10-11-2019, 09:45 PM
(This post was last modified: 10-11-2019, 09:51 PM by sisfucker31. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
काजल, दीवाली और जुए का खेल
ye story pehle se hi kisi ne likhi h but iss story mein maine gif or images add krke story ka maza dugna kiya h
काजल को जैसे ही उसके भाई का फोन आया, वो उसी वक़्त अपने ऑफीस से निकल पड़ी..उसकी माँ पिछले 20 दिनों से हॉस्पिटल में है..उन्हें हार्ट अटॅक आया था..पर अब धीरे-2 सुधार हो रहा है..पर फिर भी डॉक्टर्स कह रहे हैं की 10 दिन और लगेंगे..
काजल एक प्राइवेट फर्म मे नौकरी करती थी और हॉस्पिटल मे उसका छोटा भाई केशव रहता था..वो एक आवारा किस्म का लड़का था और अपनी डील -डोल की वजह से गुंडागर्दी भी सीख गया था वो..इसलिए उसकी दोस्ती भी ऐसे लड़को के साथ ही थी..पर जब से उनकी माँ हॉस्पिटल मे थी वो आवारगार्दी कर ही नही पाता था..इसलिए 5:30 होते ही वो अपनी बहन को फोन खड़का देता और उसके आते ही अपने दोस्तो के साथ निकल जाता..ज़िम्मेदारी का ज़रा भी एहसास नही था उसमे..
दिल्ली में रोहिणी की एक डी डी ऐ कॉलोनी मे घर था उनका..बस यही 2 मंज़िला घर था जो उनके पिताजी छोड़ गये थे...उपर वाले हिस्से में दो बेडरूम और नीचे किचन और ड्रॉयिंग रूम.
काजल की उम्र तो शादी के लायक हो चुकी थी पर घर की पूरी ज़िम्मेदारी उसके उपर थी...इसलिए वो अभी शादी के बारे मे दूर -2 तक सोच भी नही सकती थी..
वो थी तो काफ़ी सुंदर पर लड़को को वो खुद ही अपने पास फटकने नही देती थी..क्योंकि प्यार-व्यार के चक्कर मे पड़कर वो अपनी ज़िम्मेदारियो से दूर नही होना चाहती थी. और ज्यादातर सादे कपड़ो में ही रहती थी मगर सादे कपड़ो में भी उसकी खूबसूरती का कोई जवाब नहीं
कुल मिलाकर काफ़ी समझदार और घरेलू किस्म की सुंदर सी लड़की थी काजल..
कुल मिलाकर काफ़ी समझदार और घरेलू किस्म की सुंदर सी लड़की थी काजल....
और उसका भाई केशव, शक्ल से ही गुंडा टाइप का..हल्की दादी मूँछ मे रहता था हमेशा..बिखरे हुए बाल..सिगरेट की लत्त भी थी उसको...इसलिए होंठ भी चेहरे की तरह काले हुए पड़े थे..पर अपने मोहल्ले मे काफ़ी दबदबा था उसका..और वो अपने कसरती बदन को बुरे कामो मे इस्तेमाल करके थोड़ी बहुत कमाई भी कर लेता था...पर वो पैसे वो अपने दोस्तो और शराब मे ही उड़ाता..
घर का खर्चा चलाने की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ और सिर्फ़ काजल की ही थी.
ye story pehle se hi kisi ne likhi h but iss story mein maine gif or images add krke story ka maza dugna kiya h
काजल को जैसे ही उसके भाई का फोन आया, वो उसी वक़्त अपने ऑफीस से निकल पड़ी..उसकी माँ पिछले 20 दिनों से हॉस्पिटल में है..उन्हें हार्ट अटॅक आया था..पर अब धीरे-2 सुधार हो रहा है..पर फिर भी डॉक्टर्स कह रहे हैं की 10 दिन और लगेंगे..
काजल एक प्राइवेट फर्म मे नौकरी करती थी और हॉस्पिटल मे उसका छोटा भाई केशव रहता था..वो एक आवारा किस्म का लड़का था और अपनी डील -डोल की वजह से गुंडागर्दी भी सीख गया था वो..इसलिए उसकी दोस्ती भी ऐसे लड़को के साथ ही थी..पर जब से उनकी माँ हॉस्पिटल मे थी वो आवारगार्दी कर ही नही पाता था..इसलिए 5:30 होते ही वो अपनी बहन को फोन खड़का देता और उसके आते ही अपने दोस्तो के साथ निकल जाता..ज़िम्मेदारी का ज़रा भी एहसास नही था उसमे..
दिल्ली में रोहिणी की एक डी डी ऐ कॉलोनी मे घर था उनका..बस यही 2 मंज़िला घर था जो उनके पिताजी छोड़ गये थे...उपर वाले हिस्से में दो बेडरूम और नीचे किचन और ड्रॉयिंग रूम.
काजल की उम्र तो शादी के लायक हो चुकी थी पर घर की पूरी ज़िम्मेदारी उसके उपर थी...इसलिए वो अभी शादी के बारे मे दूर -2 तक सोच भी नही सकती थी..
वो थी तो काफ़ी सुंदर पर लड़को को वो खुद ही अपने पास फटकने नही देती थी..क्योंकि प्यार-व्यार के चक्कर मे पड़कर वो अपनी ज़िम्मेदारियो से दूर नही होना चाहती थी. और ज्यादातर सादे कपड़ो में ही रहती थी मगर सादे कपड़ो में भी उसकी खूबसूरती का कोई जवाब नहीं
कुल मिलाकर काफ़ी समझदार और घरेलू किस्म की सुंदर सी लड़की थी काजल..
कुल मिलाकर काफ़ी समझदार और घरेलू किस्म की सुंदर सी लड़की थी काजल....
और उसका भाई केशव, शक्ल से ही गुंडा टाइप का..हल्की दादी मूँछ मे रहता था हमेशा..बिखरे हुए बाल..सिगरेट की लत्त भी थी उसको...इसलिए होंठ भी चेहरे की तरह काले हुए पड़े थे..पर अपने मोहल्ले मे काफ़ी दबदबा था उसका..और वो अपने कसरती बदन को बुरे कामो मे इस्तेमाल करके थोड़ी बहुत कमाई भी कर लेता था...पर वो पैसे वो अपने दोस्तो और शराब मे ही उड़ाता..
घर का खर्चा चलाने की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ और सिर्फ़ काजल की ही थी.