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Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (with pics )
#9
[Image: 93492889_9738e26d85eca23473f1ea66ca6a203...indian.jpg]
वापिस जाने की बात सुनते ही केशव हड़बड़ा सा गया...आज पहली बार तो उसे अपनी बड़ी बहन को ऐसे देखने का मौका मिला था..और उपर से वो थोड़ा नॉटी भी बिहेव कर रही थी...ऐसे मे वापिस जाना मतलब हाथ में आया मौका खो देने जैसा ही था.

हमेशा अपनी 'बहनको 'बहनकी नज़र से देखने वाला केशव अचानक से ही उसे एक 'लड़कीकी नज़र से देखने लग गया..और देखे भी क्यो ना..खूबसूरत तो थी ही वो..अपनी अदाओं का जादू वो ऐसे चला रही थी जैसे कोई किसी को पटाने के लिए करता है...अब उसकी समझ में ये नही  रहा था की उसकी हरकतों को वो क्या समझे...पर जो भी था अभी तक तो केशव को मज़ा ही  रहा था...और ऐसे मज़े को वो खोना नही चाहता था..

केशव : "ठीक है दीदी....जैसा आप कहो...''

और वो फिर से वही बैठ गया और पत्ते बाँटने लगा..काजल के होंठों पर विजयी मुस्कान तैर गयी.

काजल ने भी आज से पहले अपने भाई के बारे मे ऐसा नही सोचा था...पर वो सोच रही थी की कैसे वो अब तक रोज रात को इस कमरे मे सोते हुए अपनी चूत की मालिश करती है और बिल्कुल साथ वाले कमरे में ही उसका जवान भाई भी सोता है...उसके इतनी पास रहते हुए वो ये सब काम करती है..सिर्फ़ एक दीवार ही तो है बीच मे...और अगर वो दीवार भी ना हो तो...और वो उसके सामने ही नंगी होकर अपनी चूत रगड़ रही हो तो....ये सोचते ही उसके पूरे बदन में एक सिहरन सी दौड़ गयी....उसके होंठ काँपने लगे...उपर वाले भी ...और नीचे वाले भी.

केशव : "अब क्या हुआ दीदी.....आपकी ब्लाइंड है...पूछो ..क्या पूछना है...''

पूछना तो काजल बहुत कुछ चाहती थी..पर फिर भी अपने होंठों को दांतो से काटकर बड़ी मुश्किल से अपने आप पर काबू किया और बोली : "तेरी....तेरी...एक गर्लफ्रेंड थी ना...वो अभी भी है क्या...और क्या नाम है उसका..''

केशव की आँखे गोल हो गयी...उसने तो सोचा भी नही था की ये बातें इतनी पर्सनल भी हो सकती है...

और ये काजल को कैसे पता चला की उसकी एक गर्लफ्रेंड है ...ये बात तो उसने आज तक उसे नही बताई...वो ज़्यादा बाते करता ही नही था काजल के साथ..इसलिए वो हैरान हो रहा था की ये काजल आज एकदम से क्यों उसकी पर्सनल जिंदगी के बारे मे पूछ रही है..

केशव : "वो....थी या नही थी...आप क्यो पूछ रही हो...और आपको कैसे पता की मेरी एक जी एफ थी..''

काजल : "गेम का रूल है ये...तुझे बताना पड़ेगा...मुझे कैसे पता वो बात रहने दे...''

केशव फँस चुका था...वो सोचने लगा की अगर उसे ये बात पता है तो उसके सामने झूठ बोलने का कोई फायदा नही है..

केशव : "जी...वो अभी भी है...और उसका नाम सारिका है...''
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RE: काजल, दीवाली और जुए का खेल (with pics ) - by sisfucker31 - 10-11-2019, 10:03 PM



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