07-11-2019, 12:58 PM
update 30 (1)
मेरा गुस्सा अब बेकाबू होने लगा था और मुझे कैसे भी शांत करना था| मैंने अपनी कमीज, पैंट सब उतार फेंकी, नंगा बाथरूम में घुस गया और शावर चला कर उसके नीचे खड़ा हो गया| पानी की ठंडी-ठंडी बूँदें सर पर पड़ीं तो गुस्सा थोड़ा कम हुआ और लंड 'बेचारा' सिकुड़ कर बैठ गया| दस मिनट तक मैं शावर के नीचे आँखें मूंदें खड़ा रहा, पर गुस्सा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ था| बदन का पानी पोंछ कर जब बहार निकला तो सामने ऋतू सर झुकाये खड़ी थी| मैं उसके बगल से निकल गया और अपने कपडे पहनने लगा| ऋतू पीछे से आई और मुझे अपनी बाहों में भर कर बोली; "सॉरी!" मैंने उसके हाथ अपने जिस्म से अलग किये और बोला; "क्यों मेरे जिस्म में आग लगा रही है, जब उसे बुझा नहीं सकती! मैंने तो नहीं कहा था न की आके मेरे से चिपक जा?" मैंने बड़े रूखे तरीके से उसे दुत्कारा| ऋतू ने सर झुकाये हुए ही अपने कान पकडे और फिर से सॉरी बोला| पर मेरा तो कल रात से दो बार KLPD हो चूका था तो उसका गुस्सा तो था| मैंने आगे कुछ नहीं बोला और ऋतू का बैग उठाया और उसे रेडी होने को कहा पर वो वहाँ से हिली ही नहीं| "सॉरी जानू! आज के बाद कभी ऐसा नहीं करुँगी!" ऋतू ने फिर से कान पकड़ते हुए कहा| अब तक जिस गुस्से को मैंने रोक रखा था वो आखिर फुट ही पड़ा;
"क्या दुबारा नहीं करुँगी? हाँ? बोल??? कल रात को मन किया था न मैंने? बोला था ना की हम mam के घर पर हैं, पर तुझे चैन नहीं था! आखिर मुझे क्या मिला? तू तो जा कर सो गई और मैं बाथरूम में जा कर masturbate कर के सो गया| अभी भी, मैंने तुझे छुआ तक नहीं और तू ही आ कर मुझसे चिपकी थी ना? तेरी तो जिस्म की आग बुझ गई, पर मेरा क्या? अगर मुझे masturbate ही करना था तो सेक्स क्यों? अगर तुझे कोई बिमारी होती तो मैं फिर भी समझता, ये तो तेरा उतावलापन है जिसके कारन प्यासा मैं रह जाता हूँ| उस दिन तो बड़े गर्व से कह रही थी की डॉक्टर ने ये सिखाया है, वो सिखाया है अब क्या हुआ उस सब का? सिर्फ यही नहीं you know shit about sex! Don’t even know how to give a proper blowjob! And if I’m licking you down there you never let me do it, always pull me up on you! कितने महीनों से कर रहे हैं हम ये? बोल??? 6 महीने से!!! और इन 6 महिनों में कितनी बार Porn देखा तूने मेरे फ़ोन में? उससे कुछ नहीं सीखा? और तेरी वो दोस्त काम्य जो तुझे अपने सेक्स के किस्से बड़ी डिटेल में बताया करती थी? उससे कभी कुछ नहीं सीखा तूने? You’ve never ever satisfied me once in these 6 months but still I’m with you, do you know why? Because I fucking love you dammit!!!” ऋतू सर झुकाये सब सुनती रही और फिर आकर मेरे सीने से लग गई| उसकी आँखें छलछला गईं और मेरे अंदर जो गुस्सा था वो अब शांत हो गया| मैंने उसे अब भी नहीं छुआ था और मैं उससे कुछ बोलता उससे पहले ही बॉस का फ़ोन आ गया| मैंने ऋतू को खुद से अलग किया और फ़ोन उठाया|
ऋतू ने अपने कपडे बदले और मेरी फ़ोन पर बात खत्म होने तक वो फिर से सर झुकाये खड़ी हो गई| बात कर के मैंने ऋतू को उसके हॉस्टल छोड़ा और मैं वापस ऑफिस आगया| मुझे ऑफिस में देखते ही मैडम का पारा चढ़ गया और वो बॉस पर बरस पड़ी; "मैंने मानु जी को छुट्टी दी थी फिर क्यों बुलाया उन्हें?" ये सुन कर बॉस एक दम से उनका चेहरा देखने लगा| मैं उस समय बॉस के साइन कराने खड़ा था और मैं भी थोड़ा हैरान था| सर इससे पहले की मैडम पर बरसते मैंने उन्हें अपनी उपस्थिति से अवगत कराते हुए कहा; "Mam वो AMIS Traders की GST की लास्ट डेट थी!" सर चुप हो गए बस मैडम को घूर के देखने लगे| मैंने जल्दी से फ़ोन निकाला और मैडम को कॉल मिला कर फ़ोन वापस जेब में डाल लिया| मैडम का फ़ोन बजा और उन्होंने देख लिया की मेरा ही कॉल है इसलिए बिना कुछ बोले फ़ोन कान से लगा कर बाहर चली गई| कुछ देर बाद मैडम मेरे डेस्क पर आईं और सामने बैठ गईं और बोलीं; "मानु जी आप कहीं और जॉब ढूँढ लो! यहाँ रहोगे तो अपने बॉस की तरह हो जाओगे|" मैडम का मूड बहुत ख़राब था तो मैंने उन्हें हँसाने के लिए कहा; "Mam फिर तो आपका प्रोजेक्ट अधूरा रह जायेगा और फिर हमारी फ्रेंडशिप का क्या?"
"दूसरी जॉब से हमारी फ्रेंडशिप थोड़े ही खत्म होगी? और रही प्रोजेक्ट की तो जाए चूल्हे में!" मैडम ने मुस्कुराते हुए कहा|
"इतनी मेहनत की है आपने Mam की उसे waste करना ठीक नहीं| इस प्रोजेक्ट के बाद मैं कोई और ऑप्शन ढूँढता हूँ|" मैंने मैडम की बात का मान रखते हुए कहा|
"अच्छा एक बात बताओ, अगर मैंने अपनी अलग कंपनी शुरू की तो मुझे ज्वाइन करोगे?" मैडम ने उत्सुकता वश पूछा|
"बिलकुल Mam ये भी कोई कहने की बात है?! कम से कम आप सैलरी तो अच्छी दोगे!" मैंने हँसते हुए कहा और मैडम ये सुन कर हँस दी| शाम को मैं निकलने वाला था की ऋतू का फ़ोन आया; "जानू! अब भी नाराज हो?" ऋतू ने तुतलाते हुए पूछा| मुझे उसके इस बचपने पर हँसी आ गई| "नहीं" बस इतना बोला की मैडम मुझे आती हुई दिखाई दी| मैंने ऋतू को कहा की बाद में बात करता हूँ और फ़ोन काट दिया| "मानु जी! मुझे Market ड्राप कर दोगे?" मैं फिर से हैरान था और मेरी हैरानी भांपते हुए मैडम बोली; "आपके बॉस गाडी ले गए!" अब ये सुन कर मुझे थोड़ा इत्मीनान हुआ और मैडम मेरे पीछे एक तरफ दोनों पैर रख कर बैठ गईं|
अनु मैडम: वैसे मानु जी आप बुरा न मानो तो एक बात कहूँ?
मैं: जी Mam कहिये|
अनु मैडम: आप इतना डरते क्यों हो?
मैं: डरता हूँ? मैं कुछ समझा नहीं mam?
अनु मैडम: अभी मैंने आप से लिफ्ट मांगी तो आप हैरान थे? कल भी जब मैंने आपको बर्थडे विश किया तब भी, डांस करने के समय भी! आपके बॉस से भी जब मैंने कंप्लेंट की कि उन्होंने क्यों आपको आज बुलाया जब कि मैंने आपको छुट्टी दी है तब भी आप बहुत हैरान थे! दोस्ती में तो ये सब चलता है ना?
मैं: Mam आप विश्वास नहीं करेंगे पर पिछले कुछ महीनों से मेरे साथ जो कुछ हो रहा है वो मेरे साथ कभी नहीं हुआ| बचपन से मैं बहुत सीधा-साधा लड़का था....
अनु मैडम: (मेरी बात काटते हुए) वो तो अब भी हो|
मैं: शायद! Anyway मेरे दोस्त सब लड़के ही रहे हैं और लड़कियों से मेरी फ़ट.... I mean डर लगता था| फिर आप मेरे गाँव कि हिस्ट्री तो जानते ही हैं, अब ऐसे में मैंने कभी किसी लड़की से सिवाय किसी काम ...I mean work related बात ही की है| मुझे डर इसलिए लगता है की सर आपकी और मेरी दोस्ती को कभी नहीं समझ सकते| हम रहते ही ऐसे समाज में हैं जहाँ एक लड़का और एक लड़की दोस्त नहीं हो सकते| तो ऐसे में आपका मेरी साइड लेना किसी को सही नहीं लगेगा|
अनु मैडम: तो इसका मतलब हमें सिर्फ वही करना चाहिए जो सब को अच्छा लगे? अपनी ख़ुशी के लिए कुछ भी नहीं?
मैं: मैडम प्लीज मुझे गलत मत समझिये, But I fear for you! I don’t want to cause any troubles in your married life.
अनु मैडम: I understand! And that’s very sweet of you! But I assure you, you’re not the reason ….. anyway….. ummm…. Let’s have some पानी के बताशे!
मैंने बाइक एक चाट वाले के पास रोकी और मैडम और मैंने compete करते हुए पानी के बताशे खाये| विनर मैडम ही निकलीं और हारने की सजा मैडम ने ये रखी की इस संडे को मैं उन्हें 'टुंडे कबाबी' खिलाऊँ| इस तरह हँसते हुए मैं उन्हें बाजार छोड़ कर घर निकल गया| घर पहुँचते ही ऋतू का फ़ोन आया और उसने पूछा; "पानी के बताशे कैसे लगे?"
मेरा गुस्सा अब बेकाबू होने लगा था और मुझे कैसे भी शांत करना था| मैंने अपनी कमीज, पैंट सब उतार फेंकी, नंगा बाथरूम में घुस गया और शावर चला कर उसके नीचे खड़ा हो गया| पानी की ठंडी-ठंडी बूँदें सर पर पड़ीं तो गुस्सा थोड़ा कम हुआ और लंड 'बेचारा' सिकुड़ कर बैठ गया| दस मिनट तक मैं शावर के नीचे आँखें मूंदें खड़ा रहा, पर गुस्सा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ था| बदन का पानी पोंछ कर जब बहार निकला तो सामने ऋतू सर झुकाये खड़ी थी| मैं उसके बगल से निकल गया और अपने कपडे पहनने लगा| ऋतू पीछे से आई और मुझे अपनी बाहों में भर कर बोली; "सॉरी!" मैंने उसके हाथ अपने जिस्म से अलग किये और बोला; "क्यों मेरे जिस्म में आग लगा रही है, जब उसे बुझा नहीं सकती! मैंने तो नहीं कहा था न की आके मेरे से चिपक जा?" मैंने बड़े रूखे तरीके से उसे दुत्कारा| ऋतू ने सर झुकाये हुए ही अपने कान पकडे और फिर से सॉरी बोला| पर मेरा तो कल रात से दो बार KLPD हो चूका था तो उसका गुस्सा तो था| मैंने आगे कुछ नहीं बोला और ऋतू का बैग उठाया और उसे रेडी होने को कहा पर वो वहाँ से हिली ही नहीं| "सॉरी जानू! आज के बाद कभी ऐसा नहीं करुँगी!" ऋतू ने फिर से कान पकड़ते हुए कहा| अब तक जिस गुस्से को मैंने रोक रखा था वो आखिर फुट ही पड़ा;
"क्या दुबारा नहीं करुँगी? हाँ? बोल??? कल रात को मन किया था न मैंने? बोला था ना की हम mam के घर पर हैं, पर तुझे चैन नहीं था! आखिर मुझे क्या मिला? तू तो जा कर सो गई और मैं बाथरूम में जा कर masturbate कर के सो गया| अभी भी, मैंने तुझे छुआ तक नहीं और तू ही आ कर मुझसे चिपकी थी ना? तेरी तो जिस्म की आग बुझ गई, पर मेरा क्या? अगर मुझे masturbate ही करना था तो सेक्स क्यों? अगर तुझे कोई बिमारी होती तो मैं फिर भी समझता, ये तो तेरा उतावलापन है जिसके कारन प्यासा मैं रह जाता हूँ| उस दिन तो बड़े गर्व से कह रही थी की डॉक्टर ने ये सिखाया है, वो सिखाया है अब क्या हुआ उस सब का? सिर्फ यही नहीं you know shit about sex! Don’t even know how to give a proper blowjob! And if I’m licking you down there you never let me do it, always pull me up on you! कितने महीनों से कर रहे हैं हम ये? बोल??? 6 महीने से!!! और इन 6 महिनों में कितनी बार Porn देखा तूने मेरे फ़ोन में? उससे कुछ नहीं सीखा? और तेरी वो दोस्त काम्य जो तुझे अपने सेक्स के किस्से बड़ी डिटेल में बताया करती थी? उससे कभी कुछ नहीं सीखा तूने? You’ve never ever satisfied me once in these 6 months but still I’m with you, do you know why? Because I fucking love you dammit!!!” ऋतू सर झुकाये सब सुनती रही और फिर आकर मेरे सीने से लग गई| उसकी आँखें छलछला गईं और मेरे अंदर जो गुस्सा था वो अब शांत हो गया| मैंने उसे अब भी नहीं छुआ था और मैं उससे कुछ बोलता उससे पहले ही बॉस का फ़ोन आ गया| मैंने ऋतू को खुद से अलग किया और फ़ोन उठाया|
ऋतू ने अपने कपडे बदले और मेरी फ़ोन पर बात खत्म होने तक वो फिर से सर झुकाये खड़ी हो गई| बात कर के मैंने ऋतू को उसके हॉस्टल छोड़ा और मैं वापस ऑफिस आगया| मुझे ऑफिस में देखते ही मैडम का पारा चढ़ गया और वो बॉस पर बरस पड़ी; "मैंने मानु जी को छुट्टी दी थी फिर क्यों बुलाया उन्हें?" ये सुन कर बॉस एक दम से उनका चेहरा देखने लगा| मैं उस समय बॉस के साइन कराने खड़ा था और मैं भी थोड़ा हैरान था| सर इससे पहले की मैडम पर बरसते मैंने उन्हें अपनी उपस्थिति से अवगत कराते हुए कहा; "Mam वो AMIS Traders की GST की लास्ट डेट थी!" सर चुप हो गए बस मैडम को घूर के देखने लगे| मैंने जल्दी से फ़ोन निकाला और मैडम को कॉल मिला कर फ़ोन वापस जेब में डाल लिया| मैडम का फ़ोन बजा और उन्होंने देख लिया की मेरा ही कॉल है इसलिए बिना कुछ बोले फ़ोन कान से लगा कर बाहर चली गई| कुछ देर बाद मैडम मेरे डेस्क पर आईं और सामने बैठ गईं और बोलीं; "मानु जी आप कहीं और जॉब ढूँढ लो! यहाँ रहोगे तो अपने बॉस की तरह हो जाओगे|" मैडम का मूड बहुत ख़राब था तो मैंने उन्हें हँसाने के लिए कहा; "Mam फिर तो आपका प्रोजेक्ट अधूरा रह जायेगा और फिर हमारी फ्रेंडशिप का क्या?"
"दूसरी जॉब से हमारी फ्रेंडशिप थोड़े ही खत्म होगी? और रही प्रोजेक्ट की तो जाए चूल्हे में!" मैडम ने मुस्कुराते हुए कहा|
"इतनी मेहनत की है आपने Mam की उसे waste करना ठीक नहीं| इस प्रोजेक्ट के बाद मैं कोई और ऑप्शन ढूँढता हूँ|" मैंने मैडम की बात का मान रखते हुए कहा|
"अच्छा एक बात बताओ, अगर मैंने अपनी अलग कंपनी शुरू की तो मुझे ज्वाइन करोगे?" मैडम ने उत्सुकता वश पूछा|
"बिलकुल Mam ये भी कोई कहने की बात है?! कम से कम आप सैलरी तो अच्छी दोगे!" मैंने हँसते हुए कहा और मैडम ये सुन कर हँस दी| शाम को मैं निकलने वाला था की ऋतू का फ़ोन आया; "जानू! अब भी नाराज हो?" ऋतू ने तुतलाते हुए पूछा| मुझे उसके इस बचपने पर हँसी आ गई| "नहीं" बस इतना बोला की मैडम मुझे आती हुई दिखाई दी| मैंने ऋतू को कहा की बाद में बात करता हूँ और फ़ोन काट दिया| "मानु जी! मुझे Market ड्राप कर दोगे?" मैं फिर से हैरान था और मेरी हैरानी भांपते हुए मैडम बोली; "आपके बॉस गाडी ले गए!" अब ये सुन कर मुझे थोड़ा इत्मीनान हुआ और मैडम मेरे पीछे एक तरफ दोनों पैर रख कर बैठ गईं|
अनु मैडम: वैसे मानु जी आप बुरा न मानो तो एक बात कहूँ?
मैं: जी Mam कहिये|
अनु मैडम: आप इतना डरते क्यों हो?
मैं: डरता हूँ? मैं कुछ समझा नहीं mam?
अनु मैडम: अभी मैंने आप से लिफ्ट मांगी तो आप हैरान थे? कल भी जब मैंने आपको बर्थडे विश किया तब भी, डांस करने के समय भी! आपके बॉस से भी जब मैंने कंप्लेंट की कि उन्होंने क्यों आपको आज बुलाया जब कि मैंने आपको छुट्टी दी है तब भी आप बहुत हैरान थे! दोस्ती में तो ये सब चलता है ना?
मैं: Mam आप विश्वास नहीं करेंगे पर पिछले कुछ महीनों से मेरे साथ जो कुछ हो रहा है वो मेरे साथ कभी नहीं हुआ| बचपन से मैं बहुत सीधा-साधा लड़का था....
अनु मैडम: (मेरी बात काटते हुए) वो तो अब भी हो|
मैं: शायद! Anyway मेरे दोस्त सब लड़के ही रहे हैं और लड़कियों से मेरी फ़ट.... I mean डर लगता था| फिर आप मेरे गाँव कि हिस्ट्री तो जानते ही हैं, अब ऐसे में मैंने कभी किसी लड़की से सिवाय किसी काम ...I mean work related बात ही की है| मुझे डर इसलिए लगता है की सर आपकी और मेरी दोस्ती को कभी नहीं समझ सकते| हम रहते ही ऐसे समाज में हैं जहाँ एक लड़का और एक लड़की दोस्त नहीं हो सकते| तो ऐसे में आपका मेरी साइड लेना किसी को सही नहीं लगेगा|
अनु मैडम: तो इसका मतलब हमें सिर्फ वही करना चाहिए जो सब को अच्छा लगे? अपनी ख़ुशी के लिए कुछ भी नहीं?
मैं: मैडम प्लीज मुझे गलत मत समझिये, But I fear for you! I don’t want to cause any troubles in your married life.
अनु मैडम: I understand! And that’s very sweet of you! But I assure you, you’re not the reason ….. anyway….. ummm…. Let’s have some पानी के बताशे!
मैंने बाइक एक चाट वाले के पास रोकी और मैडम और मैंने compete करते हुए पानी के बताशे खाये| विनर मैडम ही निकलीं और हारने की सजा मैडम ने ये रखी की इस संडे को मैं उन्हें 'टुंडे कबाबी' खिलाऊँ| इस तरह हँसते हुए मैं उन्हें बाजार छोड़ कर घर निकल गया| घर पहुँचते ही ऋतू का फ़ोन आया और उसने पूछा; "पानी के बताशे कैसे लगे?"