08-11-2019, 03:36 PM
ये उसने संजना को चोट पहुँचाने के इरादे से कही थी…और वो चोट लगी भी..पर संजना ने उसे उजागर नही होने दिया..
और निमेश के कहे अनुसार उसने 1 हज़ार की ब्लाइंड चल दी| वो अच्छी तरह से जानती थी की निमेश बहुत जुआ खेलता है, ऐसे में शायद उसकी मदद से कुछ करिश्मा हो जाए.
आरती अपने पत्ते देख चुकी थी, इसलिए उसने 2 हज़ार की चाल चली….
निमेश के कहने पर एक बार फिर से उसने ब्लाइंड चल दी.. पर शायद मिसेस चोपड़ा ज़्यादा ही कॉन्फिडेंट थी, उन्होने चाल डबल करते हुए 4 हज़ार की कर दी…
सामने से संजना ने 2 हज़ार फेंके…
फिर से चाल डबल हुई और 8 हज़ार आए….
ऐसे करते-2 निमेश ने संजना को ब्लाइंड में ही खिलाते हुए 20 हज़ार की ब्लाइंड तक पहुँचा दिया..
जबकि सामने से आ रही चाल 40 की हो चुकी थी…
आलम ये था की मिसेस चोपड़ा जो पैसे अभी तक जीती थी, उसके अलावा भी उनके सारे पैसे ख़त्म हो चुके थे…
ऐसे में शायद उसे डर सा लग रहा था की वो हार गयी तो सारा पैसा संजना ले जाएगी… उसकी इज्जत जाएगी वो अलग.
उसने अपने पैसे चेक किए और अगली बार जब संजना की ब्लाइंड आई तो बीच में 40 हज़ार डालते हुए उसने संजना से शो माँग लिया.
सभी के दिल की धड़कन बड़ी हुई थी..
निमेश साथ वाली चेयर पर आकर बैठ चुका था…
संजना ने उसकी तरफ डरी हुई नज़रों से देखा….
और अपने पत्ते उसकी तरफ खिसका दिए…
वो नही चाहती थी की अपने पत्ते खुद देखे.
निमेश ने पत्ते उठाए और सभी से बचा कर उन्हे देखा…
और फिर सभी के चेहरों की तरफ…
उसने पहला पत्ता नीचे फेंका.
वो हुक्म का 7 नंबर था.
आरती के चेहरे पर स्माइल सी आ गयी….
जैसे वो जीत गयी हो…
शायद अपने पास आए पत्तो पर उसे ज़्यादा यकीन था.
निमेश ने दूसरा पत्ता फेंका…
वो ईंट का 9 नंबर था.
अब तो मिसेस आरती चोपड़ा की आँखे चमक उठी….
उसने एक जोरदार ठहाका लगाते हुए अपने तीनो पत्ते नीचे फेंक दिए
उसके पास K का पेयर आया था…और साथ में इक्का था.
संजना का दिल रो पड़ा वो देखकर…
ऐसी भरी महफ़िल में एक और हार वो बर्दाश्त नही कर सकती थी…
और वो भी तब जब सभी की नज़रें थी इस गेम पर..
पर जैसे ही आरती ने सारे पैसे अपनी तरफ खिसकाने चाहे, निमेश के काले हाथों ने उसे रोक दिया.. और अपना तीसरा पत्ता बीच में फेंक दिया.
वो था चिड़ी का 8 नंबर.
यानी उसके पास 7,8,9 का सीक़वेंस आया था..
उसके पत्तो को देखकर आरती के साथ-2 उसकी सहेलियों के चेहरे का भी रंग उड़ गया… इतने बड़िया पत्तों की उन्हे उम्मीद भी नही थी..
और निमेश के कहे अनुसार उसने 1 हज़ार की ब्लाइंड चल दी| वो अच्छी तरह से जानती थी की निमेश बहुत जुआ खेलता है, ऐसे में शायद उसकी मदद से कुछ करिश्मा हो जाए.
आरती अपने पत्ते देख चुकी थी, इसलिए उसने 2 हज़ार की चाल चली….
निमेश के कहने पर एक बार फिर से उसने ब्लाइंड चल दी.. पर शायद मिसेस चोपड़ा ज़्यादा ही कॉन्फिडेंट थी, उन्होने चाल डबल करते हुए 4 हज़ार की कर दी…
सामने से संजना ने 2 हज़ार फेंके…
फिर से चाल डबल हुई और 8 हज़ार आए….
ऐसे करते-2 निमेश ने संजना को ब्लाइंड में ही खिलाते हुए 20 हज़ार की ब्लाइंड तक पहुँचा दिया..
जबकि सामने से आ रही चाल 40 की हो चुकी थी…
आलम ये था की मिसेस चोपड़ा जो पैसे अभी तक जीती थी, उसके अलावा भी उनके सारे पैसे ख़त्म हो चुके थे…
ऐसे में शायद उसे डर सा लग रहा था की वो हार गयी तो सारा पैसा संजना ले जाएगी… उसकी इज्जत जाएगी वो अलग.
उसने अपने पैसे चेक किए और अगली बार जब संजना की ब्लाइंड आई तो बीच में 40 हज़ार डालते हुए उसने संजना से शो माँग लिया.
सभी के दिल की धड़कन बड़ी हुई थी..
निमेश साथ वाली चेयर पर आकर बैठ चुका था…
संजना ने उसकी तरफ डरी हुई नज़रों से देखा….
और अपने पत्ते उसकी तरफ खिसका दिए…
वो नही चाहती थी की अपने पत्ते खुद देखे.
निमेश ने पत्ते उठाए और सभी से बचा कर उन्हे देखा…
और फिर सभी के चेहरों की तरफ…
उसने पहला पत्ता नीचे फेंका.
वो हुक्म का 7 नंबर था.
आरती के चेहरे पर स्माइल सी आ गयी….
जैसे वो जीत गयी हो…
शायद अपने पास आए पत्तो पर उसे ज़्यादा यकीन था.
निमेश ने दूसरा पत्ता फेंका…
वो ईंट का 9 नंबर था.
अब तो मिसेस आरती चोपड़ा की आँखे चमक उठी….
उसने एक जोरदार ठहाका लगाते हुए अपने तीनो पत्ते नीचे फेंक दिए
उसके पास K का पेयर आया था…और साथ में इक्का था.
संजना का दिल रो पड़ा वो देखकर…
ऐसी भरी महफ़िल में एक और हार वो बर्दाश्त नही कर सकती थी…
और वो भी तब जब सभी की नज़रें थी इस गेम पर..
पर जैसे ही आरती ने सारे पैसे अपनी तरफ खिसकाने चाहे, निमेश के काले हाथों ने उसे रोक दिया.. और अपना तीसरा पत्ता बीच में फेंक दिया.
वो था चिड़ी का 8 नंबर.
यानी उसके पास 7,8,9 का सीक़वेंस आया था..
उसके पत्तो को देखकर आरती के साथ-2 उसकी सहेलियों के चेहरे का भी रंग उड़ गया… इतने बड़िया पत्तों की उन्हे उम्मीद भी नही थी..