24-10-2019, 04:41 PM
”“चल एक बार
लौड़ा चूस दे थोड़ा ! फिर मैं चला जाता हूँ, रात तक इंतजाम हो जाएगा।” वो बैड के किनारे बैठ
गए।मैंने अपने सारे कपड़े पहन लिए, उनकी जिप खोल ली, उनका
लौड़ा देख मेरा मुँह खुला रह गया !इतना बड़ा था उनका कि !!
“कैसा लगा भाभी?”मैंने सुपारे को मुँहं में लेकर चूसा- बहुत टेस्टी लौड़ा
है आपका !“इसको जब अंदर डलवाओगी, तुझे इतना मजा दूँगा कि बस !”मैंने जोर
जोर से उनका लौड़ा चूसना चालू किया, मेरे अंदाज से वो इतने दीवाने हुए, मेरे बालों में
हाथ फेरते हुए लौड़ा चुसवाने लगे। अचानक उन्होंने लौड़ा अपने हाथ में लिया,
तेज़ी से हिलाने लगे, बोले- भाभी मुँह खोल लो, आँखें बंद कर लो !
उनके लौड़े से इतना पानी निकला, कुछ होंठों पर निकला, बाकी पूरा मेरे
मुँह के अंदर माल छोड़ा।मैं उनका पूरा माल गटक गई।उन्होंने कहा- वाह, कितने नाज़ुक
होंठ हैं आपके ! मजा आ गया, रात तक कुछ कर दूंगा अंकिता डार्लिंग !“हाय ननदोई सा !
आपका भी तो बहुत बड़ा है !”“बहुत जल्दी हाथ चढ़ गई, लगता है
बहुत गर्म लड़की रही हो शादी से पहले?”शाम हुई,
सभी लौट आये, मैं एक नई दुल्हन की तरह मुख पर लज्जा लाकर
सबके बीच बैठ गई। सभी लेडीज़ संगीत का
आनन्द उठा रहे थे, ननदोई जी की नजर मुझ पर थी।
तभी उन्होंने मुझे और मेरे पति को अपने पास बुलाया, ननद जी को
भी पास बुला कर बोले- आज हम दोनों की तरफ से एक बड़ा
सरप्राईज़ है !“वो क्या?“यह लो चाभी
“यह क्या जीजा जी?” मेरे पति
बोले।“यह होटल के कमरे की चाभी है साले साहेब ! नई नई
शादी हुई है और घर में कितनी भीड़ है। एक साथ दो दो
शादियाँ रख दी गई, मेरे और ॠतु की तरफ से यह स्वीट
आपके लिए बुक करवा हुआ है मैंने !” ननदोई जी ने बताया। शर्म से आंखें
झुका ली मैंने ! पता नहीं क्या पैंतरा होगा यह ननदोई जी
का?“नहीं दीदी, हमें तो सबके साथ रहना है।” मैंने
कहा।“अंकिता, तब तक संगीत ख़त्म हो जाएगा ! रात ही तो जाना है,
हमें कुछ नहीं सुनना !” मेरी ननद बोली।ननदोई
जी इनको अपने साथ ले गए, इनको अपनी कार की
चाभी भी दे दी, और इकट्ठे बैठ कर दारु पीने
लगे, ननदोई जी ने इन्हें भी काफी पिला दी।
अचानक से ननदोई जी फ़ोन सुनने के लिए एक तरफ़ गए, फिर ननद के पास गए,
बोले- मुझे अभी चंडीगढ़ के लिए निकलना होगा, सुबह आठ बजे एक
एहम मीटिंग आ गई है।फ़िर हम दोनों को बुला कर बोले- यार शरद, मुझे
अभी चंडीगढ़ निकलना है, माफ़ करना, कार की
चाभी मांग रहा हूँ।“कोई बात नहीं जीजा जी, ऐसा
करो, मैं तुम दोनों को होटल छोड़ता हुआ निकलता हूँ, सुबह कैब से लौट आना !
ठीक है?”“लेकिन खाना?” दीदी बोली।
“इनका वहाँ डिनर भी साथ प्लान है और मैंने तो काफी स्नैक्स खाएं
हैं चिकन के !”
हम वहाँ पहुँच गए आलीशान होटल में ! इनको काफी चढ़
चुकी थी, ये बोले- जीजा जी, डिनर हमारे साथ
करके निकल जाना, तब तक पैग शैग हो जाए?ननदोई जी बोले- चल
ठीक है।बोतल मेज पर सज गई, मोटे मोटे पैग बनाये, ननदोई जी ने तो
अपना थोड़ा पिया, इन्होंने एक सांस में पूरा खींच मारा।मैंने सामने देखा उन्होंने मुझे
आँख मारी- तेरा पैग ख़त्म हो गया, यार खाली ग्लास अच्छा
नहीं लगता पकड़ यह !ये वहीं लुढ़कने लगे।“खाना कमरे में मंगवा
लेते हैं।”एक बहुत प्यारा सा कमरा था, बड़ी मुश्किल से ये कमरे तक गए।
मैंने अपना सूटकेस रख दिया, उसमें से गुलाबी रंग की बेहद
आकर्षक पारदर्शी नाईटी निकाली क्यूंकि मैं ननदोई
जी का पैंतरा समझ गई थी जब मैं वाशरूम गई, ननदोई जी
ने इनको फ़िर मोटा पैग लगवा दिया, ये सोफे पर लुढ़क गए, ननदोई जी ने इन्हें
उठाकर बिस्तर पर लिटाया, मुझे देखा तो देखते रह गए।“इसको तो हो गई।”जूते उतारे,
कम्बल देकर सुला दिया और मुझे बाँहों में लेकर बोले- बहुत हसीन दिख
रही हो रानी !मैंने उनके गले में बाहें डालते हुए उनके होंठों पर होंठ
रखते हुए कहा- आपका दिमाग बहुत तेज चलता है?बोले- बियर भी है, एक
छोटा सा लोगी? सरूर आ जाएगा उनके कहने पर मैं एक मग बियर गटक गई,
मुझे सरूर हुआ उठकर उनकी गोदी में बैठ गई, आगे से
नाईटी खोल दी, काली ब्रा में कैद मेरे मम्मे देख उनका तन
तन जा रहा था।
ननदोई जी ने ब्रा की साइड से निकाल मेरा निप्पल चूसा
ननदोई जी मेरे मम्मे दबाने लगे, मैं सी सी कर
रही थी। ब्रा की साइड से निकाल मेरा निप्पल चूसा।“ये
कहीं उठ गए तो पकड़े जायेंगे !”“बहुत तेज़ दारु पी है इसने ! वो
भी नीट के बराबर !”बोले- डोंट वरी, मैंने दो रूम आगे एक
अलग स्वीट बुक किया है हम दोनों के लिए !”इनको सुला कर हम बाहर से लॉक
कर चाभी लेकर दूसरे स्वीट में चले गए, वहीं बैठ एक
एक मग बियर का पिया, मैंने मेज से सामान उठाया, नाईटी उतार फेंकी,
ननदोई जी के सामने नंगी होकर बिस्तर पर लहराने लगी।
“हाय मेरी जान अंकिता ! बहुत मस्त अंदाज़ की औरत
मिली है साला साहेब को !:उन्होंने बोतल पकड़ी मेरे मम्मों पर दारु
बिखेरी जो मेरी नाभि में चली गई।ननदोई जी चाटते
हुए नीचे आ रहे थे, मेरा बदन वासना से जलने लगा।ऐसे कामुक अंदाज़
कभी नहीं अपनाए, किसी ने मेरे बदन पर ऐसे खेल
नहीं खेले थे, जब ननदोई जी ने नाभि से दारु चाटी, मैं
कूल्हे उठाने लगी, इन्होंने मेरी पैंटी खींच
दी।“हाय, कितनी प्यारी फ़ुद्दी है !
कितनी चिकनी की हुई है मैडम आपने !”मेरी
फ़ुद्दी चाटने लगे तो मुझे लगा कि मैं वैसे ही झड़ जाऊँगी,
पर मैंने उनको नहीं रोका।उन्होंने मुझे उल्टा लिटाया, मेरी
पीठ पर दारु डाल डाल कर चाटने लगे, मेरे चूतड़ों पर दारु टपका कर चाटने
लगेहाय ! मैं ऐसे मर्द के साथ पहली बार थी जो औरत को इतना स
लौड़ा चूस दे थोड़ा ! फिर मैं चला जाता हूँ, रात तक इंतजाम हो जाएगा।” वो बैड के किनारे बैठ
गए।मैंने अपने सारे कपड़े पहन लिए, उनकी जिप खोल ली, उनका
लौड़ा देख मेरा मुँह खुला रह गया !इतना बड़ा था उनका कि !!
“कैसा लगा भाभी?”मैंने सुपारे को मुँहं में लेकर चूसा- बहुत टेस्टी लौड़ा
है आपका !“इसको जब अंदर डलवाओगी, तुझे इतना मजा दूँगा कि बस !”मैंने जोर
जोर से उनका लौड़ा चूसना चालू किया, मेरे अंदाज से वो इतने दीवाने हुए, मेरे बालों में
हाथ फेरते हुए लौड़ा चुसवाने लगे। अचानक उन्होंने लौड़ा अपने हाथ में लिया,
तेज़ी से हिलाने लगे, बोले- भाभी मुँह खोल लो, आँखें बंद कर लो !
उनके लौड़े से इतना पानी निकला, कुछ होंठों पर निकला, बाकी पूरा मेरे
मुँह के अंदर माल छोड़ा।मैं उनका पूरा माल गटक गई।उन्होंने कहा- वाह, कितने नाज़ुक
होंठ हैं आपके ! मजा आ गया, रात तक कुछ कर दूंगा अंकिता डार्लिंग !“हाय ननदोई सा !
आपका भी तो बहुत बड़ा है !”“बहुत जल्दी हाथ चढ़ गई, लगता है
बहुत गर्म लड़की रही हो शादी से पहले?”शाम हुई,
सभी लौट आये, मैं एक नई दुल्हन की तरह मुख पर लज्जा लाकर
सबके बीच बैठ गई। सभी लेडीज़ संगीत का
आनन्द उठा रहे थे, ननदोई जी की नजर मुझ पर थी।
तभी उन्होंने मुझे और मेरे पति को अपने पास बुलाया, ननद जी को
भी पास बुला कर बोले- आज हम दोनों की तरफ से एक बड़ा
सरप्राईज़ है !“वो क्या?“यह लो चाभी
“यह क्या जीजा जी?” मेरे पति
बोले।“यह होटल के कमरे की चाभी है साले साहेब ! नई नई
शादी हुई है और घर में कितनी भीड़ है। एक साथ दो दो
शादियाँ रख दी गई, मेरे और ॠतु की तरफ से यह स्वीट
आपके लिए बुक करवा हुआ है मैंने !” ननदोई जी ने बताया। शर्म से आंखें
झुका ली मैंने ! पता नहीं क्या पैंतरा होगा यह ननदोई जी
का?“नहीं दीदी, हमें तो सबके साथ रहना है।” मैंने
कहा।“अंकिता, तब तक संगीत ख़त्म हो जाएगा ! रात ही तो जाना है,
हमें कुछ नहीं सुनना !” मेरी ननद बोली।ननदोई
जी इनको अपने साथ ले गए, इनको अपनी कार की
चाभी भी दे दी, और इकट्ठे बैठ कर दारु पीने
लगे, ननदोई जी ने इन्हें भी काफी पिला दी।
अचानक से ननदोई जी फ़ोन सुनने के लिए एक तरफ़ गए, फिर ननद के पास गए,
बोले- मुझे अभी चंडीगढ़ के लिए निकलना होगा, सुबह आठ बजे एक
एहम मीटिंग आ गई है।फ़िर हम दोनों को बुला कर बोले- यार शरद, मुझे
अभी चंडीगढ़ निकलना है, माफ़ करना, कार की
चाभी मांग रहा हूँ।“कोई बात नहीं जीजा जी, ऐसा
करो, मैं तुम दोनों को होटल छोड़ता हुआ निकलता हूँ, सुबह कैब से लौट आना !
ठीक है?”“लेकिन खाना?” दीदी बोली।
“इनका वहाँ डिनर भी साथ प्लान है और मैंने तो काफी स्नैक्स खाएं
हैं चिकन के !”
हम वहाँ पहुँच गए आलीशान होटल में ! इनको काफी चढ़
चुकी थी, ये बोले- जीजा जी, डिनर हमारे साथ
करके निकल जाना, तब तक पैग शैग हो जाए?ननदोई जी बोले- चल
ठीक है।बोतल मेज पर सज गई, मोटे मोटे पैग बनाये, ननदोई जी ने तो
अपना थोड़ा पिया, इन्होंने एक सांस में पूरा खींच मारा।मैंने सामने देखा उन्होंने मुझे
आँख मारी- तेरा पैग ख़त्म हो गया, यार खाली ग्लास अच्छा
नहीं लगता पकड़ यह !ये वहीं लुढ़कने लगे।“खाना कमरे में मंगवा
लेते हैं।”एक बहुत प्यारा सा कमरा था, बड़ी मुश्किल से ये कमरे तक गए।
मैंने अपना सूटकेस रख दिया, उसमें से गुलाबी रंग की बेहद
आकर्षक पारदर्शी नाईटी निकाली क्यूंकि मैं ननदोई
जी का पैंतरा समझ गई थी जब मैं वाशरूम गई, ननदोई जी
ने इनको फ़िर मोटा पैग लगवा दिया, ये सोफे पर लुढ़क गए, ननदोई जी ने इन्हें
उठाकर बिस्तर पर लिटाया, मुझे देखा तो देखते रह गए।“इसको तो हो गई।”जूते उतारे,
कम्बल देकर सुला दिया और मुझे बाँहों में लेकर बोले- बहुत हसीन दिख
रही हो रानी !मैंने उनके गले में बाहें डालते हुए उनके होंठों पर होंठ
रखते हुए कहा- आपका दिमाग बहुत तेज चलता है?बोले- बियर भी है, एक
छोटा सा लोगी? सरूर आ जाएगा उनके कहने पर मैं एक मग बियर गटक गई,
मुझे सरूर हुआ उठकर उनकी गोदी में बैठ गई, आगे से
नाईटी खोल दी, काली ब्रा में कैद मेरे मम्मे देख उनका तन
तन जा रहा था।
ननदोई जी ने ब्रा की साइड से निकाल मेरा निप्पल चूसा
ननदोई जी मेरे मम्मे दबाने लगे, मैं सी सी कर
रही थी। ब्रा की साइड से निकाल मेरा निप्पल चूसा।“ये
कहीं उठ गए तो पकड़े जायेंगे !”“बहुत तेज़ दारु पी है इसने ! वो
भी नीट के बराबर !”बोले- डोंट वरी, मैंने दो रूम आगे एक
अलग स्वीट बुक किया है हम दोनों के लिए !”इनको सुला कर हम बाहर से लॉक
कर चाभी लेकर दूसरे स्वीट में चले गए, वहीं बैठ एक
एक मग बियर का पिया, मैंने मेज से सामान उठाया, नाईटी उतार फेंकी,
ननदोई जी के सामने नंगी होकर बिस्तर पर लहराने लगी।
“हाय मेरी जान अंकिता ! बहुत मस्त अंदाज़ की औरत
मिली है साला साहेब को !:उन्होंने बोतल पकड़ी मेरे मम्मों पर दारु
बिखेरी जो मेरी नाभि में चली गई।ननदोई जी चाटते
हुए नीचे आ रहे थे, मेरा बदन वासना से जलने लगा।ऐसे कामुक अंदाज़
कभी नहीं अपनाए, किसी ने मेरे बदन पर ऐसे खेल
नहीं खेले थे, जब ननदोई जी ने नाभि से दारु चाटी, मैं
कूल्हे उठाने लगी, इन्होंने मेरी पैंटी खींच
दी।“हाय, कितनी प्यारी फ़ुद्दी है !
कितनी चिकनी की हुई है मैडम आपने !”मेरी
फ़ुद्दी चाटने लगे तो मुझे लगा कि मैं वैसे ही झड़ जाऊँगी,
पर मैंने उनको नहीं रोका।उन्होंने मुझे उल्टा लिटाया, मेरी
पीठ पर दारु डाल डाल कर चाटने लगे, मेरे चूतड़ों पर दारु टपका कर चाटने
लगेहाय ! मैं ऐसे मर्द के साथ पहली बार थी जो औरत को इतना स