20-01-2019, 01:43 PM
(This post was last modified: 30-11-2023, 02:51 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मै- बहु मुझे बिलकुल ही याद नहीं रहा मुझे माफ़ कर दो। (और मैंने आगे बढ़ कर बहु को गले से लगाया।। उसके गाल और हाथों पे हलके से किस किया और उसे अपने से चिपका लिया)
बहु भी मुझसे काफी टाइट लिपट गई और अपने भारी बूब्स को मेरे सीने से दबा रही थी साथ ही साथ उसकी मोटी मोटी जाँघे भी मुझे मेरी जांघो से टच हो रही थी।। मैं फिर उससे कस के गले लगाया और बहु के पीठ फिर उसकी नंगी कमर और फिर उसके कुल्हे को अपने हाथो से सहलाने लगा।
शमशेर - बहु जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो।। (शमशेर ने अपना हाथ आगे बढाया।। तो बहु ने मेरे गले से अपनी बाहें निकाल शमशेर के गले में डाल दी।) ऐसा करते हुए बहु का पल्लू गिर गया और उसकी नाभि दिखने लगी। बहु को इतने पास से बिना पल्लू के देख शमशेर का लंड फुंफकार मारने लगा। वो झट से बहु को गले लगा लिया।। इधर बहु ने भी बेशरमी से बिना पल्लू के शमशेर से लिपट गई। शमशेर भी कहाँ पीछे हटने वाला था उसने अपना एक हाथ बहु के पीठ पर रखा और एक हाथ उसकी गांड पे रख अपनी ओर एक झटके से खीच लिया। शमशेर बहु के काँधे पे झुक अपनी आँखें बंद किये हुई थी और वह बहु के गरमाई जिस्म को रगडता रहा।।
मै - बहु आज तुम्हारा जन्मदिन है तो क्यों न हम कहीं घूमने चलें?
सरोज शमशेर के बाँहों से निकलती हुई।। नहीं बाबूजी आज शम को तो मेरे पापा आ रहे है। आप तो जानते हो वो मुझे हर बर्थडे पे मिलने आते हैं आज भी वो जरूर आयेंगे।
शमशेर - तो फिर बहु ऐसा करते हैं तुम यहीं रहो मैं और देसाई जी तुम्हारे लिए केक और गिफ्ट लाते है। आखिर मेरी प्यारी बहु का बर्थडे है।
सरोज - ओके अंकल जैसा आपलोग ठीक समझे।
उसके थोड़ी देर बाद मैं और शमशेर बाजार चले गये। हमने एक चोकलेट केक और बहु के लिए कुछ कपडे ख़रीदे। घर पहुच कर जब बेल बजाया तो बहु ने काफी देर तक रिस्पांस नहीं किया। कुछ देर बाद बहु ने जब दरवाज़ा खोला तो अंदर का हाल देख कर मेरे पसीने आ गए। बहु ने सिर्फ ब्रा और पेटीकोट पहनी हुई थी।।
सरोज - ओह बाबूजी आप।।। सॉरी मुझे लगा कामवाली है।।
बहु के ब्रा बहुत छोटी थी इतनी छोटी की वो केवल उसके निप्पल को ढक पा रही थी और उसके बड़े बड़े बूब्स नीचे से बाहर निकले हुए थे।
ब्रा के बीच से एक लाकेट निकली थी जिसे बहु ने अपनी दांतो से दबा रखा था ताकि वो गिर न जाए।।
सरोज - बाबूजी आपलोग इतनी जल्दी कैसे आ गए मैं तो अभी नहाने जा रही थी।
मै - हम ज्यादा दूर नहीं गए बहु बस यहीं पास से ही केक और तुम्हारे लिए कुछ ड्रेस ले आए।।
सरोज - वाओ बाबूजी मैं जल्दी से नहा के आती हूं।।
इधर शमशेर अपने लंड को बहार निकाल सहलाने लगा।
शमशेर - देसाई तेरी बहु कितनी माल है यार।। आज तो तेरी बहु के सामने मुठ मारूँगा कैसे भी।। साली ने मेरे लंड का बुरा हाल कर दिया है। मैं तो रोज ऐसे टाइम पे आऊ ताकि बहु को लगे की कामवाली आयी है और वो दरवाजा खोल दे और मैं उसके नंगे बदन को देख पाऊ। देसाई बड़ा लकी है तू जो तुझे ऐसी रंडी बहु मिली। शमशेर तेज़ी से मुट्ठ मारने लगा, और फिर पास में पड़े केक को खीच बोला।।
शमशेर - आज मेरी रंडी बहु बर्थडे केक के साथ अपने शमशेर अंकल का वीर्य भी खाएगी।।
ये कहते हुये शमशेर ने अपने लंड का ढेर सारा गाढा पानी केक पे छोड़ दिया।
मै - (झूठ मूठ का शमशेर को डांटते हुए।। ) ये क्या किया तुमने? तुझे शर्म नहीं आती मेरी बहु को अपना मुट्ठ खिलायेंगा।।?
शमशेर - हाथ जोड के रिक्वेस्ट करते हुये।। प्लीज देसाई मुझे आज मत रोक कई हफ्तो से मैं ऐसे मौके की तलाश कर रहा हूँ तू तो जानता है इसलिये मैं तेरे घर भी आया।। प्लीज करने दे मैं तेरा अहसान कभी नहीं भुलुंगा।
मै - ठीक है लेकिन एक लिमिट में तेरी इन हरक़तों का मेरी बहु को पता नहीं चलना चहिये।
तभी बिस्तर पे पड़े मोबाइल पे कॉल आने लगी।। अरे बहु।।। देख तो मनीष का कॉल तो नहीं आखिर उसे याद आ ही गया।।
सरोज - (एक टॉवल लपेटे बाथरूम से झाँकती हुई।।) शमशेर अंकल प्लीज देखिये न किसका फ़ोन है मुझे दे दिजिये न प्लीज।
नहा कर बहु पूरी नंगी थी उसने कुछ नहीं पहना था सिवाय एक टॉवल के।। जिसके इस सिरे से वो अपने बदन से पानी पोंछ रही थी।।
शमशेर - बेटा मनीष का ही फ़ोन है।। ये लो।
सरोज - अंकल मेरे हाथ गीले हैं मेरे कान के पास लाइये न प्लीज।।
बहु इस्सी हालत में शमशेर के सामने बात करने लगी।। बातों बातों में उसका टॉवल एक साइड से गिर गया, उसकी लेफ्ट साइड की भरी भरी चूची बाहर निकल आयी। बहु बेशरमी से शमशेर अंकल को अपनी नंगी चूचि दिखाती रही।।
बहु भी मुझसे काफी टाइट लिपट गई और अपने भारी बूब्स को मेरे सीने से दबा रही थी साथ ही साथ उसकी मोटी मोटी जाँघे भी मुझे मेरी जांघो से टच हो रही थी।। मैं फिर उससे कस के गले लगाया और बहु के पीठ फिर उसकी नंगी कमर और फिर उसके कुल्हे को अपने हाथो से सहलाने लगा।
शमशेर - बहु जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो।। (शमशेर ने अपना हाथ आगे बढाया।। तो बहु ने मेरे गले से अपनी बाहें निकाल शमशेर के गले में डाल दी।) ऐसा करते हुए बहु का पल्लू गिर गया और उसकी नाभि दिखने लगी। बहु को इतने पास से बिना पल्लू के देख शमशेर का लंड फुंफकार मारने लगा। वो झट से बहु को गले लगा लिया।। इधर बहु ने भी बेशरमी से बिना पल्लू के शमशेर से लिपट गई। शमशेर भी कहाँ पीछे हटने वाला था उसने अपना एक हाथ बहु के पीठ पर रखा और एक हाथ उसकी गांड पे रख अपनी ओर एक झटके से खीच लिया। शमशेर बहु के काँधे पे झुक अपनी आँखें बंद किये हुई थी और वह बहु के गरमाई जिस्म को रगडता रहा।।
मै - बहु आज तुम्हारा जन्मदिन है तो क्यों न हम कहीं घूमने चलें?
सरोज शमशेर के बाँहों से निकलती हुई।। नहीं बाबूजी आज शम को तो मेरे पापा आ रहे है। आप तो जानते हो वो मुझे हर बर्थडे पे मिलने आते हैं आज भी वो जरूर आयेंगे।
शमशेर - तो फिर बहु ऐसा करते हैं तुम यहीं रहो मैं और देसाई जी तुम्हारे लिए केक और गिफ्ट लाते है। आखिर मेरी प्यारी बहु का बर्थडे है।
सरोज - ओके अंकल जैसा आपलोग ठीक समझे।
उसके थोड़ी देर बाद मैं और शमशेर बाजार चले गये। हमने एक चोकलेट केक और बहु के लिए कुछ कपडे ख़रीदे। घर पहुच कर जब बेल बजाया तो बहु ने काफी देर तक रिस्पांस नहीं किया। कुछ देर बाद बहु ने जब दरवाज़ा खोला तो अंदर का हाल देख कर मेरे पसीने आ गए। बहु ने सिर्फ ब्रा और पेटीकोट पहनी हुई थी।।
सरोज - ओह बाबूजी आप।।। सॉरी मुझे लगा कामवाली है।।
बहु के ब्रा बहुत छोटी थी इतनी छोटी की वो केवल उसके निप्पल को ढक पा रही थी और उसके बड़े बड़े बूब्स नीचे से बाहर निकले हुए थे।
ब्रा के बीच से एक लाकेट निकली थी जिसे बहु ने अपनी दांतो से दबा रखा था ताकि वो गिर न जाए।।
सरोज - बाबूजी आपलोग इतनी जल्दी कैसे आ गए मैं तो अभी नहाने जा रही थी।
मै - हम ज्यादा दूर नहीं गए बहु बस यहीं पास से ही केक और तुम्हारे लिए कुछ ड्रेस ले आए।।
सरोज - वाओ बाबूजी मैं जल्दी से नहा के आती हूं।।
इधर शमशेर अपने लंड को बहार निकाल सहलाने लगा।
शमशेर - देसाई तेरी बहु कितनी माल है यार।। आज तो तेरी बहु के सामने मुठ मारूँगा कैसे भी।। साली ने मेरे लंड का बुरा हाल कर दिया है। मैं तो रोज ऐसे टाइम पे आऊ ताकि बहु को लगे की कामवाली आयी है और वो दरवाजा खोल दे और मैं उसके नंगे बदन को देख पाऊ। देसाई बड़ा लकी है तू जो तुझे ऐसी रंडी बहु मिली। शमशेर तेज़ी से मुट्ठ मारने लगा, और फिर पास में पड़े केक को खीच बोला।।
शमशेर - आज मेरी रंडी बहु बर्थडे केक के साथ अपने शमशेर अंकल का वीर्य भी खाएगी।।
ये कहते हुये शमशेर ने अपने लंड का ढेर सारा गाढा पानी केक पे छोड़ दिया।
मै - (झूठ मूठ का शमशेर को डांटते हुए।। ) ये क्या किया तुमने? तुझे शर्म नहीं आती मेरी बहु को अपना मुट्ठ खिलायेंगा।।?
शमशेर - हाथ जोड के रिक्वेस्ट करते हुये।। प्लीज देसाई मुझे आज मत रोक कई हफ्तो से मैं ऐसे मौके की तलाश कर रहा हूँ तू तो जानता है इसलिये मैं तेरे घर भी आया।। प्लीज करने दे मैं तेरा अहसान कभी नहीं भुलुंगा।
मै - ठीक है लेकिन एक लिमिट में तेरी इन हरक़तों का मेरी बहु को पता नहीं चलना चहिये।
तभी बिस्तर पे पड़े मोबाइल पे कॉल आने लगी।। अरे बहु।।। देख तो मनीष का कॉल तो नहीं आखिर उसे याद आ ही गया।।
सरोज - (एक टॉवल लपेटे बाथरूम से झाँकती हुई।।) शमशेर अंकल प्लीज देखिये न किसका फ़ोन है मुझे दे दिजिये न प्लीज।
नहा कर बहु पूरी नंगी थी उसने कुछ नहीं पहना था सिवाय एक टॉवल के।। जिसके इस सिरे से वो अपने बदन से पानी पोंछ रही थी।।
शमशेर - बेटा मनीष का ही फ़ोन है।। ये लो।
सरोज - अंकल मेरे हाथ गीले हैं मेरे कान के पास लाइये न प्लीज।।
बहु इस्सी हालत में शमशेर के सामने बात करने लगी।। बातों बातों में उसका टॉवल एक साइड से गिर गया, उसकी लेफ्ट साइड की भरी भरी चूची बाहर निकल आयी। बहु बेशरमी से शमशेर अंकल को अपनी नंगी चूचि दिखाती रही।।