03-11-2019, 08:00 AM
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वोमेन आन टॉप
![[Image: WOT-ruff-tumblr-m8xadvqe-YO1qi6zmso1-500.gif]](https://i.ibb.co/ZcS4LQ7/WOT-ruff-tumblr-m8xadvqe-YO1qi6zmso1-500.gif)
झड़े वो ,लेकिन थोड़ी देर बाद मंजू बाई के भोंसडे में।
और वो भी शायद मुश्किल था ,बिना गीता की मदद के।
तरसाने तड़पाने में दोनों एक दूसरे से बढ़कर थीं ,
लेकिन मंजू बाई की बात ही अलग थी ,उसके तरकश में इतने तीर थे ,इत्ते ट्रिक मालुम थे मजे देने के ,मजे लेने के।
और एक बार फिर मंजू बाई उसके ऊपर चढ़कर हचक हचक कर चोद रही थी ,
परफेक्ट वोमेन आन टॉप ,
उन्हें कुछ.भी करने की इजाजत नहीं थी.
![[Image: Joru-K-wot-jjj.gif]](https://i.ibb.co/p2HhnkJ/Joru-K-wot-jjj.gif)
सब कुछ मंजू बाई ही , उनके ऊपर चढ़ी मंजू बाई ने अपनी मजबूत तगड़ी सँडसी ऐसी कलाईयों से उनके हाथों को कस के दबोच रखा था। वो हिल भी नहीं सकते थे।
जिस गदराये जोबन के वो दीवाने थे कभी झुक के उनके सीने पे रगड़ देती तो कभी उनके ललचाये होंठों पे ,
पर जब वो मुंह खोलके चूसना चाहते तो अपने बड़े बड़े निपल हटा लेती।
मंजू बाई की भरी भरी जाँघों में कसी पिंडलियों में बहुत ताकत थी ,
जिस ताकत से वो धक्के मारती थी क्या कोई मरद गौने की रात अपनी दुल्हन की कसी चूत फाड़ेगा।
लेकिन वो पूरा लन्ड नहीं घोंटती थी ,सुपाड़ा अंदर लेकर अपनी भोंसडे के अंदर उसकी मसल्स को इस तरह दबाती ,निचोड़ती
की कोई नया लौंडा हो या कच्चा कमजोर मर्द तो मिनट भर में पानी छोड़ देता।
![[Image: WOT-forced-tumblr-p76cd0f-NIr1vyhqjco1-500.gif]](https://i.ibb.co/JjrLL0G/WOT-forced-tumblr-p76cd0f-NIr1vyhqjco1-500.gif)
और फिर सरकते हुए जोर जोर से धक्के मारते , उनकी छाती पे अपनी बड़ी बड़ी चूंचियां रगड़ते दो तिहाई लन्ड घोट लेती।
साथ में गालियां ,उनकी माँ बहन को ,एक से एक गन्दी ,
और सब से बढ़कर उनसे दिलवाती , उनका अपना नाम लगवाकर , और ऊपर से धमकी अगर गालियां रुकी तो बिना उन्हें झाड़े हट जायेगी उनके ऊपर से।
कभी उनका मुंह खुलवाकर ,मंजू बाई अपने मुंह से लार की एक बूँद , एक तार की तरह सीधे उनके मुंह में ,...
एक से एक किंकी ऐक्शन , गर्हित
आज रात से पहले जो वो सोच भी नहीं सकते थे , सब उनसे करवा रही थी।
और बस एक बार झड़ने के लिए वो कुछ भी करने को तैयार थे।
मंजू बाई तो तीन बार झड़ चुकी थी ,एक बार उन्होंने चूस के ,एक बार गीता ने चूस के और एक बार उन के लन्ड के धक्को ने उसे झाड़ दिया था ,
लेकिन जब उनके झड़ने का नंबर आता तो वो छिनार,...
और एक बार फिर उन्हें लग रहा था , जब वो बस एकदम कगार पे थे , खुद नीचे से धक्का मार मार के उस विपरीत रति में साथ देना चाहते थे , पर मंजू बाई उठने लगी , उन्हें कुछ समझ में नहीं आया ,
गीता बगल में खड़ी थी , उन्होंने उसकी ओर बड़ी बेकसी से देखा ,बेचारगी से।
वो मुस्करायी ,होंठों से आँखों से , पलकें उसकी जरा सा झुकी और अगले ही पल
मंजू बाई के हाथ गीता के कब्जे में थे , साथ साथ मंजू बाई के कंधे गीता जोर जोर से दबा रही थी ,
लन्ड एक बार फिर सरकता हुया ,मंजू बाई की झांटो से ढंकी मांसल भोंसडे में
" भैया " गीता बोली और बस वो इशारा समझ गए।
उनके खुले हाथ अब मंजू बाई की कमर पे थे , ऊपर से गीता मंजू बाई को पुश कर रही थी ,नीचे से उनके दोनों हाथ मंजू बाई की कमर को पकड़ के अपनी ओर खींच रहे थे ,बस कुछ देर में पहली बार उनका मोटा लन्ड मंजू बाई की बुर में जड़ तक घुसा था ,लन्ड का बेस मंजू बाई की क्लीट पर रगड़ खा रहा था।
और अब वो पागल हो गए , इतनी जोर जोर से उन्होंने नीचे से उछल उछल कर धक्के मारना शुरू किया ,लन्ड को उसकी बुर में मथानी की तरह गोल गोल घूम रहा था।
और अब मंजू बाई की हालत खराब होने का टाइम आ रहा था।
गीता ने उसे बार बार गुदगुदी लगा के काबू में कर लिया और मंजू बाई के दोनों हाथ उसकी कमर के पीछे ,मंजू बाई के ही आंगन में पड़े ब्लाउज से बाँध दिए।
" अब चोदो भइय्या कस कस के इसको ,साली बचपन में झांटे भी नहीं आयी थी तो मेरे मामा से अपने भैया से चुदवाने लगी और आज मेरे भैया से चुदवाने का मौका आया है तो गांड पटक रही है ,छिनारपना कर रही है , तूने मेरे भैया की ताकत नहीं देखी माँ ,पक्का मादरचोद है ,पैदायशी। आज तेरे भोंसडे का कचूमर बनाएगा माँ ,मेरा भैय्या। "
गीता हँसते हुए उनसे ,मंजू बाई से बोली।
और जब उनके दोनों हाथ फ्री हो गए थे तो उन्हें भी हाथों का इस्तेमाल आता था ,कुछ आता था कुछ मैंने सीखा दिया था।
कभी जोर जोर से वो मंजू बाई की चूंचियां मसलते रगड़ते ,उसके निपल पल करते , तो कभी एक हाथ मंजू बाई के क्लीट को रगडने लगता , तो कभी दोनों हाथों से मंजू बाई को अपनी और खींच कर कचकचा कर उसकी चूंचियां काट लेते ,
वो बिलबिला रही थी ,चिल्ला रही थी एक से एक गालियां दे रही थी ,पर,...
" भइया कुतिया बना के चोद इस कुतिया को डाल दो सारा पानी इसकी बच्चेदानी के अंदर। "
गीता ने चढ़ाया उन्हें।
जिस बहन ने ये मौका दिलवाया था , उसकी बात भला वो क्यों न मानते , और फिर
डॉगी पोज उनकी भी तो फेवरिट थी।
अगले पल ही उस कच्चे आंगन में मंजू बाई झुकी ,निहुरी ,कुतिया बनी
![[Image: fucking-doggy-tumblr-oo3hqulo-Zz1w49qypo1-500.gif]](https://i.ibb.co/0VfJQTD/fucking-doggy-tumblr-oo3hqulo-Zz1w49qypo1-500.gif)
और वो पीछे से हचक हचक कर
साथ में दोनों हाथों से चूंची की रगड़ाई , वो समझ गए थे की मंजू बाई के जादू के बटन उसके निपल हैं ,
![[Image: nipple-milki-0-522.jpg]](https://i.ibb.co/gww8NN5/nipple-milki-0-522.jpg)
हर औरत के जादू के बटन अलग होते हैं ,जिन पे हाथ लगते ही वो पागल हो जाती है ,थोड़ी देर में ही झड़ने के कगार पर पहुँच जाती है।
बस क्या था चुदाई रोक के ,कुछ देर वो सिर्फ उसके निपल जोर जोर से खींचते ,मसलते ,नाखूनों से जोर जोर से स्क्रैच करते ,और फिर
आलमोस्ट सुपाड़े तक लन्ड निकाल कर एक झटके में पूरी ताकत से धक्का सीधे बच्चेदानी पर ,
दो चार धक्के में ही वो झड़ने के कगार पर पहुँच गयी लेकिन गीता ने आँख से रुकने का इशारा किया ,बस ये तड़पाया उन्होंने
और जब मंजू बाई झड़ी तो भी वो नहीं रुके पूरी तेजी से चोदते रहे ,
और जैसे ही मंजू बाई का झड़ना रुका उन्होंने एक हाथ से तेजी से उसके क्लीट को नोच लिया और दूसरा हाथ मंजू बाई के निपल पर
वो फिर झड़ने लगी ,तूफ़ान में पत्ते की तरह काँप रही थी ,सिसक रही थी।
मंजू बाई की चीखें ,सिसकियाँ पूरे घर में गूँज रही थी।
गीता मुस्करा रही थी ,और अब उन्होंने धकापेल चुदाई शुरू कर दी ,हर धक्का सीधे बच्चेदानी पे ,
बीस पच्चीस मिनट तक बिना रुके , मंजू बाई की चूल चूल ढीली हो गयी।
और अब जब मंजू बाई ने झड़ना शुरू किया उसकी बुर ने इनके लन्ड को भींचना निचोड़ना शुरू किया तो साथ ही वो भी
इतने दिन तड़पने के बाद
ज्वालामुखी फुट पड़ा था , लावा निकल रहा था।
![[Image: fucking-cum-tumblr-oprs0p-KWB91sih2smo3-400.gif]](https://i.ibb.co/mDzjsmk/fucking-cum-tumblr-oprs0p-KWB91sih2smo3-400.gif)
देर तक
कटोरी भर रबड़ी मलाई सीधे मंजू बाई की बच्चेदानी में।
और जब वो हटे तो बस वो थेथर होकर उसी आंगन में गिर पड़ी ,कटे पेड़ की तरह। वो भी बगल में लेट गए।
और जो कटोरी भर रबड़ी मलाई मैंने मंजू बाई के भोसड़े में उड़ेली थी ,सीधे बच्चेदानी में वो कुछ कुछ छलक कर मंजू बाई की काली काली झांटो के झुरमुट पर भी थक्के थक्के,
कुछ देर में मंजू बाई अंगड़ाई लेते उठीं और गीता को अपने पास बुलाया।
![[Image: creampie-17115070.jpg]](https://i.ibb.co/7GN4qzx/creampie-17115070.jpg)
और मंजू बाई ने अपनी दो ऊँगली एक झटके में अपनी बुर में पेल कर ,गोल गोल घुमा कर , ढेर सारी मलाई निकाली और गीता की ओर बढ़ाती बोली ,
" अपने भैया की रखैल , बहुत भैय्या ,भैया कर रही थी न ले गटक भैय्या का माल। "
और बिना हिचक गीता ने मुंह खोल ,जीभ निकाल सारी मलाई चाट ली और बचा खुचा चूस चूस के , एक थक्का गीता के गुलाबी किशोर होंठो,
पर था ,
जीभ निकाल के गीता ने उसे भी चाट लिया और बोली ,' वाह , माँ बहुत स्वादिष्ट है ,ऐसा स्वाद मैंने आज तक नहीं चखा। "
लेकिन मंजू बाई के पास गीता की बात सुनने का समय नहीं था , वो सीधे उनके मुंह पे ,अपना भोंसड़ा उनके मुंह पे रगडती बोली ,
"ले मुन्ना खा ले , माँ के भोसड़े से निकली मलाई का स्वाद और होता है ,जीभ अंदर डाल के चाट , एक भी क़तरा बचा न तो माँ बहुत पीटेगी। "
और वो सपड़ सपड़ एकदम पक्के कम स्लट की तरह
और उधर गीता उनका गन्ना चूसने लगी ,
" अरे भैया तेरे गन्ने में जो लगा बचा है वो मैं चूस के साफ़ कर देती हूँ।
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झड़े वो ,लेकिन थोड़ी देर बाद मंजू बाई के भोंसडे में।
और वो भी शायद मुश्किल था ,बिना गीता की मदद के।
तरसाने तड़पाने में दोनों एक दूसरे से बढ़कर थीं ,
लेकिन मंजू बाई की बात ही अलग थी ,उसके तरकश में इतने तीर थे ,इत्ते ट्रिक मालुम थे मजे देने के ,मजे लेने के।
और एक बार फिर मंजू बाई उसके ऊपर चढ़कर हचक हचक कर चोद रही थी ,
परफेक्ट वोमेन आन टॉप ,
उन्हें कुछ.भी करने की इजाजत नहीं थी.
![[Image: Joru-K-wot-jjj.gif]](https://i.ibb.co/p2HhnkJ/Joru-K-wot-jjj.gif)
सब कुछ मंजू बाई ही , उनके ऊपर चढ़ी मंजू बाई ने अपनी मजबूत तगड़ी सँडसी ऐसी कलाईयों से उनके हाथों को कस के दबोच रखा था। वो हिल भी नहीं सकते थे।
जिस गदराये जोबन के वो दीवाने थे कभी झुक के उनके सीने पे रगड़ देती तो कभी उनके ललचाये होंठों पे ,
पर जब वो मुंह खोलके चूसना चाहते तो अपने बड़े बड़े निपल हटा लेती।
मंजू बाई की भरी भरी जाँघों में कसी पिंडलियों में बहुत ताकत थी ,
जिस ताकत से वो धक्के मारती थी क्या कोई मरद गौने की रात अपनी दुल्हन की कसी चूत फाड़ेगा।
लेकिन वो पूरा लन्ड नहीं घोंटती थी ,सुपाड़ा अंदर लेकर अपनी भोंसडे के अंदर उसकी मसल्स को इस तरह दबाती ,निचोड़ती
की कोई नया लौंडा हो या कच्चा कमजोर मर्द तो मिनट भर में पानी छोड़ देता।
![[Image: WOT-forced-tumblr-p76cd0f-NIr1vyhqjco1-500.gif]](https://i.ibb.co/JjrLL0G/WOT-forced-tumblr-p76cd0f-NIr1vyhqjco1-500.gif)
और फिर सरकते हुए जोर जोर से धक्के मारते , उनकी छाती पे अपनी बड़ी बड़ी चूंचियां रगड़ते दो तिहाई लन्ड घोट लेती।
साथ में गालियां ,उनकी माँ बहन को ,एक से एक गन्दी ,
और सब से बढ़कर उनसे दिलवाती , उनका अपना नाम लगवाकर , और ऊपर से धमकी अगर गालियां रुकी तो बिना उन्हें झाड़े हट जायेगी उनके ऊपर से।
कभी उनका मुंह खुलवाकर ,मंजू बाई अपने मुंह से लार की एक बूँद , एक तार की तरह सीधे उनके मुंह में ,...
एक से एक किंकी ऐक्शन , गर्हित
आज रात से पहले जो वो सोच भी नहीं सकते थे , सब उनसे करवा रही थी।
और बस एक बार झड़ने के लिए वो कुछ भी करने को तैयार थे।
मंजू बाई तो तीन बार झड़ चुकी थी ,एक बार उन्होंने चूस के ,एक बार गीता ने चूस के और एक बार उन के लन्ड के धक्को ने उसे झाड़ दिया था ,
लेकिन जब उनके झड़ने का नंबर आता तो वो छिनार,...
और एक बार फिर उन्हें लग रहा था , जब वो बस एकदम कगार पे थे , खुद नीचे से धक्का मार मार के उस विपरीत रति में साथ देना चाहते थे , पर मंजू बाई उठने लगी , उन्हें कुछ समझ में नहीं आया ,
गीता बगल में खड़ी थी , उन्होंने उसकी ओर बड़ी बेकसी से देखा ,बेचारगी से।
वो मुस्करायी ,होंठों से आँखों से , पलकें उसकी जरा सा झुकी और अगले ही पल
मंजू बाई के हाथ गीता के कब्जे में थे , साथ साथ मंजू बाई के कंधे गीता जोर जोर से दबा रही थी ,
लन्ड एक बार फिर सरकता हुया ,मंजू बाई की झांटो से ढंकी मांसल भोंसडे में
" भैया " गीता बोली और बस वो इशारा समझ गए।
उनके खुले हाथ अब मंजू बाई की कमर पे थे , ऊपर से गीता मंजू बाई को पुश कर रही थी ,नीचे से उनके दोनों हाथ मंजू बाई की कमर को पकड़ के अपनी ओर खींच रहे थे ,बस कुछ देर में पहली बार उनका मोटा लन्ड मंजू बाई की बुर में जड़ तक घुसा था ,लन्ड का बेस मंजू बाई की क्लीट पर रगड़ खा रहा था।
और अब वो पागल हो गए , इतनी जोर जोर से उन्होंने नीचे से उछल उछल कर धक्के मारना शुरू किया ,लन्ड को उसकी बुर में मथानी की तरह गोल गोल घूम रहा था।
और अब मंजू बाई की हालत खराब होने का टाइम आ रहा था।
गीता ने उसे बार बार गुदगुदी लगा के काबू में कर लिया और मंजू बाई के दोनों हाथ उसकी कमर के पीछे ,मंजू बाई के ही आंगन में पड़े ब्लाउज से बाँध दिए।
" अब चोदो भइय्या कस कस के इसको ,साली बचपन में झांटे भी नहीं आयी थी तो मेरे मामा से अपने भैया से चुदवाने लगी और आज मेरे भैया से चुदवाने का मौका आया है तो गांड पटक रही है ,छिनारपना कर रही है , तूने मेरे भैया की ताकत नहीं देखी माँ ,पक्का मादरचोद है ,पैदायशी। आज तेरे भोंसडे का कचूमर बनाएगा माँ ,मेरा भैय्या। "
गीता हँसते हुए उनसे ,मंजू बाई से बोली।
और जब उनके दोनों हाथ फ्री हो गए थे तो उन्हें भी हाथों का इस्तेमाल आता था ,कुछ आता था कुछ मैंने सीखा दिया था।
कभी जोर जोर से वो मंजू बाई की चूंचियां मसलते रगड़ते ,उसके निपल पल करते , तो कभी एक हाथ मंजू बाई के क्लीट को रगडने लगता , तो कभी दोनों हाथों से मंजू बाई को अपनी और खींच कर कचकचा कर उसकी चूंचियां काट लेते ,
वो बिलबिला रही थी ,चिल्ला रही थी एक से एक गालियां दे रही थी ,पर,...
" भइया कुतिया बना के चोद इस कुतिया को डाल दो सारा पानी इसकी बच्चेदानी के अंदर। "
गीता ने चढ़ाया उन्हें।
जिस बहन ने ये मौका दिलवाया था , उसकी बात भला वो क्यों न मानते , और फिर
डॉगी पोज उनकी भी तो फेवरिट थी।
अगले पल ही उस कच्चे आंगन में मंजू बाई झुकी ,निहुरी ,कुतिया बनी
![[Image: fucking-doggy-tumblr-oo3hqulo-Zz1w49qypo1-500.gif]](https://i.ibb.co/0VfJQTD/fucking-doggy-tumblr-oo3hqulo-Zz1w49qypo1-500.gif)
और वो पीछे से हचक हचक कर
साथ में दोनों हाथों से चूंची की रगड़ाई , वो समझ गए थे की मंजू बाई के जादू के बटन उसके निपल हैं ,
![[Image: nipple-milki-0-522.jpg]](https://i.ibb.co/gww8NN5/nipple-milki-0-522.jpg)
हर औरत के जादू के बटन अलग होते हैं ,जिन पे हाथ लगते ही वो पागल हो जाती है ,थोड़ी देर में ही झड़ने के कगार पर पहुँच जाती है।
बस क्या था चुदाई रोक के ,कुछ देर वो सिर्फ उसके निपल जोर जोर से खींचते ,मसलते ,नाखूनों से जोर जोर से स्क्रैच करते ,और फिर
आलमोस्ट सुपाड़े तक लन्ड निकाल कर एक झटके में पूरी ताकत से धक्का सीधे बच्चेदानी पर ,
दो चार धक्के में ही वो झड़ने के कगार पर पहुँच गयी लेकिन गीता ने आँख से रुकने का इशारा किया ,बस ये तड़पाया उन्होंने
और जब मंजू बाई झड़ी तो भी वो नहीं रुके पूरी तेजी से चोदते रहे ,
और जैसे ही मंजू बाई का झड़ना रुका उन्होंने एक हाथ से तेजी से उसके क्लीट को नोच लिया और दूसरा हाथ मंजू बाई के निपल पर
वो फिर झड़ने लगी ,तूफ़ान में पत्ते की तरह काँप रही थी ,सिसक रही थी।
मंजू बाई की चीखें ,सिसकियाँ पूरे घर में गूँज रही थी।
गीता मुस्करा रही थी ,और अब उन्होंने धकापेल चुदाई शुरू कर दी ,हर धक्का सीधे बच्चेदानी पे ,
बीस पच्चीस मिनट तक बिना रुके , मंजू बाई की चूल चूल ढीली हो गयी।
और अब जब मंजू बाई ने झड़ना शुरू किया उसकी बुर ने इनके लन्ड को भींचना निचोड़ना शुरू किया तो साथ ही वो भी
इतने दिन तड़पने के बाद
ज्वालामुखी फुट पड़ा था , लावा निकल रहा था।
![[Image: fucking-cum-tumblr-oprs0p-KWB91sih2smo3-400.gif]](https://i.ibb.co/mDzjsmk/fucking-cum-tumblr-oprs0p-KWB91sih2smo3-400.gif)
देर तक
कटोरी भर रबड़ी मलाई सीधे मंजू बाई की बच्चेदानी में।
और जब वो हटे तो बस वो थेथर होकर उसी आंगन में गिर पड़ी ,कटे पेड़ की तरह। वो भी बगल में लेट गए।
और जो कटोरी भर रबड़ी मलाई मैंने मंजू बाई के भोसड़े में उड़ेली थी ,सीधे बच्चेदानी में वो कुछ कुछ छलक कर मंजू बाई की काली काली झांटो के झुरमुट पर भी थक्के थक्के,
कुछ देर में मंजू बाई अंगड़ाई लेते उठीं और गीता को अपने पास बुलाया।
![[Image: creampie-17115070.jpg]](https://i.ibb.co/7GN4qzx/creampie-17115070.jpg)
और मंजू बाई ने अपनी दो ऊँगली एक झटके में अपनी बुर में पेल कर ,गोल गोल घुमा कर , ढेर सारी मलाई निकाली और गीता की ओर बढ़ाती बोली ,
" अपने भैया की रखैल , बहुत भैय्या ,भैया कर रही थी न ले गटक भैय्या का माल। "
और बिना हिचक गीता ने मुंह खोल ,जीभ निकाल सारी मलाई चाट ली और बचा खुचा चूस चूस के , एक थक्का गीता के गुलाबी किशोर होंठो,
पर था ,
जीभ निकाल के गीता ने उसे भी चाट लिया और बोली ,' वाह , माँ बहुत स्वादिष्ट है ,ऐसा स्वाद मैंने आज तक नहीं चखा। "
लेकिन मंजू बाई के पास गीता की बात सुनने का समय नहीं था , वो सीधे उनके मुंह पे ,अपना भोंसड़ा उनके मुंह पे रगडती बोली ,
"ले मुन्ना खा ले , माँ के भोसड़े से निकली मलाई का स्वाद और होता है ,जीभ अंदर डाल के चाट , एक भी क़तरा बचा न तो माँ बहुत पीटेगी। "
और वो सपड़ सपड़ एकदम पक्के कम स्लट की तरह
और उधर गीता उनका गन्ना चूसने लगी ,
" अरे भैया तेरे गन्ने में जो लगा बचा है वो मैं चूस के साफ़ कर देती हूँ।
![[Image: BJ-deep-tumblr-nugx18-NQBU1ueqjnio1-400.gif]](https://i.ibb.co/CV5r48N/BJ-deep-tumblr-nugx18-NQBU1ueqjnio1-400.gif)