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Adultery रीमा की दबी वासना
दीदी ने एक हाथ से मेरे शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और मेरी शर्ट उतार दी | 
उसके बाद तेजी से लंड को मुठीयाने लगी थी  उन्होंने मेरे लंड को पकड़ कर के उसके सुपाडे को खोल करके नंगा कर दिया | उसकी खाल को खीच करके नीचे की तरफ धकेल दिया | अब मेरे लंड का लाल फूला हुआ  सुपाडा पूरी तरह से अनावृत था | 
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 दीदी ने मेरे लंड को जड़ से कसकर पकड़ा और दुसरे हाथ से मुझे बिस्तर पर पीछे की तरफ धकेल दिया | मै पीठ के बल बिस्तर पर लुद्जक गया | दीदी ने नीचे झुकते हुए मेरे जांघो के बीच मेरे लंड पर झुक गयी और मेरे खून से भरे लाल सुपाडे पर अपने गुलाबी रसीले ओंठ चिपका दिए |  दीदी के गुलाबी नरम होठों का सुखद रेशमी स्पर्श बस एक अनुभव था जो मै शब्दों में बयां नहीं कर सकता |  जैसे ही दीदी ने अपनी गीली खुरधुरी जीभ मेरे लंड के गरम सुपाडे पर घुमाई | वो गीला रसीला अनुभव मुझे मदहोश करता चला गया | मुझे समझ नहीं आया था की वो क्या था लेकिन जो भी था  स्वर्ग का अनुभव कराने वाला था | दीदी मेरा लंड चूस रही थी | मुझे तो अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था | जिस उम्र में लोगो को औरत मरद के बीच का क ख ग नहीं पता होता उस उम्र में दीदी मुझे जवानी के उस सुख का अहसास करा रही थी जिसको मै शब्दों में बयां नहीं कर सकता | दीदी    धीरे-धीरे मेरे लंड को अपने मुंह में लेने लगी थी और कस कर चूसने लगी थी | उनके मुंह की गीली खुरखुरी जीभ और उसके उस गीले रसीले  एहसास की वजह से मैं बिल्कुल जैसे स्वर्ग में पहुंच गया हूं | मेरा लंड तेज खून के दौरान के कारण गर्म था और उस पल जब दीदी के मुहँ की लार की ठंडी चासनी लगी तो जैसे मैं आनंद से पागल हो गया था | दीदी ने मेरे लंड को जड़ से कस कर पकड़ा और सुपाडे को पूरी तरह से मुहँ में घोट कर चूसने लगी थी |  मैं मदहोश होने लगा था हालांकि मैं ये सब दीदी  सीखना चाहता था इसलिए मैंने दीदी से पूछा - यह क्या है | 
दीदी मेरे लंड को मुहँ से निकाल कर बोली - कल तूने मेरी जांघों के बीच में घुस करके करके मेरी चूत को चूसा था तुझे याद है न | 
मै- हाँ दीदी | 
 दीदी बोली - उसे चूत का चूसना कहते हैं जब कोई आदमी किसी औरत की चूत को चूसता है तो उसे चूत चूसाई कहते हैं | 
मै - अच्छा दीदी | 
दीदी -  तूने कभी कंपट टाफी चुसी है | वो टॉफी जिस पर एक डंडी भी लगी होती है | 
मै दीदी के लंड चूसने के कारन बहुत उत्तेजित था - हाँ दीदी बहुत बार चुसी है | 
दीदी - तो समझ ले यह तेरा लंड है जो ये उसी टॉफी की तरह  है | इसको चूसने में बहुत मजा आता है और आखिरी में इसमें से भी ढेर सारा रस निकालता है | इसे मै चूस रही हूं इसे लंड का चुसना कहते हैं | 
मै - दीदी जैसे टॉफी मीठी होती है क्या लंड के रस में भी क्या मिठास होती है |  इसमें क्या उसी तरह से मीठा मीठा रस  आता है | 
दीदी - इसमें कोई मीठा रस  नहीं होता है, लेकिन इसका रस बहुत टेस्टी होता है |  इसमें एक अलग सा स्वाद होता है, इसका स्वाद जिसने चखा है वही बस जानता है कितना टेस्टी स्वाद होता है |  इसका एहसास सिर्फ उसी को होता है जो लंड को चूसता है | 
मैं - दीदी  क्या लड़के भी लंड चूसते हैं | 
दीदी लंड चूसते चूसते अपनी हंसी को कंट्रोल नहीं कर पाई, फिर खुद को काबू करके बोली - जो लड़के गांड मरवाते हैं वह लंड चूसते हैं  | लेकिन जो लड़के चूत चोदते हैं वो चूत चूसते है | 
मै - इसका मतलब मैंने आपकी चूत चुसी थी तो क्या मै  आपकी चूत को चोदुंगा | 
दीदी - अब समझ में आया है तुझे | 
मेरी शंका अभी दूर नहीं हुई थी - तो दीदी क्या मैं आपकी चूत को चोदने वाला | 
दीदी - हाँ कभी न कभी तो जरूर चोदोगे, अगर मेरे अच्छे स्टूडेंट बने रहे | 
मै -  दीदी किसी की चूत को चोदते कैसे हैं | दीदी - अभी धीरे धीरे धीरे तुझे सब पता चल जायेगा  क्यों परेशान है तू सबकी क्यों चिंता कर रहा है | मैं तुझसे सिर्फ बता नहीं रही हूँ मै तो करवा भी रही हूँ | हर चीज का प्रैक्टिकल भी करेगा | मै तुझे सिर्फ सिर्फ चूत लंड के बारे में ही नहीं बता रही रही बल्कि क्या होता है ये दिखा भी रही हूँ | तो समझ ले जब चूत चोदने के बारे में बताउंगी तो चूत चुदवा करके भी सिखाउंगी | 
मै आनंद के सागर में गोते लगाता दीदी से सवाल पे सवाल किये जा रहा था मेरे सवाल अभी भी खतम नहीं हो रहे थे - अच्छा दीदी फिर भी एक सवाल है क्या आपने इससे पहले कभी चूत चुदवाई है | 
दीदी बोली - नहीं पर मैंने दूसरों को चोदते हुए देखा है इसलिए मुझे पता है कैसे चूत चोदी जाती है | 
मै - तो दीदी आपने कभी अपनी चूत चुदवाई नहीं मैंने कभी किसी की चूत चोदी नहीं तो हम आपस में चुदाई करेंगे कैसे | 
दीदी - तू उसकी चिंता मत कर मेरे पास कुछ सीडी है उनमें अच्छे से बताया गया है कि किसी की चूत को पहली बार कैसे चोदना चाहिए और मैंने उसे एक बार नहीं दो बार नहीं 50 बार देखा है ठीक है | इतना ही नहीं उनको देख देख कर के मैंने अपनी चूत की कई बार प्यास बुझाई है, लेकिन उसमे चूत के अन्दर कभी कुछ नहीं गया |  अब मैं चाहती हूं कि मेरी चूत में कोई लंड जाए | मै एक लम्ठीबे तगड़े लंड से चुदना चाहती थी | मै चाहती थी कोई मर्द का बच्चा मेरी सील तोड़े | फिर तेरे साथ खेलते खेलते मुझे तेरे लंड के साइज़ का अहसास हुआ तब से मै तेरे लंड की चाहत पाले बैठी  हूँ लेकिन तेरा लंड मेरी चूत में जाएगा उससे पहले मैं तुझे अच्छी से ट्रेनिंग दूंगी ताकि चुदाई में कोई दिक्कत ना हो | यह कहते-कहते दीदी धीरे धीरे मेरे लंड को निगलने लगी थी और हर बार थोड़ा सा लंड मुहँ में और अन्दर लेकर के ऊपर चुस्ती हुई चली जाती थी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | दीदी के मुहँ से बेतहाशा लार बहने लगी थी उनकी आँखों में लालिमा छा गयी थी |  मैंने देखा धीरे-धीरे  दीदी ने पूरा लंड अपने मुंह में निगल दिया है दीदी मेरा पूरा लंड घोंट गयी | मेरा लंड पूरी तरह से गायब हो गया है मैं कुछ पल के लिए हैरान रह गया था क्या दीदी के मुंह में इतनी जगह है कि मेरा पूरा का पूरा मुसल लंड दीदी के मुहँ में समां गया | 
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 फिर मैंने दीदी से पूछा - दीदी यह पूरा का पूरा लंड आपके मुंह में गायब हो गया क्या आपको दिक्कत नहीं हो रही थी |
दीदी बोली - अरे नहीं पगले इसके लिए इसके लिए थोड़ी मेहनत तो करनी पड़ती है पर मुझे बहुत मजा आ रहा है कि मैं तेरा लंड पूरा का पूरा चूस रही हो | जब कोई औरत पूरा का पूरा लंड मुहँ में लेकर चूसती  है तो उसे भी बहुत मजा आता है और चूसवाने वाले को तो जैसे जन्नत ही मिल जाती है  | दीदी की आंखे पूरी तरह से लाल हो गयी थी | 
मै - दीदी आपकी आँखों की क्या हुआ | 
दीदी - ये औरत का नसीब है उसे मजा लुटने के लिए भी दर्द से गुजरना पड़ता है | आगे चलकर सब समझ जाओगे | अब बस लंड चूसने का मजा लूटो | 
मैने धीरे धीरे आंखें बंद कर ली थी दीदी का साथ तेजी से मेरे लंड पर आगे पीछे होने लगा था उनके गुलाबी होंठ मेरे लंड पर कस के चिपके हुए थे और वह तेजी से अपना सर हिला रही थी | मेरा लंड सटासट दीदी के गीले मुहँ में आ जा रहा था | मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैं बिल्कुल ही बेहोश होने की कगार पर पहुंच गया था मैं पूरी तरह से मदहोश हो चुका था दीदी के मुंह से चपड़ चपड़ की आवाज आने लगी थी | 
 दीदी ने उस खामोशी को तोड़ते हुए उससे पूछा - जितेश कैसा लग रहा है तुझे मजा आ रहा | 
मैं - हां दीदी बहुत मजा आ रहा है | बस ऐसे ही चूसती रहो | मुझे तो पता ही नहीं था दीदी कि लंड को चुसवाने में इतना मजा आता है आपने मुझे जन्नत की सैर करा दी | 
 दीदी समझ गई मैं पूरी तरह से वासना में डूब चुका हूं उसके बाद दीदी ने अपने होठों से  और कसकर मेरे लंड  को जकड़ लिटा और सर हिलाने लगी | दीदी तेजी से मेरे लंड को चूसने लगी थी  उनका सर और उनके हाथ तेजी से मेरे लंडपर फिसल रहे थे |  उसको कसकर जकड़कर मसल रहे थे | उनके गुलाबी होंठ और उनके हाथों की उंगलियां मेरे लंड पर बहुत ही सख्ती से तेजी से ऊपर नीचे फिसल रही थी | तभी मेरी कमर में एक झटका मारा मुझे समझ में नहीं आया यह क्यों हुआ लेकिन दीदी समझ गई | 
दीदी ने कहा - ऐसा लग रहा है तुझे मेरा मुंह चोदने का मन हो रहा है तूने अभी अभी झटका मारा है अच्छा एक काम कर चल ठीक है मैं  अपने को मुहँ के ओंठो को फैलाकर खोलकर चौड़ा कर देती हूँ फिर तू मेरे मुहँ चोद ले | इतना कहकर दीदी ने मेरे लंड की जड़ में अपनी उंगलियाँ का एक सख्तूत घेरा बना दिया | फिर मुहँ में ढेर सारी लार मेरे लंड पर उड़ेल दी | फिर पुरे लंड को लार से सान दिया | 
फिर दीदी बोली - अब नीचे से कमर हिला  मुझे समझ नहीं आया दीदी के कहने का क्या मतलब है | 
मैने पूछ लिया - क्या मतलब है दीदी इसका | 
दीदी बोली - अभी तेरी कमर हिली थी ना | 
 मैंने कहा  - हाँ हिली थी तो | 
दीदी - पगले तेरी कमर हिलाने का मतलब है तू मेरे मुंह को चोदना चाहता है तो अब एक काम कर अब मैं तेरा लंड चुसना  बंद कर रही हूं और तू नीचे से अपनी कमर हिलाकर मेरे मुहँ को चोद | 
मुझे कुछ समझ में नहीं आया - लेकिन दीदी मैं कैसे करूंगा | 
दीदी - तू पूरी तरह से पागल है क्या या बिलकुल गधा है | क्या कैसे करेगा, मुहँ चोदना है .................अच्छा चल  ठीक है मैं तुझे बताती हूं एक काम कर तू अपनी कमर को हल्का सा ऊपर की तरफ उठा | और फिर नीचे ले जा | 
मैंने बिलकुल वैसा ही किया | उसके बाद दीदी बोली अब जोर जोर से ऊपर नीचे कर | मै वैसे ही करने लगा | 
दीदी बोली - ठीक है | 
इसके बाद दीदी ने मेरे लंड के चारों तरफ कस कर के अपने होंठ चिपका दिए और फिर बोली चल अब 
अपनी कमर हिला मैंने अपनी कमर को हल्के से ऊपर की तरफ उठाया मेरा लंड सरकता हुआ दीदी के मुंह में चला गया उसके बाद फिर से कमर जब नीचे आई तो लंड फिर से दीदी के मुंह से बाहर आ गया उसके बाद फिर से मैंने ऊपर की तरफ कमर हिलाई तो फिर से दीदी की मुंह में लंड तेजी से घुस गया मुझे बड़ा मजा आया तो मैंने तेजी से कुछ ज्यादा ही कमर उठा दी और मेरा तना हुआ लंड दीदी के मुंह में जा कर के बहुत तेजी से लगा था दीदी के दांत मेरे लंड पर लग गए थे | मैं चीख पड़ा और दीदी भी |  दीदी के मुंह में जोर से  ठोकर लगी थी तो दीदी भी चीख पड़ी | 
दीदी बोली -  पगले ऐसे नहीं करते हैं आराम आराम से धीरे धीरे करना है | आराम से कमर हिला | 
 मैंने हलके हलके से कमर हिलाने शुरू की और मेरा लंड दीदी के मुंह में धीरे-धीरे जाने लगा और बाहर आने लगा था पहले दीदी ने मेरे लंड के ऊपर अपने होठों को हलके से सटा रखा था लेकिन जैसे-जैसे मैं कमर हिला रहा था वैसे उसे दीदी अपने होठों को मेरे लंड पर कसके चिपकाती चली गई थी और अब उन्होंने मेरे लंड को अपने होठों से कसकर जकड़ लिया था मेरा लंड अब आसानी से दीदी के मुंह में नहीं जा रहा था तो मुझे कमर से जोर लगाना पड़ रहा था | मुझे बहुत मजा आ रहा था कुछ देर तक  ऐसे ही कमर हिलाता रहा  और दीदी मेरे लंड के चारो ओर कसकर अपने ओंठ चिपकाये रही और मेरे लंड को चूसती रही | दीदी न केवल  मेरे लंड को अपने होठों की सख्ड़त जकड़ने से चूसती रही बल्कि अपना मुहँ  भी चुदवाती रही | दीदी के मुहँ से लगातार लार बहती रही आयर मेरे लंड को जमकर भिगोती रही | हम दोनों ही बुरी तरह से हांफने लगे थे | शरीर पसीने पसीने हो चूका था | दीदी की आंखे बुरी तरह से लाल हो गयी थी | दीदी की आंखे और चेहरे को देखकर एक चीज तो समझ आ गयी थी लंड को अच्छे से चुसना कोई मजाक नहीं है | दीदी मेरे लंड को पूरा का पूरा चूसने के लिए कितनी मेहनत कर रही थी ये उनकी लाल आंखे ही बता रही थी | जब हम दोनों ही बुरी तरह हांफने लगे तो  उसके बाद दीदी ने मेरे लंड को मुंह से बाहर निकाल दिया था और तेजी से मुठीयाने लगी और कुछ देर तक बुरी तरह से मुठियाती रही | उसके बाद फिर से चूसने लगी थी मै बस आनंद के सागर में गोते लगाता हुआ अपनी  कमर अभी भी हिला रहा था | 
 और दीदी ने अपने दोनों हाथों की उंगलियों से एक छल्ला बना दिया था और उसी छल्ले में फंसा कर मेरे लंड को मसल रही थी | बार बार उस छल्ले को लार से भर देती ताकि मेरा लंड उस उंगलियों की बनी सुरंग में सरपट दौड़ता रहे | मै फिर से तेजी से कमर हिलाने लगा | मेरा लंड दीदी के उंगलियों की सुरंग की सख्त जकड़न में बुरी तरह मसल कर आगे पीछे होने लगा |   जैसे  जैसे मैं कमर हिला रहा था ऐसे की दीदी के उंगलियों के बने छल्ले में रगड़ खाकर होता हुआ लंड अपनी केचुल छोड़ दुसरे छोर पर बिलकुल नंगा होकर निकलता |   उनके हाथ के बने छल्लों के  बीच से मेरा लंड फिसलता हुआ दूसरी तरफ जाकर के खुल जाता था और उसके ऊपर की खाल पूरी तरह से खींची जाती थी और  फुला हुआ  लाल सुपाड़ा पूरी तरह से दूसरी तरफ छोर पर निकल जाता था मैंने कमर हिलाने बंद नहीं की थी दीदी ने धीरे धीरे कसके मेरे लंड को मसलना जारी रखा और उसके बाद में मेरे लाल गुलाबी सुपाडे को अपने मुंह में ले लिया और कस कर चूसने लगी थी | 
इधर मैंने अपनी कमर हिलानी बंद कर दी थी जैसे-जैसे मैंने कमर हिलानी बंद करी दीदी ने अपने हाथों से हिला हिला कर मेरे लंड को मसलने लगी थी ऐसा लग रहा था जैसे दीदी जल्दी से जल्दी मेरे अंदर की मलाई को निकाल करके खाना  चाहती हो |  
दीदी -  तूने कमर हिलानी क्यों बंद कर दी ...... चोदना ऐसे ही सीखेगा क्या  बिना कमर हिलाए चुदाई नहीं होती समझ में  आया | 
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 09-11-2019, 08:53 PM



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