Thread Rating:
  • 18 Vote(s) - 2.5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
#44
बन गए जोरू के गुलाम 

[Image: creampie-19291057.gif]


जोर के झटके से , ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह , और सफेद गाढ़ा थक्केदार फुहारा ,

मस्ती से मेरी भी आँखे बंद हो रही थी लेकिन , .... मैंने पिछवाड़े घुसी ऊँगली को हलके से गोल गोल घुमाना शुरू किया और एक बार फिर जोर से अपनी चूत भींची। 

ओह्ह ओह्ह बहुत तेज आवाज निकाली उन्होंने और एक बार फिर वही मलाई की धार ,

जैसे कोई बाँध टूट गया हो , बाढ़ आ गयी हो , 

तेज तूफान चल रहा रहा हो ,


और उसमे उनके इतने दिन के रोक के रखे गए मन पर पत्थर , यह नहीं करो वह नहीं बोलो , सब बह गए। 

मस्ती के सागर में वो उतरा रहे थे ,गोते खा रहे थे। 


मेरी ऊँगली धंसी हुयी जोर से मैं पुश कर रही थी ठेल रही थी , गोल गोल घुमा रही थी। 

" अभी तो शुरुआत है , रजा , तेरे मायके में चल तेरी गांड मारूंगी " 




और इस के साथ ही मेरी पूरी ऊँगली अंदर और सीधे , प्रेशर प्वाइंट पे। 

और एक बार फिर ,.... बार बार 


[Image: Joru-K-bindi-reddot-big.md.jpg]



मैंने अपने माथे से बड़ी सी लाल बिंदी निकाल के उनके गोरे गोरे माथे पे लगा दिया , । 

" बन गए न अब जोरू के गुलाम , बोल " 

" हाँ हाँ " उनकी आँखे बंद थी , चेहरे पर इतनी ख़ुशी थी की बता नहीं सकती.


सिर्फ मेरे नहीं मम्मी के भी , बोल न मेरे जोरू के गुलाम। "

" हाँ हाँ हाँ। " वो एक नयी दुनिया में पहुँच गए थे। 

" तो बोल न चोदेगा उसको , अपने उस माल को , 


[Image: guddi-cute-19264654.jpg]

बोल , मेरी हर बात मानेगा न , जो मैं कहूंगीं वही खाना पडेगा ,वही पहनना पडेगा। 

" हाँ हाँ , "


उनकी मुस्कान सब कुछ बोल रही थी . 

"तो बोल , आज से क्या है तू " 


मैंने हलके से पूछा , और उन्होंने जोर से मुझे अपनी बाँहों में भींच के नीचे से एक बार फिर धक्का मारते हुए कहा ,


" जोरू का गुलाम "


कुछ उनके धक्के का असर , कुछ उनके मानने का , मैं जोर जोर झड़ने लगी। मेरी आँखे बंद हो गयीं , कुछ मजे से कुछ ख़ुशी से। 

इत्ती ख़ुशी मुझे आज पहली बार हो रही थी। 

मेरा साजन ,अब मेरा था ,सिर्फ मेरा। 

बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में लपटे , भींचे , दूसरे को दबोचे लेटे रहे। 

और जब मेरी आँखे खुली , तो वो मुझे टुकुर टुकुर देख रहे थे। मुस्कराते। 

लाल बिंदी अभी भी उनके माथे पे दमक रही थी। 


उन्हें मालूम हो था गया था की कभी कभी हार में भी जीत होती है। 

और जीत हम दोनों गए थे , वह मुझे और मैं उन्हें

,,,,,,,,,,,,,,,,,


[Image: Bride-bindi.md.jpg]
Like Reply


Messages In This Thread
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 19-01-2019, 09:42 AM
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM



Users browsing this thread: 9 Guest(s)