03-11-2019, 07:57 AM
(This post was last modified: 20-01-2021, 11:44 AM by komaalrani. Edited 4 times in total. Edited 4 times in total.)
बारिश
![[Image: rain-G-16.gif]](https://i.ibb.co/8XBQ42B/rain-G-16.gif)
बारिश बहुत तेज हो गयी थी।
मंजू बाई की मांसल जाँघों के बीच उनका सर जकड़ा हुआ था ,
![[Image: LANTERN-BATT-jpg-22.jpg]](https://i.ibb.co/qDHKfqX/LANTERN-BATT-jpg-22.jpg)
गीता ने लालटेन पास में ही रख दी थी इसलिए अब बहुत कुछ दिख रहा था।
काली काली झांटे ,
खूब मोटे मोटे मंजू बाई की बुर के मांसल होंठ ,
![[Image: pussy-h-14913966.jpg]](https://i.ibb.co/YNLY1Rn/pussy-h-14913966.jpg)
और खूब देर तक।
गीता बगल में बैठी देखती रही ,उनका सर सहलाती रही।
तीनो आंगन में बारिश से भीग रहे थे।
और जब मंजू बाई उठीं
![[Image: golden-shower-2-16664683.gif]](https://i.ibb.co/p0670dR/golden-shower-2-16664683.gif)
काली काली घनी झांटो के बीच चार पांच बड़ी बड़ी पीली सुनहली बूंदे ,
सर उठाके , जीभ निकाल के उन्होंने चाट लिया।
बारिश की तेज धार अब एक बार हलकी हलकी रिमझिम बूंदो में बदल गयी।
लेकिन इच्छाओ की आंधी और वासना की बारिश की तेजी में कोई कमी नही आयी थी।
……………………………
टिप टिप टिप
पानी छत की ओरी से , नीम के पेड़ की शाखों से गिर रहा था।
रह रह कर मोटी मोटी बूंदे आंगन को गीला कर रही थीं ,
![[Image: rain-0006.gif]](https://i.ibb.co/WvN4PFp/rain-0006.gif)
और
उन तीनो की वासना में तपती देह को भी भीगा रही थीं।
पर काम की अगन ,कम होने को नहीं आ रही थी।
वो सैंडविच बने थे ,
एक खेली खायी प्रौढा और नयी नवेली बछेड़ी के बीच
![[Image: ffm-g-tumblr-o0nhm8-Vcq31v4nnhqo8-400.gif]](https://i.ibb.co/9ryq13R/ffm-g-tumblr-o0nhm8-Vcq31v4nnhqo8-400.gif)
गदराये पथराये ३८ डी डी और नए नए उभरते ३२ सी के बीच
भोंसडे और कसी चूत के बीच।
आगे से मंजू बाई और पीछे से गीता ,दोनों ने कस के दबोच रखा था उन्हें।
अद्भुत , वो सोच भी नहीं सकते थे ऐसा अनुभव मजा सिर्फ मजा
" मादरचोद , क्या दो मरद ही एक साथ ,किसी लौंडिया का मजा ले सकते हैं। "
गीता की कोयल सी आवाज उनके कान में गुंजी ,गीता ने हलके से उनके ईयरलोब को चुभलाते हुए काट लिया ,
![[Image: FFM-tumblr-o4r6i2n-YN71tnx46eo6-500.gif]](https://i.ibb.co/NpKsCFJ/FFM-tumblr-o4r6i2n-YN71tnx46eo6-500.gif)
और फिर
गीता की कमल की डंडी सी कोमल बांह,उनकी कांख के अंदर से घुस कर उनकी छाती को अँकवार में बाँध दिया ,
गीता की उँगलियाँ,नाख़ून सहला रही थीं ,उनका चौड़ा सीना ,तन्नाए निप्स ,
गीता का दूसरा हाथ ,उनके कोमल नितम्बो को प्यार से सहला रहा था
और हलके हलके नितंबों की दरार के बीच गीता की शरारती उँगलियाँ
गीता के नए नए आये कोमल रुई के फाहे से मस्त उभार , खूब गदराये ,दूध से भरे छलकते , पीछे से उनकी पीठ पर रगड़ रहे थे।
"मार ले साल्ले बहनचोद की गांड ,अब तक किस के लिए बचा के रखा है ,बहन के भंडुए "
आगे से मंजू गरजी।
![[Image: armpits-MIL.jpg]](https://i.ibb.co/NtDz17Z/armpits-MIL.jpg)
मंजू बाई की बड़ी बड़ी चूंचियां , खूब भारी लेकिन एकदम कड़ी आगे से उनके सीने को जोर जोर से दबा रहा था ,रगड़ रहा था ,पूरी ताकत से पीस रही थी अपने पथरीले जोबन की चक्की से उनके सीने को पीस रही थीं।
मंजू बाई का बायां हाथ अपनी बेटी गीता की रेशमी चिकनी पीठ पर , हलके हलके टहल रहा था और फिर उसे पकड़ कर कस के वो उनकी ओर खींच रही थी ,प्रेस कर रही थी.
मंजू बाई का दायां हाथ उनके कड़े खड़े चर्मदण्ड को हलके हलके सहलाता हुआ , और उसकी भारी चिकनी खुली जाँघे ,उनकी जाँघों पर रगड़ती। चर्मदण्ड का खुला मुंह ,मंजू बाई की गुलाबी सहेली के मुँह को बस सहलाता हलके से रगड़ता ,
और मंजू बाई ने उन्हें चूम लिया। हलके से नहीं ,अपने दोनों पान के रंग से रँगे ,रसीले होंठों के बीच कस के उनके होंठों को पकड़ के वो चुभलाने चूसने लगी और कचकचा के काट लिया ,साथ में मंजू बाई की मोटी जीभ उनके मुंह के अंदर घुस गयी ,...
गीता के उनके सीने पर टहलते कोमल हाथ ने कचकचा के उनके निप्स को नोच लिया पूरी ताकत से और गीता का दूसरा हाथ जो उनके नितम्ब की दरार के बीच में था ,पूरी ताकत के साथ उसने पेल दिया उनकी कसी गांड में जबरदस्ती , बेरहमी से।
गांड के छल्ले को दरेरता ,रगड़ता ,घिसता अंदर तक।
![[Image: Prostrate-massage-14287128.gif]](https://i.ibb.co/QJtydGJ/Prostrate-massage-14287128.gif)
मंजू बाई की उँगलियाँ अब मुट्ठी बन के उनके चर्मदण्ड को हलके हलके मुठिया रही थीं। अपने अंगूठे से वो कभी लन्ड के बेस को दबा देती तो कभी जोर से खुले सुपाड़े को रगड़ देती।
गीता की उंगलिया धीरे धीरे हौले हौले उनकी गांड में गोल गोल घूम रही थीं। और साथ में वो शोख किशोरी अपने कड़े अकड़े जोबन की बरछी की नोक उनकी पीठ में चुभा रही थी।
आगे से मंजू बाई के ३८ डी डी साइज के जोबन उनके सीने पे रगड़ रहे थे। पीछे से किशोरी के उभार और आगे से एक प्रौढा के उरोज
टिप टिप टिप बड़ी बड़ी बूंदिया उन तीनो के ऊपर पड़ रही थी।
काले काले बादल ,एकदम घुप्प अँधेरा ,हाथ को हाथ न सूझे ऐसा
सिर्फ देह से देह के रगडने का अहसास हो रहा था।
….
दोनों ओर से उनपर प्रेशर बढ़ रहा था ,आगे से एक खेली खायी गदरायी प्रौढा का और पीछे से जोबन के जोश में डूबी नयी बछेड़ी का।
![[Image: rain-G-16.gif]](https://i.ibb.co/8XBQ42B/rain-G-16.gif)
बारिश बहुत तेज हो गयी थी।
मंजू बाई की मांसल जाँघों के बीच उनका सर जकड़ा हुआ था ,
![[Image: LANTERN-BATT-jpg-22.jpg]](https://i.ibb.co/qDHKfqX/LANTERN-BATT-jpg-22.jpg)
गीता ने लालटेन पास में ही रख दी थी इसलिए अब बहुत कुछ दिख रहा था।
काली काली झांटे ,
खूब मोटे मोटे मंजू बाई की बुर के मांसल होंठ ,
![[Image: pussy-h-14913966.jpg]](https://i.ibb.co/YNLY1Rn/pussy-h-14913966.jpg)
और खूब देर तक।
गीता बगल में बैठी देखती रही ,उनका सर सहलाती रही।
तीनो आंगन में बारिश से भीग रहे थे।
और जब मंजू बाई उठीं
![[Image: golden-shower-2-16664683.gif]](https://i.ibb.co/p0670dR/golden-shower-2-16664683.gif)
काली काली घनी झांटो के बीच चार पांच बड़ी बड़ी पीली सुनहली बूंदे ,
सर उठाके , जीभ निकाल के उन्होंने चाट लिया।
बारिश की तेज धार अब एक बार हलकी हलकी रिमझिम बूंदो में बदल गयी।
लेकिन इच्छाओ की आंधी और वासना की बारिश की तेजी में कोई कमी नही आयी थी।
……………………………
टिप टिप टिप
पानी छत की ओरी से , नीम के पेड़ की शाखों से गिर रहा था।
रह रह कर मोटी मोटी बूंदे आंगन को गीला कर रही थीं ,
![[Image: rain-0006.gif]](https://i.ibb.co/WvN4PFp/rain-0006.gif)
और
उन तीनो की वासना में तपती देह को भी भीगा रही थीं।
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वो सैंडविच बने थे ,
एक खेली खायी प्रौढा और नयी नवेली बछेड़ी के बीच
![[Image: ffm-g-tumblr-o0nhm8-Vcq31v4nnhqo8-400.gif]](https://i.ibb.co/9ryq13R/ffm-g-tumblr-o0nhm8-Vcq31v4nnhqo8-400.gif)
गदराये पथराये ३८ डी डी और नए नए उभरते ३२ सी के बीच
भोंसडे और कसी चूत के बीच।
आगे से मंजू बाई और पीछे से गीता ,दोनों ने कस के दबोच रखा था उन्हें।
अद्भुत , वो सोच भी नहीं सकते थे ऐसा अनुभव मजा सिर्फ मजा
" मादरचोद , क्या दो मरद ही एक साथ ,किसी लौंडिया का मजा ले सकते हैं। "
गीता की कोयल सी आवाज उनके कान में गुंजी ,गीता ने हलके से उनके ईयरलोब को चुभलाते हुए काट लिया ,
![[Image: FFM-tumblr-o4r6i2n-YN71tnx46eo6-500.gif]](https://i.ibb.co/NpKsCFJ/FFM-tumblr-o4r6i2n-YN71tnx46eo6-500.gif)
और फिर
गीता की कमल की डंडी सी कोमल बांह,उनकी कांख के अंदर से घुस कर उनकी छाती को अँकवार में बाँध दिया ,
गीता की उँगलियाँ,नाख़ून सहला रही थीं ,उनका चौड़ा सीना ,तन्नाए निप्स ,
गीता का दूसरा हाथ ,उनके कोमल नितम्बो को प्यार से सहला रहा था
और हलके हलके नितंबों की दरार के बीच गीता की शरारती उँगलियाँ
गीता के नए नए आये कोमल रुई के फाहे से मस्त उभार , खूब गदराये ,दूध से भरे छलकते , पीछे से उनकी पीठ पर रगड़ रहे थे।
"मार ले साल्ले बहनचोद की गांड ,अब तक किस के लिए बचा के रखा है ,बहन के भंडुए "
आगे से मंजू गरजी।
![[Image: armpits-MIL.jpg]](https://i.ibb.co/NtDz17Z/armpits-MIL.jpg)
मंजू बाई की बड़ी बड़ी चूंचियां , खूब भारी लेकिन एकदम कड़ी आगे से उनके सीने को जोर जोर से दबा रहा था ,रगड़ रहा था ,पूरी ताकत से पीस रही थी अपने पथरीले जोबन की चक्की से उनके सीने को पीस रही थीं।
मंजू बाई का बायां हाथ अपनी बेटी गीता की रेशमी चिकनी पीठ पर , हलके हलके टहल रहा था और फिर उसे पकड़ कर कस के वो उनकी ओर खींच रही थी ,प्रेस कर रही थी.
मंजू बाई का दायां हाथ उनके कड़े खड़े चर्मदण्ड को हलके हलके सहलाता हुआ , और उसकी भारी चिकनी खुली जाँघे ,उनकी जाँघों पर रगड़ती। चर्मदण्ड का खुला मुंह ,मंजू बाई की गुलाबी सहेली के मुँह को बस सहलाता हलके से रगड़ता ,
और मंजू बाई ने उन्हें चूम लिया। हलके से नहीं ,अपने दोनों पान के रंग से रँगे ,रसीले होंठों के बीच कस के उनके होंठों को पकड़ के वो चुभलाने चूसने लगी और कचकचा के काट लिया ,साथ में मंजू बाई की मोटी जीभ उनके मुंह के अंदर घुस गयी ,...
गीता के उनके सीने पर टहलते कोमल हाथ ने कचकचा के उनके निप्स को नोच लिया पूरी ताकत से और गीता का दूसरा हाथ जो उनके नितम्ब की दरार के बीच में था ,पूरी ताकत के साथ उसने पेल दिया उनकी कसी गांड में जबरदस्ती , बेरहमी से।
गांड के छल्ले को दरेरता ,रगड़ता ,घिसता अंदर तक।
![[Image: Prostrate-massage-14287128.gif]](https://i.ibb.co/QJtydGJ/Prostrate-massage-14287128.gif)
मंजू बाई की उँगलियाँ अब मुट्ठी बन के उनके चर्मदण्ड को हलके हलके मुठिया रही थीं। अपने अंगूठे से वो कभी लन्ड के बेस को दबा देती तो कभी जोर से खुले सुपाड़े को रगड़ देती।
गीता की उंगलिया धीरे धीरे हौले हौले उनकी गांड में गोल गोल घूम रही थीं। और साथ में वो शोख किशोरी अपने कड़े अकड़े जोबन की बरछी की नोक उनकी पीठ में चुभा रही थी।
आगे से मंजू बाई के ३८ डी डी साइज के जोबन उनके सीने पे रगड़ रहे थे। पीछे से किशोरी के उभार और आगे से एक प्रौढा के उरोज
टिप टिप टिप बड़ी बड़ी बूंदिया उन तीनो के ऊपर पड़ रही थी।
काले काले बादल ,एकदम घुप्प अँधेरा ,हाथ को हाथ न सूझे ऐसा
सिर्फ देह से देह के रगडने का अहसास हो रहा था।
….
दोनों ओर से उनपर प्रेशर बढ़ रहा था ,आगे से एक खेली खायी गदरायी प्रौढा का और पीछे से जोबन के जोश में डूबी नयी बछेड़ी का।