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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
मंजू और गीता 

[Image: Manju-23561518-1977780679104895-74860104...2040-n.jpg]


कुछ देर में लस्त पस्त होकर तीनो वहीँ मिटटी के फर्श पर पड़े रहे।

अपनी सुध थी दूसरे की वक्त की
 
चाँद जैसे कुछ देर के लिए रुक गया था , और फिर तेजी से डग भरते हुए अपने रस्ते चलने लगा।
 
चांदनी को छेड़ने वाले आवारा बादल भी इधर उधर बिखर  गए थे।
 
 
किसी में उठने की ताकत नहीं बची थी।
 
वो दोनों तो झड़ के लथर पथर थी और ये बिचारे अभी भी बिना झड़े , बम्बू उसी तरह तनालेकिन थक तो वो भी गए थे।
…………………………

 
कुछ देर बात गीता अंगड़ाई लेती हुयी उठी ,प्यार से उनको देखा और ठसके से मुस्कराते हुए अपने भैया की गोद में जा के बैठ गयी , प्यार से दुलराते सहलाते 'उसे ' पकड़ लिया और बोली ,   लेकिन वो बात उनसे नहीं बल्कि उनके 'उससे ' कर रही थी ,


 
" बहुत गुस्सा हो न।  मालुम है मुझे , गुस्सा होने वाली बात है है।  मैं झड़ गयी ,माँ झड़ गयी लेकिन तू वैसा ही भूखा प्यासा , गुस्से की बात है ही।  " 


[Image: cock-selfie-18512096.png]


और ये कहते गीता ने एक झटके से जो चमड़ा खींचा तो सुपाड़ा खुल गया ,
 
खूब मोटा , लाल गुस्साया , मांसल सुपाड़ा
 
प्यार से एक दो तमाचे हलके से गीता ने तन्नाए लन्ड को मारा और अंगूठा सुपाड़े पे रगड़ते ,मुस्करा के बोली।
 
" पगले दिलवाऊंगी ,पक्का , अरे अभी रात बाकी है पूरी। 

सबसे पहले माँ के भोंसड़ा , बहुत पियासी ,चुदवासी है वो छिनार , खूब हचक के चोदना उसको। "


[Image: holding-cut-cock-2.jpg]


 
तब तक मंजू बाई भी उन दोनों के  पास आके बैठ गयीं थी   और उन्होंने भी गीता की बात में टुकड़ा लगाया ,
 
" लेकिन तू कौन कम , .. "
 
और अब उनकी ओर प्यासी आँखों से देखती गीता भी बोली ,
 
" सच्ची भैय्या ,   कित्ते महीने होगये जब से वो ,मेरा मरद कमाने गया , फिर मैं पेट से थी इधर उधर भी कुछ नहीं ,  
और मेरे मरद का था भी तो एकदम केंचुए जैसा। "
 
फिर उनके होंठों को चूम के कस कस  मुठियाते बोली ,
 
" और मेरे भैया का तो एकदम कड़ियल नाग है कितना मोटा ,कित्ता कड़क। देख भैया तुझसे कितनी मस्ती से चुदवाती हूँ , एकदम निचोड़ लुंगी , और उसके बाद बिना नागा बहन के साथ  मजे लेना। "


[Image: teen-young-058.jpg]

मंजू बाई की निगाह उनके चेहरे पर थी ,एकदम चमक रहा था।
 
गीता समझ गयी और हंसते हुए बोली ,
 
" अरी माँ क्या देख रही है तेरा ही तो रस है , भोंसडे का ,गांड का , देख तेरे बेटे ने कित्ते कस कस के चाटा है। ज़रा तू भी चख ले "
 
मंजू बाई से दुबारा कहना नहीं पड़ा और तेजी से मंजू बाई के होंठ उनके चेहरे से रस चाटने चूसने लगे।
 
गीता उनके गोद में बैठी थी और  उन्होंने पकड़ रखा था , कस के सीधे गीता के किशोर उभारो के नीचे।
 
गीता ने उनका हाथ  पकड़ के सीधे अपने छोटे छोटे उभार पे रख दिया ,थोड़ा मुह बनाते , मानो कह रही हो , "


क्या भैया तुम्हे ये  भी नहीं मालुम , जवान होती बहन कोगोद में बैठाने पर उसे कैसे पकड़ते हैं। "
 
और वो सीधे भले हो लेकिन इतने अनाड़ी भी नहीं थे ,

एक हाथ की उंगलियां गीता के खड़े मटर  के दाने की साइज के  निपल को पकड़ के पुल करने लगे और दूसरा हाथ गीता की टेनिस बाल साइज  चूँचियों को हलके हलके दबाना लगा।

[Image: boobs-massage-G.gif]

 
जवाब में गीता ने भी लन्ड को अब पूरी तेजी रगड़ना मसलना शुरू कर दिया।
 
मंजू अभी भी उनके मुंह को चूस चाट के साफ़ कर रही थी।
 
अचानक गीता को कुछ याद आया , वो बोली ,
 
" माँ तुम सिर्फ  पान लायी थी या पाउच भी ? "
 
"पाउच  भी लायी थी लाती हूँ " मंजू बोली
 
 और कुछ ही देर में मंजू बाई - पाउच के पैकेट ले आयी.
 
उनके मायके में तो सवाल ही नहीं था ,

लेकिन पिछले कुछ दिनों में मैंने और फिर उससे भी बढ़कर उन्हें 'विदेशी ' का स्वाद तो चखा दिया था , देसी तो लेकिन उससे सौ गुना ज्यादा
 
" चल उठ जा के ग्लास ले आज , बड़ी देर से सिंहासन पे बैठी है। "
 
मंजू बाई ने गीता को बोला पर उसने साफ़ मान कर दिया ,
 
" नहीं नहीं माँ , बड़ा मस्त सिंहासन है भैया का ,ला मुझे दे ग्लास की कोई जरूरत नहीं , दे मुझे एक पाउच न।  अरे हमारी देह में तो ग्लास ही ग्लास है। "
 
पाउच फाड़ के पहले तो गीता ने सीधे आधा अपने मुंह में गटक लिया , लेकिन गले के अंदर एक बूँद नहीं गयी।  गीता का मुलायम गाल एकदम फूला फूला
 
और उनके गोद में बैठी कस के उन्हें अपनी ओर खींचा ,
 
फिर गीता के मुंह की देसी दारु आधे से ज्यादा सीधे उनके  मुंह में और फिर पेट में ,
 
अगला पाउच मंजू बाई के मुंह से होते हुए उनके पेट में ,
 
एक पाउच तो गीता ने उन्हें प्यार से छोटे बच्चे की तरह अपनी गोद में  लिटाया और फिर गीता की नशीली चूँचियों से टपकती हुयी बूंदे सीधे उनके मुंह में
 
" एक  भी बूँद इधर उधर हुयी भैया तो बहुत मारूँगी।


गीता ने धमकाया।


 
जो थोड़ी बहुत बची तो उसे हाथ में ले के गीता  ने सीधे उनके लन्ड पे मालिश की ,
 
अरे असली नशा तो इसे होना चहिये "
 
और मंजू बाई ने तो सीधे अपनी नीचे वाली कुप्पी में भर कर पिलाया।
 
डेढ़ पौने दो बोतल के बराबर तो उन लोगों  के अंदर गया ही होगा ,और उसमें से कम से कम एक बोतल सिर्फ उनके अंदर ,

मंजू और गीता की देह से हो के।
……………………………………
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ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 28-10-2019, 12:45 PM



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