10-11-2019, 01:02 PM
मैं साजन की , ...साजन मेरा
![[Image: couple-2.jpg]](https://i.ibb.co/f9F8h1q/couple-2.jpg)
लेकिन ये लड़का सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं तेज था ,
उन्होंने कुछ नहीं किया
सिरफ पीछे से मुझे दबोच लिया
हम दोनों करवट लेटे , मैं उनकी ओर पीठ किये , वो मुझे पीछे से पकडे , दबोचे ,... मेरे उभार को जकड़े पकडे ,
हम दोनों सर से पैर तक रजाई ओढ़े थे , पर रजाई के अंदर ही ,
कुछ देर तक तो मेरा जोबन ही कस कस के रगड़ते मसलते रहे ,
![[Image: boobs-s-tumblr-nso25e9bpw1sajoh5o1-500.jpg]](https://i.ibb.co/3vBvnNF/boobs-s-tumblr-nso25e9bpw1sajoh5o1-500.jpg)
अपने पैर के जोर से ही उन्होंने मेरी जाँघे पीछे से खोल दी , मैंने भी टांग अपनी उठा दी।
बस इतना काफी था ,
उनका खूंटा तो वैसे ही मेरी गुलाबो को लगातार धक्का मार रहा था ,
बस जो उन्होंने कस के मेरे उभार को पकड़ के धक्का मारा तो बस ,
![[Image: sideways-fucking-8-21018995.gif]](https://i.ibb.co/1nmdYZg/sideways-fucking-8-21018995.gif)
दो तीन धक्कों में उनका मोटा सुपाड़ा मेरे अंदर था , फिर तो वो एक धक्का वो आगे की ओर मारते तो दूसरा धक्का , पीछे की ओर मैं मारती , ...
न उन्हें जल्दी थी , न मुझे , ...
कुछ ही देर में आधे से ज्यादा लंड मेरी चूत के अंदर ,
न मैं कुछ बोल रही थी , न वो ,
बस जब मैं पीछे की ओर धक्का मारती तो मेरी हजार घुँघरू वाली चांदी की पायल , रुनझुन रुनझुन कर के खिलखिला पड़ती ,
![[Image: Kardhani-silver-kamarband-500x500.jpg]](https://i.ibb.co/T0m6W6M/Kardhani-silver-kamarband-500x500.jpg)
तो कभी जो मेरी सास ने करधनी दी थी वो गाने लगती।
आधा से ज्यादा डाल के वो रुक गए , और मैं भी , क्योंकि फिर उनके होंठ , हाथ मैदान में आ गए।
पीछे से लेटे लेटे वो कभी कचकचा के मेरे गोरे गोरे गाल चूम लेते तो कभी कचकचा के काट लेते ,
एक हाथ जो जोबन पे था , अब मेरे निपल को कभी फ्लिक करता तो कभी गोल गोल घुमाता ,
और दसरा हाथ मेरी सहेली को सहला रहा था ,
![[Image: sideways-fucking-2221404944.gif]](https://i.ibb.co/G2NtxN8/sideways-fucking-2221404944.gif)
मैं मस्ता रही थी , सिसक रही थी ,
इसी का तो हफ्ते भर से मैं इन्तजार कर रही थी ,
और फिर आज ही मेरी वो पांच दिन वाली छुट्टी ख़तम हुयी थी ,
उस दिन तो ऐसी आग लगती है , कोई नयी ब्याही दुल्हन ही ये आग समझ सकती है ,
उनका हर एक टच , हर चुम्बन , और मेरी गुलाबो घुसा उनका वो मोटा खूंटा , ... बस आग लग रही थी ,
![[Image: fucking-CU-16379831.jpg]](https://i.ibb.co/YBh7r7v/fucking-CU-16379831.jpg)
धक्के रुके नहीं थे , बस धीमे हो गए थे , ...अब सिर्फ मैं धक्का लगा रही थी , धीरे धीरे ,
अपनी कमर के जोर से , नितम्बो के जोर से , और वो मूसलचंद सूत सूत कर , सरक सरक कर , आगे बढ़ रहा था ,
था भी तो स्साला एक बीत्ते का , एकदम बांस , ... मोटा बांस ,...
![[Image: Fucking-ruff-G-tumblr-m6e8pz-XIxh1rwqxxno1-500.gif]](https://i.ibb.co/wN2mbvJ/Fucking-ruff-G-tumblr-m6e8pz-XIxh1rwqxxno1-500.gif)
मम्मी ने जाने कहाँ से चुन कर दामाद अपना , ...
और मम्मी क्यों , पसंद तो मैंने ही किया था , ... पहल भले इन्होने की थी , लेकिन घंटी तो मेरे दिल में भी उन्हें देखते ही जोर जोर से बजने लगी थी ,
कोमल यही है जिसका तू सत्रह साल से इन्तजार कर रही थी ,
कोमल छोड़ना मत इस लड़के को चाहे जो हो जाय ,...
![[Image: Teej-e407f59904afd00aa5e9bf607b4dd1c1.jpg]](https://i.ibb.co/tBfZMhY/Teej-e407f59904afd00aa5e9bf607b4dd1c1.jpg)
उन्होंने मेरी जेठानी से बात करवाई थी ,
लेकिन मैंने भी तो रीतू भाभी से कह के , पीछे पड़ के , ...
भले ही उनके होंठ हाथ अपने काम में मस्त थे उन्होंने धक्के लगाने बंद कर दिए थे ,
पर मेरे धक्के का साथ देते अब वो सिर्फ पूरी ताकत से पुश कर रहे थे ,
दोनों हाथों ने उनके मुझे न सिर्फ जकड़ रखा था बल्कि उनकी ओर खींच रखा था , मेरी कोमल कोमल जाँघे पूरी तरह खुली ,
मेरे धक्के , उनका पुश , ... वो बहुत धीरे धीरे ही लेकिन अंदर घुस रहा था , और बस जब थोड़ा सा बचा तो , उन्होंने मेरी कमर कस के पकड़ ली ,
मैं समझ गयी क्या होने वाला है , मैंने आँखे बंद कर ली ,
उन्होंने आधे से भी ज्यादा बाहर खींचा फिर क्या धक्का मारा ,
रजाई के अंदर भी मुझे तारे दिख गए , मैं जोर से चीखी , और सुपाड़ा सीधे बच्चेदानी पर मैं गिनगीना गयी ,
![[Image: fucking-ruff-tumblr-mnfo3vtqmd1srt9kdo3-400.gif]](https://i.ibb.co/zGf79sm/fucking-ruff-tumblr-mnfo3vtqmd1srt9kdo3-400.gif)
लेकिन फिर कुछ देर देर तो वो चुपचाप ,
इतने चुपचाप भी नहीं , ... उनके नाख़ून मेरे जुबना पे अपने निशान बना रहे थे और दांत गालों पे , ...
और मैं कौन इतनी सीधी थी , मैं भी तो उनकी सलहज की ननद , मेरी गुलाबो अब कस कस के उनके पूरे घुसे मूसल को भींच रही थी , दबोच रही थी , सिकोड़ रही थी ,
जाड़े की रात में सैंया के संग रजैया में ,
जितने जोर से उनके हाथ मेरी चूँची दबोच रहे थे ,
उतनी ही जोर से मेरी चूत उनका लंड दबोच रही थी , धक्के का तो सवाल ही नहीं था , वो मेरी बच्चेदानी तक घुसा हुआ था ,
मेरी गुलाबो की शरारतों का असर , या उनका अपना मन , ... धीरे धीरे कर के उन्होंने काफी बाहर निकाल लिया और अबकी फिर हौले हौले धक्के ,
एक उनका पीछे से , आगे की ओर
दूसरा मेरा आगे से , पीछे की ओर
जैसे मैं झूला झूल रही होंऊ , एक पेंग ये मार रहे , एक ओर से और दूसरी ओर से मैं पेंग मार रही हूँ ,
माघ पूस की रात में सावन का मजा आ रहा था ,
देर तक , एक नया मजा , ...
हाँ , अगर मैं कहीं किनारे पहुँचने को होती तो वो बस धक्के रोक देते , और साथ में अपने दांत कभी मेरे गुलाबी गालों पर गड़ा देते , तो कभी सीने के ऊपरी हिस्से पे , और कुछ देर रुक कर धक्के चालू हो जाते , पीछे से उनके , आगे से मेरे ,
बहुत देर बाद जब मैं झड़ी तो उन्होंने झड़ने दिया , लेकिन साथ साथ उन्होंने क्या कस के धक्का मारा सीधे मेरी बच्चेदानी पे , और साथ में वो भी झड़ रहे थे , ढेर सारी मलाई सीधे मेरी बच्चेदानी के मुंह पे ,
( शादी के महीने पर पहले से ही जो मेरी वो पांच दिन वाली छुट्टी ख़तम हुयी तो मम्मी और रीतू भाभी दोनों ने मिल के मुझे गोली खिलानी शुरू कर दी थी , इसिलए और कोई डर नहीं था , हाँ ये मुझे मालूम था , जिस दिन मैं चाहूंगी , गोली बंद , तो बच्चा अंदर , ... लेकिन हम दोनों ये बात पहले ही तय कर ली थी , अगले ६ साल तक जब तक मैं २३ साल की नहीं होउंगी , ... नो केंहां केंहां ,... उसके बाद चार साल का गैप , फिर एक और ,.. फिर स्टाप बोर्ड )
वो एक बार में झड़ के कहाँ रुकते थे , कटोरी भर मलाई कस के , और थोड़ा सा रुक के फिर दुबारा , ...
![[Image: Fucking-G-cum-tumblr-oihzgmn-Ecs1uo5lbio2-250.gif]](https://i.ibb.co/pPgKBxW/Fucking-G-cum-tumblr-oihzgmn-Ecs1uo5lbio2-250.gif)
हम दोनों वैसे ही लिपटे रहे , न उन्होंने बाहर निकाला , न मैं सरकी , ...बैसे ऐसे ही हम दोनों करवट लेटे।
वो मेरे अंदर जड़ तक धंसे मेरे जोबन को पकडे , पीछे से चिपके आगे की ओर प्रेस करते , और मैं पीछे की ओर प्रेस करती ,
हाँ कुछ देर में रिस रिस कर कुछ मलाई की बुँदे सरक सरक के , मेरी चिकनी जाँघों पर , ... मैंने परवाह नहीं की उसी तरह लेटी रही रजाई सर से पैर तक ओढ़े ,...
हाँ कान में चार बजने के घंटे की आवाज सुनाई जरूर पड़ी , .. पास में एक बैंक था वहां का चौकीदार हर घंटे पर घण्टा बजाता था और रात के सन्नाटे में साफ़ सुनाई देता था ,
मुझे याद आया थोड़ी देर पहले जब वो झड़े थे और मैं उनके ऊपर चढ़ी रबड़ी मलाई खिला रही थी , दीवाल घडी पर मेरी नजर पड़ी थी
ढाई बजा था ,
फिर , पता नहीं हम सो गए या वैसे ही जगे रहे , लेकिन उनका मूसल उसी तरह मेरे अंदर जड़ तक धंसा रहा , ...
सुबह सुबह सारे मर्दों की आदत होती है , इनकी तो और ,...
शायद पांच बजा था इनका खूंटा एकदम तन्नाया पीछे से मेरे चूतड़ के बीच ठोकर मार रहा था ,
न इन्हे कुछ कहने की जरुरत पड़ी , न इशारा करने की , ... मैं खुद समझ गयी।
बस वही इनकी फेवरिट पोज़ ,
कुतिया वाली ,
![[Image: couple-2.jpg]](https://i.ibb.co/f9F8h1q/couple-2.jpg)
लेकिन ये लड़का सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं तेज था ,
उन्होंने कुछ नहीं किया
सिरफ पीछे से मुझे दबोच लिया
हम दोनों करवट लेटे , मैं उनकी ओर पीठ किये , वो मुझे पीछे से पकडे , दबोचे ,... मेरे उभार को जकड़े पकडे ,
हम दोनों सर से पैर तक रजाई ओढ़े थे , पर रजाई के अंदर ही ,
कुछ देर तक तो मेरा जोबन ही कस कस के रगड़ते मसलते रहे ,
![[Image: boobs-s-tumblr-nso25e9bpw1sajoh5o1-500.jpg]](https://i.ibb.co/3vBvnNF/boobs-s-tumblr-nso25e9bpw1sajoh5o1-500.jpg)
अपने पैर के जोर से ही उन्होंने मेरी जाँघे पीछे से खोल दी , मैंने भी टांग अपनी उठा दी।
बस इतना काफी था ,
उनका खूंटा तो वैसे ही मेरी गुलाबो को लगातार धक्का मार रहा था ,
बस जो उन्होंने कस के मेरे उभार को पकड़ के धक्का मारा तो बस ,
![[Image: sideways-fucking-8-21018995.gif]](https://i.ibb.co/1nmdYZg/sideways-fucking-8-21018995.gif)
दो तीन धक्कों में उनका मोटा सुपाड़ा मेरे अंदर था , फिर तो वो एक धक्का वो आगे की ओर मारते तो दूसरा धक्का , पीछे की ओर मैं मारती , ...
न उन्हें जल्दी थी , न मुझे , ...
कुछ ही देर में आधे से ज्यादा लंड मेरी चूत के अंदर ,
न मैं कुछ बोल रही थी , न वो ,
बस जब मैं पीछे की ओर धक्का मारती तो मेरी हजार घुँघरू वाली चांदी की पायल , रुनझुन रुनझुन कर के खिलखिला पड़ती ,
![[Image: Kardhani-silver-kamarband-500x500.jpg]](https://i.ibb.co/T0m6W6M/Kardhani-silver-kamarband-500x500.jpg)
तो कभी जो मेरी सास ने करधनी दी थी वो गाने लगती।
आधा से ज्यादा डाल के वो रुक गए , और मैं भी , क्योंकि फिर उनके होंठ , हाथ मैदान में आ गए।
पीछे से लेटे लेटे वो कभी कचकचा के मेरे गोरे गोरे गाल चूम लेते तो कभी कचकचा के काट लेते ,
एक हाथ जो जोबन पे था , अब मेरे निपल को कभी फ्लिक करता तो कभी गोल गोल घुमाता ,
और दसरा हाथ मेरी सहेली को सहला रहा था ,
![[Image: sideways-fucking-2221404944.gif]](https://i.ibb.co/G2NtxN8/sideways-fucking-2221404944.gif)
मैं मस्ता रही थी , सिसक रही थी ,
इसी का तो हफ्ते भर से मैं इन्तजार कर रही थी ,
और फिर आज ही मेरी वो पांच दिन वाली छुट्टी ख़तम हुयी थी ,
उस दिन तो ऐसी आग लगती है , कोई नयी ब्याही दुल्हन ही ये आग समझ सकती है ,
उनका हर एक टच , हर चुम्बन , और मेरी गुलाबो घुसा उनका वो मोटा खूंटा , ... बस आग लग रही थी ,
![[Image: fucking-CU-16379831.jpg]](https://i.ibb.co/YBh7r7v/fucking-CU-16379831.jpg)
धक्के रुके नहीं थे , बस धीमे हो गए थे , ...अब सिर्फ मैं धक्का लगा रही थी , धीरे धीरे ,
अपनी कमर के जोर से , नितम्बो के जोर से , और वो मूसलचंद सूत सूत कर , सरक सरक कर , आगे बढ़ रहा था ,
था भी तो स्साला एक बीत्ते का , एकदम बांस , ... मोटा बांस ,...
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मम्मी ने जाने कहाँ से चुन कर दामाद अपना , ...
और मम्मी क्यों , पसंद तो मैंने ही किया था , ... पहल भले इन्होने की थी , लेकिन घंटी तो मेरे दिल में भी उन्हें देखते ही जोर जोर से बजने लगी थी ,
कोमल यही है जिसका तू सत्रह साल से इन्तजार कर रही थी ,
कोमल छोड़ना मत इस लड़के को चाहे जो हो जाय ,...
![[Image: Teej-e407f59904afd00aa5e9bf607b4dd1c1.jpg]](https://i.ibb.co/tBfZMhY/Teej-e407f59904afd00aa5e9bf607b4dd1c1.jpg)
उन्होंने मेरी जेठानी से बात करवाई थी ,
लेकिन मैंने भी तो रीतू भाभी से कह के , पीछे पड़ के , ...
भले ही उनके होंठ हाथ अपने काम में मस्त थे उन्होंने धक्के लगाने बंद कर दिए थे ,
पर मेरे धक्के का साथ देते अब वो सिर्फ पूरी ताकत से पुश कर रहे थे ,
दोनों हाथों ने उनके मुझे न सिर्फ जकड़ रखा था बल्कि उनकी ओर खींच रखा था , मेरी कोमल कोमल जाँघे पूरी तरह खुली ,
मेरे धक्के , उनका पुश , ... वो बहुत धीरे धीरे ही लेकिन अंदर घुस रहा था , और बस जब थोड़ा सा बचा तो , उन्होंने मेरी कमर कस के पकड़ ली ,
मैं समझ गयी क्या होने वाला है , मैंने आँखे बंद कर ली ,
उन्होंने आधे से भी ज्यादा बाहर खींचा फिर क्या धक्का मारा ,
रजाई के अंदर भी मुझे तारे दिख गए , मैं जोर से चीखी , और सुपाड़ा सीधे बच्चेदानी पर मैं गिनगीना गयी ,
![[Image: fucking-ruff-tumblr-mnfo3vtqmd1srt9kdo3-400.gif]](https://i.ibb.co/zGf79sm/fucking-ruff-tumblr-mnfo3vtqmd1srt9kdo3-400.gif)
लेकिन फिर कुछ देर देर तो वो चुपचाप ,
इतने चुपचाप भी नहीं , ... उनके नाख़ून मेरे जुबना पे अपने निशान बना रहे थे और दांत गालों पे , ...
और मैं कौन इतनी सीधी थी , मैं भी तो उनकी सलहज की ननद , मेरी गुलाबो अब कस कस के उनके पूरे घुसे मूसल को भींच रही थी , दबोच रही थी , सिकोड़ रही थी ,
जाड़े की रात में सैंया के संग रजैया में ,
जितने जोर से उनके हाथ मेरी चूँची दबोच रहे थे ,
उतनी ही जोर से मेरी चूत उनका लंड दबोच रही थी , धक्के का तो सवाल ही नहीं था , वो मेरी बच्चेदानी तक घुसा हुआ था ,
मेरी गुलाबो की शरारतों का असर , या उनका अपना मन , ... धीरे धीरे कर के उन्होंने काफी बाहर निकाल लिया और अबकी फिर हौले हौले धक्के ,
एक उनका पीछे से , आगे की ओर
दूसरा मेरा आगे से , पीछे की ओर
जैसे मैं झूला झूल रही होंऊ , एक पेंग ये मार रहे , एक ओर से और दूसरी ओर से मैं पेंग मार रही हूँ ,
माघ पूस की रात में सावन का मजा आ रहा था ,
देर तक , एक नया मजा , ...
हाँ , अगर मैं कहीं किनारे पहुँचने को होती तो वो बस धक्के रोक देते , और साथ में अपने दांत कभी मेरे गुलाबी गालों पर गड़ा देते , तो कभी सीने के ऊपरी हिस्से पे , और कुछ देर रुक कर धक्के चालू हो जाते , पीछे से उनके , आगे से मेरे ,
बहुत देर बाद जब मैं झड़ी तो उन्होंने झड़ने दिया , लेकिन साथ साथ उन्होंने क्या कस के धक्का मारा सीधे मेरी बच्चेदानी पे , और साथ में वो भी झड़ रहे थे , ढेर सारी मलाई सीधे मेरी बच्चेदानी के मुंह पे ,
( शादी के महीने पर पहले से ही जो मेरी वो पांच दिन वाली छुट्टी ख़तम हुयी तो मम्मी और रीतू भाभी दोनों ने मिल के मुझे गोली खिलानी शुरू कर दी थी , इसिलए और कोई डर नहीं था , हाँ ये मुझे मालूम था , जिस दिन मैं चाहूंगी , गोली बंद , तो बच्चा अंदर , ... लेकिन हम दोनों ये बात पहले ही तय कर ली थी , अगले ६ साल तक जब तक मैं २३ साल की नहीं होउंगी , ... नो केंहां केंहां ,... उसके बाद चार साल का गैप , फिर एक और ,.. फिर स्टाप बोर्ड )
वो एक बार में झड़ के कहाँ रुकते थे , कटोरी भर मलाई कस के , और थोड़ा सा रुक के फिर दुबारा , ...
![[Image: Fucking-G-cum-tumblr-oihzgmn-Ecs1uo5lbio2-250.gif]](https://i.ibb.co/pPgKBxW/Fucking-G-cum-tumblr-oihzgmn-Ecs1uo5lbio2-250.gif)
हम दोनों वैसे ही लिपटे रहे , न उन्होंने बाहर निकाला , न मैं सरकी , ...बैसे ऐसे ही हम दोनों करवट लेटे।
वो मेरे अंदर जड़ तक धंसे मेरे जोबन को पकडे , पीछे से चिपके आगे की ओर प्रेस करते , और मैं पीछे की ओर प्रेस करती ,
हाँ कुछ देर में रिस रिस कर कुछ मलाई की बुँदे सरक सरक के , मेरी चिकनी जाँघों पर , ... मैंने परवाह नहीं की उसी तरह लेटी रही रजाई सर से पैर तक ओढ़े ,...
हाँ कान में चार बजने के घंटे की आवाज सुनाई जरूर पड़ी , .. पास में एक बैंक था वहां का चौकीदार हर घंटे पर घण्टा बजाता था और रात के सन्नाटे में साफ़ सुनाई देता था ,
मुझे याद आया थोड़ी देर पहले जब वो झड़े थे और मैं उनके ऊपर चढ़ी रबड़ी मलाई खिला रही थी , दीवाल घडी पर मेरी नजर पड़ी थी
ढाई बजा था ,
फिर , पता नहीं हम सो गए या वैसे ही जगे रहे , लेकिन उनका मूसल उसी तरह मेरे अंदर जड़ तक धंसा रहा , ...
सुबह सुबह सारे मर्दों की आदत होती है , इनकी तो और ,...
शायद पांच बजा था इनका खूंटा एकदम तन्नाया पीछे से मेरे चूतड़ के बीच ठोकर मार रहा था ,
न इन्हे कुछ कहने की जरुरत पड़ी , न इशारा करने की , ... मैं खुद समझ गयी।
बस वही इनकी फेवरिट पोज़ ,
कुतिया वाली ,