01-11-2019, 01:29 AM
महल में रानी साहिबा ने मूझे नाश्ते के दौरान उस औरत या लड़की राधा के बारे में सब बताया , वो उसका ईलाज मैं करू बस इतना ही चाहती थी ।
उसके बाद हम वहाँ से वापिस डिस्पेंसरी आगये , आज कुछ ज्यादा मरीज तो थे नहीं इसलिये मैं अपने कमरे में आकर लेट गया और कब आँख लगी पता नहीं चला ।
शाम तक सोता रहा जब आँख खुली तो देखा शबनम आँखें फाड़े मूझे देख रही है , उसकी निगाहों का पीछा किया तो वो मेरा तना हुआ लन्ड जो शॉर्ट के नीचे तक निकला हुआ था , उसको देख रही थी । मैने फिर आँखे बन्द कर ली और अपना एक हाथ लेजाकर लन्ड को खुजली करते हुये , शॉर्ट को और ऊपर को खींच दिया जिससे आधे से ज्यादा लन्ड अब शबनम के ठीक सामने था ।
उसका गला सूख गया था , आँखे और मुँह दोनो खुले हुये थे , वो उठ कर तखत के पास आगयी ।
शबनम ने उधेड़बुन में अपना हाथ बढ़ाया और जैसे ही उसकी एक ऊँगली ने लन्ड के सुपाडे को छुआ , लन्ड उछलकर उसकी हथेली में आगया और तभी दरवाजे पर दस्तक हुयी । वो हड़बड़ा कर बाहर को चली गयी और मैने करवट बदल ली ।
कोई साधारण सा मरीज था जिसको शबनम ने ही निपटा दिया । पर अब तक लन्ड महराज भी शान्त हो गये थे ।
मैं भी उठ कर हाथ मुँह धो रहा था , तभी वो आयी ।
" आप उठ गये , मैं अपने लिये चाय बना रही हूँ । अब दोनो साथ में पियेंगे । " और वो शर्माते हुये चली गयी ।
मेरा लन्ड अपने नये शिकार की गंध पा चुका था ।
जारी है ....
उसके बाद हम वहाँ से वापिस डिस्पेंसरी आगये , आज कुछ ज्यादा मरीज तो थे नहीं इसलिये मैं अपने कमरे में आकर लेट गया और कब आँख लगी पता नहीं चला ।
शाम तक सोता रहा जब आँख खुली तो देखा शबनम आँखें फाड़े मूझे देख रही है , उसकी निगाहों का पीछा किया तो वो मेरा तना हुआ लन्ड जो शॉर्ट के नीचे तक निकला हुआ था , उसको देख रही थी । मैने फिर आँखे बन्द कर ली और अपना एक हाथ लेजाकर लन्ड को खुजली करते हुये , शॉर्ट को और ऊपर को खींच दिया जिससे आधे से ज्यादा लन्ड अब शबनम के ठीक सामने था ।
उसका गला सूख गया था , आँखे और मुँह दोनो खुले हुये थे , वो उठ कर तखत के पास आगयी ।
शबनम ने उधेड़बुन में अपना हाथ बढ़ाया और जैसे ही उसकी एक ऊँगली ने लन्ड के सुपाडे को छुआ , लन्ड उछलकर उसकी हथेली में आगया और तभी दरवाजे पर दस्तक हुयी । वो हड़बड़ा कर बाहर को चली गयी और मैने करवट बदल ली ।
कोई साधारण सा मरीज था जिसको शबनम ने ही निपटा दिया । पर अब तक लन्ड महराज भी शान्त हो गये थे ।
मैं भी उठ कर हाथ मुँह धो रहा था , तभी वो आयी ।
" आप उठ गये , मैं अपने लिये चाय बना रही हूँ । अब दोनो साथ में पियेंगे । " और वो शर्माते हुये चली गयी ।
मेरा लन्ड अपने नये शिकार की गंध पा चुका था ।
जारी है ....