हूँ |
रीमा आराम से बेड पर सीधे लेट गयी और सर नीचे की तरफ लटका दिया | जितेश उसके सर की तरफ पीछे से आया |
उसने रीमा के खुले मुहँ में लंड घुसेड़ दिया और उसके बाद में ठेलता ही चला गया था | उसका दो तिहाई हिस्सा के मुंह में घुस गया था | उसने लंड को पीछे खीचा, रीमा ने लम्बी साँस ली और उसका लंड फिर से रीमा के मुहँ से सरकने लगा | उसने जोर लगाया और लंड रीमा के गले के नीचे उतरने लगा था जैसे जैसे जितेश का लंड रीमा के गले के नीचे उतर रहा था उसका उभार उसे साफ दिख रहा था रीमा गले में जलन होने लगी थी क्योंकि इतना मोटा लंबा लंड उसके गले में सिर्फ एक बार गया था | इससे पहले उसने बस रोहित का ही लिया था | जितेश धीरे-धीरे समझ गया था रीमा क्या चाहती हो और वह पूरी तरह से रीमा के मुंह में अपने लंड को घुसाने लगा था जितेश लंड को पूरी तरह से रीमा के मुंह में उतारने लगा था उसके गले में जो जलन हो रही थी धीरे-धीरे वह जलन लंड के रगड़ने से और बढ़ रही थी लेकिन रीमा को वासना की गर्मी में उसका एहसास शायद ही हो रहा हो | धीरे-धीरे जितेश का लंड रीमा की गर्दन के नीचे उतारने लगा था और एक बार पूरा जोर लगाकर रीमा ने लंबी सांस ली और जितेश के लंड को धक्का मारा और उसका लंड रीमा की जीभ से फिसलता हुआ उसके गले के नीचे तक उतार गया | जितेश के लंड की जड़ को रीमा के ओंठ छु रहे थे | रितेश का लंड पूरी तरह से भी रीमा के मुंह को चीरता हुआ उसके गले में नीचे तक फंसा हुआ था | कुछ देर तक रीमाँ जितेश के लंड को जड़ तक घोंटे रही | उसके बाद उसने फिर से पीछे की तरफ खींचते हुए जितेश के लंड को बाहर की तरफ निकाला और फिर से यही चीज दोहराई और फिर लंबी सांस ली | अब हट झटके के साथ उसके लंड को पूरी तरह से चूसने लगी थी कुछ देर बाद ही रीमा ने जितेश के लंड को ओंठो से जकड़ लिया और जितेश को चोदने के लिए कहा है | जितेश समझ गया उसने पीछे से कमर को हिलाना शुरू कर दिया था जिससे जितेश का लंड रीमा के मुंह में आसानी से आने जाने लगा था | जितेश ने रीमां के सर को पकड़कर के स्थिर किया और कसकर करके रीमा के मुहँ को चोदने लगा था यही तो रीमा चाहती थी | इसी तरह से पूरी तरह से टूट के वासना में डूब जाना ही तो उसकी दिली तम्मना थी | उसे अपनी वासना की उन ख्वाहिश के एहसास तक चुदना था जब तक उसका बदन जवाब ना दे जाए और यह तभी हो सकता था जब उसे एक तगड़ा लंड चोदने के लिए मिले | जितेश के रूप में उसे उसका मन पसंद का लंड मिल गया था | वह अपने सारे अरमान आज पूरे कर देना चाहती थी | उसने रात की शुरुआत मुहँ से करी थी लेकिन कल की सुबह कहाँ पर खतम करेगी इसका उसे भी अंदाजा नहीं था | जितेश भी हैरान था लेकिन खुश था उसे पता था कि रीमा दूसरी औरतों से थोड़ा अलग है इसीलिए उसे यह भी पता था कि रीमा के साथ उसका एक्सपीरियंस की दूसरी औरतों से कुछ ज्यादा ही अलग होगा | ये उसे बस अभी कुछ ही पलों में नजर आ गया था | रीमा पूरी तरह से जितेश का लंड अपने मुंह में ले रही थी और जितेश लम्बे लेकिन बेहद धीमे झटके लगा रहा था |
रीमा के मुहँ में चुदने की आवाजे ही आ रही थी - ख्ख्ख्खक्क्क्कक्क्क ख्ख्ख्खाक्काक्काक आआआआह्ह्ह्ह ऊऊऊह्ह्ह्ह, ह्ह्ह्हक्क्क्कक |
अब किसी तरह के एक्सपेरिमेंट का वक्त नहीं था रीमा भी चाहती थी कि अब जितेश कसकर उसके मुंह में लंड को पेल दे |
रीमा - अब बिना मेरी परवाह किये पेल दो मेरे मुहँ में लंड | मिटा लो अपनी हसरत और बुझा दो इस हवस की ख्हवाइश को हमेशा के लिए |