10-11-2019, 09:14 PM
इतना कहते ही दीदी ने फिर से मुझे अपने ऊपर चिपका लिया और कमर हिलाने को कहने लगी लेकिन खून देखकर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी तो दीदी ने मुझे पलट दिया और मेरे ऊपर आ गई और लंड को अपनी चूत में घुसा कर खुद की कमर हिलाने लगी | अब मैं बिस्तर पर नीचे लेटा हुआ था और दीदी मुझे ऊपर बैठकर चोद रही थी लेकिन दीदी को अभी भी चूत में दर्द हो रहा था उनकी आंखें बता रही थी दीदी अपनी चूत फटने के दर्द से अभी उभरी नहीं है | ऊपर से दीदी को चोदना आसन नहीं था एक तो उन्हें ही धक्के लगाने थे और हर धक्के का दर्द भी उन्हें ही बर्दास्त करना था | इसलिए दीदी फिर से नीचे बिस्तर पर लेट गई और किनारे आ करके उन्होंने मुझे फिर से चोदने को कह दिया | दीदी ने इसके साथ ही अपनी दोनों जाने सटा के ऊपर की तरफ उठा दी मैंने दीदी की जांघो को पकड़कर उनकी चूत में लंड को घुसेड़ दिया और अपनी कमर को हिलाने लगा था |
दीदी ने पिक्चर की याद दिला दी और उसकी याद आते ही मैंने दीदी के चूत में लंड खेलने की स्पीड बढ़ा दी और दीदी को मज़ा आने लगा था हालांकि दीदी को दर्द भी बराबर हो रहा था मेरा लंड पूरी तरह से खून से सना हुआ था |
![[Image: adelle-deflowered.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-2vA9HHhLy4o/Xb0sJ-cs0iI/AAAAAAAACO0/l3uYyI5G0YcPSmYJe-jDEXXVy8-sIE9WACLcBGAsYHQ/s1600/adelle-deflowered.jpg)
मैं उसे पोछना चाहता था लेकिन दीदी ने रोक दिया उसने कहा अरे पगले यह तो सुहागरात की निशानी होती है जब तक पूरा लंड और चूत खून और तेरी मलाई से सन नहीं जाएगी तब तक यह सुहागरात खत्म नहीं होगी | ऐसा समझ ले तू बस मेरे साथ सुहागरात मना रहा है | यह सब बातों से मेरा जोश बढ़ गया था और मैं दीदी को और जोर से धक्के मारने लगा था | मैंने अपनी जिंदगी की पहली चूत मारी थी वो भी कोरी कुंवारी | दीदी की चूत बहुत कसी हुई थी इसलिए लंड पेलने में पूरा जोर लगाना पड़ रहा था | इसलिए मैं जल्दी ही हांफने लगा था | इसी ताकन के कारन मै दीदी के ऊपर लेट गया था | दीदी समझ गई थी आखिर में कच्ची उम्र का लड़का था | दीदी नीचे से कमर में झटके देने लगी और मै ऊपर से | दीदी की नयी कोरी कसी चूत में मेरा लंड ज्यादा देर तक खुद रोक नहीं पाया और मेरा शरीर अकड़ने लगा था जल्द ही मेरे लंड से पिचकारिया छूटने लगी और दीदी की चूत की गहराई में अपने लंड की पर पिचकारियो से अपनी मलाई से भरने लगा था | दीदी चुपचाप मेरे लंड की मलाई को अपनी चूत में समाती रही और उसके बाद में मुझे बाहों में लेकर उसी तरह से लेट गई | मै और दीदी दोनों अपनी सांसे काबू करने लगे | हम दोनों की गरम सांसे एक दुसरे में घुल रही थी | दीदी मेरे बाल सहलाने लगी | मै उनके सीने में सर छिपाकर आराम करने लगा | मेरा लंड दीदी की कसी चूत में ही मुरझाने लगा | कुछ देर बाद जब हम दोनोई की सांसे काबू मे आई तो मैंने दीदी की चूत से लंड बाहर निकाला तो मेरा पूरा लंड लाल खून से सना हुआ था उसके साथ साथ में मेरे लंड से निकली मलाई का रस भी लगा हुआ था जैसे ही मैंने दीदी की चूत से लंड बाहर निकाला दीदी की चूत के चारों तरफ खून ही खून नजर आ रहा था | वह कर इधर-उधर जांघों पर चूतड़ों पर लग गया था थोड़ा खून मेरी जान ऊपर भी लग गया था |
![[Image: 467139896.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-njJnJwk4uFg/Xb0oRIxuTBI/AAAAAAAACOo/CFBRLZaDSF4_xi36Qum5qvMKmY-Ls43TwCLcBGAsYHQ/s1600/467139896.jpg)
इसी के साथ जितेश के लंड ने भी जवाब दे दिया | उसकी पिचकारियाँ निकलने लगी | हालाकि उसने मुहँ से निकलने वाली आह दबाने की बहुत कोशिश की लेकिन दबा नहीं पाया | रीमा समझ गयी वो निपट गया है | लेकिन रीमा को शक न हो इसलिए जितेश ने कहानी सुनानी नहीं रोकी| वो बस उठा और तय जगह पर रखे गिलास से अपनी पिया और अपनी जगह पर आकर लेट गया | उसकी तौलिया उसके बदन पर नहीं थी और उसका झूलता लंड का बस अनुमान ही रीमा लगा पाई | जितेश फिर से बिस्तर में घुस गया और अपनी आगे की कहानी सुनाने लगा | अब उसकी आवाज में ठहराव था |
दीदी ने उसे दिखा कर कहा - यह हमारे प्यार की निशानी है आज तूने मुझे औरत बना दिया है और इस से ज्यादा कोई खास पल मेरी जिंदगी में नहीं हो सकता है |
मै - दीदी आपने अपनी कुंवारी चूत देकर मुझे भी बहुत खाद बना दिया | मेरी जिंदगी की पहली चूत वो भी कुंवारी | बहुत मजा आया आपकी चूत को चोदकर |
दीदी - मजा आया |
मै - बहुत, बिलकुल मक्खन मलाई की तरह रसीली है आपकी चूत | शुरू में लगा जैसे मेरा लंड ही छील देगी लेकिन उसके बाद बहुत मजा आया | अब पता चला आप क्यों कहती थी चूत चोदने में मजा आता है |
दीदी - सच कहती थी न |
मै - हाँ दीदी इसके आगे कोई जन्नत भी दे तो ठुकरा दू |
दीदी ने मुझे बांहों में भरकर कसके चूम लिया - तू बाते बहुत प्यारी प्यारी करता है | इसके बाद दीदी काफी देर तक मुझे चूमती रही |
मुझे भी दीदी की कसी हुई कुंवारी चूत चोद कर बहुत मजा आया था मेरा मन कर रहा था दीदी को मैं एक बार और चोदू |
कुछ देर तक मैं वही दीदी के पास ही पड़ा रहा, मेरा खून से सना हुआ लंड दीदी की खून से सनी आपस में एक दुसरे को रंगते रहे | उसके बाद मै और दीदी उठे और उन्होंने एक साफ तौलिए से मेरे पहले लंड को पूछा और फिर अपनी चूत और उसके आसपास लगे खून को पूछा और फिर मुझे पकड़कर बाथरूम की तरफ चल दी | वहां जाकर उन्होंने पहले अपनी चूत को अच्छे से धोया और फिर मेरे लंड और मेरी जान हो पर लगे खून को अच्छे से धोया जब सबकुछ पूरी तरह साफ हो गया | उसके बाद हम कमरे में फिर वापस आ गए | उसके बाद दीदी ने अपनी चूत की अंदरूनी ओंठो में उंगलियां फंसा कर के अपनी चूत को फैलाकर मुझे अपनी चूत दिखाते हुए कहा - देख यह क्या किया, तूने मेरा कुंवारापन लूट लिया,मेरी कुंवारी चूत को चोदकर मुझे औरत बना दिया | देख इसे कहते हैं असली चूतजो एक औरत की चूत ऐसी होती है | मैंने कुछ देर पहले ही दीदी की चूत देखि थी अब तो वो पूरी तरह से बदल गयी थी |मैं देखकर हैरान रह गया दीदी की चूत की झिल्ली पूरी तरह से गायब हो चुकी थी वहां पर एक बड़ा सा छेद बन गया था और उसके अंदर से दीदी की पूरी गुलाबी मखमली चूत सुरंग नजर आ रही थी | अब मुझे समझ आया दीदी किस चूत के छेद की बात कर रही थी | मैं हैरान था आखिर मैंने दीदी का कुंवारापन लूट लिया अब दीदी कुमारी नहीं रही थी और वह एक औरत बन गई थी और दीदी ने मुझे भी एक मर्द बना दिया था | अब मुझे पता चल गया था एक औरत को कैसे चोदते हैं | अब मैं अगली बार दीदी को मर्द बंनकर चोदुंगा और दीदी एक औरत बनकर मुझसे चुदेगी | मैं बहुत ही फक्र महसूस कर रहा था इतनी कम उम्र में चूत चुदाई की बातों को सिखाने के लिए दीदी को कैसे थैंक्यू कहूं |
![[Image: nonVirgin2.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-7DUSz7Wc6-Q/Xb0jTpJ2BvI/AAAAAAAACOE/IEBdHChXL9U5LqlpZWtnj2TZQoVay0YxgCLcBGAsYHQ/s1600/nonVirgin2.jpg)
दीदी बेड पर बैठी मुझे अपनी चूत दिखा रही थी और मैं उनकी उसको देख रहा था | जिस चूत का कुंवारापन अभी-अभी मैंने लूटा था मैंने खुद अपने हाथों से उस दीदी की चूत को फैलाकर और करीब से देखा और दीदी से बोला - दीदी अभी अभी मैंने आपका कुंवारा पर लुटा है अब आप औरत बन गई हो |
दीदी बोली - हां मैं अब औरत बन गई हूं और तू भी पूरा का पूरा मर्द बन गया है
मैं - दीदी अगली बार हम औरत और मर्द बंन कर चुदाई करेंगे ना |
दीदी बोली - हां रे अब तो तेरी जैसे मर्जी हो जब मर्जी हो तब तुम्हें चोदना अब तो तूने मेरी चूत के बंद दरवाजे को खोल ही दिया है अब क्या है जब मर्जी हो तब चोदो |
मैंने दीदी से कहा - दीदी अब औरत बनकर आप चुदोगी और मैं मर्द बन कर आपको चोदुंगा है | दीदी आपने इतनी छोटी सी उम्र में यह सब सिखा दिया है औरत मर्द चूत चुदाई की बातें | मैं आपका एहसान कैसे उतार पाऊंगा |
दीदी झट से बोली - अरे पहले इसमें एहसान कैसा है तू भी तो मुझे चोद रहा है ना इतनी इतने प्यार से | कौन लंड है जो किसी औरत को उसके इशारे पर चोदता है जब तक तू मेरी बात मानकर मुझे ऐसे चोदता रहेगा तब तक कोई एहसान नहीं | हम दोनों एक दूसरे पर एहसान नहीं कर रहे हैं हम दोनों एक दूसरे की जरूरतें पूरी कर रहे हैं | मैं तेरी टीचर हूं और तू मेरा स्टूडेंट है | टीचर और स्टूडेंट के बीच में कभी कोई एहसान नहीं होता है जो मैं तुझे सिखा दूं तो अच्छे से सीख लेना स्टूडेंट बनकर |
मै - अच्छा स्टूडेंट बनकर सीखूंगा आप जो भी सिखाओगी दीदी |
दीदी - अपनी टीचर का कहना मानेगा और ये बात किसी को बताएगा तो नहीं मेरा स्टूडेंट |
मै - जी कभी नहीं |
![[Image: Dreams-of-Spanking_tangled007.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-_1hxXF-PBTo/Xan0ymndb1I/AAAAAAAACLA/eb9vWAyU9vo_tLUmZx-hQkgOLJTVbDpHwCLcBGAsYHQ/s1600/Dreams-of-Spanking_tangled007.jpg)
इतना सुनते ही दीदी ने मेरा हाथ पकड़ कर चूम लिया और वहां पर हम दोनों बिस्तर पर ढेर हो गए| इसके बाद में मैं दीदी की बाहों में समा गया और काफी देर तक हम एक दूसरे को आंखों में आंखें डाल देखते रहे थे मैं सीधा पीठ के बल लेटा था दीदी उल्टी लेती हुई थी दीदी अपना कुंवारापन खो चुकी थी और वह मुस्कुराते हुए मेरी आंखों में आंखें डाल लेती थी | मैं भी बहुत खुश था कि दीदी ने अपनी चूत में चोदने को दी और दीदी को एक औरत बनाया है हम सो गए हमें पता ही नहीं चला जब मेरी आंख खुली तब सुबह के 6:00 बज रहे थे मैंने देखा दीदी अभी भी सो रही हैं हालांकि जब मैंने नीचे की तरफ देखा तो मेरा लंड पूरी तरह से तना हुआ था अब मैं इसका क्या करूं अभी मुझे उठा घर भी जाना है क्योंकि कॉलेज जाना है इधर दीदी अभी भी सो रही थी मैं अपने लंड को थाम के बाथरूम की तरफ चला गया वापस आकर मैंने कपड़े पहने और चुपचाप अपने घर की तरफ ले कर के चला गया जब दीदी की आंखें खुली तब मैं वहां नहीं था इसलिए दीदी यह पता करने आई कि मैं घर पहुंचा हूं या नहीं पहुंचा |
दीदी ने पिक्चर की याद दिला दी और उसकी याद आते ही मैंने दीदी के चूत में लंड खेलने की स्पीड बढ़ा दी और दीदी को मज़ा आने लगा था हालांकि दीदी को दर्द भी बराबर हो रहा था मेरा लंड पूरी तरह से खून से सना हुआ था |
![[Image: adelle-deflowered.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-2vA9HHhLy4o/Xb0sJ-cs0iI/AAAAAAAACO0/l3uYyI5G0YcPSmYJe-jDEXXVy8-sIE9WACLcBGAsYHQ/s1600/adelle-deflowered.jpg)
मैं उसे पोछना चाहता था लेकिन दीदी ने रोक दिया उसने कहा अरे पगले यह तो सुहागरात की निशानी होती है जब तक पूरा लंड और चूत खून और तेरी मलाई से सन नहीं जाएगी तब तक यह सुहागरात खत्म नहीं होगी | ऐसा समझ ले तू बस मेरे साथ सुहागरात मना रहा है | यह सब बातों से मेरा जोश बढ़ गया था और मैं दीदी को और जोर से धक्के मारने लगा था | मैंने अपनी जिंदगी की पहली चूत मारी थी वो भी कोरी कुंवारी | दीदी की चूत बहुत कसी हुई थी इसलिए लंड पेलने में पूरा जोर लगाना पड़ रहा था | इसलिए मैं जल्दी ही हांफने लगा था | इसी ताकन के कारन मै दीदी के ऊपर लेट गया था | दीदी समझ गई थी आखिर में कच्ची उम्र का लड़का था | दीदी नीचे से कमर में झटके देने लगी और मै ऊपर से | दीदी की नयी कोरी कसी चूत में मेरा लंड ज्यादा देर तक खुद रोक नहीं पाया और मेरा शरीर अकड़ने लगा था जल्द ही मेरे लंड से पिचकारिया छूटने लगी और दीदी की चूत की गहराई में अपने लंड की पर पिचकारियो से अपनी मलाई से भरने लगा था | दीदी चुपचाप मेरे लंड की मलाई को अपनी चूत में समाती रही और उसके बाद में मुझे बाहों में लेकर उसी तरह से लेट गई | मै और दीदी दोनों अपनी सांसे काबू करने लगे | हम दोनों की गरम सांसे एक दुसरे में घुल रही थी | दीदी मेरे बाल सहलाने लगी | मै उनके सीने में सर छिपाकर आराम करने लगा | मेरा लंड दीदी की कसी चूत में ही मुरझाने लगा | कुछ देर बाद जब हम दोनोई की सांसे काबू मे आई तो मैंने दीदी की चूत से लंड बाहर निकाला तो मेरा पूरा लंड लाल खून से सना हुआ था उसके साथ साथ में मेरे लंड से निकली मलाई का रस भी लगा हुआ था जैसे ही मैंने दीदी की चूत से लंड बाहर निकाला दीदी की चूत के चारों तरफ खून ही खून नजर आ रहा था | वह कर इधर-उधर जांघों पर चूतड़ों पर लग गया था थोड़ा खून मेरी जान ऊपर भी लग गया था |
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इसी के साथ जितेश के लंड ने भी जवाब दे दिया | उसकी पिचकारियाँ निकलने लगी | हालाकि उसने मुहँ से निकलने वाली आह दबाने की बहुत कोशिश की लेकिन दबा नहीं पाया | रीमा समझ गयी वो निपट गया है | लेकिन रीमा को शक न हो इसलिए जितेश ने कहानी सुनानी नहीं रोकी| वो बस उठा और तय जगह पर रखे गिलास से अपनी पिया और अपनी जगह पर आकर लेट गया | उसकी तौलिया उसके बदन पर नहीं थी और उसका झूलता लंड का बस अनुमान ही रीमा लगा पाई | जितेश फिर से बिस्तर में घुस गया और अपनी आगे की कहानी सुनाने लगा | अब उसकी आवाज में ठहराव था |
दीदी ने उसे दिखा कर कहा - यह हमारे प्यार की निशानी है आज तूने मुझे औरत बना दिया है और इस से ज्यादा कोई खास पल मेरी जिंदगी में नहीं हो सकता है |
मै - दीदी आपने अपनी कुंवारी चूत देकर मुझे भी बहुत खाद बना दिया | मेरी जिंदगी की पहली चूत वो भी कुंवारी | बहुत मजा आया आपकी चूत को चोदकर |
दीदी - मजा आया |
मै - बहुत, बिलकुल मक्खन मलाई की तरह रसीली है आपकी चूत | शुरू में लगा जैसे मेरा लंड ही छील देगी लेकिन उसके बाद बहुत मजा आया | अब पता चला आप क्यों कहती थी चूत चोदने में मजा आता है |
दीदी - सच कहती थी न |
मै - हाँ दीदी इसके आगे कोई जन्नत भी दे तो ठुकरा दू |
दीदी ने मुझे बांहों में भरकर कसके चूम लिया - तू बाते बहुत प्यारी प्यारी करता है | इसके बाद दीदी काफी देर तक मुझे चूमती रही |
मुझे भी दीदी की कसी हुई कुंवारी चूत चोद कर बहुत मजा आया था मेरा मन कर रहा था दीदी को मैं एक बार और चोदू |
कुछ देर तक मैं वही दीदी के पास ही पड़ा रहा, मेरा खून से सना हुआ लंड दीदी की खून से सनी आपस में एक दुसरे को रंगते रहे | उसके बाद मै और दीदी उठे और उन्होंने एक साफ तौलिए से मेरे पहले लंड को पूछा और फिर अपनी चूत और उसके आसपास लगे खून को पूछा और फिर मुझे पकड़कर बाथरूम की तरफ चल दी | वहां जाकर उन्होंने पहले अपनी चूत को अच्छे से धोया और फिर मेरे लंड और मेरी जान हो पर लगे खून को अच्छे से धोया जब सबकुछ पूरी तरह साफ हो गया | उसके बाद हम कमरे में फिर वापस आ गए | उसके बाद दीदी ने अपनी चूत की अंदरूनी ओंठो में उंगलियां फंसा कर के अपनी चूत को फैलाकर मुझे अपनी चूत दिखाते हुए कहा - देख यह क्या किया, तूने मेरा कुंवारापन लूट लिया,मेरी कुंवारी चूत को चोदकर मुझे औरत बना दिया | देख इसे कहते हैं असली चूतजो एक औरत की चूत ऐसी होती है | मैंने कुछ देर पहले ही दीदी की चूत देखि थी अब तो वो पूरी तरह से बदल गयी थी |मैं देखकर हैरान रह गया दीदी की चूत की झिल्ली पूरी तरह से गायब हो चुकी थी वहां पर एक बड़ा सा छेद बन गया था और उसके अंदर से दीदी की पूरी गुलाबी मखमली चूत सुरंग नजर आ रही थी | अब मुझे समझ आया दीदी किस चूत के छेद की बात कर रही थी | मैं हैरान था आखिर मैंने दीदी का कुंवारापन लूट लिया अब दीदी कुमारी नहीं रही थी और वह एक औरत बन गई थी और दीदी ने मुझे भी एक मर्द बना दिया था | अब मुझे पता चल गया था एक औरत को कैसे चोदते हैं | अब मैं अगली बार दीदी को मर्द बंनकर चोदुंगा और दीदी एक औरत बनकर मुझसे चुदेगी | मैं बहुत ही फक्र महसूस कर रहा था इतनी कम उम्र में चूत चुदाई की बातों को सिखाने के लिए दीदी को कैसे थैंक्यू कहूं |
![[Image: nonVirgin2.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-7DUSz7Wc6-Q/Xb0jTpJ2BvI/AAAAAAAACOE/IEBdHChXL9U5LqlpZWtnj2TZQoVay0YxgCLcBGAsYHQ/s1600/nonVirgin2.jpg)
दीदी बेड पर बैठी मुझे अपनी चूत दिखा रही थी और मैं उनकी उसको देख रहा था | जिस चूत का कुंवारापन अभी-अभी मैंने लूटा था मैंने खुद अपने हाथों से उस दीदी की चूत को फैलाकर और करीब से देखा और दीदी से बोला - दीदी अभी अभी मैंने आपका कुंवारा पर लुटा है अब आप औरत बन गई हो |
दीदी बोली - हां मैं अब औरत बन गई हूं और तू भी पूरा का पूरा मर्द बन गया है
मैं - दीदी अगली बार हम औरत और मर्द बंन कर चुदाई करेंगे ना |
दीदी बोली - हां रे अब तो तेरी जैसे मर्जी हो जब मर्जी हो तब तुम्हें चोदना अब तो तूने मेरी चूत के बंद दरवाजे को खोल ही दिया है अब क्या है जब मर्जी हो तब चोदो |
मैंने दीदी से कहा - दीदी अब औरत बनकर आप चुदोगी और मैं मर्द बन कर आपको चोदुंगा है | दीदी आपने इतनी छोटी सी उम्र में यह सब सिखा दिया है औरत मर्द चूत चुदाई की बातें | मैं आपका एहसान कैसे उतार पाऊंगा |
दीदी झट से बोली - अरे पहले इसमें एहसान कैसा है तू भी तो मुझे चोद रहा है ना इतनी इतने प्यार से | कौन लंड है जो किसी औरत को उसके इशारे पर चोदता है जब तक तू मेरी बात मानकर मुझे ऐसे चोदता रहेगा तब तक कोई एहसान नहीं | हम दोनों एक दूसरे पर एहसान नहीं कर रहे हैं हम दोनों एक दूसरे की जरूरतें पूरी कर रहे हैं | मैं तेरी टीचर हूं और तू मेरा स्टूडेंट है | टीचर और स्टूडेंट के बीच में कभी कोई एहसान नहीं होता है जो मैं तुझे सिखा दूं तो अच्छे से सीख लेना स्टूडेंट बनकर |
मै - अच्छा स्टूडेंट बनकर सीखूंगा आप जो भी सिखाओगी दीदी |
दीदी - अपनी टीचर का कहना मानेगा और ये बात किसी को बताएगा तो नहीं मेरा स्टूडेंट |
मै - जी कभी नहीं |
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इतना सुनते ही दीदी ने मेरा हाथ पकड़ कर चूम लिया और वहां पर हम दोनों बिस्तर पर ढेर हो गए| इसके बाद में मैं दीदी की बाहों में समा गया और काफी देर तक हम एक दूसरे को आंखों में आंखें डाल देखते रहे थे मैं सीधा पीठ के बल लेटा था दीदी उल्टी लेती हुई थी दीदी अपना कुंवारापन खो चुकी थी और वह मुस्कुराते हुए मेरी आंखों में आंखें डाल लेती थी | मैं भी बहुत खुश था कि दीदी ने अपनी चूत में चोदने को दी और दीदी को एक औरत बनाया है हम सो गए हमें पता ही नहीं चला जब मेरी आंख खुली तब सुबह के 6:00 बज रहे थे मैंने देखा दीदी अभी भी सो रही हैं हालांकि जब मैंने नीचे की तरफ देखा तो मेरा लंड पूरी तरह से तना हुआ था अब मैं इसका क्या करूं अभी मुझे उठा घर भी जाना है क्योंकि कॉलेज जाना है इधर दीदी अभी भी सो रही थी मैं अपने लंड को थाम के बाथरूम की तरफ चला गया वापस आकर मैंने कपड़े पहने और चुपचाप अपने घर की तरफ ले कर के चला गया जब दीदी की आंखें खुली तब मैं वहां नहीं था इसलिए दीदी यह पता करने आई कि मैं घर पहुंचा हूं या नहीं पहुंचा |