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Romance काला इश्क़!
#43
update 25 

हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और दस मिनट बाद मैंने ऋतू से बात शुरू की;

मैं: मेरी जान ने बड़े मन से डॉक्टर की साड़ी टिप्स फॉलो की, ऐसी क्या टिप्स दी थी उन्होंने?

ऋतू: (शर्माते हुए) उन्होंने कहा था की अपने पति को एक्साइट करो! कुछ मर्दों को बातों से एक्साइटमेन्ट होती है तो, किसी को नोचने-काटने से, किसी को चूमने-चूसने से होती है!

मैं: अच्छा?

ऋतू: हाँ जी! मुझे ये भी बताया की जल्दी स्खलित नहीं होना चाहिए बल्कि जितना रोक सको उतना बेहतर है! जब लगे की क्लाइमेक्स होने वाला है, तभी रुक जाओ और अपने पार्टनर को Kiss करते रहे| थोड़ा सब्र से काम लो और जल्दीबाजी मत दिखाओ! और तो और मुझे उन्होंने प्राणायाम भी करने को कहा और हस्तमैथुन नहीं करने को कहा|

मैं: तुम हस्थमैथुन करती थी?

ऋतू: जब आप नहीं होते थे तब करती थी! पर उस दिन के बाद मैंने बंद कर दिया, आपको पता है कितना मुश्किल होता है? आप को तो पता नहीं क्या सिद्धि प्राप्त है की आप खुद को इतना काबू में रखते हो! मुझे तो आपके पास आते ही आपके जिस्म की महक बहकाने लगती है| मन करता है आपके सीने से चिपक जाऊँ!!!!

मैं: जानू! सब तुम्हारे प्यार का असर है, वही मुझे कहीं भटकने नहीं देता|

अब तक ऋतू को बिस्तर पर गीलापन महसूस हो गया था, इसलिए वो उठ बैठी और हम दोनों का गाढ़ा-गाढ़ा रस देख कर बुरी तरह शर्मा गई| वो उठी और थोड़ा बहुत रस उसकी बुर से बहता हुआ उसकी जाँघों तक पहुँच गया था| खेर ऋतू बाथरूम से मुँह-हाथ और बुर धो कर आई और फिर मैंने भी मुँह-हाथ और लंड धोया! जब में बहार आया तो ऋतू चाय बना रही थी और जैसे ही मैंने कच्छा उठाया पहनने को तो ऋतू आँखें बड़ी कर के देखने लगी, मैंने मुस्कुरा कर कच्छा वपस जमीन पर पड़ा रहने दिया| "क्यों कपडे पहन रहे हो? मेरे सामने शर्म आती है?" ऋतू ये कह कर हँसने लगी| मैं उसके पीछे आया और उसे पीछे से अपनी बाहों में जकड लिया| मेरा सोया हुआ लंड ऋतू की गांड से चिपका और मैं उसके कान में खुसफुसाते हुए बोला; "सॉरी जान!"   


"अच्छा आप खिड़की के नीचे बैठो, में चाय ले कर आती हूँ||" मैं वापस खिड़की के नीचे बिना कपडे पहने ही बैठ गया| ऋतू ने मुझे चाय दी और पलंग से चादर उठा कर धोने डाल दी और फिर मेरी गोद में नंगी ही बैठ गई| ऋतू की गांड ठीक मेरे लंड के ऊपर थी; 

ऋतू: अच्छा ...मुझे आपसे ...एक बात कहनी थी| (ऋतू ने बहुत सोचते-सोचते हुए कहा|)

मैं: हाँ जी कहिये| (मैंने ऋतू के बालों में ऊँगली फिराते हुए कहा|)

ऋतू: मुझसे अब आपसे दूर रहा नहीं जाता| आपका कहाँ की नई जिंदगी शुरू करने के लिए पैसों की जर्रूरत है वो सच है पर ये तो कहीं नहीं लिखा होता की ये सारा बोझ आप ही उठाएंगे? मैं भी आपका ये बोझ बाँटना चाहती हूँ, मैं भी जॉब करुँगी! ताकि जल्दी पैसे इक्कट्ठा हों और मैं और आप जल्दी से यहाँ से भाग जाएँ|


ऋतू की बात सुन कर मैं हैरान था क्यों की वो बेसब्र हो रही थी और इस समय मेरा उसपर चिल्लाना ठीक नहीं था, तो मैंने उसे समझते हुए कहा;

मैं: जान! मैं बिलकुल मना नहीं करता की आप जॉब मत करो! मैंने तो आपको अपना प्लान बताया था ना? अगले साल से आप भी पार्ट टाइम जॉब शुरू करना! फिलहाल मैं कल ही सर से अपनी सैलरी बढ़ाने की बात करूँगा नहीं तो मैं जॉब स्विच कर लूँगा|

ऋतू: प्लीज जानू!

मैं: जान! समझा करो! आप पढ़ाई और जॉब एक साथ नहीं संभाल पाओगे! कॉलेज की अटेंडेंस भी जर्रूरी है ना? फिर हॉस्टल के टाइमिंग भी तो इशू है|

ऋतू: मैं सब संभाल लूँगी, सैटरडे और संडे करुँगी तो कॉलेज की अटेंडेंस में भी कुछ फर्क नहीं पड़ेगा| हॉस्टल की टाइमिंग के लिए मैं आंटी जी से बात कर लूँगी और उन्हें मना भी लूँगी| प्लीज मुझसे अब ये दूरी बर्दाश्त नहीं होती!

मैं: जॉब करोगी तो सैटरडे-संडे हम दोनों कैसे मिलेंगे? तब कैसे रहोगी मुझसे बिना मिले? और ये मत भूलो की हमें कभी-कभी सैटरडे-संडे घर भी जाना होता है, उसका क्या? रास्ते में अकेले आना-जाना कैसे मैनेज करोगी?

ऋतू: मैं आप ही की कंपनी में जॉब करुँगी तो हम एक साथ और भी टाइम बिता पाएंगे और रही घर जाने की बात तो आपके बस इतना बोलने से की आप ऑफिस के काम में बिजी हो तो कोई कुछ नहीं कहेगा| आप बोल देना की मेरे एग्जाम है...कुछ भी झूठ बोल देना...ज्यादा हुआ तो कभी-कभी चले जायेंगे| एटलीस्ट मुझे एक बार कोशिश तो करने दीजिये, एक बार अनु मैडम से बात तो करने दीजिये!

मैं: अच्छा जी तो सब सोच कर आये हो?! मेरे ऑफिस में जॉब करोगे तो मेरे साथ-आना जाना तो छोडो वहां मुझसे बात भी नहीं कर सकती तुम!

ऋतू: क्यों भला?

मैं: वहाँ किसी ने पूछा तो क्या कहूँ? ये मेरी भतीजी है! या फिर तुम मुझे सब के सामने 'चाचा' कह पाओगी?

ऋतू: तो हम वहाँ बिलकुल अजनबी होंगे?

मैं जी हाँ!

ऋतू: हाय! ये तो बेस्ट हो गया फिर! दुनिया की नजर से छुप-छुप कर मिलना, बातें करना बिलकुल फिल्मों की तरह|

मैं: फिल्मों का कुछ ज्यादा ही भूत नहीं चढ़ गया?

ऋतू: नहीं ...आपके प्यार का भूत है...जो सर से उतरता ही नहीं|

मैं: ऋतू ...देख कल को ये बात खुल गई तो ...सब कुछ खत्म हो जायेगा, प्लीज बात को समझ! (मैंने गंभीर होते हुए ऋतू के सर को चूमा|)

ऋतू: मैंने आज तक आपसे जो माँगा है आपने दिया है, एक आखरी बार मेरी ये जिद्द पूरी कर दो और मैं वादा करती हूँ की आगे से कभी कोई जिद्द नहीं करुँगी|

मैं: ठीक है, पर आपको मुझसे एक और वादा करना होगा|

ऋतू: बोलिये

मैं: कॉलेज खत्म होने से पहले हम शादी नहीं करेंगे| तुम अपनी पढ़ाई को हरगिज़ डाव पर नहीं लगाओगी|

ऋतू: ओफ्फो!!! जानू आप ना सच में बहुत सोचते हो! किस ने कहा की मैं अपनी ग्रेजुएशन कम्पलीट नहीं करुँगी?! मैं शादी के बाद भी तो कॉरेस्पोंडेंस से पढ़ सकती हूँ ना? फिर तो आप कहोगे तो मैं पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर लूँगी| एक्चुअली करना ही पड़ेगा वरना आगे जॉब कहाँ मिलेगी! 


ऋतू ने बड़ी सरलता से ये बात कही पर ये बात मेरे गले नहीं उत्तर रही थी|


मैं: तुमने वादा किया था ना की कॉलेज की नेक्स्ट टोपर तुम बनोगी! मेरी तस्वीर के साथ तुम्हारी तस्वीर लगेगी... भूल गई? (ये कह कर मैं उठ खड़ा हुआ और हाथ बाँधे खिड़की से बहार देखने लगा|)

ऋतू: (मुझे पीछे से अपनी बाहों में जकड़ते हुए|) ठीक है जान! जब तक मेरी ग्रेजुएशन पूरी नहीं होती तब तक हम शादी नहीं करेंगे| पर उससे एक दिन भी जयदा नहीं रुकूंगी मैं!

ये कहते हुए ऋतू ने मेरी नंगी पीठ को चूमा| उसके स्तन मेरी पीठ में गड रहे थे, मैं ऋतू की तरफ घूमा और उसके होठों को चूम लिया| उसका निचला होंठ मैंने अपने होठों और जीभ से चूसना शुरू कर दिया था| 


अगले दिन मैंने सर से अपनी सैलरी को ले कर बात की;

मैं: गुड-मॉर्निंग सर!

बॉस: गुड- मॉर्निंग! अमिस ट्रेडर्स के नए इनवॉइस आये हैं, उन्हें चढ़ा देना|

मैं: जी...आपसे कुछ बात करनी थी|

बॉस: हाँ बोलो|

मैं: सर मुझे सैलरी में रेज (raise) चाहिए| 

बॉस: क्यों?

मैं: सर मुझे आपके पास काम करते हुए तकरीबन 3 साल हो गए हैं और इन सालों में मेरी सैलरी में एक भी बार रेज नहीं हुआ|

बॉस: पहले तुम रेगुलर तो बनो| आये-दिन छुट्टी मारते हो, शाम को ऑफिस खत्म होने से पहले ही चले जाते हो| ऐसे थोड़े ही चलेगा!

मैं: सर मेरी छुट्टियाँ पहले से कम हो गई हैं, आखरी बार छुट्टी तब ली थी जब मुझे डेंगू हो गया था| वो छुट्टियाँ भी विथाउट पे थी! शाम को जल्दी जाता हूँ तो बाद में वापस आ कर काम भी तो खत्म कर देता हूँ| आज तक आपको किसी भी काम के लिए मुझे दो बार नहीं कहना पड़ा है, इसलिए सर प्लीज सैलरी रेज कर दीजिये|

बॉस: देखते हैं...अभी जा कर अमिस ट्रेडर्स का डाटा चढ़ाओ| 

मैं: सॉरी सर, पर अगर आप सैलरी रेज नहीं करना चाहते तो मैं रिजाइन कर देता हूँ|

मैंने सर को अपना रेसिग्नेशन लेटर दे दिया|

में: सर इसमें 1 महीने का नोटिस पीरियड है, अगले महीने से मैं जॉब छोड़ देता हूँ|

इतना कह कर मैं चला गया| बॉस बहुत हैरान था क्योंकि उसे ऐसी जरा भी उम्मीद नहीं थी| तकरीबन 3 साल का एक्सपीरियंस था मेरे पास और कहीं भी जॉब कर सकता था, इसलिए मुझे जरा भी परवाह नहीं थी| इधर बॉस की फटी जर्रूर होगी क्योंकि ऐसा मेहनती 'मजदूर' उसे कहाँ मिलता जो एक आवाज में उसका सारा काम कर देता था| मैंने दोपहर को लंच भी नहीं किया और बिल एंटर करता रहा| लंच के बाद मैडम आईं और जब उन्हें सर से ये पता चला की मैं रिजाइन कर रहा हूँ तो पता नहीं उन्होंने सर को क्या समझाया की सर खुद मुझे बुलाने के लिए आये| मैं उनके केबिन में हाथ बंधे खड़ा हो गया, मैडम और सर मेरे सामने ही बैठे थे;

बॉस: अच्छा ये बताओ की रेज क्यों चाहिए तुम्हें? पार्ट टाइम टूशन तो तुम पढ़ा ही रहे हो और अभी सिंगल हो तो तुम्हारा खर्चा ही क्या है?     

मैं: सर 20,000/- की सैलरी में 8,000/- तो रेंट है, घर का खर्चा जिसमें खाना-पीना, बिजली-पानी सब जोड़-जाड कर 6-7 हजार हो जाता है| बाइक का तेल-पानी और मेंटेनेंस 1500/-,तो बचे 3,500/-! तीन साल में मेरी सेविंग कुछ 60-65 हजार ही हुई है| घर तो मैं ने पैसे भेजना बंद कर दिए! अब आप ही बताइये की आगे शादी करूँगा तो घर कैसे चलेगा मेरा?


मेरा जवाब सुन कर मैडम के चेहरे पर मुस्कराहट आ गई पर सर के पास कोई जवाब नहीं बचा था|


बॉस: ठीक है मैं 2,000/- बढ़ा देता हूँ!

मैं: सॉरी सर! एटलीस्ट मुझे 5,000/- का रेज चाहिए| (अब मैं बार्गेन करने पर उत्तर आया तो मैडम के चेहरे पर और मुस्कराहट चा गई|)

बॉस: क्या? मैं इतना रेज नहीं कर सकता|

मैं: सरमार्किट में 30,000/- का ऑफर मिल रहा है मुझे, मैं तो फिर भी आपसे 25,000/- मांग रहा हूँ, वो भी 3 साल बाद! हर साल अगर 2,000/- भी बढ़ाते तो भी अभी आपको 6,000/- बढ़ाने पड़ते!

बॉस: नहीं! 3,000/- बढ़ा दूँगा इससे ज्यादा नहीं!

मैं: सर आप शुक्ल जी को 35,000/- देते हैं, ना तो वो ऑफिस से बहार का काम करते हैं ना ही ऑफिस के अंदर रह कर कोई काम करते हैं| जब तक आप उन्हें चार बार न कह दें वो फाइल खत्म करते ही नहीं|

बॉस: उनकी फॅमिली है, बच्चे हैं!

मैं: तो सर काबिलियत का कोई मोल नहीं? अगर फॅमिली का ही मोल है तो मैं अपने सारे परिवार को यहीं बुला लेता हूँ! फिर तो मुझे ज्यादा पैसे मिलेंगे ना?

बॉस: क्या करोगे 5,000/- बढ़वा के? तुम्हारे परिवार के पास इतनी जमीन है!

मैं: सर मैं उनके टुकड़ों पर नहीं पलना चाहता, अपना अलग स्टैंड है मेरा| अगर जमीन ही देखनी होती तो मैं यहाँ 20,000/-की नौकरी करता?

बॉस: चलो अगर मैं सैलरी बढ़ा दूँ तो तुम्हें ये शाम को जल्दी जाना बंद करना होगा! 

मैं: सर मैं अगर जल्दी जाता हूँ तो वापस आ कर सारा काम खत्म कर देता हूँ और अगले दिन आपको फाइल टेबल पर मिलती है| बाकी ऑफिस में सोमवार से शुक्रवार काम होता है मैं तो फिर भी 6 दिन आता हूँ|

बॉस ने ना में सर हिलाया और मैंने भी आगे कुछ नहीं कहा और वापस अपने डेस्क पर बैठ गया और काम करने लगा| शाम को मैंने इनवॉइस की फाइल सर को कम्पलीट कर के दी और ऋतू से मिलने निकल पड़ा| ऋतू को जब ये सब बताया तो वो ये सुन कर मायूस हो गई| उसने अभी तक अनु मैडम से अपनी जॉब की बात नहीं की थी वरना बॉस मेरी सैलरी कतई रेज नहीं करता, क्योंकि उसे ऋतू का स्टिपेन्ड (stipend) भी देना पड़ता और मेरी सैलरी रेज भी करनी पड़ती| "लगता है आपके साथ ऑफिस में काम करना सपना रह जायेगा|" उसने मायूस होते हुए कहा| मैंने ऋतू की ठुड्डी पकड़ के ऊपर उठाई और उसकी आँखों में ऑंखें डाले कहा; "ये अकेला ऑफिस तो नहीं है ना जहाँ हम दोनों साथ काम कर सकते हैं, ये नहीं तो कोई दूसरा ऑफिस सही|"     


पर कुदरत को कुछ और ही मंजूर था, करीबन एक हफ्ते बाद एक और एम्प्लोयी ने बॉस के काइयाँपन से तंग आ कर रिजाइन कर दिया| उसी दिन सर ने मुझे अपने केबिन में बुलाया और कहा;

बॉस: मानु मैं तुम्हारी सैलरी रेज कर रहा हूँ, लेकिन अगले महीने से!

मैं: ठीक है सर...थैंक यू!

मैं ख़ुशी-ख़ुशी बहार आया और अपना काम करने लगा की तभी मैडम आ गईं; "अरे पार्टी कब दे रहे हो?"

"अगले महीने mam ... सैलरी अगले महीने से बढ़ेगी!"

"ये ना!! सच्ची बहुत कंजूस हैं! चलो कोई बात नहीं अगले महीने पार्टी पक्की! अच्छा सुनो...वो प्रोजेक्ट के डिटेल आ गई हैं मेरे पास तो उस पर डिस्कशन करना है, लंच के बाद| ठीक है?

"जी mam"

मैडम के जाते ही मैंने ऋतू को कॉल किया और उसे खुशखबरी दी और उसे नए प्रोजेक्ट के बारे में भी बताया| "अभी के अभी मैडम को कॉल कर और कॉफ़ी पीने के बहाने कॉलेज के आस-पास बुला और उनसे जॉब की बात छेड़ और जैसे समझाया था वैसे ही बात करना|" ये सुन कर ऋतू बहुत खुश हुई और उसने तुरंत ही मैडम को फ़ोन मिलाया और उसके कुछ देर बाद मैडम भी निकल गईं| आगे जो कुछ हुआ उसके बारे में ऋतू ने मुझे खुद बताया;

ऋतू: Hi mam!

अनु मैडम: Hi!!!

दोनों एक टेबल पर बैठ गए और mam ने दो कॉफ़ी आर्डर की|

ऋतू: I’m sorry to bother you mam!

अनु मैडम: Oh no no no… that’s okay! I always look for reason to escape from office! So what do you do? Where do you stay?

ऋतू: I’m a B Com student and I live in the hostel nearby. I actually neede your help. Umm…I’m actually looking for some work. Actually…umm…. I don’t want to be a burden on my family…I thought I can … you know earn something…. And learn from the experience… can you help me find a part time job? Like Saturdays and Sundays… Maybe in your company? Here’s my 10th and 12th marksheet! (ऋतू ने बहुत सोच-सोच कर और घबराते हुए बोला|)

ये सुन कर मैडम कुछ सोच में पड़ गईं और फिर बोलीं;

अनु मैडम: Ok join me from Saturday! I’ve a project and I was thinking of someone of your caliber to work with. But, stipend will be 1,000/- only, since you’re not joining us for 6 days a week!

ऋतू:  No problem mam, that’s not an issue. Thank you mam! Thank you!!!!

लंच के बाद जब मैडम आईं तो वो बहुत खुश लग रहीं थीं, उन्होंने मुझे और रेखा को अपने केबिन में बुलाया|

अनु मैडम: एक लड़की और हमें ज्वाइन कर रही है, पर वो सिर्फ सैटरडे और संडे ही आ पायेगी|

रेखा: क्यों mam?

अनु मैडम: यार! काम जयदा है और यहाँ कोई भी नहीं है जो PPTs और EXCEL पर फटाफट काम करता हो| ये लड़की अभी स्टूडेंट है और कुछ काम सीखना चाहती है| मानु जी आप संडे आ पाओगे? क्योंकि मंडे to सैटरडे तो ऑफिस का काम ही चलेगा पार्ट टाइम में आप दोनों काम करो तो मैं आपको कम्पेन्सेट भी करवा दूँगी|

मैं: ठीक है mam ... no problem.

राखी; ठीक है mam ... कोई दिक्कत नहीं|

शाम को जब मैं और ऋतू मिले तो आज मैंने उसे कस कर अपनी बाहों में भर लिया| ऋतू को समझते देर ना लगी की उसकी नौकरी पक्की हो गई है| मैंने उसे कुछ बात बातें की सब के सामने उसे मुझसे मेरा नाम ले कर बात करनी है और किसी को जरा भी शक नहीं होना चाहिए की हम दोनों एक दूसरे को जानते हैं, ये सुन कर ऋतू बहुत एक्साइट हो गई! कुछ दिन और बीते और आखिर सैटरडे आ ही गया, ऋतू ने अपने हॉस्टल में आंटी जी से बात कर ली और उन्हें वही तर्क दिया जो उसने अनु मैडम को दिया था| आंटी जी ने बात कन्फर्म करने के लिए मुझे कॉल भी किया और मैंने उन्हें विश्वास दिला दिया की ऋतू कोई गलत काम नहीं कर रही है, पर उन्हें ये नहीं बताया की वो मेरी ही कंपनी में काम करेगी| सैटरडे सुबह मैं जल्दी से ऑफिस पहुँच गया, ठीक 10 बजे ऋतू की एंट्री हुई| नारंगी रंग के सूट में आज ऋतू क़यामत लग रही थी|
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Messages In This Thread
काला इश्क़! - by Rockstar_Rocky - 09-10-2019, 11:13 AM
RE: काला इश्क़! - by asha10783 - 12-10-2019, 05:29 AM
RE: काला इश्क़! - by Black Horse - 13-10-2019, 11:32 AM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 13-10-2019, 01:16 PM
RE: काला इश्क़! - by Sam Fisher - 14-10-2019, 10:05 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 24-10-2019, 08:23 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 25-10-2019, 04:38 PM
RE: काला इश्क़! - by Rockstar_Rocky - 29-10-2019, 05:19 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 04-11-2019, 10:46 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 05-11-2019, 03:07 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 12-11-2019, 07:47 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 12-11-2019, 09:49 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 14-11-2019, 03:30 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 19-11-2019, 09:19 PM
RE: काला इश्क़! - by Dev rathore - 23-11-2019, 07:05 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 25-11-2019, 04:04 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 27-11-2019, 02:29 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 27-11-2019, 03:38 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 27-11-2019, 06:57 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 27-11-2019, 10:40 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 28-11-2019, 01:02 AM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 28-11-2019, 04:23 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 28-11-2019, 07:51 PM
RE: काला इश्क़! - by chodu baba - 30-11-2019, 10:46 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 09-12-2019, 11:19 AM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 10-12-2019, 11:11 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 11-12-2019, 07:28 AM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 15-12-2019, 09:55 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 16-12-2019, 07:55 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 16-12-2019, 08:00 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 16-12-2019, 08:59 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 16-12-2019, 10:48 PM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 17-12-2019, 12:12 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 17-12-2019, 04:26 PM
RE: काला इश्क़! - by vedprakash - 18-12-2019, 05:58 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 18-12-2019, 10:55 AM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 18-12-2019, 08:27 PM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 18-12-2019, 11:29 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 19-12-2019, 09:50 PM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 19-12-2019, 11:05 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 20-12-2019, 06:28 AM
RE: काला इश्क़! - by Arv313 - 21-12-2019, 07:01 AM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 21-12-2019, 07:34 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 21-12-2019, 02:34 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 21-12-2019, 10:16 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 21-12-2019, 10:16 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 22-12-2019, 08:58 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 23-12-2019, 05:58 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 23-12-2019, 11:02 AM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 23-12-2019, 10:37 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 24-12-2019, 03:23 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 24-12-2019, 10:21 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 24-12-2019, 10:24 PM
RE: काला इश्क़! - by johnni - 25-12-2019, 01:31 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 26-12-2019, 12:58 PM
RE: काला इश्क़! - by johnni - 26-12-2019, 10:32 PM
RE: काला इश्क़! - by nts - 26-12-2019, 10:41 PM
RE: काला इश्क़! - by vedprakash - 28-12-2019, 05:50 AM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 28-12-2019, 07:24 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 30-12-2019, 11:19 AM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 30-12-2019, 10:16 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 31-12-2019, 01:45 PM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 31-12-2019, 10:35 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 01-01-2020, 09:31 AM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 02-01-2020, 07:34 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 02-01-2020, 11:21 AM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 03-01-2020, 12:09 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 04-01-2020, 05:01 PM
RE: काला इश्क़! - by uttu7887 - 04-01-2020, 09:45 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 06-01-2020, 02:47 PM
RE: काला इश्क़! - by smartashi84 - 08-01-2020, 12:45 PM
RE: काला इश्क़! - by harrydresden - 08-01-2020, 05:01 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 09-01-2020, 08:49 AM
RE: काला इश्क़! - by Prativiveka - 08-01-2020, 10:07 PM
RE: काला इश्क़! - by Jizzdeepika - 10-01-2020, 03:06 PM
RE: काला इश्क़! - by Ashuk - 10-01-2020, 11:36 PM
RE: काला इश्क़! - by kill_l - 12-11-2020, 03:20 PM



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