01-11-2019, 10:06 AM
(This post was last modified: 01-11-2019, 11:15 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
रात बाकी ... बात बाकी
![[Image: night-78437d131c21e5a92bcaa6c024c1fac4.jpg]](https://i.ibb.co/0KpJB21/night-78437d131c21e5a92bcaa6c024c1fac4.jpg)
फिर मैं उनकी ओर मुड़ गयी ,
उनसे उनकी ट्रेनिंग के बारे में पूछने ,
पांच हफ्ते की ट्रेनिंग थी , ... मैं गाँव वाली , मुझे इतना अंदाज था , फागुन शुरू होने के १५ -२० दिन पहले ख़तम हो जायेगी।
और हर हफ्ते ये अगर इसी तरह आते रहे तो किसी तरह टाइम कट जायेगा।
लेकिन उन्होंने जोर का झटका जोर से दिया ,
" ट्रेनिंग हो सकता है , एकाध हफ्ता बढ़ जाए , असल में तीन दिन के लिए जेनेवा का एक प्रोग्राम बन गया है , सीनियर मैनेजमेन्ट से मिलने के लिए , ... लेकिन घबड़ा मत , वो भी होगा तो वीक के बीच में ही , ... इसलिए वीकेंड में वो आ ही जाएंगे , ... "
फिर उन्होंने कई बातें बतायीं लेकिन ये भी जोड़ दिया की कुछ अभी पक्का नहीं है , ट्रेनिंग के तीसरे हफ्ते तक पक्का होगा , ...
एक तो पोस्टिंग कब से और कहाँ होगी ,
दूसरी बात ये अच्छी थी की ट्रेनिंग ख़तम होने और पोस्टिंग के बीच एक से डेढ़ महीने का टाइम मिलेगा।
ट्रेनिंग में उन लोगों की बहुत रगड़ाई होती है , रोज रात में भी करने के लिए काम और वीकेंड में भी कम से कम सात आठ घण्टे का काम ,
रिपोर्ट , ...
मैं चौक उठी , लेकिन लेकिन आप तो यहाँ , तो क्या कल दिन में , कैसे ,...
![[Image: Teej-af591cd2063a235c1fe47f5a4b2e423a.jpg]](https://i.ibb.co/Z2snxRD/Teej-af591cd2063a235c1fe47f5a4b2e423a.jpg)
उन्होंने मुझे दबोच लिया और कस के चूमते बोले , यहाँ तो बस यही एक काम है , फिर मुझे दबोच कर समझाया ,
" यार तू भी न , कल रस्ते में , बनारस पहुँचने में ढाई घंटा लगेगा , फिर ढाई घण्टा की फ्लाइट , एयरपोर्ट से ट्रेनिंग सेंटर दो घंटे , बस सात घंटे हो गए न , वहां पहुँच के आधे घंटे में मेल कर दूंगा , सिंपल "
ये लड़का भी न कितना लालची है , मेरे लिए ,... मैंने सोचा ,
और उनके चुम्मे के जवाब में मैंने भी चुम्मा दिया
![[Image: kiss-cu-11conhuvfmwj3m5726enp3yw8rrsvxv1...oygdok.jpg]](https://i.ibb.co/whmmKzC/kiss-cu-11conhuvfmwj3m5726enp3yw8rrsvxv18pq1bvzjaztxdajwbymghtj1zi4woygdok.jpg)
और कुछ अपना हाल चाल सुनाती उस के पहले उन के दिल की बात उन्होंने कह दी।
" यार दिन का टाइम तो किसी तरह निकल जाता है , पर रात में बहुत मुश्किल होती है , ये ट्रेनिंग भी न ,... "
और मैंने भी ताकीद की , और अपनी हाल चाल बतानी शुरू कर दी ,
सब लोग बहुत ख्याल करते हैं , जेठानी जी , सासु जी , दिन में , ... दिन में मैं नीचे ही रहती हूँ , ...पिछले हफ्ते दो बार तो गुड्डी भी आयी साथ में उसी दोनों सहेलियां भी , एक दिन मेरा देवर अनुज भी आया था , खूब गप्पें मारी हम लोगों ने , दिन तो किसी तरह कट जाता है , लेकिन रात में , बहुत मुश्किल होती है ,
वो लड़का जो एक जमाने में इतना शर्मीला था , उसे २४ घण्टे लग गए थे सिर्फ , मुझसे मेरा नाम पूछने में , .. और आज मौका देख के , वो एकदम , पूछने लगा, मेरे उभार कस के पकड़ के दबा के ,
" क्यों रात में क्या होता है , किसकी याद आती है "
बेशर्म उससे ज्यादा मैं थी , ... और फिर पकड़ने वाली चीज सिर्फ मेरे ही पास थी क्या , मैंने सोते खूंटे को पकड़ लिया , और बोली ,
" इसकी "
सुपाड़ा ढंक गया था , मैंने एक झटके से खोल दिया , और अंगूठे से उसे रगड़ते हुए बोली।
पर दिल की बात मुंह पे आ ही गयी ,
" यार ये ट्रेनिंग किस बात की होती है , तेरी बहुत याद आती है , मैं कह देती हूँ , एकदम नहीं रहा जाता , एक मिनट भी नहीं , बस इसके बाद जहाँ तुम रहोगे वहीँ मैं रहूंगी , अकेले एकदम मन नहीं लगता , "
और कस के उन्हें दबोच के मैं उनके सीने में दुबक गयी ,
उन्होंने कस के मुझे भींच लिया , और बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे ,
![[Image: holding-cock-sleep-download.jpg]](https://i.ibb.co/4FhN3F9/holding-cock-sleep-download.jpg)
पर वो मुस्टंडा मेरी मुट्ठी में ही फूलने लगा , और उनके हाथ भी मेरे जोबन पर ,...
मैं समझ गयी इस लड़के का मन क्या कर रहा है , ... और मन तो मेरा भी कर रहा था , फिर हर बार वही क्यों पहल करे , ... बस मैं सरक कर , ...
और थोड़ी देर पहले जो मेरी मुट्ठी में था , अब मेरे होंठों के बीच , पहले तो सिर्फ सुपाड़ा , मजे लेके चूसती चुभलाती रही
सच में बहुत मजा आने लगा था मुझे उसे चूसने में , ... दोनों होंठो से दबा के , जब जीभ फिराती थी न कड़े कड़े मांसल बड़े से सुपाड़े पर
और तंग करने के तरीके क्या उन्हें ही आते थे , ... जीभ की टिप जब मैं पेशाब वाले छेद पर रगड़ देती थी , घुसेड़ने की कोशिश करती थी , एकदम से वो गिनगीना जाते थे
आज भी मैं बस उसी तरह से सिर्फ सुपाड़ा मुंह में लेकर चूस चुभला रही थी ,
![[Image: bj-slow-11641080.gif]](https://i.ibb.co/cCdhkSM/bj-slow-11641080.gif)
लंड एकदम तन गया था , लेकिन मैं कौन अब उससे डरने वाली थी , दो दो बार अभी घोंट भी चुकी थी , एकदम जड़ तक और निचोड़ कर एक एक बूँद रस भी अपने अंदर ले चुकी थी ,
अंगूठे और तर्जनी से लंड के बेस को भी मैं रगड़ने लगी , और धीरे धीरे मेरे होंठ के बीच आधे से ज्यादा खूंटा मैंने घोंट लिया ,...
आज उस लड़के ने सरेंडर कर दिया था , जो कर रही थी मैं कर रही थी , ... उसके बेस को रगड़ते दबाते , मेरी ऊँगली उसके बॉल्स पे छू गयी ,
और मेरे दिमाग में एक शरारत आ गयी , ...
जब से ये गए दिन , दोपहर तो इनकी भौजी के साथ बीतती थी , ... और नीली पीली फिल्मों की वो बहुत शौक़ीन , पांच दिन में १०-१२ तो हम लोगों ने साथ साथ देख ही ली थी , और ब्लो जॉब तो हर में होता था , उसी में से एक में देखा
और मेरी जेठानी ने हंस के बोला था , उन्होंने न सिर्फ ट्राई किया है बल्कि जेठ जी को पसंद भी बहुत है ,
बस मेरे होंठों ने सुपाड़े को छोड़ , बॉल्स ( रीतू भाभी होतीं तो डाँट पड़ती , पेल्हड़ नहीं बोल सकती ) को पहले तो सिर्फ लिक किया , ...
![[Image: balls-sucking-20784239.gif]](https://i.ibb.co/kMBMKDC/balls-sucking-20784239.gif)
सच में इन रसगुल्लों को चूसने का मेरा बहुत मन करता था , बस आज मौका मिल गया ,
और मैं कस कस के पहले तो सिर्फ जीभ से लिक करती रही , फिर बॉल्स सक करने लगी , पहले एक फिर दूसरी फिर दोनों ,
बेचारा खूंटा तन्नाया भूखा , बौराया , ...
पर मेरा पक्का दोस्त था वो , इन्हे मेरी याद दिलाया करता था ,
बस कोमल के कोमल कोमल हाथों में , सैंया का मोटा खूंटा , और मैं बॉल्स चूसने के साथ हलके हलके मुठियाने भी लगी ,
![[Image: BJ-balls.gif]](https://i.ibb.co/3mxPHvd/BJ-balls.gif)
जिस तरह से वो फनफना रहे थे , गिनगीना रहे थे , ... मुझे अगर पहले पता चलता इस लड़के को बॉल्स चुसवाने में इतना मज़ा मिलता है तो मैं कब का ,
मैं जोर जोर से चूस रही थी , और अब जितनी जोर से चूस रही थी उनके रसगुल्लों को उतने ही कस के उनका खड़ा पागल लंड भी मुठिया रही थी ,
और चूसते चूसते मेरी जीभ , उनके पिछवाड़े , .. छेद पर नहीं , छेद के पास , बस छू गयी और अबकी मैं गिनगीना गयी
मुझे इनकी सलहज की बात याद गयी ,
![[Image: night-78437d131c21e5a92bcaa6c024c1fac4.jpg]](https://i.ibb.co/0KpJB21/night-78437d131c21e5a92bcaa6c024c1fac4.jpg)
फिर मैं उनकी ओर मुड़ गयी ,
उनसे उनकी ट्रेनिंग के बारे में पूछने ,
पांच हफ्ते की ट्रेनिंग थी , ... मैं गाँव वाली , मुझे इतना अंदाज था , फागुन शुरू होने के १५ -२० दिन पहले ख़तम हो जायेगी।
और हर हफ्ते ये अगर इसी तरह आते रहे तो किसी तरह टाइम कट जायेगा।
लेकिन उन्होंने जोर का झटका जोर से दिया ,
" ट्रेनिंग हो सकता है , एकाध हफ्ता बढ़ जाए , असल में तीन दिन के लिए जेनेवा का एक प्रोग्राम बन गया है , सीनियर मैनेजमेन्ट से मिलने के लिए , ... लेकिन घबड़ा मत , वो भी होगा तो वीक के बीच में ही , ... इसलिए वीकेंड में वो आ ही जाएंगे , ... "
फिर उन्होंने कई बातें बतायीं लेकिन ये भी जोड़ दिया की कुछ अभी पक्का नहीं है , ट्रेनिंग के तीसरे हफ्ते तक पक्का होगा , ...
एक तो पोस्टिंग कब से और कहाँ होगी ,
दूसरी बात ये अच्छी थी की ट्रेनिंग ख़तम होने और पोस्टिंग के बीच एक से डेढ़ महीने का टाइम मिलेगा।
ट्रेनिंग में उन लोगों की बहुत रगड़ाई होती है , रोज रात में भी करने के लिए काम और वीकेंड में भी कम से कम सात आठ घण्टे का काम ,
रिपोर्ट , ...
मैं चौक उठी , लेकिन लेकिन आप तो यहाँ , तो क्या कल दिन में , कैसे ,...
![[Image: Teej-af591cd2063a235c1fe47f5a4b2e423a.jpg]](https://i.ibb.co/Z2snxRD/Teej-af591cd2063a235c1fe47f5a4b2e423a.jpg)
उन्होंने मुझे दबोच लिया और कस के चूमते बोले , यहाँ तो बस यही एक काम है , फिर मुझे दबोच कर समझाया ,
" यार तू भी न , कल रस्ते में , बनारस पहुँचने में ढाई घंटा लगेगा , फिर ढाई घण्टा की फ्लाइट , एयरपोर्ट से ट्रेनिंग सेंटर दो घंटे , बस सात घंटे हो गए न , वहां पहुँच के आधे घंटे में मेल कर दूंगा , सिंपल "
ये लड़का भी न कितना लालची है , मेरे लिए ,... मैंने सोचा ,
और उनके चुम्मे के जवाब में मैंने भी चुम्मा दिया
![[Image: kiss-cu-11conhuvfmwj3m5726enp3yw8rrsvxv1...oygdok.jpg]](https://i.ibb.co/whmmKzC/kiss-cu-11conhuvfmwj3m5726enp3yw8rrsvxv18pq1bvzjaztxdajwbymghtj1zi4woygdok.jpg)
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" यार दिन का टाइम तो किसी तरह निकल जाता है , पर रात में बहुत मुश्किल होती है , ये ट्रेनिंग भी न ,... "
और मैंने भी ताकीद की , और अपनी हाल चाल बतानी शुरू कर दी ,
सब लोग बहुत ख्याल करते हैं , जेठानी जी , सासु जी , दिन में , ... दिन में मैं नीचे ही रहती हूँ , ...पिछले हफ्ते दो बार तो गुड्डी भी आयी साथ में उसी दोनों सहेलियां भी , एक दिन मेरा देवर अनुज भी आया था , खूब गप्पें मारी हम लोगों ने , दिन तो किसी तरह कट जाता है , लेकिन रात में , बहुत मुश्किल होती है ,
वो लड़का जो एक जमाने में इतना शर्मीला था , उसे २४ घण्टे लग गए थे सिर्फ , मुझसे मेरा नाम पूछने में , .. और आज मौका देख के , वो एकदम , पूछने लगा, मेरे उभार कस के पकड़ के दबा के ,
" क्यों रात में क्या होता है , किसकी याद आती है "
बेशर्म उससे ज्यादा मैं थी , ... और फिर पकड़ने वाली चीज सिर्फ मेरे ही पास थी क्या , मैंने सोते खूंटे को पकड़ लिया , और बोली ,
" इसकी "
सुपाड़ा ढंक गया था , मैंने एक झटके से खोल दिया , और अंगूठे से उसे रगड़ते हुए बोली।
पर दिल की बात मुंह पे आ ही गयी ,
" यार ये ट्रेनिंग किस बात की होती है , तेरी बहुत याद आती है , मैं कह देती हूँ , एकदम नहीं रहा जाता , एक मिनट भी नहीं , बस इसके बाद जहाँ तुम रहोगे वहीँ मैं रहूंगी , अकेले एकदम मन नहीं लगता , "
और कस के उन्हें दबोच के मैं उनके सीने में दुबक गयी ,
उन्होंने कस के मुझे भींच लिया , और बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे ,
![[Image: holding-cock-sleep-download.jpg]](https://i.ibb.co/4FhN3F9/holding-cock-sleep-download.jpg)
पर वो मुस्टंडा मेरी मुट्ठी में ही फूलने लगा , और उनके हाथ भी मेरे जोबन पर ,...
मैं समझ गयी इस लड़के का मन क्या कर रहा है , ... और मन तो मेरा भी कर रहा था , फिर हर बार वही क्यों पहल करे , ... बस मैं सरक कर , ...
और थोड़ी देर पहले जो मेरी मुट्ठी में था , अब मेरे होंठों के बीच , पहले तो सिर्फ सुपाड़ा , मजे लेके चूसती चुभलाती रही
सच में बहुत मजा आने लगा था मुझे उसे चूसने में , ... दोनों होंठो से दबा के , जब जीभ फिराती थी न कड़े कड़े मांसल बड़े से सुपाड़े पर
और तंग करने के तरीके क्या उन्हें ही आते थे , ... जीभ की टिप जब मैं पेशाब वाले छेद पर रगड़ देती थी , घुसेड़ने की कोशिश करती थी , एकदम से वो गिनगीना जाते थे
आज भी मैं बस उसी तरह से सिर्फ सुपाड़ा मुंह में लेकर चूस चुभला रही थी ,
![[Image: bj-slow-11641080.gif]](https://i.ibb.co/cCdhkSM/bj-slow-11641080.gif)
लंड एकदम तन गया था , लेकिन मैं कौन अब उससे डरने वाली थी , दो दो बार अभी घोंट भी चुकी थी , एकदम जड़ तक और निचोड़ कर एक एक बूँद रस भी अपने अंदर ले चुकी थी ,
अंगूठे और तर्जनी से लंड के बेस को भी मैं रगड़ने लगी , और धीरे धीरे मेरे होंठ के बीच आधे से ज्यादा खूंटा मैंने घोंट लिया ,...
आज उस लड़के ने सरेंडर कर दिया था , जो कर रही थी मैं कर रही थी , ... उसके बेस को रगड़ते दबाते , मेरी ऊँगली उसके बॉल्स पे छू गयी ,
और मेरे दिमाग में एक शरारत आ गयी , ...
जब से ये गए दिन , दोपहर तो इनकी भौजी के साथ बीतती थी , ... और नीली पीली फिल्मों की वो बहुत शौक़ीन , पांच दिन में १०-१२ तो हम लोगों ने साथ साथ देख ही ली थी , और ब्लो जॉब तो हर में होता था , उसी में से एक में देखा
और मेरी जेठानी ने हंस के बोला था , उन्होंने न सिर्फ ट्राई किया है बल्कि जेठ जी को पसंद भी बहुत है ,
बस मेरे होंठों ने सुपाड़े को छोड़ , बॉल्स ( रीतू भाभी होतीं तो डाँट पड़ती , पेल्हड़ नहीं बोल सकती ) को पहले तो सिर्फ लिक किया , ...
![[Image: balls-sucking-20784239.gif]](https://i.ibb.co/kMBMKDC/balls-sucking-20784239.gif)
सच में इन रसगुल्लों को चूसने का मेरा बहुत मन करता था , बस आज मौका मिल गया ,
और मैं कस कस के पहले तो सिर्फ जीभ से लिक करती रही , फिर बॉल्स सक करने लगी , पहले एक फिर दूसरी फिर दोनों ,
बेचारा खूंटा तन्नाया भूखा , बौराया , ...
पर मेरा पक्का दोस्त था वो , इन्हे मेरी याद दिलाया करता था ,
बस कोमल के कोमल कोमल हाथों में , सैंया का मोटा खूंटा , और मैं बॉल्स चूसने के साथ हलके हलके मुठियाने भी लगी ,
![[Image: BJ-balls.gif]](https://i.ibb.co/3mxPHvd/BJ-balls.gif)
जिस तरह से वो फनफना रहे थे , गिनगीना रहे थे , ... मुझे अगर पहले पता चलता इस लड़के को बॉल्स चुसवाने में इतना मज़ा मिलता है तो मैं कब का ,
मैं जोर जोर से चूस रही थी , और अब जितनी जोर से चूस रही थी उनके रसगुल्लों को उतने ही कस के उनका खड़ा पागल लंड भी मुठिया रही थी ,
और चूसते चूसते मेरी जीभ , उनके पिछवाड़े , .. छेद पर नहीं , छेद के पास , बस छू गयी और अबकी मैं गिनगीना गयी
मुझे इनकी सलहज की बात याद गयी ,