10-11-2019, 11:04 PM
गणेश बोला : "ओहो ..... इतना कॉन्फिडेन्स ....आज क्या हो गया तुझे...''
और हंसते हुए उसने फिर से 400 की चाल चल दी...डबल करते हुए.
अब तो केशव को भी डर सा लगने लगा..उसने अपने पत्ते उठा कर देखे...एक-2 करते हुए..
पहला पत्ता था इक्का..
दूसरा निकला बादशाह...
केशव का दिल ज़ोर-2 से धड़कने लगा...वो सोचने लगा की अगला पत्ता कोई भी आ जाए...बेगम आए तो सबसे बढ़िया ...वरना..एक और इक्का...या एक और बादशाह ...कलर तो बन नही सकता था...क्योंकि अभी तक के दोनो पत्ते अलग-2 थे..
उसने भगवान का नाम लेते हुए तीसरा पत्ता भी देखा...
वो गुलाम निकला..
शिट यार....ऐसा कैसे हो सकता है...शायद...मैं खेल रहा हू इसलिए...काजल खेलेगी तो उसके पास पत्ते आएँगे ना अच्छे ...मैं बेकार में ही इतना आगे खेल गया..पर फिर भी,शो माँगने लायक तो थे ही उसके पत्ते..
और उसने 400 बीच मे फेंक कर शो माँग लिया..
गणेश ने अपने पत्ते सामने फेंक दिए..उसके पास पान का कलर था..
केशव ने अपने पत्ते नीचे पटक दिए..
गणेश ने हंसते हुए सारे पैसे उठा लिए..
काजल ने झुक कर गणेश के पत्ते उठा कर देखे..शायद वो ये देखने की कोशिश कर रही थी की कही बीच मे पान के अलावा कोई दूसरा लाल रंग ना हो...
पर इतना ही समय काफ़ी था, गणेश की तीखी नज़रों ने उसके गले की गहराई नाप ली...
और हंसते हुए उसने फिर से 400 की चाल चल दी...डबल करते हुए.
अब तो केशव को भी डर सा लगने लगा..उसने अपने पत्ते उठा कर देखे...एक-2 करते हुए..
पहला पत्ता था इक्का..
दूसरा निकला बादशाह...
केशव का दिल ज़ोर-2 से धड़कने लगा...वो सोचने लगा की अगला पत्ता कोई भी आ जाए...बेगम आए तो सबसे बढ़िया ...वरना..एक और इक्का...या एक और बादशाह ...कलर तो बन नही सकता था...क्योंकि अभी तक के दोनो पत्ते अलग-2 थे..
उसने भगवान का नाम लेते हुए तीसरा पत्ता भी देखा...
वो गुलाम निकला..
शिट यार....ऐसा कैसे हो सकता है...शायद...मैं खेल रहा हू इसलिए...काजल खेलेगी तो उसके पास पत्ते आएँगे ना अच्छे ...मैं बेकार में ही इतना आगे खेल गया..पर फिर भी,शो माँगने लायक तो थे ही उसके पत्ते..
और उसने 400 बीच मे फेंक कर शो माँग लिया..
गणेश ने अपने पत्ते सामने फेंक दिए..उसके पास पान का कलर था..
केशव ने अपने पत्ते नीचे पटक दिए..
गणेश ने हंसते हुए सारे पैसे उठा लिए..
काजल ने झुक कर गणेश के पत्ते उठा कर देखे..शायद वो ये देखने की कोशिश कर रही थी की कही बीच मे पान के अलावा कोई दूसरा लाल रंग ना हो...
पर इतना ही समय काफ़ी था, गणेश की तीखी नज़रों ने उसके गले की गहराई नाप ली...