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Adultery Diwali ka Jua (with Pictures)
#14
और वहीं दूसरी तरफ संजना को अपनी आँखो पर विश्वास ही नही हुआ.. आज से पहले उसके पास इतने अच्छे पत्ते नही आए थे…. और इस बार ठहाका लगाने की बारी संजना की थी… उसने ज़ोर से हंसते हुए, आरती का मज़ाक सा उड़ाते हुए, सारे पैसे अपनी तरफ कर लिए… और दोनो को पता था की इस गेम में पैसों से ज़्यादा उनकी इज़्ज़त दाँव पर लगी थी… जो संजना की बच गयी थी और मिसेस चोपड़ा की लुट गयी थी.

वो जब बाहर आए तो जैसे ही गाड़ी का दरवाजा निमेश ने खोला, संजना ने उसे मुस्कुराते हुए बंद किया और घूमकर आगे वाली सीट का दरवाजा खोला और वहाँ बैठ गयी… निमेश को विश्वास ही नही हुआ…पहले ही दिन वो उससे इतना इंप्रेस हो गयी थी की पिछली सीट से उठकर अगली पर आ चुकी थी… इस वक़्त संजना गीली सीट वाला वाक़या बिल्कुल भूल चुकी थी…. उसे बस खुशी थी तो वो ये की उसने आज क्लब में एक बड़ी गेम जीती है और वो भी मिसेस चोपड़ा को हराकर… आज उसकी नाक थोड़ी और उँची हो गयी थी…

इसलिए निमेश को थेंक्स कहने के लिए वो उसके साथ आगे ही आकर बैठ गयी.. गाड़ी चलते ही वो बोली : “थॅंक्स निमेश…तुम्हे पता नही है की आज तुमने कितना बड़ा काम किया है….ये लो इसका इनाम…” इतना कहते हुए उसने अपने पर्स में से, जो इस वक़्त पैसो से बुरी तरह से भरा हुआ था, करीब 20 हज़ार निकाल कर निमेश को दे दिए… निमेश ने हंसते हुए उन्हे अपने पास रख लिया..

संजना : “पर एक बात का मुझे अभी तक विश्वास नही हो रहा है की इतने अच्छे पत्ते मेरे पास आए है, ये बात तुम्हे कैसे पता थी… वरना उसकी तरफ से आ रही चाल को देखकर मैं तो समझ ही गयी थी की उसके पास पत्ते अच्छे है, हो सकता था की मेरे पत्ते बेकार निकलते…”

निमेश ने मुस्कुराते हुए कहा : “मेडम जी….आपके पत्ते बेकार ही निकले थे…. ये देखो…ये रहे आपके पत्ते…” इतना कहते हुए उसने अपनी आस्तीन में से तीन पत्ते निकाल कर संजना को पकड़ा दिए… संजना फटी आँखो से उन्हे देखने लगी…वो 4, 7 और बादशाह थे और वो भी अलग-2 कलर के… 

संजना : “पर…ये…कैसे….” 

निमेश : “हा …हा…मेडम जी…मैने जब ब्लाइंड पे ब्लाइंड चलने के बाद पत्ते उठाए तो उन्हे मैने अपनी कलाई के अंदर छुपाए पत्तो से बदल दिया था… वैसी ही ताश की गड्डी मैने एक वेटर से पहले माँग ली थी…”

उसकी इस कलाकारी की बात सुनकर तो संजना उसकी और भी बड़ी वाली फेन हो गयी…. यानी वो खुद खेलती तो वो पक्का ही हार जाती….

उसने प्यार भरी नज़रों से निमेश को थेंक्स कहा| आज पहली बार उसे अपनी नौकरानी का पति निमेश अच्छा लगा था… वरना आज से पहले वो उसे दूसरी ही नजर से देखती थी..

पर वो बेचारी ये नही जानती थी की ये निमेश की भी प्लानिंग है…
धीरे-2 वो संजना को अपने जाल मे फँसा रहा था….
आज उसके जुए का एक्सपीरियेन्स काफ़ी काम आया था…
और आने वाले टाइम में भी ये जुए का खेल उसके बहुत काम आने वाला था… क्योंकि दिवाली आने वाली थी.
और उसी जुए की हेल्प से वो संजना की चूत मारने के सपने देखने लगा.
[Image: 6515952_0248f19_900x2999.jpg]

कार में बैठा निमेश बार-2 तिरछी नज़रों से संजना को देख रहा था.
वेस्टर्न ड्रेस में उसके मोम्मे पूरी तरह से उभरकर दिख रहे थे… संजना भी जानती थी की निमेश की नज़रें उसी की तरफ है, पर आज वो खुश ही इतनी थी की उसे बिल्कुल भी बुरा नही लग रहा था.. बल्कि निमेश ने जो काम किया था, उसके बाद तो उसका इस तरह से देखना उसे अच्छा लग रहा था. 
[Image: 1312683_8cd161b.jpg]

और ये निशानी होती है एक चुद्दक्कड़ औरत की…
अपनी क्लास के मर्दों को छोड़कर जब वो दूसरों की गंदी नज़रों का मज़ा लेने लग जाए तो समझ लेना चाहिए की उसने चुद्दक्कड़ बनने का एक और एग्साम पास कर लिया है.

और अपनी ही खुशी में डूबी संजना ने अपने पर्स में से एक छोटी सी वॉटर बॉटल निकाली और पी ली.
और ढक्कन खुलते ही निमेश दिमाग की सारी नसें खुल सी गयी.

वो बोला : “मेडम….आप पीती भी है…?”

निमेश के इतना कहने की देर थी की वो आश्चर्य से उसे देखने लगी…
उसे शायद विश्वास नही हो पा रहा था की निमेश को पता चल गया है की वो वोड्का पी रही है..
ये तो इंपॉर्टेंट वोड्का थी, जिसमें स्मेल भी नही आती थी पीने के बाद
वो अक्सर पार्लर में या पार्टी में भी यही ब्रांड पिया करती थी, पर आज तक किसी को पता नही चल सका था की वो पानी नही वोड्का है…
पर निमेश ने एक पल मे ही जान लिया…

और पहचानता भी क्यो नही, दारू में पी एच डी जो कर रखी थी उसने.

संजना भी समझ गयी की वो काफ़ी घाघ किस्म का आदमी है और इससे कुछ भी छुपाना बेकार है.

वो बोली : “हाँ … अक्सर जब भी मैं खुश होती हूँ, तो ये पी लेती हूँ…”

और फिर निमेश की ललचाई नज़रों की तरफ देखते हुए बोली : “ये लो…तुम भी पी के देखो..”

इतना कहकर उसने लगभग आधी बची हुई बॉटल उसकी तरफ लहरा दी…
निमेश की तो आँखे चमक उठी, दारू देखकर नही बल्कि उसपर लगी संजना के होंठो की लाल लिपस्टिक देखकर… उसने तुरंत वो बॉटल हाथ में ले ली और एक ही झटके से उसे अपने काले होंठों से लगाकर गटागट पीने लगा… | अंदर से आ रहे वोड्का से ज़्यादा वो उसके मुँह पर लगी संजना के नर्म होंठों की लाली का स्वाद ले रहा था…
और उसे पीते हुए ऐसा महसूस हो रहा था जैसे वो बॉटल को नही बल्कि संजना के होंठों को चूस रहा है.

संजना भी उसे इस उतावलेपन से बॉटल पीते देखकर हैरान थी…
पर वो समझ गयी थी की वो ऐसा क्यो कर रहा है…
और कुछ सोचकर वो मंद-2 मुस्कुराने लगी…
और एक बार फिर से उसकी नज़रें निमेश के लंड के उभार की तरफ चली गयी.

संजना उसके उभार को देख रही थी और निमेश उसके उभारों को..
गाड़ी चलाते हुए अब उसे हल्का-2 सुरूर सा हो रहा था…
ठीक वैसा ही जैसा संजना पर था इस वक़्त…
इसलिए दोनो ही बिना किसी शर्म के एक दूसरे को निहार रहे थे.

निमेश ने नोट किया की संजना मेडम की टाइट ड्रेस में अचानक दो बिंदु उभर आए…
और वो और कुछ नही उसके निप्पल्स थे जो शायद निमेश के लंड की तरफ देखते हुए उजागर हो गये थे.

अब तो निमेश के लिए गाड़ी चलाना भी कठिन हो गया..

और जब उसने अपने लंड को एडजस्ट करने के लिए उसपर हाथ रखा तो संजना की नज़रें वहां चिपकी रह गयी…
उसे इस वक़्त शायद ये एहसास भी नहीं रह गया था की वो एक मंत्री की बीवी है और अपने ड्राइवर को इतनी गंदी नज़रों से देख रही है.

लंड के आकार का तो उसे बाहर से ही अंदाज़ा हो गया था…
कम से कम 8 इंच का तो था वो…
ऐसे नाग को पिटारे में बिठाये रखना अब निमेश के लिए भी काफ़ी मुश्किल हो गया था.

वो तो शुक्र था की जल्द ही वो बंगले पर पहुँच गये…
दोनो की हालत खराब थी.

निमेश ने गाड़ी अंदर खड़ी की तो संजना लड़खड़ाती हुई सी बाहर निकली, उसकी चाल को देखकर कोई भी बता सकता था की मेडम ने पी रखी है…
वो उसकी मटक रही गांड को देखकर अपने लंड को कार में बैठे -2 ही मसलने लगा और सोचने लगा की कब वो दिन आएगा जब इसे नंगा करके इसकी गांड में अपना लंड पेलेगा.

अपने बेडरूम में पहुँचकर संजना ने एक-2 करके अपने सारे कपड़े उतार दिए…
आज उसकी ब्रेस्ट पहले से ज़्यादा फूली हुई लग रही थी…
इनमे दौड़ रहा खून आज कुछ ज़्यादा ही गर्मी पैदा कर रहा था… उसकी मांसपेशिया और निप्पल्स पूरी तरह से उभरकर बाहर निकले हुए थे.
[Image: 5400906_a7a6d4d.jpg]
वो अपने बदन को उपर से नीचे तक सहलाने लगी… और फिर जैसे उसे कुछ याद आया और उसने नम्रता को आवाज़ दी..
वो किचन मे काम कर रही थी, अपनी मालकिन की आवाज़ सुनते ही दौड़ती हुई वो उनके बेडरूम में आ गयी…

और वहाँ पहुँचकर उसने देखा की संजना पूरी तरह से नंगी होकर अपने आप को शीशे में निहार रही है… एक पल के लिए तो बेचारी सकपका सी गयी.

फिर डरते-2 बोली : “जी मालकिन, आपने बुलाया था क्या ?”

संजना ने मस्ती भरी नज़रों से उसे देखा और बोली : “हाँ ….बुलाया था…चल आजा ज़रा…बदन दुख सा रहा है आज…मालिश कर दे”

नम्रता भी उसके हाव भाव देखकर हैरान सी थी… इतनी बेशर्मी से अपने नंगे जिस्म की नुमाइश उन्होने आज तक नही की थी… और बात करते हुए वो अपनी ब्रेस्ट के निप्पल्स को जिस तरह से मसल रही थी, वो देखकर नम्रता के बदन में भी टीस सी उभरने लगी… आज तक इतनी बेफिक्री से कपड़े उतारकर संजना मेडम नही खड़ी हुई थी..

पर अभी जैसा व्यवहार वो कर रही थी उसे देखकर लगता था जैसे कोई धंधे वाली अपने कस्टमर से बात कर रही है..नम्रता ने अपनी नज़रें झुका ली और भागकर ड्रेसिंग टेबल से वही जादुई तेल की शीशी निकाल लाई…

तब तक संजना अपने बेड पर लेट चुकी थी… नम्रता ने तेल उसकी कमर पर उड़ेलकर मालिश करनी शुरू कर दी…

और जैसे ही नम्रता के सख़्त हाथ उसके नर्म बदन पर पड़े, उसके मुँह से एक मादकता से भरी सिसकारी निकल गयी.

”सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अहहssssssss ”

ऐसा आज तक नही हुआ था, आज से पहले कभी भी संजना ने ऐसा उजागर ही नही होने दिया था जिससे लगे की उसे शारीरिक रूप से सुख की प्राप्ति हो रही है…
वो बस चुपचाप लेटी रहती और नम्रता उसका बदन तेल से मसलकर चली जाती..

पर आज नम्रता को ना जाने क्यों पहले ही लग गया था की कुछ अलग बात है…
संजना इस वक़्त पेट के बल लेटी थी और वो जान बूझकर अपनी गांड वाले हिस्से को उपर की तरफ उभारकर लहरा सी रही थी…
नम्रता समझ गयी की वो वहां की मालिश ज़्यादा से ज़्यादा करवाना चाहती है, इसलिए उसने एक लंबी तेल की धार उसके सफेद चूतड़ों पर छोड़ी और अपने हाथों से उन गुदाज कुल्हो को मसलना शुरू कर दिया..
और वो भी जल बिन मछली की तरह उसके हाथो को अपनी गांड पर महसूस करके तड़पने लगी..थिरकने लगी…
[Image: 1195045_b9b993c_900x2999.jpg]
और थिरकते -2 उसने अपनी गांड के चीरे में नम्रता की उंगलियों को जकड़ लिया…
नम्रता को ऐसे लगा जैसे किसी चूने की भट्टी में उसके हाथ फँस गये हैं…
पर उसने उन्हे निकालने की जुर्रत नही की क्योंकि संजना ने अपनी गांड की पकड़ उनपर ऐसे बनाई हुई थी जैसे वो यही चाहती हो
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Messages In This Thread
Diwali ka Jua (with Pictures) - by badmaster122 - 04-11-2019, 04:48 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Rohit - 05-11-2019, 03:02 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Bregs - 05-11-2019, 09:00 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by nidhi96 - 06-11-2019, 07:40 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Hot Ass - 06-11-2019, 09:04 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by badmaster122 - 08-11-2019, 04:01 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by nidhi96 - 10-11-2019, 10:00 AM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Pussyfan - 08-11-2019, 06:09 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Pussyfan - 09-11-2019, 12:46 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Johnyfun - 11-11-2019, 12:08 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by RamjiLal - 12-11-2019, 08:42 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Bregs - 13-11-2019, 12:22 AM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Introvert - 13-11-2019, 03:44 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Apple Pie - 13-11-2019, 06:19 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by shan123 - 13-11-2019, 06:22 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Bregs - 13-11-2019, 07:15 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Mafiadon - 13-11-2019, 07:48 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Rumana - 14-11-2019, 09:41 AM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Rajun - 14-11-2019, 02:01 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by RamjiLal - 15-11-2019, 02:41 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by jaunpur - 15-11-2019, 03:12 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by RamjiLal - 15-11-2019, 05:25 PM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by nidhi96 - 24-12-2019, 02:29 AM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by nidhi96 - 24-12-2019, 02:32 AM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by parag197 - 25-11-2019, 01:33 AM
RE: Diwali ka Jua (with Pictures) - by Sheri34d - 26-11-2019, 12:01 PM



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