29-10-2019, 02:20 PM
(This post was last modified: 29-10-2019, 09:20 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
" हाँ ऐसे ही चाटो न मेरे राजा , जल्द ही अपनी ननद की भी इसी बिस्तर पर दिलवाऊंगी , ... बोल न चोदेगा न गुड्डी को हचक हचक के , ... "
बस मेरा इतना कहना काफी था , उन्होंने मेरी दोनों टांगों को उठा के अपने कंधे पर रखा , सारी तकिया कुशन मेरे चूतड़ के नीचे , मैं पलंग के किनारे लेटी और वो फर्श पर खड़े , ... मेरी जाँघे खूब फैली ,
उईईईईई ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उईईईईई नहीं , .... पहले धक्के में ही मेरी जोर की चीख निकल गयी।
![[Image: fucking-CU-12195176.jpg]](https://i.ibb.co/1MMsw5Y/fucking-CU-12195176.jpg)
अगले धक्के में उनका सुपाड़ा सीधे मेरी बच्चेदानी पर , और मैं चीख रही थी सिसक रही थी , दोनों हाथों से चादर को कस के पकडे थी ,
और इस समय सब कुछ भूल कर वो सिर्फ मुझे चोद रहे थे , न उनके हाथ मेरे जोबन पर , न कुछ चुम्मा बस सिर्फ धकापेल चुदाई ,
![[Image: stand-fucking-16876010.gif]](https://i.ibb.co/FHD9fqH/stand-fucking-16876010.gif)
कुछ देर में मैं भी उनका साथ दे रही नीचे से अपने नितम्बो को उचका उचका के ,
कभी चीख रही थी कभी सिसक रही थी , और पंद्रह बीस मिनट तक लगातार ,
मैं अब तक समझ गयी थी दूसरी बार ये बहुत अधिक टाइम लेते हैं ,
और उस तूफ़ान मेल चुदाई का असर हुआ की मैं झड़ने के कगार पर पहुँच गयी ,
![[Image: Fucking-ruff-tumblr-m6xgmfr0ox1qeskczo1-500.gif]](https://i.ibb.co/RcycvsL/Fucking-ruff-tumblr-m6xgmfr0ox1qeskczo1-500.gif)
पर बजाय धक्के धीमे करने के धक्का उनका , सुपाड़ा सीधे मेरी बच्चेदानी पर
और फिर आलमोस्ट पूरा निकाल कर के , एक तो वो मोटा भी कितना , ... बीयर कैन सा मोटा ,
मेरी कलाई से भी ज्यादा मोटा , रगड़ता दरेरता फाड़ता चूत में घुसता तो जान निकल जाती और लम्बा भी पूरा बांस ...
थोड़ी देर में मैं झड़ रही थी और उसके बाद भी उनका सुपाड़ा बच्चेदानी पर बार बार
मैं रुकती फिर झड़ना शुरू कर देती।
….जब मैं झड़ झड़ के थेथर हो गयी तो वो रुके , और उन्होंने अपना खूंटा बाहर निकाल लिया ,
( ये कोई पहली बार नहीं था की एक राउंड में ही वो मेरी पोज़ बदल बदल कर चुदाई करें ) ,
और मैं उन्हें पकड़ कर खड़ी हुयी , उनकी ओर पीठ कर के , ...
मेरी निगाह एक बार फिर रबड़ी वाले सकोरे पर पड़ी , अभी भी उसमें थोड़ी सी रबड़ी दीवालों से लगी बची थी ,
मुझे एक शरारत सूझी , ... उन्हें दिखाते हुए सब रबड़ी मैंने अपनी उँगलियों में लपेटी , और एक बार फिर से अपनी गुलाबो पर , ...
यही नहीं , रबड़ी में लिथड़ी एक ऊँगली मैंने अपनी कसी चूत में पूरी ताकत से ठेल दी कर चार पांच बार पूरी तरह अंदर बाहर करने के बाद , गोल घुमाते , उन्हें दिखाते ललचाते निकाला , और सीधे उनके होंठों के पास , ...
खुद मुंह खोल कर के मेरी चूत से निकली , रबड़ी से लिथड़ी , अपने मुंह में ले कर मस्ती से चूसने लगे , ...
और जब उन्होंने ऊँगली बाहर निकाली , तो एकदम साफ़ चिक्क्न , ...
मैंने मुस्कराते हुए उनका कंधा दबा दिया और इशारा वो अच्छी तरह समझ गए ,
बस घुटनों के बल बैठ कर , एक बार फिर उनके होंठ मेरे निचले होंठों से चपक गए ,
![[Image: pussy-licking-M-creampie18405450.gif]](https://i.ibb.co/fxzkW7J/pussy-licking-M-creampie18405450.gif)
सच में क्या मस्त चूसते चाटते थे वो , मेरी दोनों फांको को अपने होंठों के बीच दबोच कर जब वो चूसते थे तो बस जान नहीं निकलती थी , ... और ऊपर से उनकी जीभ भी न , कभी मेरी प्रेम गली के अंदर घुस कर अंदर का हाल लेती , जैसे उनका खूंटा जब अंदर घुसता था , देह एक गिनगीना जाती थी , ...
एकदम उसी तरह ,... उनकी जीभ भी लंड से कम किसी तरह नहीं थी , और ऊपर से जब वो क्लिट पर फ्लिक करते थे , ...
![[Image: Pussy-licking-man-tumblr-o89jy1zn-J11ujuybio2-500.gif]](https://i.ibb.co/rszKxxQ/Pussy-licking-man-tumblr-o89jy1zn-J11ujuybio2-500.gif)
और अभी सब वो एक साथ कर रहे थे , ...
मेरी उँगलियों में अभी कुछ रबड़ी बची थी , बस मैंने ,...
अपने पिछवाड़े वाले छेद के चारो ओर और कुछ सीधे उस गोल छेद पर भी , अच्छी तरह लपेट दिया ,
![[Image: asshole-tumblr-p0vc6pkj-YM1wcyq6do1-1280.jpg]](https://i.ibb.co/2kgBMwX/asshole-tumblr-p0vc6pkj-YM1wcyq6do1-1280.jpg)
मेरे कुछ कहने की जरुरत नहीं थी , आज ये लड़का एकदम पागल था ,
बस लम्बे छेद से उनकी जीभ सरक कर गोल छेद के चारो ओर , जितनी रबड़ी मेरे पिछवाड़े लगी थी सब चाट चाट कर , ...
और उसके बाद जीभ की टिप गोल छेद के अंदर ,
और साथ में दो ऊँगली मेरी गुलाबो के अंदर , खचाखच , खचाखच , सटासट , सटासट ,
अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर , ...
एक ओर जीभ
![[Image: ass-licking-M-tumblr-orkimx8-Vwm1sf68sto4-500.gif]](https://i.ibb.co/WnDZ0h9/ass-licking-M-tumblr-orkimx8-Vwm1sf68sto4-500.gif)
और दूसरी ओर उनकी दो उँगलियाँ , ...
और जैसे इतनी मस्ती काफी नहीं थी , उनका अंगूठा मेरे क्लिट के ऊपर कस कस के रगड़ने लगा ,
मेरा बस मन कर रहा था , ये लड़का अब , ...
अब बस अपना मोटा लंड मेरी चूत के अंदर पेल दे , हचक हचक के चोदे , ...
और वो लड़का उसे बिना मेरे कुछ कहे मेरे दिल की हर बात मालूम पड़ जाती थी , आखिर मेरा दिल उसी के पास तो था ,..
और वो मूसलचंद झड़ा भी तो नहीं था एकदम बौराया , उन्होंने अपनी मुट्ठी में उसे पकड़ा ( वो मोटा मेरी मुट्ठी में तो आता नहीं था ) और म
मुझे लगा अब पेलेंगे , कस कर ठेलेंगे ,.... लेकिन वो बदमाश आज मुझे सिर्फ तंग करने के मूड में था , ...
बस वो मोटा सुपाड़ा मेरी योनि के मुहाने पर रगड़ रहा था ,
![[Image: fucking-CU-14922089.jpg]](https://i.ibb.co/Xyp9yXs/fucking-CU-14922089.jpg)
मेरी चूत में आग लगी थी , पर, .... वो आज बजाय आग बुझाने के आग में घी डालने में तुला हुआ था ,
मेरी देह गिनगीना रही थी , मस्ती से आँखे बंद हो रही थीं , मैं खुद अपनी पीछे कर के अपनी गीली हो रही बिलिया उनके मोटे खूंटे पर रगड़ रही थी ,
बस मन कर रहा था ,... वो नालायक किसी तरह अंदर घुसेड़ दे , ,,,, मैंने खुद अपने हाथों से अपनी दोनों फांको को फैलाया पर ,
अबकी उस शैतान ने सुपाड़े को हलके से मेरे क्लिट पर रगड़ दिया ,...
मेरी पूरी देह में आग लग गयी , मुझसे नहीं रहा गया , मैंने अपनी गर्दन पीछे मोड़ी और बड़ी बड़ी आँखों से इसरार करते खुद बोली ,
" हे डालो न ,.... "
पर वो आज बदमाश , जितना मैंने उसे छेड़ा था सबका सूद सहित बदला लेने पर तुला था , हलके से मुस्कराकर उसने मुझे चूम लिया और पूछा ,
" क्या , ... डालूं ".
मैं समझ गयी आज ये मुझे बुलवा के छोड़ेगा , और ऐसी आग लगी थी ,
कुछ देर पहले जो नीचे बैठ कर कस कस के जो उसने चूसा था और अब जिस तरह से वो रगड़ रहा था , अपना सुपाड़ा ,
मैं हिचकचायी पर हलके से बोली ,
" यही ,... ये ,... अपना लंड ,... "
एक हाथ से उसने कस के मेरे जोबन दबोच लिए , और दूसरे हाथ में तो मोटा मूसल वो पकड़ के रगड़ रहा था ,... सीधे मेरी बिल पे ,
" कहाँ " ... उसने फिर पूछा।
मेरे तो मन में आये उसकी माँ बहन को दस दस मोटी मोटी गाली सुनाऊँ , पर जिस तरह से एक बार उसने कस के रगड़ा , मैं बोल पड़ी ,
" मेरी चूत में "
बस , क्या मस्त धक्का मारा उसने , इतनी जोर की चीखी निकली मेरी जरूर घर में नीचे तक पहुंची होगी , आधे से ज्यादा मूसल अंदर था ,
दरेरते , रगड़ते , फाड़ते
मन भी करता था , दर्द से जान भी निकलती थी , ...
मैं खड़ी तो रही पर अपना एक घुटना मोड़ कर मैंने अब पलग पर रख लिया ,
और मेरी जाँघे थोड़ी और खुल गयीं , बस उसने एक करारा धक्का और मारा , साथ में मेरे जोबन की रगड़ाई मसलाई चालू हो गयी ,
तीसरे धक्के के साथ उसका मोटा सुपाड़ा सीधे मेरी बच्चेदानी पर , क्या जोर का धक्का मारा था , खूब जोर की चीख निकली मेरी
उईईई उईईईईई उईईई नहीं नहीं ओह्ह्ह जान निकल गयी ,
पर उस पर कुछ भी फर्क नहीं पड़ा , पड़ता भी कैसे , मैंने तो खुद ही अपनी कसम उसे धरायी थी , पहली रात में ही
" चाहे मैं चिल्लाऊं , रोऊँ , खून खच्चर हो जाऊं , भले ही मरे दर्द के मैं बेहोश हो जाऊं , ... तुम्हे मेरी कसम , मुझे ये पूरा चाहिए , चाहिए तो चाहिए , एकदम यहाँ तक , "
और मैंने उस मोटे मूसल के बेस तक हाथ से बता दिया और तीन तिरबाचा भरवाया , अपनी तीन बार कसम खिलवाई थी ,
और अब तो उसे ये मेरा राज मालूम हो गया था की मुझे जितना दर्द होता है , उतना ही ज्यादा मज्जा आता है ,
![[Image: Fukcing-standing.gif]](https://i.ibb.co/qD2x0Mf/Fukcing-standing.gif)
पहली बार मैं खड़ी खड़ी चुदवा रही थी , लेकिन उसने जिस तरह से मुझे पकड़ रखा था , मेरा सारा बोझ उसके हाथों में , उसकी देह पर ,
बस मेरा इतना कहना काफी था , उन्होंने मेरी दोनों टांगों को उठा के अपने कंधे पर रखा , सारी तकिया कुशन मेरे चूतड़ के नीचे , मैं पलंग के किनारे लेटी और वो फर्श पर खड़े , ... मेरी जाँघे खूब फैली ,
उईईईईई ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उईईईईई नहीं , .... पहले धक्के में ही मेरी जोर की चीख निकल गयी।
![[Image: fucking-CU-12195176.jpg]](https://i.ibb.co/1MMsw5Y/fucking-CU-12195176.jpg)
अगले धक्के में उनका सुपाड़ा सीधे मेरी बच्चेदानी पर , और मैं चीख रही थी सिसक रही थी , दोनों हाथों से चादर को कस के पकडे थी ,
और इस समय सब कुछ भूल कर वो सिर्फ मुझे चोद रहे थे , न उनके हाथ मेरे जोबन पर , न कुछ चुम्मा बस सिर्फ धकापेल चुदाई ,
![[Image: stand-fucking-16876010.gif]](https://i.ibb.co/FHD9fqH/stand-fucking-16876010.gif)
कुछ देर में मैं भी उनका साथ दे रही नीचे से अपने नितम्बो को उचका उचका के ,
कभी चीख रही थी कभी सिसक रही थी , और पंद्रह बीस मिनट तक लगातार ,
मैं अब तक समझ गयी थी दूसरी बार ये बहुत अधिक टाइम लेते हैं ,
और उस तूफ़ान मेल चुदाई का असर हुआ की मैं झड़ने के कगार पर पहुँच गयी ,
![[Image: Fucking-ruff-tumblr-m6xgmfr0ox1qeskczo1-500.gif]](https://i.ibb.co/RcycvsL/Fucking-ruff-tumblr-m6xgmfr0ox1qeskczo1-500.gif)
पर बजाय धक्के धीमे करने के धक्का उनका , सुपाड़ा सीधे मेरी बच्चेदानी पर
और फिर आलमोस्ट पूरा निकाल कर के , एक तो वो मोटा भी कितना , ... बीयर कैन सा मोटा ,
मेरी कलाई से भी ज्यादा मोटा , रगड़ता दरेरता फाड़ता चूत में घुसता तो जान निकल जाती और लम्बा भी पूरा बांस ...
थोड़ी देर में मैं झड़ रही थी और उसके बाद भी उनका सुपाड़ा बच्चेदानी पर बार बार
मैं रुकती फिर झड़ना शुरू कर देती।
….जब मैं झड़ झड़ के थेथर हो गयी तो वो रुके , और उन्होंने अपना खूंटा बाहर निकाल लिया ,
( ये कोई पहली बार नहीं था की एक राउंड में ही वो मेरी पोज़ बदल बदल कर चुदाई करें ) ,
और मैं उन्हें पकड़ कर खड़ी हुयी , उनकी ओर पीठ कर के , ...
मेरी निगाह एक बार फिर रबड़ी वाले सकोरे पर पड़ी , अभी भी उसमें थोड़ी सी रबड़ी दीवालों से लगी बची थी ,
मुझे एक शरारत सूझी , ... उन्हें दिखाते हुए सब रबड़ी मैंने अपनी उँगलियों में लपेटी , और एक बार फिर से अपनी गुलाबो पर , ...
यही नहीं , रबड़ी में लिथड़ी एक ऊँगली मैंने अपनी कसी चूत में पूरी ताकत से ठेल दी कर चार पांच बार पूरी तरह अंदर बाहर करने के बाद , गोल घुमाते , उन्हें दिखाते ललचाते निकाला , और सीधे उनके होंठों के पास , ...
खुद मुंह खोल कर के मेरी चूत से निकली , रबड़ी से लिथड़ी , अपने मुंह में ले कर मस्ती से चूसने लगे , ...
और जब उन्होंने ऊँगली बाहर निकाली , तो एकदम साफ़ चिक्क्न , ...
मैंने मुस्कराते हुए उनका कंधा दबा दिया और इशारा वो अच्छी तरह समझ गए ,
बस घुटनों के बल बैठ कर , एक बार फिर उनके होंठ मेरे निचले होंठों से चपक गए ,
![[Image: pussy-licking-M-creampie18405450.gif]](https://i.ibb.co/fxzkW7J/pussy-licking-M-creampie18405450.gif)
सच में क्या मस्त चूसते चाटते थे वो , मेरी दोनों फांको को अपने होंठों के बीच दबोच कर जब वो चूसते थे तो बस जान नहीं निकलती थी , ... और ऊपर से उनकी जीभ भी न , कभी मेरी प्रेम गली के अंदर घुस कर अंदर का हाल लेती , जैसे उनका खूंटा जब अंदर घुसता था , देह एक गिनगीना जाती थी , ...
एकदम उसी तरह ,... उनकी जीभ भी लंड से कम किसी तरह नहीं थी , और ऊपर से जब वो क्लिट पर फ्लिक करते थे , ...
![[Image: Pussy-licking-man-tumblr-o89jy1zn-J11ujuybio2-500.gif]](https://i.ibb.co/rszKxxQ/Pussy-licking-man-tumblr-o89jy1zn-J11ujuybio2-500.gif)
और अभी सब वो एक साथ कर रहे थे , ...
मेरी उँगलियों में अभी कुछ रबड़ी बची थी , बस मैंने ,...
अपने पिछवाड़े वाले छेद के चारो ओर और कुछ सीधे उस गोल छेद पर भी , अच्छी तरह लपेट दिया ,
![[Image: asshole-tumblr-p0vc6pkj-YM1wcyq6do1-1280.jpg]](https://i.ibb.co/2kgBMwX/asshole-tumblr-p0vc6pkj-YM1wcyq6do1-1280.jpg)
मेरे कुछ कहने की जरुरत नहीं थी , आज ये लड़का एकदम पागल था ,
बस लम्बे छेद से उनकी जीभ सरक कर गोल छेद के चारो ओर , जितनी रबड़ी मेरे पिछवाड़े लगी थी सब चाट चाट कर , ...
और उसके बाद जीभ की टिप गोल छेद के अंदर ,
और साथ में दो ऊँगली मेरी गुलाबो के अंदर , खचाखच , खचाखच , सटासट , सटासट ,
अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर , ...
एक ओर जीभ
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और दूसरी ओर उनकी दो उँगलियाँ , ...
और जैसे इतनी मस्ती काफी नहीं थी , उनका अंगूठा मेरे क्लिट के ऊपर कस कस के रगड़ने लगा ,
मेरा बस मन कर रहा था , ये लड़का अब , ...
अब बस अपना मोटा लंड मेरी चूत के अंदर पेल दे , हचक हचक के चोदे , ...
और वो लड़का उसे बिना मेरे कुछ कहे मेरे दिल की हर बात मालूम पड़ जाती थी , आखिर मेरा दिल उसी के पास तो था ,..
और वो मूसलचंद झड़ा भी तो नहीं था एकदम बौराया , उन्होंने अपनी मुट्ठी में उसे पकड़ा ( वो मोटा मेरी मुट्ठी में तो आता नहीं था ) और म
मुझे लगा अब पेलेंगे , कस कर ठेलेंगे ,.... लेकिन वो बदमाश आज मुझे सिर्फ तंग करने के मूड में था , ...
बस वो मोटा सुपाड़ा मेरी योनि के मुहाने पर रगड़ रहा था ,
![[Image: fucking-CU-14922089.jpg]](https://i.ibb.co/Xyp9yXs/fucking-CU-14922089.jpg)
मेरी चूत में आग लगी थी , पर, .... वो आज बजाय आग बुझाने के आग में घी डालने में तुला हुआ था ,
मेरी देह गिनगीना रही थी , मस्ती से आँखे बंद हो रही थीं , मैं खुद अपनी पीछे कर के अपनी गीली हो रही बिलिया उनके मोटे खूंटे पर रगड़ रही थी ,
बस मन कर रहा था ,... वो नालायक किसी तरह अंदर घुसेड़ दे , ,,,, मैंने खुद अपने हाथों से अपनी दोनों फांको को फैलाया पर ,
अबकी उस शैतान ने सुपाड़े को हलके से मेरे क्लिट पर रगड़ दिया ,...
मेरी पूरी देह में आग लग गयी , मुझसे नहीं रहा गया , मैंने अपनी गर्दन पीछे मोड़ी और बड़ी बड़ी आँखों से इसरार करते खुद बोली ,
" हे डालो न ,.... "
पर वो आज बदमाश , जितना मैंने उसे छेड़ा था सबका सूद सहित बदला लेने पर तुला था , हलके से मुस्कराकर उसने मुझे चूम लिया और पूछा ,
" क्या , ... डालूं ".
मैं समझ गयी आज ये मुझे बुलवा के छोड़ेगा , और ऐसी आग लगी थी ,
कुछ देर पहले जो नीचे बैठ कर कस कस के जो उसने चूसा था और अब जिस तरह से वो रगड़ रहा था , अपना सुपाड़ा ,
मैं हिचकचायी पर हलके से बोली ,
" यही ,... ये ,... अपना लंड ,... "
एक हाथ से उसने कस के मेरे जोबन दबोच लिए , और दूसरे हाथ में तो मोटा मूसल वो पकड़ के रगड़ रहा था ,... सीधे मेरी बिल पे ,
" कहाँ " ... उसने फिर पूछा।
मेरे तो मन में आये उसकी माँ बहन को दस दस मोटी मोटी गाली सुनाऊँ , पर जिस तरह से एक बार उसने कस के रगड़ा , मैं बोल पड़ी ,
" मेरी चूत में "
बस , क्या मस्त धक्का मारा उसने , इतनी जोर की चीखी निकली मेरी जरूर घर में नीचे तक पहुंची होगी , आधे से ज्यादा मूसल अंदर था ,
दरेरते , रगड़ते , फाड़ते
मन भी करता था , दर्द से जान भी निकलती थी , ...
मैं खड़ी तो रही पर अपना एक घुटना मोड़ कर मैंने अब पलग पर रख लिया ,
और मेरी जाँघे थोड़ी और खुल गयीं , बस उसने एक करारा धक्का और मारा , साथ में मेरे जोबन की रगड़ाई मसलाई चालू हो गयी ,
तीसरे धक्के के साथ उसका मोटा सुपाड़ा सीधे मेरी बच्चेदानी पर , क्या जोर का धक्का मारा था , खूब जोर की चीख निकली मेरी
उईईई उईईईईई उईईई नहीं नहीं ओह्ह्ह जान निकल गयी ,
पर उस पर कुछ भी फर्क नहीं पड़ा , पड़ता भी कैसे , मैंने तो खुद ही अपनी कसम उसे धरायी थी , पहली रात में ही
" चाहे मैं चिल्लाऊं , रोऊँ , खून खच्चर हो जाऊं , भले ही मरे दर्द के मैं बेहोश हो जाऊं , ... तुम्हे मेरी कसम , मुझे ये पूरा चाहिए , चाहिए तो चाहिए , एकदम यहाँ तक , "
और मैंने उस मोटे मूसल के बेस तक हाथ से बता दिया और तीन तिरबाचा भरवाया , अपनी तीन बार कसम खिलवाई थी ,
और अब तो उसे ये मेरा राज मालूम हो गया था की मुझे जितना दर्द होता है , उतना ही ज्यादा मज्जा आता है ,
![[Image: Fukcing-standing.gif]](https://i.ibb.co/qD2x0Mf/Fukcing-standing.gif)
पहली बार मैं खड़ी खड़ी चुदवा रही थी , लेकिन उसने जिस तरह से मुझे पकड़ रखा था , मेरा सारा बोझ उसके हाथों में , उसकी देह पर ,