10-11-2019, 05:39 PM
मेरा लंड दीदी की जांघो के बीचो बीच उनके चूत के चिकने इलाके में झटके खा रह था | मैंने दीदी के बड़े बड़े दूध मसलने शुरू कर दिए | मेरी कमर भी दीदी के नरम बदन के खिलाफ अपने आप ही झटके मार रही थी | आखिर कार दीदी की गहरी नीद टूट ही गयी | उन्हें थोड़ा समय लगा माहौल को समझने में | मैंने उनके दूध को दबाना बंद नहीं किया | दीदी के जागते ही मेरा एक हाथ मेरे लंड पर चला गया और मै उसे मसलने लगा | दीदी ने मेरे लंड की तरफ देखा और पुछा - कितना बज गया |
मै - रात के दो बजे है |
दीदी - तुम अभी तक जग रहे हो, सोये नहीं |
मै - दीदी मै तो सो गया था लेकिन मेरा लंड शाम से अब तक नहीं सोया | दीदी अब बतावो न आगे मै क्या करू |
दीदी कुछ देर तक सोचती रही, कुछ बोली नहीं | फिर मेरे लंड से मेरा हाथ लेकर खुद मसलने लगी |
दीदी की ख़ामोशी मुझे अखर रही थी - दीदी आप कुछ बोल क्यों नहीं रही |
मैंने हिम्मत करके अपना हाथ दीदी की चूत की तरफ बढ़ा दिया | दीदी ने कोई प्रतिरोध नहीं किया |
मै - दीदी कुछ तो बोलो | उस दिन तो आप सब कुछ बता रही थी आज क्या हो गया |
दीदी मुझे खुद से अलग करती हुई बिस्तर से उठ गयी और बाथरूम तरफ चली गयी | वहां से मुहँ धोकर आई तो तारो तारो तारो ताजा लग रही थी |
फिर मेरे को मुखातिब होती हुई बोली - अब बता क्या पूछना है |
मै - दीदी आपने कहा था इस बार कुछ नया सिखाउंगी |
दीदी - क्या नया सीखना है | मेरे दूध देख चुके हो चूत देख चुके हो | अब बचा क्या है बताने को |
मै - चोदना तो आपने सिखाया ही नहीं और न ही चूत का छेद दिखाया | मै दीदी के चूत दाने को दूंढ कर मसलने लगा | ऐसा लगा जैसे दीदी को हल्का सा करंट लगा हो | दीदी के मुहँ से सिसकारी निकल गयी |
दीदी - तुझे पता है मै अभी तक कुंवारी हूँ |
मै - मतलब दीदी |
दीदी - जब तक किसी चूत में कोई लंड नहीं जाता है उसे कुंवारी चूत कहते है |
मै - दीदी इसका मतलब आपने कभी चुदाई नहीं करी है |
दीदी ने मेरा लंड थम लिया - हाँ अब तक मेरी चूत को किसी ने नहीं चोदा है | मै अपनी चूत किसी बहुत ही खास से चुदवाकर अपना कुंवारापन खोना चाहती थी | आज शाम को जब तुम मेरे पास करीब थे तो एक अनजाना सा डर लगने लगा | इतने दिनों की आस पूरी होने की खुशी से ज्यादा डर था की आज के बाद मै कुंवारी नहीं रह जाउंगी | इसलिए नर्वस थी | लेकिन अब अन्दर का डर निकल गया है, मै तुमसे चुदना चाहती हूँ | तुमारे इस बड़े से लंड से, जब से इसे देखा है तब से इसकी दीवानी हो गयी हूँ | तुमारी उम्र में इतना बड़ा लंड शायद ही किसी का हो | असल में इतना बड़ा लंड अच्छे खासे मर्दों का भी नहीं होता | ऊपर से तुम भी कुंवारे |
मै - दीदी जब आपने ने चुदाई नहीं करी तो आप मुझे कैसे बताओगे |
दीदी - मै तेरी तरह भोंदू नहीं हूँ | सब पता है मुझे | अब मेरी बात ध्यान से सुन |
मै दीदी के चूत दाने की छोड़कर दीदी की तरफ मुड़ गया | दीदी ने मुझे अपने पास खीचकर कसके चूम लिया |
दीदी - तुझे पता है तुझे मेरी चूत का छेद क्यों नहीं दिखा था |
मै -क्यों दीदी |
दीदी - क्योंकि मेरी चूत का छेद बंद है |
मै - मतलब |
दीदी - कुंवारी लड़की की चूत का छेद बंद होता है और उसके मुहँ पर एक पतली सी झिल्ली होती है | उस झिल्ली को कुंवारे पण की निशानी माना जाता | जिन लडकियों के वो झिल्ली नहीं होती समझ लो वो चूत में लंड ले चुकी है | कई बार झिल्ली यू ही फट जाती है लेकिन ज्यादातर लडकियों की झिल्ली पहली बात चुदने पर ही फटती है | जब पहली बार लंड चूत में जाता है तो झिल्ली को फाड़ता है और फिर बंद चूत के छेद को खोलता है | इसलिए जब पहली बार चूत चुदती है तो खून भी निकलता है क्योंकि झिल्ली फटने से खून निकलता है |
खून से ही मुझे बचपन से ही डर लगता था हालांकि अब फौज में जाने के बाद अब तो सब कुछ खत्म हो गया है अब मेरे अंदर कोई डर नहीं है लेकिन उस समय मेरा ऐसा नहीं था तब मुझे मुझे बहुत डर लगता है जब मैंने दीदी के मुंह से सुना कि उनके चुदाई करने पर उनके अंदर से खून निकलेगा तो मैं डर गया |
मै - नहीं दीदी मुझे ऐसी चुदाई नहीं करनी है जिसमें की खून निकलता हो |
दीदी - पहली चुदाई में खून तो हर लड़की के निकलता है |
मै - नहीं दीदी मै आपके अन्दर से खून बहाकर चुदाई नहीं करूंगा | आपको तकलीफ होगी |
दीदी - जब तू लंड चुसवा रहा था तकलीफ तो तब भी हुई थी थोड़ी सी | समझ ले बस उतनी ही तकलीफ होगी |
मै - जब दीदी चुदाई में तकलीफ होती है तो लंड चूत में घुसेड़ते ही क्यों है |
दीदी - क्योंकि कोई भी लड़की कुवारी नहीं मारना चाहती है | हर लड़की को कभी न कंभी चुदना ही है और जब भी चुदेगी तो खून तो निकलेगा ही | मै चाहती हूँ तू मेरे झिल्ली फाड़े, तू मेरा कुंवारापन लुटे | तू मुझे लड़की से औरत बनाये | मै चाहती हूँ तेरा लंड मेरे कुंवारेपन का खून बहाए |
दीदी थोडा भावुक हो गयी थी और मै भी खून सुनकर दुखी हो गया था |
इसी बीच में दीदी ने मुझे बाहों में भर लिया और कसके भींच लिया और दीदी ने एक बाह में मुझे भर लिया और दुसरे से मेरे लंड को सहलाने लगी | मै दीदी के नंगे बदन से यू ही उदास सा चिपका रहा |
दीदी - तू उदास मत हो, खून सिर्फ पहली बार चोदने पर निकलेगा | तुझे शायद पता नहीं लेकिन औरत को हर महीने खून निकलता है हालाँकि वो अलग वजह से निकालता हैऊ | इसलिए तू खून और दर्द की चिंता तो बिलकुल ही मत कर | हम सब लडकियो की किस्मत में ये दर्द पैदा होने के साथ ही किस्मत में लिख जाता है |
मै दीदी को देखने लगा | दीदी - अरे ये सब बर्दाश्त करने के लिए हमारा शरीर बना है तू मर्द है इसलिए नहीं समझ पायेगा | इसलिए मेरी चिंता छोड़, और सोच तुझे चूत चोदने में कितना मजा आने वाला है |
मै - दीदी क्या लडकियों को भी चूत चुदवाने में मजा आता है |
दीदी - हाँ आता है अगर कोई उन्हें ढंग से उनका ख्याल रखकर उनके हिसाब से चोदे तो उन्हें भी बहुत मजा आता है |
मै - दीदी तो मै आपको आपके हिस्साब से चोदुंगा | जैसा आप कहोगी मै बिलकुल वैसा ही करूंगा |
दीदी ने मेरा लंड छोड़ दिया | दीदी अपने को आगे आने वाले उनकी जिंदगी के सबसे खास पल के लिए तैयार करने लगी |
दीदी ने ढेर सारी लाल अपनी चूत पर रखें और अपनी उस गुलाबी चूत को कस के उसी लार से लगा लगा कर सहलाने लगी और मसलने लगी थी मैं दीदी को बस देखता रहा था | उसके बाद दीदी ने ढेर सारी लार मेरे लंड पर उड़ेल दी और अपने हाथों से मुझे लंड सहलाने को कहा | मैं अपने हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा था और दीदी अपनी चूत को लगातार मसलने लगी |
दीदी बोली - अगर मैं इस चूत दाने को रगड़कर अपने बदन को गरम नहीं करूंगी तो मुझे बहुत तकलीफ होगी | इसीलिए मै अपनी चूत और चूत दाने को रगड़ रही हूँ | इससे मेरी चूत गरम हो जाएगी और लंड के घुसने में आसानी होगी | कुंवारी चूत बहुत टाइट होती है इसलिए तू भी अपने लंड को मसलता रह | अगर तेरा लंड पत्कथर की तरह ठोस कड़ा नहीं हुआ तो मेरी कुंवारी चूत को चीर नहीं पायेगा | अगर तू इसे मसलना छोड़ देगा तो यह धीरे-धीरे नरम होने लगेगा और मेरी फिर चूत में घुसेगा नहीं | कुंवारी चूत में लंड घुसाने में बहुत ताकत लगती है इसलिए पूरी तरह से तैयार हो जा लंड को पत्औथर की तरह सख्त कर ले | |
दीदी जो भी कह रही थी मैं वैसा ही कर रहा था मैं अपने लंड को मसलने लगा था दीदी भी अपनी चूत को कस के मसलने लगी थी | उसके बाद में दीदी ने अपने दोनों हाथो की उंगलियों को फंसाकरके अपनी चूत के अंदरूनी गुलाबी पंखुडियां पूरी तरह से खोल दिए और मुझसे करीब आने को कहा | मै लंड को मसलता हुआ दीदी के करीब गया |
दीदी - देख यह जो इतना छोटा छेद है और आसपास है जो झिल्ली दिख रही है | यही मेरी कुंवारी चूत का छेद है जो अभी पूरी तरह से बंद है | जब तू यहाँ लंड घुसेड़ेगा तो ये झिल्ली फट जाएगी और मेरी चूत का छेद खुल जायेगा |
मैं करीब से दीदी की कुंवारी सील चूत देखने लगा लेकिन दीदी ने मेरे सर के बाल पकड़कर अपने ऊपर गिरा लिया और जांघों से कस लिया था अब मेरा लंड दीदी कि उस गुलाबी लार से सनी गीली चूत पर रगड़ खाने लगा था दीदी सिसकारियां भरने लगी थी | दीदी एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ रही थी और दूसरे मुझे दूसरा हाथ मेरी गर्दन फसाए मुझे कसके चूम रही थी | मेरा सीना दीदी के बड़े-बड़े उठे हुए स्तनों पर रगड़ खा रहा था | काफी देर तक दीदी मेरे लंड से अपने चूत दाने को रगडती रही | उसके बाद मुझे अपनी जांघो के बीच जाकर बैठने को कहा |
मै - रात के दो बजे है |
दीदी - तुम अभी तक जग रहे हो, सोये नहीं |
मै - दीदी मै तो सो गया था लेकिन मेरा लंड शाम से अब तक नहीं सोया | दीदी अब बतावो न आगे मै क्या करू |
दीदी कुछ देर तक सोचती रही, कुछ बोली नहीं | फिर मेरे लंड से मेरा हाथ लेकर खुद मसलने लगी |
दीदी की ख़ामोशी मुझे अखर रही थी - दीदी आप कुछ बोल क्यों नहीं रही |
मैंने हिम्मत करके अपना हाथ दीदी की चूत की तरफ बढ़ा दिया | दीदी ने कोई प्रतिरोध नहीं किया |
मै - दीदी कुछ तो बोलो | उस दिन तो आप सब कुछ बता रही थी आज क्या हो गया |
दीदी मुझे खुद से अलग करती हुई बिस्तर से उठ गयी और बाथरूम तरफ चली गयी | वहां से मुहँ धोकर आई तो तारो तारो तारो ताजा लग रही थी |
फिर मेरे को मुखातिब होती हुई बोली - अब बता क्या पूछना है |
मै - दीदी आपने कहा था इस बार कुछ नया सिखाउंगी |
दीदी - क्या नया सीखना है | मेरे दूध देख चुके हो चूत देख चुके हो | अब बचा क्या है बताने को |
मै - चोदना तो आपने सिखाया ही नहीं और न ही चूत का छेद दिखाया | मै दीदी के चूत दाने को दूंढ कर मसलने लगा | ऐसा लगा जैसे दीदी को हल्का सा करंट लगा हो | दीदी के मुहँ से सिसकारी निकल गयी |
दीदी - तुझे पता है मै अभी तक कुंवारी हूँ |
मै - मतलब दीदी |
दीदी - जब तक किसी चूत में कोई लंड नहीं जाता है उसे कुंवारी चूत कहते है |
मै - दीदी इसका मतलब आपने कभी चुदाई नहीं करी है |
दीदी ने मेरा लंड थम लिया - हाँ अब तक मेरी चूत को किसी ने नहीं चोदा है | मै अपनी चूत किसी बहुत ही खास से चुदवाकर अपना कुंवारापन खोना चाहती थी | आज शाम को जब तुम मेरे पास करीब थे तो एक अनजाना सा डर लगने लगा | इतने दिनों की आस पूरी होने की खुशी से ज्यादा डर था की आज के बाद मै कुंवारी नहीं रह जाउंगी | इसलिए नर्वस थी | लेकिन अब अन्दर का डर निकल गया है, मै तुमसे चुदना चाहती हूँ | तुमारे इस बड़े से लंड से, जब से इसे देखा है तब से इसकी दीवानी हो गयी हूँ | तुमारी उम्र में इतना बड़ा लंड शायद ही किसी का हो | असल में इतना बड़ा लंड अच्छे खासे मर्दों का भी नहीं होता | ऊपर से तुम भी कुंवारे |
मै - दीदी जब आपने ने चुदाई नहीं करी तो आप मुझे कैसे बताओगे |
दीदी - मै तेरी तरह भोंदू नहीं हूँ | सब पता है मुझे | अब मेरी बात ध्यान से सुन |
मै दीदी के चूत दाने की छोड़कर दीदी की तरफ मुड़ गया | दीदी ने मुझे अपने पास खीचकर कसके चूम लिया |
दीदी - तुझे पता है तुझे मेरी चूत का छेद क्यों नहीं दिखा था |
मै -क्यों दीदी |
दीदी - क्योंकि मेरी चूत का छेद बंद है |
मै - मतलब |
दीदी - कुंवारी लड़की की चूत का छेद बंद होता है और उसके मुहँ पर एक पतली सी झिल्ली होती है | उस झिल्ली को कुंवारे पण की निशानी माना जाता | जिन लडकियों के वो झिल्ली नहीं होती समझ लो वो चूत में लंड ले चुकी है | कई बार झिल्ली यू ही फट जाती है लेकिन ज्यादातर लडकियों की झिल्ली पहली बात चुदने पर ही फटती है | जब पहली बार लंड चूत में जाता है तो झिल्ली को फाड़ता है और फिर बंद चूत के छेद को खोलता है | इसलिए जब पहली बार चूत चुदती है तो खून भी निकलता है क्योंकि झिल्ली फटने से खून निकलता है |
खून से ही मुझे बचपन से ही डर लगता था हालांकि अब फौज में जाने के बाद अब तो सब कुछ खत्म हो गया है अब मेरे अंदर कोई डर नहीं है लेकिन उस समय मेरा ऐसा नहीं था तब मुझे मुझे बहुत डर लगता है जब मैंने दीदी के मुंह से सुना कि उनके चुदाई करने पर उनके अंदर से खून निकलेगा तो मैं डर गया |
मै - नहीं दीदी मुझे ऐसी चुदाई नहीं करनी है जिसमें की खून निकलता हो |
दीदी - पहली चुदाई में खून तो हर लड़की के निकलता है |
मै - नहीं दीदी मै आपके अन्दर से खून बहाकर चुदाई नहीं करूंगा | आपको तकलीफ होगी |
दीदी - जब तू लंड चुसवा रहा था तकलीफ तो तब भी हुई थी थोड़ी सी | समझ ले बस उतनी ही तकलीफ होगी |
मै - जब दीदी चुदाई में तकलीफ होती है तो लंड चूत में घुसेड़ते ही क्यों है |
दीदी - क्योंकि कोई भी लड़की कुवारी नहीं मारना चाहती है | हर लड़की को कभी न कंभी चुदना ही है और जब भी चुदेगी तो खून तो निकलेगा ही | मै चाहती हूँ तू मेरे झिल्ली फाड़े, तू मेरा कुंवारापन लुटे | तू मुझे लड़की से औरत बनाये | मै चाहती हूँ तेरा लंड मेरे कुंवारेपन का खून बहाए |
दीदी थोडा भावुक हो गयी थी और मै भी खून सुनकर दुखी हो गया था |
इसी बीच में दीदी ने मुझे बाहों में भर लिया और कसके भींच लिया और दीदी ने एक बाह में मुझे भर लिया और दुसरे से मेरे लंड को सहलाने लगी | मै दीदी के नंगे बदन से यू ही उदास सा चिपका रहा |
दीदी - तू उदास मत हो, खून सिर्फ पहली बार चोदने पर निकलेगा | तुझे शायद पता नहीं लेकिन औरत को हर महीने खून निकलता है हालाँकि वो अलग वजह से निकालता हैऊ | इसलिए तू खून और दर्द की चिंता तो बिलकुल ही मत कर | हम सब लडकियो की किस्मत में ये दर्द पैदा होने के साथ ही किस्मत में लिख जाता है |
मै दीदी को देखने लगा | दीदी - अरे ये सब बर्दाश्त करने के लिए हमारा शरीर बना है तू मर्द है इसलिए नहीं समझ पायेगा | इसलिए मेरी चिंता छोड़, और सोच तुझे चूत चोदने में कितना मजा आने वाला है |
मै - दीदी क्या लडकियों को भी चूत चुदवाने में मजा आता है |
दीदी - हाँ आता है अगर कोई उन्हें ढंग से उनका ख्याल रखकर उनके हिसाब से चोदे तो उन्हें भी बहुत मजा आता है |
मै - दीदी तो मै आपको आपके हिस्साब से चोदुंगा | जैसा आप कहोगी मै बिलकुल वैसा ही करूंगा |
दीदी ने मेरा लंड छोड़ दिया | दीदी अपने को आगे आने वाले उनकी जिंदगी के सबसे खास पल के लिए तैयार करने लगी |
दीदी ने ढेर सारी लाल अपनी चूत पर रखें और अपनी उस गुलाबी चूत को कस के उसी लार से लगा लगा कर सहलाने लगी और मसलने लगी थी मैं दीदी को बस देखता रहा था | उसके बाद दीदी ने ढेर सारी लार मेरे लंड पर उड़ेल दी और अपने हाथों से मुझे लंड सहलाने को कहा | मैं अपने हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा था और दीदी अपनी चूत को लगातार मसलने लगी |
दीदी बोली - अगर मैं इस चूत दाने को रगड़कर अपने बदन को गरम नहीं करूंगी तो मुझे बहुत तकलीफ होगी | इसीलिए मै अपनी चूत और चूत दाने को रगड़ रही हूँ | इससे मेरी चूत गरम हो जाएगी और लंड के घुसने में आसानी होगी | कुंवारी चूत बहुत टाइट होती है इसलिए तू भी अपने लंड को मसलता रह | अगर तेरा लंड पत्कथर की तरह ठोस कड़ा नहीं हुआ तो मेरी कुंवारी चूत को चीर नहीं पायेगा | अगर तू इसे मसलना छोड़ देगा तो यह धीरे-धीरे नरम होने लगेगा और मेरी फिर चूत में घुसेगा नहीं | कुंवारी चूत में लंड घुसाने में बहुत ताकत लगती है इसलिए पूरी तरह से तैयार हो जा लंड को पत्औथर की तरह सख्त कर ले | |
दीदी जो भी कह रही थी मैं वैसा ही कर रहा था मैं अपने लंड को मसलने लगा था दीदी भी अपनी चूत को कस के मसलने लगी थी | उसके बाद में दीदी ने अपने दोनों हाथो की उंगलियों को फंसाकरके अपनी चूत के अंदरूनी गुलाबी पंखुडियां पूरी तरह से खोल दिए और मुझसे करीब आने को कहा | मै लंड को मसलता हुआ दीदी के करीब गया |
दीदी - देख यह जो इतना छोटा छेद है और आसपास है जो झिल्ली दिख रही है | यही मेरी कुंवारी चूत का छेद है जो अभी पूरी तरह से बंद है | जब तू यहाँ लंड घुसेड़ेगा तो ये झिल्ली फट जाएगी और मेरी चूत का छेद खुल जायेगा |
मैं करीब से दीदी की कुंवारी सील चूत देखने लगा लेकिन दीदी ने मेरे सर के बाल पकड़कर अपने ऊपर गिरा लिया और जांघों से कस लिया था अब मेरा लंड दीदी कि उस गुलाबी लार से सनी गीली चूत पर रगड़ खाने लगा था दीदी सिसकारियां भरने लगी थी | दीदी एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ रही थी और दूसरे मुझे दूसरा हाथ मेरी गर्दन फसाए मुझे कसके चूम रही थी | मेरा सीना दीदी के बड़े-बड़े उठे हुए स्तनों पर रगड़ खा रहा था | काफी देर तक दीदी मेरे लंड से अपने चूत दाने को रगडती रही | उसके बाद मुझे अपनी जांघो के बीच जाकर बैठने को कहा |