08-11-2019, 05:57 PM
नम्रता तो जैसे नंगी होकर किसी सदमे में आ गयी थी उस गाँव की औरत को क्या पता था की ये लेस्बियन सैक्स क्या होता है उसे तो बस औरत और मर्द के जिस्मानी रिश्ते के बारे में ही पता था की मर्द का लंड औरत की चूत में जाकर दोनो को मज़ा देता है
जब उसके पति निमेश का मोटा लंड उसकी चूत में जाकर हाहाकार मचाता था तो उसे बड़ा मज़ा मिलता था .
पर ये क्या भसूड़ी थी एक औरत, दूसरी औरत के जिस्म को प्यार करके भला कैसे संतुष्ट होगी . सिर्फ़ एक दूसरे की चूत में उंगली करके वो मज़ा तो मिलने से रहा फिर ये मेमसाहब इतना क्यो उत्तेजित हो रही है ये सब करने को.. पर कुछ ही देर में उसके सारे सवालों के जवाब मिलने शुरू हो गये पहले तो संजना के इस जंगलिपन से उसके शरीर में वही तरंगे उठनी शुरू हो गयी जो निमेश से चुदाई कराते वक़्त उठती थी..
और फिर उसके निप्पल पूरी तरह से कड़क से होकर खड़े हो गये.. जैसे निमेश चूसकर उन्हें खड़ा करता था
और जब उसकी चूत से पानी रिसने लगा तब उसे पता चला की ये सब करने में भी मज़ा मिलता है या मिलने वाला है.
और उसने पहली बार हिम्मत करके अपनी मालकिन के हाथों को अपने स्तनों से हटाकर अपनी चूत की तरफ कर दिया..
संजना भी समझ गयी की बदन से बदन की गर्मी निकली है और आग जल चुकी है
उसने अपनी नर्म मुलायम लंबी उंगलियों को एक-2 करके उसकी चूत में उतार दिया और बाद में अपनी 4 उंगलियों का कोन बनाकर उसकी चूत को चोदने लगी.
”आआआआआआआहह मालकिन .. ये ये क्या मज़ा है ..अहह ऐसा तो आज तक नही सुना ना देखा पर .पर . मज़ा बहुत मिल रहा है ”
संजना मे मुस्कुराते हुए उसके हाथ को पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और अब दोनो एक दूसरे की चूत को अपनी-2 उंगलियों से चोदने में लगे थे.
संजना : “आआआआहह शाबाश आआआआआआअहह ऐसे ही करती रह ..एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स . ऑश यससस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स”
संजना को अब इस मज़े को पूरी तरह से महसूस करना था | उसने नम्रता को बेड पर धक्का दिया और खुद उसके उपर सवार हो गयी 69 की पोज़िशन में और अपनी चूत को उसके मुँह पर दबाकर खुद उसकी चूत पर टूट पड़ी |
ऐसे टूटी जैसे बरसों बाद उसे फ्रूट से सजी प्लेट मिली हो, और उस फ्रूट प्लेट के हर टुकड़े का वो जी भरकर मज़ा लेना चाहती थी
ख़ासकर उसमे सजे अंगूर के दाने का
जब उसने नम्रता की चूत को चखा तो उसमें से उसे वही खुश्बू आई जैसी कार की पिछली सीट पर निमेश के लंड से निकले पानी की थी .
दोनों के जूस में वही कड़क स्वाद था
उसे चाटकर भी उसका शरीर झनझना सा गया था और इसे चूसकर भी उसका वही हाल हुआ
संजना का पूरा शरीर काँप सा गया
जैसे बिजली का हल्का झटका लगा हो.
और ऐसा होता भी क्यो नही, उसकी चूत के पानी में नमक था ही इतना तेज की उसे फिर से वही तीखा टेस्ट याद आ गया जो कार सीट पर चखा था उसने..
फिर तो वो उसे बुरी तरह से चाटने लगी
चूसने लगी .
खाने लगी.
और वही हाल नम्रता का भी था .
शहद से मीठी चूत थी उसकी मालकिन की
नम्रता ने आज से पहले चूत इतने करीब से नही देखी थी
आँखो के एकदम सामने लहरा रही चूत और उसमें से निकल रहे रस को देखकर वो सम्मोहित सी हो गयी.
और अपनी जीभ निकाल कर उसने वो रस चख लिया .
और फिर वो भी वैसा ही करने लगी जैसा उसकी मालकिन उसकी चूत के साथ कर रही थी .
और फिर उसे मज़ा मिलना शुरू हो गया .
अपने मुँह में भी और अपनी चूत चुसवाने की वजह से चूत से भी.
और जल्द ही दोनो चीखने चिल्लाने लगी .
अपने-2 ऑर्गॅज़म के करीब पहुँचकर दोनो अत्यधिक उत्तेजना में भरकर अपने पूरे शरीर को एक दूसरे से रगड़ने लगे
और अंत में एक जोरदार झटके से दोनो की चूत का फव्वारा फुट गया
जिसने उन दोनो के चेहरों को बुरी तरह से भिगो दिया.
फ़र्क सिर्फ़ इतना था की एक फुव्वारे से मीठा पानी निकला था और दूसरे से नमकीन.
पर स्वाद दोनो में था, तभी दोनो को एक मिनट भी नही लगा सारा रस सॉफ करने में.
और जल्द ही सब कुछ सॉफ करके दोनो ने एक दूसरे की चूत चमका दी.
और फिर संजना हांफती हुई नम्रता के उपर से नीचे उतर आई
दोनो अभी भी अपने-2 ओर्गेस्म से उभरने की कोशिश कर रही थी.
इस बात से अंजान की उनकी इस पूरी हरकत को दरवाजे के पीछे छुपे निमेश ने देख लिया है..
निमेश ने जब उन दोनो को ऐसा करते देखा तो उसकी खुशी का ठिकाना नही रहा
वो तो नम्रता को बुलाने आया था पर उसे क्या पता था की आज नम्रता और संजना की ये जुगलबंदी देखने को मिलेगी उसे
वो हैरान भी था वो सब देखकर..
संजना से ज़्यादा उसे अपनी पत्नी नम्रता पर हैरानी हो रही थी..
गाँव की भोली भाली औरत, जिसने आज तक सैक्स भी सिर्फ़ सीधे तरीके से ही किया था, उसने आज मालकिन के साथ मिलकर जो जलवे दिखाए थे, उनकी चूत चाटी , अपनी चटवाई | यानी वो सब किया उसने जो आज तक शायद सुना भी नही होगा उसने अपनी गाँव से आई बीवी को शहर की चंट औरत संजना ने अपने साथ मिलाकर बिगाड़ दिया था.
वो तो पहले से ही संजना मेडम का दीवाना था, उनके इस सैक्स एडवेंचर को देखकर उसने पक्का निश्चय कर लिया की अब तो वो उसकी मारकर ही रहेगा
एक बार तो उसके मन में आया की अभी दरवाजा खोलकर अंदर घुस जाए और उन्हे रंगे हाथों पकड़ ले..
पर संजना मेडम के मूड का उसे अच्छे से पता था
आख़िर वो मालकिन थी, कुछ भी कर सकती थी
उसकी इस हरकत का गुस्सा मानकर अगर वो उन्हे घर से निकाल दे तो हाथ में आने से पहले ही मछली फिसल जाएगी..
पर एक बात वो अच्छे से जान चुका था की वो है एक नंबर की चुद्दक्कड
और उसे अपने लंड के काँटे से ही फँसाया जा सकता है.
इसलिए अपने दिमाग़ में आगे के लिए योजनाए बनाता हुआ, संजना मेडम के नंगे जिस्म को बंद आँखो में उतारकर वो अपने क्वार्टर में आकर लेट गया..
अब संजना मेडम को कहीं जाना नही था, इसलिए वो सो गया और जब उसकी नींद खुली तो नम्रता के खिलखिलाने की आवाज़ें आ रही थी वो बाहर किसी से बात कर रही थी | निमेश ने टाइम देखा तो 8 बज रहे थे |
जब उसके पति निमेश का मोटा लंड उसकी चूत में जाकर हाहाकार मचाता था तो उसे बड़ा मज़ा मिलता था .
पर ये क्या भसूड़ी थी एक औरत, दूसरी औरत के जिस्म को प्यार करके भला कैसे संतुष्ट होगी . सिर्फ़ एक दूसरे की चूत में उंगली करके वो मज़ा तो मिलने से रहा फिर ये मेमसाहब इतना क्यो उत्तेजित हो रही है ये सब करने को.. पर कुछ ही देर में उसके सारे सवालों के जवाब मिलने शुरू हो गये पहले तो संजना के इस जंगलिपन से उसके शरीर में वही तरंगे उठनी शुरू हो गयी जो निमेश से चुदाई कराते वक़्त उठती थी..
और फिर उसके निप्पल पूरी तरह से कड़क से होकर खड़े हो गये.. जैसे निमेश चूसकर उन्हें खड़ा करता था
और जब उसकी चूत से पानी रिसने लगा तब उसे पता चला की ये सब करने में भी मज़ा मिलता है या मिलने वाला है.
और उसने पहली बार हिम्मत करके अपनी मालकिन के हाथों को अपने स्तनों से हटाकर अपनी चूत की तरफ कर दिया..
संजना भी समझ गयी की बदन से बदन की गर्मी निकली है और आग जल चुकी है
उसने अपनी नर्म मुलायम लंबी उंगलियों को एक-2 करके उसकी चूत में उतार दिया और बाद में अपनी 4 उंगलियों का कोन बनाकर उसकी चूत को चोदने लगी.
”आआआआआआआहह मालकिन .. ये ये क्या मज़ा है ..अहह ऐसा तो आज तक नही सुना ना देखा पर .पर . मज़ा बहुत मिल रहा है ”
संजना मे मुस्कुराते हुए उसके हाथ को पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और अब दोनो एक दूसरे की चूत को अपनी-2 उंगलियों से चोदने में लगे थे.
संजना : “आआआआहह शाबाश आआआआआआअहह ऐसे ही करती रह ..एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स . ऑश यससस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स”
संजना को अब इस मज़े को पूरी तरह से महसूस करना था | उसने नम्रता को बेड पर धक्का दिया और खुद उसके उपर सवार हो गयी 69 की पोज़िशन में और अपनी चूत को उसके मुँह पर दबाकर खुद उसकी चूत पर टूट पड़ी |
ऐसे टूटी जैसे बरसों बाद उसे फ्रूट से सजी प्लेट मिली हो, और उस फ्रूट प्लेट के हर टुकड़े का वो जी भरकर मज़ा लेना चाहती थी
ख़ासकर उसमे सजे अंगूर के दाने का
जब उसने नम्रता की चूत को चखा तो उसमें से उसे वही खुश्बू आई जैसी कार की पिछली सीट पर निमेश के लंड से निकले पानी की थी .
दोनों के जूस में वही कड़क स्वाद था
उसे चाटकर भी उसका शरीर झनझना सा गया था और इसे चूसकर भी उसका वही हाल हुआ
संजना का पूरा शरीर काँप सा गया
जैसे बिजली का हल्का झटका लगा हो.
और ऐसा होता भी क्यो नही, उसकी चूत के पानी में नमक था ही इतना तेज की उसे फिर से वही तीखा टेस्ट याद आ गया जो कार सीट पर चखा था उसने..
फिर तो वो उसे बुरी तरह से चाटने लगी
चूसने लगी .
खाने लगी.
और वही हाल नम्रता का भी था .
शहद से मीठी चूत थी उसकी मालकिन की
नम्रता ने आज से पहले चूत इतने करीब से नही देखी थी
आँखो के एकदम सामने लहरा रही चूत और उसमें से निकल रहे रस को देखकर वो सम्मोहित सी हो गयी.
और अपनी जीभ निकाल कर उसने वो रस चख लिया .
और फिर वो भी वैसा ही करने लगी जैसा उसकी मालकिन उसकी चूत के साथ कर रही थी .
और फिर उसे मज़ा मिलना शुरू हो गया .
अपने मुँह में भी और अपनी चूत चुसवाने की वजह से चूत से भी.
और जल्द ही दोनो चीखने चिल्लाने लगी .
अपने-2 ऑर्गॅज़म के करीब पहुँचकर दोनो अत्यधिक उत्तेजना में भरकर अपने पूरे शरीर को एक दूसरे से रगड़ने लगे
और अंत में एक जोरदार झटके से दोनो की चूत का फव्वारा फुट गया
जिसने उन दोनो के चेहरों को बुरी तरह से भिगो दिया.
फ़र्क सिर्फ़ इतना था की एक फुव्वारे से मीठा पानी निकला था और दूसरे से नमकीन.
पर स्वाद दोनो में था, तभी दोनो को एक मिनट भी नही लगा सारा रस सॉफ करने में.
और जल्द ही सब कुछ सॉफ करके दोनो ने एक दूसरे की चूत चमका दी.
और फिर संजना हांफती हुई नम्रता के उपर से नीचे उतर आई
दोनो अभी भी अपने-2 ओर्गेस्म से उभरने की कोशिश कर रही थी.
इस बात से अंजान की उनकी इस पूरी हरकत को दरवाजे के पीछे छुपे निमेश ने देख लिया है..
निमेश ने जब उन दोनो को ऐसा करते देखा तो उसकी खुशी का ठिकाना नही रहा
वो तो नम्रता को बुलाने आया था पर उसे क्या पता था की आज नम्रता और संजना की ये जुगलबंदी देखने को मिलेगी उसे
वो हैरान भी था वो सब देखकर..
संजना से ज़्यादा उसे अपनी पत्नी नम्रता पर हैरानी हो रही थी..
गाँव की भोली भाली औरत, जिसने आज तक सैक्स भी सिर्फ़ सीधे तरीके से ही किया था, उसने आज मालकिन के साथ मिलकर जो जलवे दिखाए थे, उनकी चूत चाटी , अपनी चटवाई | यानी वो सब किया उसने जो आज तक शायद सुना भी नही होगा उसने अपनी गाँव से आई बीवी को शहर की चंट औरत संजना ने अपने साथ मिलाकर बिगाड़ दिया था.
वो तो पहले से ही संजना मेडम का दीवाना था, उनके इस सैक्स एडवेंचर को देखकर उसने पक्का निश्चय कर लिया की अब तो वो उसकी मारकर ही रहेगा
एक बार तो उसके मन में आया की अभी दरवाजा खोलकर अंदर घुस जाए और उन्हे रंगे हाथों पकड़ ले..
पर संजना मेडम के मूड का उसे अच्छे से पता था
आख़िर वो मालकिन थी, कुछ भी कर सकती थी
उसकी इस हरकत का गुस्सा मानकर अगर वो उन्हे घर से निकाल दे तो हाथ में आने से पहले ही मछली फिसल जाएगी..
पर एक बात वो अच्छे से जान चुका था की वो है एक नंबर की चुद्दक्कड
और उसे अपने लंड के काँटे से ही फँसाया जा सकता है.
इसलिए अपने दिमाग़ में आगे के लिए योजनाए बनाता हुआ, संजना मेडम के नंगे जिस्म को बंद आँखो में उतारकर वो अपने क्वार्टर में आकर लेट गया..
अब संजना मेडम को कहीं जाना नही था, इसलिए वो सो गया और जब उसकी नींद खुली तो नम्रता के खिलखिलाने की आवाज़ें आ रही थी वो बाहर किसी से बात कर रही थी | निमेश ने टाइम देखा तो 8 बज रहे थे |