19-01-2019, 10:13 AM
(This post was last modified: 19-01-2019, 10:16 AM by komaalrani.)
गाँव की गोरी
![[Image: geeta-KJ.jpg]](https://i.ibb.co/3Y6P9LB/geeta-KJ.jpg)
अगले दिन दोपहर के पहले से ही मेले जाने की तैयारियां शुरू हो गयी थीं।
पहले एक चूड़ी वाली आयी और मैंने भी सबके साथ, कुहनी तक हरी-हरी चूड़ीयां पहनी। मैंने ज़रा सा नखड़ा किया की वो चुड़िहारिन ( आखिर भैया के ससुराल की थी ,तो भैया की सलहज लगी और फिर मुझसे अपने आप मजाक का रिश्ता बन गया ), और साथ में चंपा भाभी मेरे पीछे पड़ गयीं।
अच्छा ई बूझो , चुड़िहारिन ने मेरी कलाई को गोल गोल मोड़ते हुए पूछा,
" हमरि तुम्हरी कब , अरे हाथ पकड़ा जब।
चीख चिल्लाहट कब , अरे आधा जाये तब।
और मजा आये कब ,.... ?
बात उनकी पूरी की चम्पा भाभी ने ,
"अरे मजा आये कब , पूरा जाए तब और क्या , आधे तीहे में का मजा। "
मेरे गाल गुलाल हो गए , कल से तो भाभी ,भाभी की कुँवारी शादी शुदा बहने और भाभी की भाभियाँ सब एक ही तो बात कर रही थीं , मैं समझ गयी आधा तिहा और पूरा से का मतलब है।
फिर चंदा ने रात में अच्छी कोचिंग भी कर दी थी और भरतपुर के स्टेशन पे आग भी सुलगा दी थी।
"अरे वही लड़का लड़की , डालना और क्या , शरमाते शर्माते मैं बोली , फिर क्या था चूड़ी वाली चूड़ी पहनाते हुए मेरे पीछे पड़ गयी।
और मेरी भाभी से बोली ,
" अरी बिन्नो तोहरी ई ननदिया क बिल में बहुत चींटे काट रहे हैं मोटे मोटे , बहुत खुजली हो रही है , एके बात उसको सूझ रही है "
और मुझसे मुड़ के बोलीं ,
" अरे रानी एकर मतलब , चूड़ी पहिराना। पहले हाथ पकड़ना , फिर शुरू में जब घुसता है अंदर , चूड़ी जाती है रगड़ती कसी कसी तो कुछ दर्द तो होगा ही।
![[Image: bangles-Bridal-bangles.jpg]](https://i.ibb.co/dQ9HKKw/bangles-Bridal-bangles.jpg)
फिर जब भर हाथ चूडी हो जाती है तो कितना निक लगता है , मजा आता है , हैं की नहीं।
दो दर्जन से ऊपर एक एक हाथ में , एकदम कुहनी तक ,
और ऊपर से चम्पा भाभी बोलीं , चुड़िहारिन से ," दो दिन बाद फिर आ जाना ".
ये बात न मुझे समझ में आई न चुड़िहारिन को
![[Image: Geeta-bangles.jpg]](https://i.ibb.co/yBh8vHC/Geeta-bangles.jpg)
लेकिन जब चम्पा भाभी ने अर्थाया तो सब लोग हँसते हँसते ,
(सिवाय मेरे , मेरे पास शर्माने के अलावा कोई रास्ता था क्या )
वो बोलीं ,
"अरे एक रात में तो दो दर्जन की एक दर्जन हो जायेगी , और कुछ खेत में टूटेगी कुछ पलंग पे ,कुछ हमरे देवर के साथ तो कुछ नंदोई के साथ। "
आज भाभी और चम्पा भाभी ने तय किया था कि वो मुझे शहर की गोरी से गांव की गोरी बनाकर रहेंगी।
तब तक पूरबी भी आगयी , भाभी की रिश्ते में बहन लगती थी ,उम्र में उनसे छोटी , मुझसे दो तीन साल बड़ी होगी ,
इसी साल शादी हुयी थी और पहले सावन में मायके आई थी।
![[Image: geeta-fa6d2fd3f7d0c3131f8d3d3aff9fbc30.jpg]](https://i.ibb.co/qRBPvX9/geeta-fa6d2fd3f7d0c3131f8d3d3aff9fbc30.jpg)
और मेरे श्रृंगार और छेड़ने दोनों में हिस्सा बटाने लगी।
पावों में महावर और हाथों में रच-रच कर मेंहदी तो लगायी ही, नाखून भी खूब गाढ़े लाल रंगे गये, पावों में घुंघरु वाली पाजेब,
कमर में चांदी की कर्धनी पहनायी गयी। पूरबी ने चांदी की पाजेब बहुत प्यार से खुद मुझे पहनाई और मुझसे बोलने लगी ,
![[Image: payal-2.jpg]](https://i.ibb.co/1THDZvW/payal-2.jpg)
" ननद रानी ,तुम्हारे गहनों में सबसे जोरदार यही है। "
मेरे कुछ समझ में नहीं आया ,लेकिन पूरबी और चम्पा भाभी जोर जोर से मुस्करा रही थीं।
" अरे छैलों के कंधे पे चढ़ के बोलेगी ये , कभी गन्ने के खेत में तो कभी आम के बाग़ में, इसलिए सबसे पहले ये पाजेब ही पहना रही हूँ। "
कुछ देर में चंदा और रमा भी आ गयीं मेले के लिए तैयार हो के ,खूब सजधज के। साथ में कामिनी भाभी भी।
भाभी ने अपनी खूब घेर वाली हरे रंग की चुनरी भी पहना दी, लेकिन उसे मेरी गहरी नाभी के खूब नीचे ही बांधा, जिससे मेरी पतली बलखाती कमर और गोरा पेट साफ दिख रहा था।
लेकीन परेशानी चोली की थी, चन्दा के उभार मुझसे बड़े थे इसलिये उसकी चोली तो मुझे आती नहीं पर रमा जो भाभी की कजिन थी और मुझसे एक साल से थोड़ी ज्यादा छोटी थी, की चोली मैंने ट्राई की। पर वह बहुत कसी थी।
चम्पा भाभी ने कहा-
“अरे यहां गांव में चड्ढी बनयान औरतें नहीं पहनती…”
और उन्होंने मुझे बिना ब्रा के चोली पहनने को मजबूर किया।
![[Image: blouse-6.jpg]](https://i.ibb.co/f8M302w/blouse-6.jpg)
भाभी ने तो ऊपर के दो हुक भी खोल दिये, जिससे अब ठीक तो लग रहा था पर मैं थोड़ा भी झुकती तो सामने वाले को मेरे चूचुक तक के दर्शन हो जाते और चोली अभी भी इत्ती टाइट थी कि मेरे जोबन के उभार साफ-साफ दिख रहे थे।
हाथ में तो मैंने चूड़ियां, कलाई भर-भरकर तो पहनी ही थीं, भाभी ने मुझे कंगन और बाजूबंद भी पहना दिये। चन्दा ने मेरी बड़ी-बड़ी आँखों में खूब गाढ़ा काजल लगाया, माथे को एक बड़ी सी लाल बिंदी और कानों में झुमके पहना दिये।
![[Image: ear-3.jpg]](https://i.ibb.co/xMLYfx9/ear-3.jpg)
चम्पा भाभी ने पूरा मुआयना किया और कुछ देर तक सोचती रहीं , फिर बोलीं ,अभी भी एक कसर है।
अंदर गयीं और एक नथ ले आयीं , बहुत ही खूबसूरत , बहुत बड़ी नहीं तो बहुत छोटी भी नहीं। मेरे होंठों से रगड़ खाती , और एक प्यारा सा बड़ा सा सफेद मोती।
और कामिनी भाभी ने अपने हाथ से पकड़ के पहना दिया।
मैंने जरा सा नखड़ा किया , ना नुकुर किया तो ,कामिनी भाभी चिढ़ाते हुए बोलीं ,
![[Image: nose-ring-BLKf-PZYB1-VJ.jpg]](https://i.ibb.co/qgVY4CD/nose-ring-BLKf-PZYB1-VJ.jpg)
" अरी बिन्नो ,नथ पहनोगी नहीं तो उतरेगी कैसे "
फिर साथ साथ चंदा को हड़काया भी ,
![[Image: sixreen-Dubey-Bhabhi.jpg]](https://i.ibb.co/TY2wmW5/sixreen-Dubey-Bhabhi.jpg)
" ये मस्त माल तेरे हवाले कर रही हूँ , तेरी जिम्मेदारी है। २४ घंटे के अंदर नथ उतर जानी चाहिए। "
चंदा भी कौन कम थी , बोली
" भाभी , अरे २४ घंटे। मेरी सहेली को समझती क्या हैं , १२ घंटे से कम में ये नथ न उतर गयी तो कहिये। अरे इसकी बुलबुल तो आई है है यहाँ चारा घोंटने। "
और हँसते हँसते सभी लोट पोट होगये।
![[Image: geeta-KJ.jpg]](https://i.ibb.co/3Y6P9LB/geeta-KJ.jpg)
अगले दिन दोपहर के पहले से ही मेले जाने की तैयारियां शुरू हो गयी थीं।
पहले एक चूड़ी वाली आयी और मैंने भी सबके साथ, कुहनी तक हरी-हरी चूड़ीयां पहनी। मैंने ज़रा सा नखड़ा किया की वो चुड़िहारिन ( आखिर भैया के ससुराल की थी ,तो भैया की सलहज लगी और फिर मुझसे अपने आप मजाक का रिश्ता बन गया ), और साथ में चंपा भाभी मेरे पीछे पड़ गयीं।
अच्छा ई बूझो , चुड़िहारिन ने मेरी कलाई को गोल गोल मोड़ते हुए पूछा,
" हमरि तुम्हरी कब , अरे हाथ पकड़ा जब।
चीख चिल्लाहट कब , अरे आधा जाये तब।
और मजा आये कब ,.... ?
बात उनकी पूरी की चम्पा भाभी ने ,
"अरे मजा आये कब , पूरा जाए तब और क्या , आधे तीहे में का मजा। "
मेरे गाल गुलाल हो गए , कल से तो भाभी ,भाभी की कुँवारी शादी शुदा बहने और भाभी की भाभियाँ सब एक ही तो बात कर रही थीं , मैं समझ गयी आधा तिहा और पूरा से का मतलब है।
फिर चंदा ने रात में अच्छी कोचिंग भी कर दी थी और भरतपुर के स्टेशन पे आग भी सुलगा दी थी।
"अरे वही लड़का लड़की , डालना और क्या , शरमाते शर्माते मैं बोली , फिर क्या था चूड़ी वाली चूड़ी पहनाते हुए मेरे पीछे पड़ गयी।
और मेरी भाभी से बोली ,
" अरी बिन्नो तोहरी ई ननदिया क बिल में बहुत चींटे काट रहे हैं मोटे मोटे , बहुत खुजली हो रही है , एके बात उसको सूझ रही है "
और मुझसे मुड़ के बोलीं ,
" अरे रानी एकर मतलब , चूड़ी पहिराना। पहले हाथ पकड़ना , फिर शुरू में जब घुसता है अंदर , चूड़ी जाती है रगड़ती कसी कसी तो कुछ दर्द तो होगा ही।
![[Image: bangles-Bridal-bangles.jpg]](https://i.ibb.co/dQ9HKKw/bangles-Bridal-bangles.jpg)
फिर जब भर हाथ चूडी हो जाती है तो कितना निक लगता है , मजा आता है , हैं की नहीं।
दो दर्जन से ऊपर एक एक हाथ में , एकदम कुहनी तक ,
और ऊपर से चम्पा भाभी बोलीं , चुड़िहारिन से ," दो दिन बाद फिर आ जाना ".
ये बात न मुझे समझ में आई न चुड़िहारिन को
![[Image: Geeta-bangles.jpg]](https://i.ibb.co/yBh8vHC/Geeta-bangles.jpg)
लेकिन जब चम्पा भाभी ने अर्थाया तो सब लोग हँसते हँसते ,
(सिवाय मेरे , मेरे पास शर्माने के अलावा कोई रास्ता था क्या )
वो बोलीं ,
"अरे एक रात में तो दो दर्जन की एक दर्जन हो जायेगी , और कुछ खेत में टूटेगी कुछ पलंग पे ,कुछ हमरे देवर के साथ तो कुछ नंदोई के साथ। "
आज भाभी और चम्पा भाभी ने तय किया था कि वो मुझे शहर की गोरी से गांव की गोरी बनाकर रहेंगी।
तब तक पूरबी भी आगयी , भाभी की रिश्ते में बहन लगती थी ,उम्र में उनसे छोटी , मुझसे दो तीन साल बड़ी होगी ,
इसी साल शादी हुयी थी और पहले सावन में मायके आई थी।
![[Image: geeta-fa6d2fd3f7d0c3131f8d3d3aff9fbc30.jpg]](https://i.ibb.co/qRBPvX9/geeta-fa6d2fd3f7d0c3131f8d3d3aff9fbc30.jpg)
और मेरे श्रृंगार और छेड़ने दोनों में हिस्सा बटाने लगी।
पावों में महावर और हाथों में रच-रच कर मेंहदी तो लगायी ही, नाखून भी खूब गाढ़े लाल रंगे गये, पावों में घुंघरु वाली पाजेब,
कमर में चांदी की कर्धनी पहनायी गयी। पूरबी ने चांदी की पाजेब बहुत प्यार से खुद मुझे पहनाई और मुझसे बोलने लगी ,
![[Image: payal-2.jpg]](https://i.ibb.co/1THDZvW/payal-2.jpg)
" ननद रानी ,तुम्हारे गहनों में सबसे जोरदार यही है। "
मेरे कुछ समझ में नहीं आया ,लेकिन पूरबी और चम्पा भाभी जोर जोर से मुस्करा रही थीं।
" अरे छैलों के कंधे पे चढ़ के बोलेगी ये , कभी गन्ने के खेत में तो कभी आम के बाग़ में, इसलिए सबसे पहले ये पाजेब ही पहना रही हूँ। "
कुछ देर में चंदा और रमा भी आ गयीं मेले के लिए तैयार हो के ,खूब सजधज के। साथ में कामिनी भाभी भी।
भाभी ने अपनी खूब घेर वाली हरे रंग की चुनरी भी पहना दी, लेकिन उसे मेरी गहरी नाभी के खूब नीचे ही बांधा, जिससे मेरी पतली बलखाती कमर और गोरा पेट साफ दिख रहा था।
लेकीन परेशानी चोली की थी, चन्दा के उभार मुझसे बड़े थे इसलिये उसकी चोली तो मुझे आती नहीं पर रमा जो भाभी की कजिन थी और मुझसे एक साल से थोड़ी ज्यादा छोटी थी, की चोली मैंने ट्राई की। पर वह बहुत कसी थी।
चम्पा भाभी ने कहा-
“अरे यहां गांव में चड्ढी बनयान औरतें नहीं पहनती…”
और उन्होंने मुझे बिना ब्रा के चोली पहनने को मजबूर किया।
![[Image: blouse-6.jpg]](https://i.ibb.co/f8M302w/blouse-6.jpg)
भाभी ने तो ऊपर के दो हुक भी खोल दिये, जिससे अब ठीक तो लग रहा था पर मैं थोड़ा भी झुकती तो सामने वाले को मेरे चूचुक तक के दर्शन हो जाते और चोली अभी भी इत्ती टाइट थी कि मेरे जोबन के उभार साफ-साफ दिख रहे थे।
हाथ में तो मैंने चूड़ियां, कलाई भर-भरकर तो पहनी ही थीं, भाभी ने मुझे कंगन और बाजूबंद भी पहना दिये। चन्दा ने मेरी बड़ी-बड़ी आँखों में खूब गाढ़ा काजल लगाया, माथे को एक बड़ी सी लाल बिंदी और कानों में झुमके पहना दिये।
![[Image: ear-3.jpg]](https://i.ibb.co/xMLYfx9/ear-3.jpg)
चम्पा भाभी ने पूरा मुआयना किया और कुछ देर तक सोचती रहीं , फिर बोलीं ,अभी भी एक कसर है।
अंदर गयीं और एक नथ ले आयीं , बहुत ही खूबसूरत , बहुत बड़ी नहीं तो बहुत छोटी भी नहीं। मेरे होंठों से रगड़ खाती , और एक प्यारा सा बड़ा सा सफेद मोती।
और कामिनी भाभी ने अपने हाथ से पकड़ के पहना दिया।
मैंने जरा सा नखड़ा किया , ना नुकुर किया तो ,कामिनी भाभी चिढ़ाते हुए बोलीं ,
![[Image: nose-ring-BLKf-PZYB1-VJ.jpg]](https://i.ibb.co/qgVY4CD/nose-ring-BLKf-PZYB1-VJ.jpg)
" अरी बिन्नो ,नथ पहनोगी नहीं तो उतरेगी कैसे "
फिर साथ साथ चंदा को हड़काया भी ,
![[Image: sixreen-Dubey-Bhabhi.jpg]](https://i.ibb.co/TY2wmW5/sixreen-Dubey-Bhabhi.jpg)
" ये मस्त माल तेरे हवाले कर रही हूँ , तेरी जिम्मेदारी है। २४ घंटे के अंदर नथ उतर जानी चाहिए। "
चंदा भी कौन कम थी , बोली
" भाभी , अरे २४ घंटे। मेरी सहेली को समझती क्या हैं , १२ घंटे से कम में ये नथ न उतर गयी तो कहिये। अरे इसकी बुलबुल तो आई है है यहाँ चारा घोंटने। "
और हँसते हँसते सभी लोट पोट होगये।