20-01-2019, 01:23 PM
(This post was last modified: 29-11-2023, 05:35 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सरोज - तो फिर जल्दी निकाल दिजिये बाबूजी, जलदी।। अंकल आ गए तो।।
मै - बहु, इतनी जल्दी नहीं निकलेगा तुम कुछ करो।।
सरोज - क्या करूँ बाबूजी आपका मुट्ठ जल्दी निकालने के लिये
मै - तुम अपनी ब्रा खोल दो बहु शायद तुम्हारी चूचि देख के मेरा मुट्ठ निकल जाए।।।
सरोज - ओके बाबूजी।। जल्दी करिये।। (सरोज ने अपनी ब्रा उतार दी और अपनी नंगी चूचि मुझे दिखाने लगी। मैं बहु के चूचि देख मुठ मरता रहा)
मै - ओह बहु।।। तुम अपनी पेंटी भी उतार दो मेरे लंड का पानी नहीं निकल रहा।
सरोज - ओके बाबूजी।। जल्दी करिये प्लीज।(बहु ने अपनी पेंटी उतार अपना बुर मेरे सामने खोल दिया।। उसकी बुर से रस टपक रही थी और पूरी गिली हो चुकी थी)
मै - आह बहु।। तुम्हारी बुर से कितना जूस निकल रहा है क्या मैं चाट लूँ?
सरोज - (बिस्तर पे लेते हुए।।अपनी टाँगे फ़ैलाये ) नहीं बाबूजी।।
मै - प्लीज बहु।। (मैंने बिना देरी किये बहु के बुर चाटने लगा।। बहु के मुह से सिसकारी निकल गई और वो आह आह कर चिल्लाने लगी।। )
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कर रहे है।। प्लीज।। इतना शोर सुनकर शमशेर अंकल को पता चल जाएगा।। प्लीज जल्दी निकालिये।
मै - बहु।। अगर जल्दी निकालना है तो तुम मेरा लंड अपने मुह में ले कर चूसो और मैं तुम्हारे मुह में मूठ निकाल देता हूँ।
सरोज - मुह में नहीं बाबूजी।। मैंने तो अपने पति का लंड भी कभी मुह में नहीं लिया।।
मै - तो क्या हुआ बहु पति का नहीं तो ससुर का ही लंड मुह में ले लो।। मेरा लंड चूस कर तुम एक अच्छी बहु बनोगी।।
सरोज - ठीक है बाबूजी।। लाईये मैं आपका लंड चुस्ती हूँ (बहु ने होठ खोल मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और कस के चूसने लगी।। )
मै - आह बहु।। बहुत मजा आ रहा है (बहु के गीले गरम होठों के अंदर मेरे लंड का बुरा हाल था। मेरी बहु मुझे ब्लोजॉब दे रही थी। ) मै इस बार कण्ट्रोल नहीं कर पाया और फ़व्वारे की तरह बहु के मुह के अंदर वीर्य का सैलाब छोड़ दिया।।
मेरा मुट्ठ इतना ज्यादा था की बहु के होठो के किनारे से बह कर बिस्तर पे गिरने लगा। फिर भी मेरी बहु मेरा लंड चुसती रही।।
शायद उसे मेरा लंड चूसने में मजा आ रहा था।। लेकिन वो रंडी की तरह जिस तरह मेरा लंड कस के चूस रही थी उससे मुझे ऐसा लगा जैसे वो शायद पहले भी कई बार लंड चूस चुकी है।। लेकिन अभी ये बताना मुश्किल था की किसका??
मै - बहु, इतनी जल्दी नहीं निकलेगा तुम कुछ करो।।
सरोज - क्या करूँ बाबूजी आपका मुट्ठ जल्दी निकालने के लिये
मै - तुम अपनी ब्रा खोल दो बहु शायद तुम्हारी चूचि देख के मेरा मुट्ठ निकल जाए।।।
सरोज - ओके बाबूजी।। जल्दी करिये।। (सरोज ने अपनी ब्रा उतार दी और अपनी नंगी चूचि मुझे दिखाने लगी। मैं बहु के चूचि देख मुठ मरता रहा)
मै - ओह बहु।।। तुम अपनी पेंटी भी उतार दो मेरे लंड का पानी नहीं निकल रहा।
सरोज - ओके बाबूजी।। जल्दी करिये प्लीज।(बहु ने अपनी पेंटी उतार अपना बुर मेरे सामने खोल दिया।। उसकी बुर से रस टपक रही थी और पूरी गिली हो चुकी थी)
मै - आह बहु।। तुम्हारी बुर से कितना जूस निकल रहा है क्या मैं चाट लूँ?
सरोज - (बिस्तर पे लेते हुए।।अपनी टाँगे फ़ैलाये ) नहीं बाबूजी।।
मै - प्लीज बहु।। (मैंने बिना देरी किये बहु के बुर चाटने लगा।। बहु के मुह से सिसकारी निकल गई और वो आह आह कर चिल्लाने लगी।। )
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कर रहे है।। प्लीज।। इतना शोर सुनकर शमशेर अंकल को पता चल जाएगा।। प्लीज जल्दी निकालिये।
मै - बहु।। अगर जल्दी निकालना है तो तुम मेरा लंड अपने मुह में ले कर चूसो और मैं तुम्हारे मुह में मूठ निकाल देता हूँ।
सरोज - मुह में नहीं बाबूजी।। मैंने तो अपने पति का लंड भी कभी मुह में नहीं लिया।।
मै - तो क्या हुआ बहु पति का नहीं तो ससुर का ही लंड मुह में ले लो।। मेरा लंड चूस कर तुम एक अच्छी बहु बनोगी।।
सरोज - ठीक है बाबूजी।। लाईये मैं आपका लंड चुस्ती हूँ (बहु ने होठ खोल मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और कस के चूसने लगी।। )
मै - आह बहु।। बहुत मजा आ रहा है (बहु के गीले गरम होठों के अंदर मेरे लंड का बुरा हाल था। मेरी बहु मुझे ब्लोजॉब दे रही थी। ) मै इस बार कण्ट्रोल नहीं कर पाया और फ़व्वारे की तरह बहु के मुह के अंदर वीर्य का सैलाब छोड़ दिया।।
मेरा मुट्ठ इतना ज्यादा था की बहु के होठो के किनारे से बह कर बिस्तर पे गिरने लगा। फिर भी मेरी बहु मेरा लंड चुसती रही।।
शायद उसे मेरा लंड चूसने में मजा आ रहा था।। लेकिन वो रंडी की तरह जिस तरह मेरा लंड कस के चूस रही थी उससे मुझे ऐसा लगा जैसे वो शायद पहले भी कई बार लंड चूस चुकी है।। लेकिन अभी ये बताना मुश्किल था की किसका??