20-01-2019, 10:54 PM
पूनम बाथरूम से नंगी ही बाहर आई। अभी उसे नंगी चलने में शर्म आ रही थी, लेकिन उसके पास कोई कपड़ा था ही नहीं। अमित नंगे ही चादर पे लगे खून के दाग को साफ करने की कोशिश कर रहा था। पूनम सबसे पहले अपनी पैंटी पहन ली और फिर स्कर्ट पहनते हुए अमित से पूछी "ये क्या कर रहे हो?" अमित बिना कुछ बोले बाथरूम चला गया।
पूनम ब्रा पहन ली और फिर टॉप पहनने के बाद वो बाथरूम में जाकर देखि तो अमित चादर का वो हिस्सा साफ करके बाहर आ रहा था। वो अभी भी पूरा नंगा ही था और उसका लण्ड बिल्कुल सिकुड़ा हुआ था। पूनम को हंसी आ गयी लेकिन वो चादर बिछाने में अमित की मदद करने लगी। पूनम को हँसता देख अमित भी थोड़ा रिलैक्स हो गया। पूनम को अपने लण्ड की तरफ देखते देख कर वो शर्मा गया और वो भी अपने कपड़े पहन लिया।
उसने अपने दोस्त को फ़ोन करके बुला लिया। पूनम को फिर शर्म आने लगी की 'वो लड़का क्या सोचेगा गीली चादर देखकर मेरे बारे में। जो सोचेगा सोचने दो। मुझे आज चुदवाना था, तो मेरी चुदाई हो गयी। वैसे भी जब इतनी देर हमलोग अकेले यहाँ थे तो आरती तो नहीं ही कर रहे होंगे।'
पूनम अमित को बोल दी की उसका दोस्त आएगा और हमलोग तुरंत यहाँ से निकल जाएंगे और अमित ने किया भी ऐसा ही। यहाँ का जो काम था, वो हो गया है। दोस्त से तो वो बाद में मिल ही लेगा। उसके आते ही दोनों वहां से निकल गए। पूनम बिना पैंटी पहने यहाँ आयी थी और अब चुद कर यहाँ से जा रही थी।
रास्ते में एक जगह वो लोग समोसा खाने रुके। अमित पूनम को दुकान में बिठा कर 5 मिनट के लिए बोल कर बाहर गया और जब आया तो उसने पूनम के हाथ में एक छोटा सा पैकेट दिया। पूनम उससे इशारे में पूछी की "ये क्या है?" अमित अपना मुँह पूनम के नज़दीक लाकर धीरे से बोला "घर पहुँच कर इसे खा लेना। टेबलेट है I-Pill। इससे कुछ होगा नहीं। प्रेग्नेंट नहीं होओगी।"
पूनम की जान सुख गयी। 'हे भगवान ..... ये चीज़ तो वो सोची ही नहीं थी। अगर कुछ हो जाता तो। मस्ती के चक्कर में कहीं मुँह दिखाने के लायक नहीं रहती।' वो टेबलेट को पर्स में रख ली और समोसा खाने लगी। वो धीरे से अमित को बोली "थैंक्स अमित।"
अमित अब रिलैक्स्ड हो चूका था। बोला "किसलिए, सील तोड़ने के लिए!" अचानक से पूनम शर्मा गयी और मुस्कुराते हुए नीचे देखने लगी।
शाम हो गया था। पूनम अपने घर आ गयी। सुबह की कुँवारी लड़की अभी चुदी चुदाई औरत बनकर घर लौटी थी। पूनम घर में ऐसे रियेक्ट की जैसे वो ऑफिस से ही सीधे घर आई हो। वो अपने कपड़े चेंज की और बांकी दिनों की ही तरह मम्मी पापा से बातें करने लगी और टीवी देख रही थी। खाना खाने के बाद जब पूनम अपने रूम में आयी तो वो फिर से आज गेट बंद कर ली और सबसे पहले तो पर्स से टेबलेट निकल कर खा ली।
अब वो रिलैक्स्ड थी। वो अपने ट्रोउजर और पैंटी को उतार दी और आलमीरा से फोटो और लेटर निकाल कर बेड पे रख ली। इसी फोटो और लेटर की वजह से तो वो आज चुद कर आई थी। अब पूनम एक छोटा आइना बेड पे ले आयी और उसमें अपनी ताज़ा चुदी हुई चुत देखने लगी की अब उसकी रानी की क्या हालत है। उसकी चुत के अंदर अभी भी कुछ जलन जैसा हो रहा था।
ऊपर से तो चुत नार्मल ही दिख रहा था। वो बेड पे लेट गयी और पिक्स देखते हुए सोचने लगी की इन पिक्स जैसा वो क्या क्या की। उसे अफ़सोस होने लगा की वो ज्यादा कुछ कर नहीं पाई। अमित बस उसे सीधा सीधी लिटा कर चोदा था। ना तो वो लण्ड के ऊपर बैठ पायी थी और ना ही अमित ने पीछे से उसके चुत में लण्ड डाला था। और तो और, बेचारी वीर्य भी टेस्ट नहीं कर पाई। अमित ने तो वीर्य को उसके चुत में ही भर दिया था।
पूनम को लगने लगा की उसकी आज की चुदाई बेकार गयी और उसे और भी चुदवाना होगा। वो अपने पैरों को पूरा फैलाये हुए चुत सहला रही थी। लेकिन उसे मज़ा नहीं आ रहा था। आज दिन में उसकी चुत से 4 बार रस छूटा था। वो अपने कपड़े पहन ली और पिक्स को वापस आलमीरा में रख दी।
पूनम सुबह जागी तो उसके चुत का दर्द बढ़ गया था और उसका मेन्सट्रूअल पीरियड स्टार्ट हो गया था। अभी उसके पीरियड में 7-8 दिन बांकी था। वो डर गई, पर अब क्या हो सकता था। वो आज ऑफिस से छुट्टी ले ली। वैसे भी आज फ्राइडे था तो आज छुट्टी लेने का मतलब था 3 दिनों की छुट्टी, क्यू की सैटरडे और संडे को तो उसका ऑफिस बंद ही रहता है।
पूनम की मम्मी उससे पीरियड के बारे में पूछी की ये इतना पहले कैसे हो गया, लेकिन पूनम सीधा सीधी बोल दी की "मुझे क्या पता। मैं तो खुद हैरान हूँ।" उसकी माँ उसे प्यार से समझायी की "पीरियड का डेट आगे पीछे होने का मतलब है कि शरीर में किसी किस्म की खराबी होना। तो अगर अगले महीने भी ऐसा हुआ तो फिर डॉक्टर से चेक करवाएंगे।" पूनम कुछ नहीं बोली।
पूनम सारा दिन घर पर ही रही। वो अपने घर में लगे फ़ोन से अमित को कॉल करके बात की और उसे बतायी की वो आज ऑफिस नहीं गयी है। अमित शरारत भरे अंदाज़ में बोला की "कल ज्यादा थक गयी क्या!" पूनम बोली की "कल ऐसे किये हो की कल जो खून निकल सो अभी तक निकल ही रहा है।"
पहले तो अमित को समझ नहीं आया और वो परेशान हो गया कि पूनम की तबियत खराब हो गयी है। उसे डर भी लगने लगा की कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं हो गयी है। जब पूनम आगे बोली की "और अभी 4-5 दिन और निकलता रहेगा।" तब अमित को समझ आया और वो रिलैक्स होकर मुस्कुरा दिया। इसका मतलब सब चीज़ ठीक है और वो पूनम जैसी गर्म माल का सील तोड़ चूका है।
रात में पूनम का मन हुआ की पिक्स देख ले, लेकिन वो सो गयी। सैटरडे और संडे का दिन भी इसी तरह बीत गया। आज तो वो अमित से बात भी नहीं की थी। वो घर से बाहर नहीं निकली थी, इसलिए उसे वो दोनों गुंडे भी नहीं दिखे थे।
आज मंडे को पूनम ऑफिस चल दी। वो अभी रोड पे आयी ही थी की उसे वो दोनों लड़के दिख गए। वो दोनों पूनम को देख रहे थे और अपनी आँखों से उसके बदन को सहला रहे थे। पूनम उन दोनों को इग्नोर करते हुए अपनी नज़रें नीची करके चली जा रही थी। उसने अपनी नज़र ऊपर की तो उसकी नज़र उस लड़के से मिली जो उस दिन गली के कार्नर पे खड़ा था। वो मुस्कुरा रहा था। पूनम बुरा सा मुँह बनाकर चलती रही और वो लड़के टाइट लेग्गिंग्स और कुर्ती में पूनम की गुदाज पीठ और मटकती गांड देखते रहे।
दोपहर का लंच वो अमित के साथ ही की और शाम में जब वो घर वापस आ रही थी तो देखी की वही लड़का आज फिर से गली के कॉर्नर पे खड़ा था। पूनम की धड़कन तेज़ हो गयी। रोड पे आसपास में कोई नहीं था। वो सोचने लगी की कैसा रिएक्शन देना है।
पूनम अपनी चाल तेज़ कर दी थी ताकि उस लड़के के कुछ करने से पहले वो घर पहुँच जाये। लेकिन पूनम जैसे ही गली के लिए मुड़ी, वो लड़का पास आ गया और बोला "तुमने कोई जवाब नहीं दिया पूनम?"
पूनम कोई जवाब नहीं दी और चलती रही। उसने फिर से अपने बात को दोहराया तो पूनम बोली "कैसा जवाब?"
"मेरे लेटर का। मेरे प्रपोजल का?"
"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे वैसे लेटर देने की। मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूँ। तुम अपनी हदों में रहो।" पूनम गुस्से में बोली। वो सोच चुकी थी की साफ साफ मना कर देने से और गुसा जाने से वो लोग फिर उसे परेशान नहीं करेंगे।
"मुझे पता है तुम किस टाइप की हो!" उस लड़के के हाथ में फिर से वैसा ही एन्वेलोप था जो वो पूनम की तरफ बढ़ा रहा था। पूनम का हाथ आगे बढ़ने के लिए तैयार था लेकिन पूनम उसे आगे बढ़ने से रोकी और फिर से गुस्से में बोली "तुम्हे प्यार से समझायी तो समझ में नहीं आया?"
उस लड़के ने पूनम का हाथ पकड़ लिया और जबर्दस्ती एंवव्लोप पकड़ाता हुआ बोला "हिम्मत तो मुझमे बहुत कुछ करने की है, लेकिन मैं जबर्दस्ती नहीं करना चाहता।" वो एन्वेलोप को पूनम के हाथ में पकड़ा कर रोड की तरफ चल दिया।
पूनम एन्वेलोप को नीचे गिरा दी और गुस्से में आगे बढ़ गयी। लेकिन फिर उसे लगा की कहीं ये एन्वेलोप किसी और के हाथ लग गया तो उसकी बदनामी हो जायेगी। उसे पता था कि इसके अंदर क्या होगा। वो 5-7 कदम पीछे आई और एन्वेलोप उठा कर पर्स में रख ली। वो पीछे मुड़ कर देखी तो वो लड़का उसे देख कर मुस्कुरा रहा था। पूनम खुद पे खीज गयी की वो लड़का उसके बारे में क्या सोच रहा होगा। लेकिन अब क्या हो सकता था।
वो घर में अंदर आ गयी और रात का इंतज़ार करने लगी। पूनम की 3 दिन पहले चूदी हुई चिकनी चुत पे चीटियां रेंगने लगी थी। वो उस एन्वेलोप को खोलने का इंतज़ार कर रही थी। उसे पता था कि अंदर क्या होगा। लेकिन उसे अफ़सोस भी हो रहा था कि उसे लेटर लेते हुए उस लड़के ने देखा था और इसका मतलब एक तरह से उसके प्रपोजल को स्वीकार करना हुआ था।
पूनम को गुस्सा आ रहा था कि किस तरह उस लड़के ने उसका हाथ पकड़ा था और एन्वेलोप पकड़ा दिया था। लेकिन पूनम के रियेक्ट करने से पहले वो जा चूका था। लेकिन उस लड़के की नज़रों में ये बात आई होगी की पूनम को उसका प्रपोजल स्वीकार है और वो बस नखरे कर रही है। पूनम को इसी बात का अफ़सोस सबसे ज्यादा हो रहा था।
जब सब सोने चले गए तो पूनम आज फिर से गेट बंद कर ली और एन्वेलोप खोलने लगी। उसके दिल की धड़कन बढ़ गयी थी। वो एन्वेलोप खोलने से पहले ही अपने ट्रोउजर और पैंटी को नीचे कर चुकी थी। उसे पता था की अंदर क्या होगा।
वो एन्वेलोप को खोली तो उसे पेपर दिखा जिसे वो निकाल ली। पेपर थोड़ा मोटा था लेकिन pics न देखकर पूनम उदास हो गयी। वो एन्वेलोप को अच्छे से फैला कर देखी, लेकिन अंदर और कुछ नहीं था। ना फोटो और ना ही गुलाब की पंखुरियाँ।
उदास होकर पूनम बेड पर अच्छे से अपनी पीठ टिका कर बैठ गयी और पेपर देखने लगी। पेपर पे कंप्यूटर से प्रिंट किया हुआ था। जो पहला शब्द वो पढ़ी, उसके साथ ही अचानक से उसे अपने कमर के नीचे कुछ तेज़ दौड़ता हुआ महसूस हुआ।
पूनम ब्रा पहन ली और फिर टॉप पहनने के बाद वो बाथरूम में जाकर देखि तो अमित चादर का वो हिस्सा साफ करके बाहर आ रहा था। वो अभी भी पूरा नंगा ही था और उसका लण्ड बिल्कुल सिकुड़ा हुआ था। पूनम को हंसी आ गयी लेकिन वो चादर बिछाने में अमित की मदद करने लगी। पूनम को हँसता देख अमित भी थोड़ा रिलैक्स हो गया। पूनम को अपने लण्ड की तरफ देखते देख कर वो शर्मा गया और वो भी अपने कपड़े पहन लिया।
उसने अपने दोस्त को फ़ोन करके बुला लिया। पूनम को फिर शर्म आने लगी की 'वो लड़का क्या सोचेगा गीली चादर देखकर मेरे बारे में। जो सोचेगा सोचने दो। मुझे आज चुदवाना था, तो मेरी चुदाई हो गयी। वैसे भी जब इतनी देर हमलोग अकेले यहाँ थे तो आरती तो नहीं ही कर रहे होंगे।'
पूनम अमित को बोल दी की उसका दोस्त आएगा और हमलोग तुरंत यहाँ से निकल जाएंगे और अमित ने किया भी ऐसा ही। यहाँ का जो काम था, वो हो गया है। दोस्त से तो वो बाद में मिल ही लेगा। उसके आते ही दोनों वहां से निकल गए। पूनम बिना पैंटी पहने यहाँ आयी थी और अब चुद कर यहाँ से जा रही थी।
रास्ते में एक जगह वो लोग समोसा खाने रुके। अमित पूनम को दुकान में बिठा कर 5 मिनट के लिए बोल कर बाहर गया और जब आया तो उसने पूनम के हाथ में एक छोटा सा पैकेट दिया। पूनम उससे इशारे में पूछी की "ये क्या है?" अमित अपना मुँह पूनम के नज़दीक लाकर धीरे से बोला "घर पहुँच कर इसे खा लेना। टेबलेट है I-Pill। इससे कुछ होगा नहीं। प्रेग्नेंट नहीं होओगी।"
पूनम की जान सुख गयी। 'हे भगवान ..... ये चीज़ तो वो सोची ही नहीं थी। अगर कुछ हो जाता तो। मस्ती के चक्कर में कहीं मुँह दिखाने के लायक नहीं रहती।' वो टेबलेट को पर्स में रख ली और समोसा खाने लगी। वो धीरे से अमित को बोली "थैंक्स अमित।"
अमित अब रिलैक्स्ड हो चूका था। बोला "किसलिए, सील तोड़ने के लिए!" अचानक से पूनम शर्मा गयी और मुस्कुराते हुए नीचे देखने लगी।
शाम हो गया था। पूनम अपने घर आ गयी। सुबह की कुँवारी लड़की अभी चुदी चुदाई औरत बनकर घर लौटी थी। पूनम घर में ऐसे रियेक्ट की जैसे वो ऑफिस से ही सीधे घर आई हो। वो अपने कपड़े चेंज की और बांकी दिनों की ही तरह मम्मी पापा से बातें करने लगी और टीवी देख रही थी। खाना खाने के बाद जब पूनम अपने रूम में आयी तो वो फिर से आज गेट बंद कर ली और सबसे पहले तो पर्स से टेबलेट निकल कर खा ली।
अब वो रिलैक्स्ड थी। वो अपने ट्रोउजर और पैंटी को उतार दी और आलमीरा से फोटो और लेटर निकाल कर बेड पे रख ली। इसी फोटो और लेटर की वजह से तो वो आज चुद कर आई थी। अब पूनम एक छोटा आइना बेड पे ले आयी और उसमें अपनी ताज़ा चुदी हुई चुत देखने लगी की अब उसकी रानी की क्या हालत है। उसकी चुत के अंदर अभी भी कुछ जलन जैसा हो रहा था।
ऊपर से तो चुत नार्मल ही दिख रहा था। वो बेड पे लेट गयी और पिक्स देखते हुए सोचने लगी की इन पिक्स जैसा वो क्या क्या की। उसे अफ़सोस होने लगा की वो ज्यादा कुछ कर नहीं पाई। अमित बस उसे सीधा सीधी लिटा कर चोदा था। ना तो वो लण्ड के ऊपर बैठ पायी थी और ना ही अमित ने पीछे से उसके चुत में लण्ड डाला था। और तो और, बेचारी वीर्य भी टेस्ट नहीं कर पाई। अमित ने तो वीर्य को उसके चुत में ही भर दिया था।
पूनम को लगने लगा की उसकी आज की चुदाई बेकार गयी और उसे और भी चुदवाना होगा। वो अपने पैरों को पूरा फैलाये हुए चुत सहला रही थी। लेकिन उसे मज़ा नहीं आ रहा था। आज दिन में उसकी चुत से 4 बार रस छूटा था। वो अपने कपड़े पहन ली और पिक्स को वापस आलमीरा में रख दी।
पूनम सुबह जागी तो उसके चुत का दर्द बढ़ गया था और उसका मेन्सट्रूअल पीरियड स्टार्ट हो गया था। अभी उसके पीरियड में 7-8 दिन बांकी था। वो डर गई, पर अब क्या हो सकता था। वो आज ऑफिस से छुट्टी ले ली। वैसे भी आज फ्राइडे था तो आज छुट्टी लेने का मतलब था 3 दिनों की छुट्टी, क्यू की सैटरडे और संडे को तो उसका ऑफिस बंद ही रहता है।
पूनम की मम्मी उससे पीरियड के बारे में पूछी की ये इतना पहले कैसे हो गया, लेकिन पूनम सीधा सीधी बोल दी की "मुझे क्या पता। मैं तो खुद हैरान हूँ।" उसकी माँ उसे प्यार से समझायी की "पीरियड का डेट आगे पीछे होने का मतलब है कि शरीर में किसी किस्म की खराबी होना। तो अगर अगले महीने भी ऐसा हुआ तो फिर डॉक्टर से चेक करवाएंगे।" पूनम कुछ नहीं बोली।
पूनम सारा दिन घर पर ही रही। वो अपने घर में लगे फ़ोन से अमित को कॉल करके बात की और उसे बतायी की वो आज ऑफिस नहीं गयी है। अमित शरारत भरे अंदाज़ में बोला की "कल ज्यादा थक गयी क्या!" पूनम बोली की "कल ऐसे किये हो की कल जो खून निकल सो अभी तक निकल ही रहा है।"
पहले तो अमित को समझ नहीं आया और वो परेशान हो गया कि पूनम की तबियत खराब हो गयी है। उसे डर भी लगने लगा की कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं हो गयी है। जब पूनम आगे बोली की "और अभी 4-5 दिन और निकलता रहेगा।" तब अमित को समझ आया और वो रिलैक्स होकर मुस्कुरा दिया। इसका मतलब सब चीज़ ठीक है और वो पूनम जैसी गर्म माल का सील तोड़ चूका है।
रात में पूनम का मन हुआ की पिक्स देख ले, लेकिन वो सो गयी। सैटरडे और संडे का दिन भी इसी तरह बीत गया। आज तो वो अमित से बात भी नहीं की थी। वो घर से बाहर नहीं निकली थी, इसलिए उसे वो दोनों गुंडे भी नहीं दिखे थे।
आज मंडे को पूनम ऑफिस चल दी। वो अभी रोड पे आयी ही थी की उसे वो दोनों लड़के दिख गए। वो दोनों पूनम को देख रहे थे और अपनी आँखों से उसके बदन को सहला रहे थे। पूनम उन दोनों को इग्नोर करते हुए अपनी नज़रें नीची करके चली जा रही थी। उसने अपनी नज़र ऊपर की तो उसकी नज़र उस लड़के से मिली जो उस दिन गली के कार्नर पे खड़ा था। वो मुस्कुरा रहा था। पूनम बुरा सा मुँह बनाकर चलती रही और वो लड़के टाइट लेग्गिंग्स और कुर्ती में पूनम की गुदाज पीठ और मटकती गांड देखते रहे।
दोपहर का लंच वो अमित के साथ ही की और शाम में जब वो घर वापस आ रही थी तो देखी की वही लड़का आज फिर से गली के कॉर्नर पे खड़ा था। पूनम की धड़कन तेज़ हो गयी। रोड पे आसपास में कोई नहीं था। वो सोचने लगी की कैसा रिएक्शन देना है।
पूनम अपनी चाल तेज़ कर दी थी ताकि उस लड़के के कुछ करने से पहले वो घर पहुँच जाये। लेकिन पूनम जैसे ही गली के लिए मुड़ी, वो लड़का पास आ गया और बोला "तुमने कोई जवाब नहीं दिया पूनम?"
पूनम कोई जवाब नहीं दी और चलती रही। उसने फिर से अपने बात को दोहराया तो पूनम बोली "कैसा जवाब?"
"मेरे लेटर का। मेरे प्रपोजल का?"
"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे वैसे लेटर देने की। मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूँ। तुम अपनी हदों में रहो।" पूनम गुस्से में बोली। वो सोच चुकी थी की साफ साफ मना कर देने से और गुसा जाने से वो लोग फिर उसे परेशान नहीं करेंगे।
"मुझे पता है तुम किस टाइप की हो!" उस लड़के के हाथ में फिर से वैसा ही एन्वेलोप था जो वो पूनम की तरफ बढ़ा रहा था। पूनम का हाथ आगे बढ़ने के लिए तैयार था लेकिन पूनम उसे आगे बढ़ने से रोकी और फिर से गुस्से में बोली "तुम्हे प्यार से समझायी तो समझ में नहीं आया?"
उस लड़के ने पूनम का हाथ पकड़ लिया और जबर्दस्ती एंवव्लोप पकड़ाता हुआ बोला "हिम्मत तो मुझमे बहुत कुछ करने की है, लेकिन मैं जबर्दस्ती नहीं करना चाहता।" वो एन्वेलोप को पूनम के हाथ में पकड़ा कर रोड की तरफ चल दिया।
पूनम एन्वेलोप को नीचे गिरा दी और गुस्से में आगे बढ़ गयी। लेकिन फिर उसे लगा की कहीं ये एन्वेलोप किसी और के हाथ लग गया तो उसकी बदनामी हो जायेगी। उसे पता था कि इसके अंदर क्या होगा। वो 5-7 कदम पीछे आई और एन्वेलोप उठा कर पर्स में रख ली। वो पीछे मुड़ कर देखी तो वो लड़का उसे देख कर मुस्कुरा रहा था। पूनम खुद पे खीज गयी की वो लड़का उसके बारे में क्या सोच रहा होगा। लेकिन अब क्या हो सकता था।
वो घर में अंदर आ गयी और रात का इंतज़ार करने लगी। पूनम की 3 दिन पहले चूदी हुई चिकनी चुत पे चीटियां रेंगने लगी थी। वो उस एन्वेलोप को खोलने का इंतज़ार कर रही थी। उसे पता था कि अंदर क्या होगा। लेकिन उसे अफ़सोस भी हो रहा था कि उसे लेटर लेते हुए उस लड़के ने देखा था और इसका मतलब एक तरह से उसके प्रपोजल को स्वीकार करना हुआ था।
पूनम को गुस्सा आ रहा था कि किस तरह उस लड़के ने उसका हाथ पकड़ा था और एन्वेलोप पकड़ा दिया था। लेकिन पूनम के रियेक्ट करने से पहले वो जा चूका था। लेकिन उस लड़के की नज़रों में ये बात आई होगी की पूनम को उसका प्रपोजल स्वीकार है और वो बस नखरे कर रही है। पूनम को इसी बात का अफ़सोस सबसे ज्यादा हो रहा था।
जब सब सोने चले गए तो पूनम आज फिर से गेट बंद कर ली और एन्वेलोप खोलने लगी। उसके दिल की धड़कन बढ़ गयी थी। वो एन्वेलोप खोलने से पहले ही अपने ट्रोउजर और पैंटी को नीचे कर चुकी थी। उसे पता था की अंदर क्या होगा।
वो एन्वेलोप को खोली तो उसे पेपर दिखा जिसे वो निकाल ली। पेपर थोड़ा मोटा था लेकिन pics न देखकर पूनम उदास हो गयी। वो एन्वेलोप को अच्छे से फैला कर देखी, लेकिन अंदर और कुछ नहीं था। ना फोटो और ना ही गुलाब की पंखुरियाँ।
उदास होकर पूनम बेड पर अच्छे से अपनी पीठ टिका कर बैठ गयी और पेपर देखने लगी। पेपर पे कंप्यूटर से प्रिंट किया हुआ था। जो पहला शब्द वो पढ़ी, उसके साथ ही अचानक से उसे अपने कमर के नीचे कुछ तेज़ दौड़ता हुआ महसूस हुआ।