Thread Rating:
  • 9 Vote(s) - 2.33 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}
#8
अपडेट - 2



गिरधारी सरिता को रोता देख उसके कंधे पर हाथ रखता है लेकिन सरिता बहुत दुखी थी उसने तुरंत गिरधारी का हाथ अपने कंधे से हटा कर अपने कमरे में चाकी गयी। पीछे पीछे गिरधारी भी जाता है लेकिन सरिता गिरधारी के मुह पर दरवाजा बंद कर देती है और अंदर मुस्कुरा पड़ती है। बाहर गिरधारी भी मुस्कुरा पड़ता है। सारी रात गिरधारी सोफा पर लेटकर गुजार रहा था।


अब आगे......



फिर सुबह हुई...


आज सुबह से ही बारिश हो रही थी।

[Image: 5c43681127fc6.jpg] 

राज़ के पापा सुबह 6 बजे उठे । छुट्टी का दिन था और फिर सिर्फ राज़ को उसकी नानी के पास छोड़ने का ही तो एक काम था उनके पास तो आज वो अपनी नींद पूरी करते हुए 6 बजे उठे। बाहर हल्की-हल्की रोशनी और चिड़ियों की चूँ चूँ की आवाजें थी। मौसम भी एक दम साफ था। फिर अचानक 20 मिनट में ऐसा क्या हो गया। फ्रेश होकर ब्रश ही किया था कि अचानक से इतनी तेज बिजली कड़की की एक बार तो वो भी डर से हिल गए। फिर जब खिड़की से बाहर झांका तो बहुत तेज बारिश हो रही थी। गिरधारी इस बात को हल्के में ले जाता है सोचता है सबसे बड़ी ताकत प्रकृति ही तो है। राज के पापा गिरधारी अभी किचन में जा कर अपने लिए कॉफी बना ही रहे थे कि राज मम्मी भी फ्रेश हो कर बाहर आ गयी।

[Image: 5c4368d367781.jpg] 

सरिता:- अरे आज आप जल्दी उठ गए। वरना तो छुट्टी के दिन आप...

अभी सरिता कुछ बोल ही रही थी कि राज के पापा ने सरिता को पीछे घूम कर अपनी बाहों में जकड़ लिया।

गिरधारी: अरे आपने हमे रात को सोने लायक छोड़ा ही कहाँ था। हम तो सारी रात तड़प कर काट रहे थे। सोचा सुबह जल्दी यहां से राज़ को लेकर निकल जाएंगे तो रात से पहले घर आ जायेंगे।

सरिता अपने दोनों हाथों को अपने पेट पर पड़े गिरधारी के हाथों पर रख कर गिरधारी से पूछती है।

सरिता: और भला ऐसा क्यों?

गिरधारी सरिता के एक कान को अपने मुह में लपक लेता है और उसके झुमके को अपने मुह मैं ले लेता है। सरिता उस ओर अपनी गर्दन झुका कर।

सरिता: अरे रुकिए आपकी कॉफ़ी।

गिरधारी कॉफ़ी की सुनकर सरिता का कान छोड़ देता है।

सरिता कॉफ़ी संभलते हुए

सरिता: आपने बताया नही (मुस्कुराते हुए पूछती है)

गिरधारी: सोचा बहुत दिन हो गए आपको हम हमारे होने का एहसास नही दिला पा रहे है। इस लिए क्यों ना आज रात को....

सरिता पलट ते हुए अपने हाथों में 2 कप कॉफी लेकर गिरधारी को बीच में टोकते हुए बोलती है।

सरिता:- बस बस ज्यादा रोमांटिक होने की ज़रूरत नही है। अब आपके बच्चे, बच्चे नही रहे समझे, लीजिये कॉफी.....

गिरधारी सरिता के हाथ से कॉफ़ी लेकर सोफा की ओर बढ़ते हुए बोलता है।

गिरधारी: अरे अगर हम इतने रोमांटिक नही होते तो हमारे बच्चे ही कहाँ होते।

गिरधारी इतना बोलकर पीछे मुड़कर सरिता को देखता है। सरिता और गिरधारी दोनों की आंख मिलती है और दोनों हल्के हल्के मुस्कुरा पड़ते है।

सरिता भी आकर गिरधारी के सामने बैठ जाती है। सरिता कुछ बोलने को हुई थी कि रानी और सोनिया दोनों नीचे आ ते हुए बोलती है गुड मॉर्निंग मोम डैड... 

[Image: 5c4369f36b6d3.jpg] 

गिरधारी और सरिता दोनों एक साथ बोलते हैं गुड़ मॉर्निंग बेटा। 

तभी सोनिया बोलती है।

[Image: 5c4369a4351b5.jpg] 

सोनिया: क्या हुआ मॉम आपके लाड़ साहब अभी तक नही उठे क्या?

रानी: सोने दे ना यार बच्चा ही तो है और वैसे भी अब तो नानी के पास चला जायेगा। बस कुछ ही देर है हमारे साथ।

[Image: 5c436a752d4e9.jpg] 

तभी एक जोरदार बिजली कड़कती है और लाइट गुल।
दोनों लड़कियों की बिजली की कड़क सुन कर चीख निकल जाती है यहां तक कि सरिता की भी..

रानी: सत्यानाश हो इस बीजली का अब मैं कॉफ़ी भी नही बना पाऊंगी।

सोनिया: दी कितनी स्टुपिड हो आप , मोबाइल की लाइट ऑन कर लो ना।

रानी: अच्छा मैं स्टुपिड हूँ तो मेरी समझदार राजकुमारी जी अब ये कॉफ़ी आप ही बनाइये।

तभी ऊपर से राज नीचे आने लगता है वो भी अंधेरा मैं..

राज़: दी आप है क्या ये लाइट को क्या हुआ है। लाइट तो जलाइए।

राज़ ने अभी इतना ही बोला था कि लाइट आ गयी बारिश भी थोड़ी बहुत कम हो गयी थी।

रानी: लो जला दी लाइट।

राज़: ओह तो आप सभी यहां पर है , गुड मॉर्निंग एवरी वन

सोनिया: दी अब तो लाइट भी आ गयी अब आप ही कॉफ़ी बनाई ये।

रानी 2 कॉफ़ी बना कर ले आती है एक सोनिया और एक खुद के लिए, राज़ को एक ग्लास मैं दूध दे देती है।

सभी कॉफ़ी और दूध की चुस्कियां लगा रहे थे कि बाहर बारिश धीमी हो जाती है।

करीब एक घंटे बाद गिरधारी और राज दोनों नानी के घर जाने को तैयार हो गए थे।

राज़ की मम्मी राज़ का माथा चूमती है और सोनिया और रानी राज़ को गले लगाकर विदा करते है।

राज के पापा अपनी गाड़ी में राज़ का सामान रख देते है और दोनों बाप बेटे नानी कर घर के लिए रवाना हो जाते है।

राज़ और उसके पापा को घर से निकले अभी आधा घंटा भी नही हुआ था कि एक बार फिर से बारिश होने लगती है। इस बार सुबह से भी ज्यादा तेज... राज के पापा को लगता है कि ऐसी बारिश मैं आगे बढ़ना ठीक नही लेकिन अब यहां रुक भी तो नही सकते हम लोग शहर से बाहर आ गये है। राज़ के पापा अभी ये सब विचार कर ही रहे थे कि अचानक से बारिश कम हो जाती है। राज़ के पापा अपनी स्पीड बढ़ा लेते है। राज़ की नज़र खिड़की से बाहर की तरफ थी। जब अचानक से राज़ गाड़ी की स्पीड बढ़ते देखता है तो वो सामने नज़र करत है। राज़ एकदम से चोंक जाता है। फिर राज़ पीछे नज़र करता करता। पीछे की और देख कर तो राज़ और भी बुरी तरह से डर जाता है।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
[+] 1 user Likes Rocksanna999's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} - by Rocksanna999 - 19-01-2019, 08:49 PM



Users browsing this thread: 4 Guest(s)