29-10-2019, 06:47 PM
कजरी घुटनों के बल तखत पर थी और अपनी कोहनी में मुँह झुकाये हुए सिसकियाँ ले रही थी , अपने दर्द को दबाये हुए सौ रुपये के लिये मेरा मूसल जैसे लन्ड से अपनी चूत का भुर्ता बनवा रही थी । बेचारी करती भी क्या मेरा एक फुट लम्बा और मोटा लन्ड जो था । वह तो खेली खायी थी नहीं तो मेरे लन्ड की मार से मर ही गयी होती । आआह भईया अब बस करो ..... सिसियाते हुए कजरी की चूत से गरम लावा फूट रहा था ।
मैं भी झड़ने के करीब था ..... गूर्र्र्र्र्र मेरे गले से इतना ही निकला और मेरे बदन में कंपकंपी आगयी ..... सारा खून लन्ड की तरफ जा रहा था ।
मेरी एक उंगली कजरी की गाँड में धंस गयी और मेरे वीर्य उसकी चूत में भरने लगा ।
मैं हांफते हुए उसके बगल में पसर गया , वो अभी भी कूल्हे उठाए उसी हालत में थी ।
जैसे ही वो सीधी हुई उसकी चूत से ढेर सारा वीर्य उसकी जाघों से होते हुए नीचे गिरने लगा ।
कजरी ने सब साफ किया और जाते जाते दरवाजा बन्द करके चली गयी ।
वो मेरी 46 साल की दुबली पतली सांवली सी कामवाली थी जिसका पति 24 साल पहले गुजर गया था ।
जारी है ........
मैं भी झड़ने के करीब था ..... गूर्र्र्र्र्र मेरे गले से इतना ही निकला और मेरे बदन में कंपकंपी आगयी ..... सारा खून लन्ड की तरफ जा रहा था ।
मेरी एक उंगली कजरी की गाँड में धंस गयी और मेरे वीर्य उसकी चूत में भरने लगा ।
मैं हांफते हुए उसके बगल में पसर गया , वो अभी भी कूल्हे उठाए उसी हालत में थी ।
जैसे ही वो सीधी हुई उसकी चूत से ढेर सारा वीर्य उसकी जाघों से होते हुए नीचे गिरने लगा ।
कजरी ने सब साफ किया और जाते जाते दरवाजा बन्द करके चली गयी ।
वो मेरी 46 साल की दुबली पतली सांवली सी कामवाली थी जिसका पति 24 साल पहले गुजर गया था ।
जारी है ........