09-11-2019, 09:03 PM
दीदी बोली - जवानी के खेल में ऐसे ही मजा आता है अभी तो मैंने सिर्फ तुझे जवानी का एक खेल का दर्शन कराया है ऐसे जवानी के हजारों खेल हैं जिनको खेल करके तू हमेशा जन्नत की सैर करेगा |
मैंने दीदी से पूछा - दीदी इससे पहले भी आपने किसी का लंड चूसा है |
दीदी बोली - हां कॉलेज में दो लड़के थे और दोनों लड़कियों से बहुत परेशान करते थे | इसलिए मुझे उनसे बचने के लिए मैंने उनके लंड चूसने शुरू कर दिए थे |
मै - दीदी आपने मेरा लंड क्यों चूसा मैंने तो आपसे कहा भी नहीं था |
दीदी - अरे पगले एक बार लंड चूसने की लत लग जाए तो फिर हमेशा लंड की तलाश ही लगी रहती है | पहले पहले तो मुझे मजा नहीं आता था और मुहँ में भी दर्द होता था लेकिन अब लंड चूसते चूसते मेरी आदत पड़ गई थी | मुझे मजा भी आने लगा था |
4 महीने हो गए वह दोनों लड़के तो कॉलेज चले गए आगे की पढ़ाई के लिए | मेरे को तो आदत लग गई थी, जब तक लंड चूसकर उसकी मलाई न पिऊ, मन में बेचैनी सी रहती थी |
दीदी एक लम्बी साँस लेती हुई - मुझे लगा तू समझेगा इसीलिए मैंने तुझसे यह सारी बातें बताएं और मुझे ख़ुशी है कि तूने सब कुछ बहुत अच्छे से सीख रहे हो और किसी को बता भी नहीं रहे हो | इसीलिए तो मेरे लिए तुम खास है और हमेशा खास रहोगे | यह सब चीजें अपने बहुत खास आदमी को सिखाई जाती हैं |
मैं - कितना खास हूं दीदी मै आपके लिए |
दीदी - तू बहुत खास है मेरे लिए, तू सोच तुझे अपनी चूत भी दे सकती है ये तेरी दीदी चोदने के लिए | चूत सिर्फ किसी बहुत खास आदमी को ही चोदने के लिए दी जाती है |
मै हैरानी से - ऐसा क्या होता है चूत चुदाई में | चूत इतनी खास क्यों है दीदी | चूत सिर्फ किसी बहुत खास आदमी को ही चोदने के लिए क्यों लड़कियां देती है |
दीदी मेरे बाल सहलाती हुई - तुझे पता नहीं है लड़की की चूत बहुत खास होती है, ये लड़की का सबसे अनमोल गहना होती है इसीलिए इसे लड़कियां छिपाकर बचाकर रखती है | चूत सबसे नाजुक होती है | किसी भी चूत का छेद किसी लड़की के लिए उसकी जिंदगी का सबसे बढ़ा उपहार होता है | तुझे पता है जब एक आदमी अपने लंड से चूत को चोदकर अपनी मलाई चूत की गहराई में छोड़ देता है तो इससे बच्चा पैदा होता है |
मै हैरानी से - बच्चा पैदा करने के लिए चुदाई करनी पड़ती है, तो अगर मै आपको चोदुंगा तो आपको बच्चा पैदा हो जायेगा |
दीदी मेरी मासूमियत पर हंसने लगी - हाँ हो भी सकता है |
मै डर गया - दीदी फिर मै आपको कभी नहीं चोदुंगा |
दीदी - अरे पगले, बच्चा पैदा करने के लिए एक खास टाइम पर चोदना होता है |
मै - अच्छा और वो टाइम का कैसे पता लगता है |
दीदी - हर समझदार लड़की को वो टाइम पता होता है |
मै - चुदाई इतनी खास है दीदी |
दीदी - हाँ |
मै - इसका मतलब आपकी चूत भी बहुत खास है बाकि सब लडकियों की तरह |
दीदी - हाँ इसीलिए पूरी दुनिया चूत के पीछे भागती रहती है |
मै - तो पूरी दुनिया बच्चा पैदा करने के लिए इस चूत के पीछे पड़ी रहती है |
दीदी - हाँ चूत का असली काम तो वही है लेकिन आदमी को नरम नरम कसी हुई चूत चोदने में मजा आता है | ऐसे समझ, जब एक लड़की पहली बार चुदती है तो उसका चूत का छेद कुंवारा होता है और जब लड़की किसी लड़के को वो कुवारी चूत चोदने को देती है तो वो लड़का पूरी जिंदगी के लिए उसका गुलाम बन जाता है, उसकी हर बात मानता है |
मै - तो मै भी आपका गुलाम बन जाऊंगा |
दीदी - मजे भी तो तू ही लूटेगा मेरी चूत भी तुझे बार बार चोदने को मिलेगी |
मै - ऐसा क्यों दीदी आपको मजा नहीं आएगा चुदाई में |
दीदी - आता है लेकिन जब कोई ठीक से चूत को चोदता है |
मै - ठीक से क्या मतलब |
दीदी - अरे बाबा इतनी जल्दी है तुझे सब जानने की , सब बताउंगी धीरे धीरे | तू इतना खास है की तेरे से अपनी जिस्म और रूह का कुछ भी नहीं छिपाउंगी | तुझे पता नहीं तुम कितना खास है तूने मेरी ४ महीनो की प्यास बुझा दी है |
मै - ये कौन सी प्यास है, प्यास लगती है तो पानी पीते है |
दीदी - तुझे नहीं पता, ये जिस्म की प्यास है जवानी की प्यास है ये सिर्फ पानी पीने से नहीं बुझती |
मै - दीदी अब आगे क्या है आगे का कल बताऊंगी |
तब तक एक काम कर | दीदी ने मुझे एक सीडी लगाई और मै उसे देखने लगा | उसी सीडी में दिखाया था कैसे लोग सेक्स करते हैं | मैंने और दीदी ने आधे घंटे बैठकर वह पूरी वीडियो देखें इसी बीच दीदी ने मुझे अपनी बाहों में भरके बैठाए रखा | मैं दीदी को सहलाता रहा और दीदी मुझे सहलाती रही | कभी मैं उनके दूधो को मसलता कभी मैं उनके पीठ को सहलाता था | दीदी पहले अपनी चूत सहलाती रही , फिर मेरे लंड और गोलियों को सहलाने लगी | मैं भी उनके पीछे जाकर उनके बड़े-बड़े मांसल चूतड़ों की मालिश करने लगा था | फिर दीदी पलट कर मुझे बांहों में भर लेती और मेरे सीने को सहलाती कभी वह मेरे गालों को सहलाती कभी चूमने लगती | कभी मेरे मुरझाये लंड को सहलाती कभी मेरी गोलियों से खेलने लगती |
हम लोग आधे घंटे तक यही करते रहे और उस ब्लू फिल्म को भी देखते रहे | इसके बाद पता नहीं दीदी को क्या हुआ वह उठकर के एक तरफ चली गई और दूसरी सीडी ले आई थी और उन्होंने वह सीडी लगा दी और उसके बाद में वह थोड़ा सा शहद और मक्खन भी ले आई | उन्होंने अपनी चूत के दोनों गुलाबी ओंठो को अच्छे से फैला दिया और उसमे शहद भर दिया |
दीदी - चल चाट इसे |
मैं आज्ञाकारी बालक की तरह उनकी जांघों के बीच में आ गया था उन्होंने अपने दोनों पैर हवा में उठा दिए थे और मैं कसकर के कुत्ते की जीभ निकालकर उनकी चूत को चाटने लगा था और चाटते चाटते मैंने उनके चूत पर लगे हुए शहद की एक एक बूंद को अच्छे से चाट गया था | दीदी पूरी तरह से मदमस्त हो गई थी | दीदी अलग-अलग पोज में बैठ कि मुझे अपनी चूत दिखाती है और फिर उस पर मक्खन लपेट देती |
मक्खन लपेटने के बाद मुझे आदेश देती - चल खा मेरी मक्मुखन मलाई जैसी चूत को , चाट इसे |
मै दीदी की जांघो के बीच में घुसकर दीदी की चूत और आसपास के सारे इलाके को तब तक चाटता रहता जब तक मक्उखन ख़त्सेम न हो जाये | इसी बीच में मेरे लंड में फिर से हरकत होने लगी थी यह सब करते करते लगभग एक घंटा हो गया था | मुझे लग रहा था कहीं कोई आ ना जाए | हो सकता है दीदी की छोटी बहन ही आ जाये | हम दोनों को ऐसी हालत में पकड़ ले |
मुझे डर भी लग रहा था मैंने दीदी ने पूछा - दीदी आपको नहीं लगता को ज्यादा देर हो गई है दीदी बोली नहीं कोई दिक्कत नहीं है | छुटकी अभी भी कार्आटून देख रही है और आधे घंटे तक वो वहां से नहीं उठने वाली | जब तक मम्मी पापा नहीं आते तब तक वो टीवी के सामने से उठने से रही | तू चुपचाप बस मेरी चूत चाटता रह | दीदी की मक्खन लगी चूत को मैंने अच्छे से चाटा था इसके बाद दीदी ने और ढेर सारा मक्खन लगा दिया | दीदी को बड़ा मजा आ रहा था | वो मेरे चूत चाटने से बिलकुल मदमस्त हो गयी थी | उनकी नशीली आँखे देख ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने कोई नशा कर रखा है लेकिन असल में वो वासना के नशे में बुरी तरह से डूबी हुई थी |
मैं उनकी चूत को फिर से चाटने लगा | दीदी बार बार मख्खन लगाती रही और मैं उसे बारी-बारी से चाटता रहता था , दीदी बीच बीच में एक दो बार कांपी भी जबदस्त |
उस कांपने का रहस्य मुझे बाद में पता चला | ये सब करते थे काफी देर हो गई थी और मेरा लंड फिर से पूरी तरह से खड़ा हो गया था दीदी अब बिस्तर पर लुढ़क गई थी और उन्होंने अपने पास में मुझे बुलाकर तेजी से अपने हाथ से मेरे लंड को मसलना और मुठियाना शुरू कर दिया था और वह एक हाथ से मेरे लंड को मुखिया रही थी और दूसरे हाथ से वह अपने बड़े-बड़े दूधों को मसल रही थी उसके बाद दीदी ने मेरे लंड को छोड़ा और बोली - चल तू मेरी चूत को देख करके मुठ मार |
मैं दीदी के जांघो के बीच में उनके चेहरे के सामने आ करके बैठ गया | दीदी ने पूरी तरह से जागे फैला दी थी उनकी गुलाबी चूत के दोनों गुलाबी फाके भी अलग हो गए थे और मुझे उनकी कसी हुई गुलाबी मखमली चूत की सुरंग की गुलाबी लालिमा के दर्शन होने लगे थे | क्या चूत थी बिलकुल गोरी चिकनी सफाचट | कही कोई दाग नहीं, कही कोई बाल नहीं | गोरेपन और गुलाबी लालिमा लिए दीदी की चूत खूबसूरती की एक मिसाल थी | जिसे बस महसूस किया जा सकता था | चूत के अंदरूनी ओंठ भी होते है ये मुझे तब पता चला जब मैंने दीदी से पुछा - दीदी ये आपके चूत के ओंठो के अन्दर गुलाबी पंखुडियां कैसी है | क्या यही गुलाबी चूत होती है |
दीदी - नहीं पगले ये तो मेरी चूत के अंदरूनी ओंठ है | जब ये ओंठ खुलते है तब चूत का छेद दीखता है | अभी जितना कहाँ है उतना कर, आगे सब बताउंगी |
दीदी अपने दोनों हाथों से अपने दोनों दूधो को मसलने लगी थी | और उन्होंने मुझे अपने दोनों हाथों से अपने लंड को कस के मुठीयाने को कहा था | मैं दीदी के चूत के बिल्कुल सामने बैठकर तेजी से अपने लंड को मुठिया रहा था, लेकिन मेरी नजर दीदी की गुलाबी करिश्माई हसींन चूत से हट ही नहीं रही थी | मेरा हाथ मेरे लंड को बुरी तरह मसले जा रहा था, दीदी बड़े ही कामुक अंदाज में मुझे देख रही थी | मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था लेकिन दीदी के पूरे बदन को देख कर पूरी तरह से पागल हो गया था | मैं तेजी से अपने लंड को हिला रहा था |
मै हांफता हुआ - दीदी अपनी चूत के बारे में और बताओ न |
दीदी अपने दूध को मसलना छोड़ कर अपनी चूत को सहलाने लगी | दीदी ने अपनी चूत के उपरी सिरे को उंगली से रगड़ने लगी |
दीदी - पहले ये बता तुझे क्या क्या पता चल गया है |
मै अपनी तेज सांसो को संभालता हुआ तेजी से लंड पर अपनई हथेली की मुट्ठी को फिसलाता हुआ बोला - दीदी आपकी चूत देख ली, चूत के ओंठो को पहचान गया हूँ | चूत का चीरा भी आपने बता दिया | अब आगे भी बताइए |
दीदी ने आपनी उंगलियों से अपनी गुलाबी चिकनी चूत को फैलाया, दीदी की आपस में चिपकी हुई चूत की पंखुड़िया खुल गयी | उनके दोनों फांके अलग हो गए | दीदी ने चूत के उपरी हिस्से को कसकर पीछे को खीचा तो एक लहसुन के इतना लाल लाल दाना उनकी खाल से बाहर आ गया | दीदी उस पर उंगली लगाती हुई बोली - इसे चूत दाना कहते है | और ये नीचे की तरफ जा रही पंखुडियो की चूत के अंदरूनी ओंठ कहते है |
मै हैरानी से दीदी की खुली चूत की गुलाबी चमत्कारिक रंगत देखने लगा | इससे मेरा लंड पर फिसल रहा हाथ रुक गया |
दीदी तेज आवाज में - अगर लंड को मसलना रोका तो कुछ नहीं बताउंगी | मुझे मेरी गलती का अहसास हुआ |
मेरे हाथ ने लंड पर फिर से स्पीड पकड़ ली |
दीदी - स्पीड कम नहीं होनी चाहिए |
मै दीदी की गुलाबी चूत देखकर उत्तेजना से नहा गया | मैंने लंड को और तेज मुठियाना शुरू कर दिया |
दीदी - तो बोल इस गुलाबी दाने को क्या कहते है |
मै हांफते हुए - चूत दाना दीदी |
दीदी - ये औरत की वासना का बटन होता है | अगर तुम्हे कोई लड़की चोदनी है और उसका मन नहीं है तो बस जाकर हलके हलके इस दाने को मसलने लगाना | लड़की अपने आप ही गरम हो जाएगी और ख़ुशी ख़ुशी चुदने को राजी हो जाएगी |
मै - दीदी इसीलिए आप इसे रगड़ते हो |
दीदी - हाँ जिन औरतो को चुदवाने के लिए लंड नसीब नहीं होता वो इसी चूत दाने को रगड़कर अपनी प्यास बुझाती है |
मै - दीदी आपने भी इसे रगड़कर अपनी प्यास बुझाई है |
दीदी - हाँ पगले यही तो कर रही हूँ अब तक |
दीदी - जब लंड चूत में जाता है ये चूत के पतले ओंठ लंड को सहलाते है |
मैंने दीदी से पूछा - दीदी इससे पहले भी आपने किसी का लंड चूसा है |
दीदी बोली - हां कॉलेज में दो लड़के थे और दोनों लड़कियों से बहुत परेशान करते थे | इसलिए मुझे उनसे बचने के लिए मैंने उनके लंड चूसने शुरू कर दिए थे |
मै - दीदी आपने मेरा लंड क्यों चूसा मैंने तो आपसे कहा भी नहीं था |
दीदी - अरे पगले एक बार लंड चूसने की लत लग जाए तो फिर हमेशा लंड की तलाश ही लगी रहती है | पहले पहले तो मुझे मजा नहीं आता था और मुहँ में भी दर्द होता था लेकिन अब लंड चूसते चूसते मेरी आदत पड़ गई थी | मुझे मजा भी आने लगा था |
4 महीने हो गए वह दोनों लड़के तो कॉलेज चले गए आगे की पढ़ाई के लिए | मेरे को तो आदत लग गई थी, जब तक लंड चूसकर उसकी मलाई न पिऊ, मन में बेचैनी सी रहती थी |
दीदी एक लम्बी साँस लेती हुई - मुझे लगा तू समझेगा इसीलिए मैंने तुझसे यह सारी बातें बताएं और मुझे ख़ुशी है कि तूने सब कुछ बहुत अच्छे से सीख रहे हो और किसी को बता भी नहीं रहे हो | इसीलिए तो मेरे लिए तुम खास है और हमेशा खास रहोगे | यह सब चीजें अपने बहुत खास आदमी को सिखाई जाती हैं |
मैं - कितना खास हूं दीदी मै आपके लिए |
दीदी - तू बहुत खास है मेरे लिए, तू सोच तुझे अपनी चूत भी दे सकती है ये तेरी दीदी चोदने के लिए | चूत सिर्फ किसी बहुत खास आदमी को ही चोदने के लिए दी जाती है |
मै हैरानी से - ऐसा क्या होता है चूत चुदाई में | चूत इतनी खास क्यों है दीदी | चूत सिर्फ किसी बहुत खास आदमी को ही चोदने के लिए क्यों लड़कियां देती है |
दीदी मेरे बाल सहलाती हुई - तुझे पता नहीं है लड़की की चूत बहुत खास होती है, ये लड़की का सबसे अनमोल गहना होती है इसीलिए इसे लड़कियां छिपाकर बचाकर रखती है | चूत सबसे नाजुक होती है | किसी भी चूत का छेद किसी लड़की के लिए उसकी जिंदगी का सबसे बढ़ा उपहार होता है | तुझे पता है जब एक आदमी अपने लंड से चूत को चोदकर अपनी मलाई चूत की गहराई में छोड़ देता है तो इससे बच्चा पैदा होता है |
मै हैरानी से - बच्चा पैदा करने के लिए चुदाई करनी पड़ती है, तो अगर मै आपको चोदुंगा तो आपको बच्चा पैदा हो जायेगा |
दीदी मेरी मासूमियत पर हंसने लगी - हाँ हो भी सकता है |
मै डर गया - दीदी फिर मै आपको कभी नहीं चोदुंगा |
दीदी - अरे पगले, बच्चा पैदा करने के लिए एक खास टाइम पर चोदना होता है |
मै - अच्छा और वो टाइम का कैसे पता लगता है |
दीदी - हर समझदार लड़की को वो टाइम पता होता है |
मै - चुदाई इतनी खास है दीदी |
दीदी - हाँ |
मै - इसका मतलब आपकी चूत भी बहुत खास है बाकि सब लडकियों की तरह |
दीदी - हाँ इसीलिए पूरी दुनिया चूत के पीछे भागती रहती है |
मै - तो पूरी दुनिया बच्चा पैदा करने के लिए इस चूत के पीछे पड़ी रहती है |
दीदी - हाँ चूत का असली काम तो वही है लेकिन आदमी को नरम नरम कसी हुई चूत चोदने में मजा आता है | ऐसे समझ, जब एक लड़की पहली बार चुदती है तो उसका चूत का छेद कुंवारा होता है और जब लड़की किसी लड़के को वो कुवारी चूत चोदने को देती है तो वो लड़का पूरी जिंदगी के लिए उसका गुलाम बन जाता है, उसकी हर बात मानता है |
मै - तो मै भी आपका गुलाम बन जाऊंगा |
दीदी - मजे भी तो तू ही लूटेगा मेरी चूत भी तुझे बार बार चोदने को मिलेगी |
मै - ऐसा क्यों दीदी आपको मजा नहीं आएगा चुदाई में |
दीदी - आता है लेकिन जब कोई ठीक से चूत को चोदता है |
मै - ठीक से क्या मतलब |
दीदी - अरे बाबा इतनी जल्दी है तुझे सब जानने की , सब बताउंगी धीरे धीरे | तू इतना खास है की तेरे से अपनी जिस्म और रूह का कुछ भी नहीं छिपाउंगी | तुझे पता नहीं तुम कितना खास है तूने मेरी ४ महीनो की प्यास बुझा दी है |
मै - ये कौन सी प्यास है, प्यास लगती है तो पानी पीते है |
दीदी - तुझे नहीं पता, ये जिस्म की प्यास है जवानी की प्यास है ये सिर्फ पानी पीने से नहीं बुझती |
मै - दीदी अब आगे क्या है आगे का कल बताऊंगी |
तब तक एक काम कर | दीदी ने मुझे एक सीडी लगाई और मै उसे देखने लगा | उसी सीडी में दिखाया था कैसे लोग सेक्स करते हैं | मैंने और दीदी ने आधे घंटे बैठकर वह पूरी वीडियो देखें इसी बीच दीदी ने मुझे अपनी बाहों में भरके बैठाए रखा | मैं दीदी को सहलाता रहा और दीदी मुझे सहलाती रही | कभी मैं उनके दूधो को मसलता कभी मैं उनके पीठ को सहलाता था | दीदी पहले अपनी चूत सहलाती रही , फिर मेरे लंड और गोलियों को सहलाने लगी | मैं भी उनके पीछे जाकर उनके बड़े-बड़े मांसल चूतड़ों की मालिश करने लगा था | फिर दीदी पलट कर मुझे बांहों में भर लेती और मेरे सीने को सहलाती कभी वह मेरे गालों को सहलाती कभी चूमने लगती | कभी मेरे मुरझाये लंड को सहलाती कभी मेरी गोलियों से खेलने लगती |
हम लोग आधे घंटे तक यही करते रहे और उस ब्लू फिल्म को भी देखते रहे | इसके बाद पता नहीं दीदी को क्या हुआ वह उठकर के एक तरफ चली गई और दूसरी सीडी ले आई थी और उन्होंने वह सीडी लगा दी और उसके बाद में वह थोड़ा सा शहद और मक्खन भी ले आई | उन्होंने अपनी चूत के दोनों गुलाबी ओंठो को अच्छे से फैला दिया और उसमे शहद भर दिया |
दीदी - चल चाट इसे |
मैं आज्ञाकारी बालक की तरह उनकी जांघों के बीच में आ गया था उन्होंने अपने दोनों पैर हवा में उठा दिए थे और मैं कसकर के कुत्ते की जीभ निकालकर उनकी चूत को चाटने लगा था और चाटते चाटते मैंने उनके चूत पर लगे हुए शहद की एक एक बूंद को अच्छे से चाट गया था | दीदी पूरी तरह से मदमस्त हो गई थी | दीदी अलग-अलग पोज में बैठ कि मुझे अपनी चूत दिखाती है और फिर उस पर मक्खन लपेट देती |
मक्खन लपेटने के बाद मुझे आदेश देती - चल खा मेरी मक्मुखन मलाई जैसी चूत को , चाट इसे |
मै दीदी की जांघो के बीच में घुसकर दीदी की चूत और आसपास के सारे इलाके को तब तक चाटता रहता जब तक मक्उखन ख़त्सेम न हो जाये | इसी बीच में मेरे लंड में फिर से हरकत होने लगी थी यह सब करते करते लगभग एक घंटा हो गया था | मुझे लग रहा था कहीं कोई आ ना जाए | हो सकता है दीदी की छोटी बहन ही आ जाये | हम दोनों को ऐसी हालत में पकड़ ले |
मुझे डर भी लग रहा था मैंने दीदी ने पूछा - दीदी आपको नहीं लगता को ज्यादा देर हो गई है दीदी बोली नहीं कोई दिक्कत नहीं है | छुटकी अभी भी कार्आटून देख रही है और आधे घंटे तक वो वहां से नहीं उठने वाली | जब तक मम्मी पापा नहीं आते तब तक वो टीवी के सामने से उठने से रही | तू चुपचाप बस मेरी चूत चाटता रह | दीदी की मक्खन लगी चूत को मैंने अच्छे से चाटा था इसके बाद दीदी ने और ढेर सारा मक्खन लगा दिया | दीदी को बड़ा मजा आ रहा था | वो मेरे चूत चाटने से बिलकुल मदमस्त हो गयी थी | उनकी नशीली आँखे देख ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने कोई नशा कर रखा है लेकिन असल में वो वासना के नशे में बुरी तरह से डूबी हुई थी |
मैं उनकी चूत को फिर से चाटने लगा | दीदी बार बार मख्खन लगाती रही और मैं उसे बारी-बारी से चाटता रहता था , दीदी बीच बीच में एक दो बार कांपी भी जबदस्त |
उस कांपने का रहस्य मुझे बाद में पता चला | ये सब करते थे काफी देर हो गई थी और मेरा लंड फिर से पूरी तरह से खड़ा हो गया था दीदी अब बिस्तर पर लुढ़क गई थी और उन्होंने अपने पास में मुझे बुलाकर तेजी से अपने हाथ से मेरे लंड को मसलना और मुठियाना शुरू कर दिया था और वह एक हाथ से मेरे लंड को मुखिया रही थी और दूसरे हाथ से वह अपने बड़े-बड़े दूधों को मसल रही थी उसके बाद दीदी ने मेरे लंड को छोड़ा और बोली - चल तू मेरी चूत को देख करके मुठ मार |
मैं दीदी के जांघो के बीच में उनके चेहरे के सामने आ करके बैठ गया | दीदी ने पूरी तरह से जागे फैला दी थी उनकी गुलाबी चूत के दोनों गुलाबी फाके भी अलग हो गए थे और मुझे उनकी कसी हुई गुलाबी मखमली चूत की सुरंग की गुलाबी लालिमा के दर्शन होने लगे थे | क्या चूत थी बिलकुल गोरी चिकनी सफाचट | कही कोई दाग नहीं, कही कोई बाल नहीं | गोरेपन और गुलाबी लालिमा लिए दीदी की चूत खूबसूरती की एक मिसाल थी | जिसे बस महसूस किया जा सकता था | चूत के अंदरूनी ओंठ भी होते है ये मुझे तब पता चला जब मैंने दीदी से पुछा - दीदी ये आपके चूत के ओंठो के अन्दर गुलाबी पंखुडियां कैसी है | क्या यही गुलाबी चूत होती है |
दीदी - नहीं पगले ये तो मेरी चूत के अंदरूनी ओंठ है | जब ये ओंठ खुलते है तब चूत का छेद दीखता है | अभी जितना कहाँ है उतना कर, आगे सब बताउंगी |
दीदी अपने दोनों हाथों से अपने दोनों दूधो को मसलने लगी थी | और उन्होंने मुझे अपने दोनों हाथों से अपने लंड को कस के मुठीयाने को कहा था | मैं दीदी के चूत के बिल्कुल सामने बैठकर तेजी से अपने लंड को मुठिया रहा था, लेकिन मेरी नजर दीदी की गुलाबी करिश्माई हसींन चूत से हट ही नहीं रही थी | मेरा हाथ मेरे लंड को बुरी तरह मसले जा रहा था, दीदी बड़े ही कामुक अंदाज में मुझे देख रही थी | मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था लेकिन दीदी के पूरे बदन को देख कर पूरी तरह से पागल हो गया था | मैं तेजी से अपने लंड को हिला रहा था |
मै हांफता हुआ - दीदी अपनी चूत के बारे में और बताओ न |
दीदी अपने दूध को मसलना छोड़ कर अपनी चूत को सहलाने लगी | दीदी ने अपनी चूत के उपरी सिरे को उंगली से रगड़ने लगी |
दीदी - पहले ये बता तुझे क्या क्या पता चल गया है |
मै अपनी तेज सांसो को संभालता हुआ तेजी से लंड पर अपनई हथेली की मुट्ठी को फिसलाता हुआ बोला - दीदी आपकी चूत देख ली, चूत के ओंठो को पहचान गया हूँ | चूत का चीरा भी आपने बता दिया | अब आगे भी बताइए |
दीदी ने आपनी उंगलियों से अपनी गुलाबी चिकनी चूत को फैलाया, दीदी की आपस में चिपकी हुई चूत की पंखुड़िया खुल गयी | उनके दोनों फांके अलग हो गए | दीदी ने चूत के उपरी हिस्से को कसकर पीछे को खीचा तो एक लहसुन के इतना लाल लाल दाना उनकी खाल से बाहर आ गया | दीदी उस पर उंगली लगाती हुई बोली - इसे चूत दाना कहते है | और ये नीचे की तरफ जा रही पंखुडियो की चूत के अंदरूनी ओंठ कहते है |
मै हैरानी से दीदी की खुली चूत की गुलाबी चमत्कारिक रंगत देखने लगा | इससे मेरा लंड पर फिसल रहा हाथ रुक गया |
दीदी तेज आवाज में - अगर लंड को मसलना रोका तो कुछ नहीं बताउंगी | मुझे मेरी गलती का अहसास हुआ |
मेरे हाथ ने लंड पर फिर से स्पीड पकड़ ली |
दीदी - स्पीड कम नहीं होनी चाहिए |
मै दीदी की गुलाबी चूत देखकर उत्तेजना से नहा गया | मैंने लंड को और तेज मुठियाना शुरू कर दिया |
दीदी - तो बोल इस गुलाबी दाने को क्या कहते है |
मै हांफते हुए - चूत दाना दीदी |
दीदी - ये औरत की वासना का बटन होता है | अगर तुम्हे कोई लड़की चोदनी है और उसका मन नहीं है तो बस जाकर हलके हलके इस दाने को मसलने लगाना | लड़की अपने आप ही गरम हो जाएगी और ख़ुशी ख़ुशी चुदने को राजी हो जाएगी |
मै - दीदी इसीलिए आप इसे रगड़ते हो |
दीदी - हाँ जिन औरतो को चुदवाने के लिए लंड नसीब नहीं होता वो इसी चूत दाने को रगड़कर अपनी प्यास बुझाती है |
मै - दीदी आपने भी इसे रगड़कर अपनी प्यास बुझाई है |
दीदी - हाँ पगले यही तो कर रही हूँ अब तक |
दीदी - जब लंड चूत में जाता है ये चूत के पतले ओंठ लंड को सहलाते है |